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चन्दन का पेड़ कैसा होता है और जानिए इसके जबरदस्त फायदे

भारतीय परंपरा में चंदन का एक अलग ही महत्व हैं, चंदन की लकड़ी कितनी कीमती होती हैं यह तो सभी जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की हिंदू धर्म में चंदन का धार्मिक महत्व भी हैं। चंदन का पेड़ दिखने में खूबसूरत और बेहद सुगंधित होता हैं।

सुगंधित होने की वजह से चंदन की लकड़ियों का उपयोग धार्मिक कार्यों में भी किया जाता हैं। पिछले दिनों दक्षिण भारत की एक फिल्म “Pushpa: The Rise” के चलते चन्दन का पेड़ काफी चर्चा में था। चंदन की अहमियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की इसके ऊपर एक पूरी फिल्म बन चुकी हैं।

 

 

आपको बता दें चन्दन की कुल 1 दर्जन से भी ज्यादा प्रजातियाँ पायी जाती हैं, परन्तु पुष्पा फिल्म के आने के बाद लाल चंदन ने काफी लोगो का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। ऐसा नहीं है की केवल लाल चन्दन ही केवल कीमती हैं, चंदन की सभी प्रजातियां बेहद कीमती होती हैं।

भारत में हिंदू रीतिरिवाजों के अनुसार होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में पूजा-पाठ की सामग्रियों में चंदन का उपयोग किया जाता हैं। खासकर हवन सामग्री, अगरबत्ती एवं तिलक के रूप में इसका उपयोग प्राचीनकाल से ही किया जा रहा हैं। चन्दन की लकड़ी बेहद मजबूत एवं कीमती होती हैं इस कारण इसका उपयोग घर की सजावट के लिए भी किया जाता हैं।

चंदन की लकड़ी अन्य पेड़ों की लकड़ियों के मुक़ाबले अधिक गुणवत्ता युक्त होती है जिस कारण इसकी लकड़ी काफी मंहगी होती हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में चन्दन की खेती की जाती हैं और चन्दन की लकड़ी का व्यापर भी किया जाता हैं। आप भी चंदन के लकड़ी का बिजनेस करके भी खूब सारा पैसा कमा सकते हैं।

 

चंदन का पेड़ कैसा होता हैं ?

 

चंदन का पेड़ हल्का भूरा रंग का होता हैं जिसकी पत्तियां हरी होती हैं। उचित वातावरण एवं पर्याप्त पोषण मिलने पर चंदन के पेड़ की ऊंचाई लगभग 10 से 15 मीटर तक होती हैं। परन्तु उचित वातावरण ना मिलने पर इसकी ऊंचाई 6 से 9 मीटर के आस पास तक रह जाती हैं।

चंदन के पेड़ की छाल हल्की लाल-भूरे या काले-भूरे रंग की होती है, इसकी पत्तियां लंबवत गोल एवं बेहद मुलायम होती है। चंदन के फूल का रंग जामुनी या फिर भूरे-बैंगनी होता हैं। चंदन का पेड़ बेहद खुशबूदार एवं आकर्षक होता हैं। चंदन के पेड़ का अंदर का भाग हल्का पीला कलर का होता है जिसकी खुशबू काफी अच्छी होती है।

चंदन के पेड़ की औसत आयु 60 से 80 वर्ष होती हैं, लेकिन यह लगभग 15 से 20 वर्षो में अच्छी तरह से तैयार हो जाता हैं। 40 से 60 साल की उम्र के पश्चात चंदन का पेड़ बहुत अधिक सुगंधित हो जाता है। चंदन के पेड़ की अधिकतम मोटाई 100 सेमी से 200 सेमी तक होती है।

 

चन्दन के फायदे

 

चंदन का काम शीतलता प्रदान करना है और चंदन से ही ईश्वर का श्रृंगार पूरा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माथे पर लगाने वाला चंदन जीवन में खुशियां लाता है और ग्रह दोष दूर करता है। चंदन के इन उपायों के करने से जीवन में धन लाभ के साथ सुख-शांति और समृद्धि होती रहती है। आइए जानते हैं चंदन के इन चमत्कारी उपायों के बारे में-

 

घर की खुशियों और समृद्धि के लिए उपाय

 

घर में आए दिन कोई ना कोई समस्या लगी रहती है तो गुरु पुष्य नक्षत्र के एक दिन पहले चंदन के पेड़ की जड़ पर सिंदूर, पीले चावल, जल चढ़ाकर धूप-दीप करें और फिर आमंत्रित करें। इसके दूसरे दिन यानी गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन चंदन के पेड़ की थोड़ी सी लकड़ी लाकर लाल कपड़े में बांधकर घर के मेन गेट पर टांग दें। ऐसा करने से घर में खुशियां और समृद्धि वापस आएगी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।

 

आर्थिक स्थिति मजबूत करने का उपाय

 

चंदन की लकड़ी को लाल कपड़े में बांधकर माता लक्ष्मी के सामने अर्पित कर दें। इसके बाद माता लक्ष्मी और चंदन की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करें। इसके बाद कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। पूजा पाठ करने के बाद चंदन के घर में धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं होती है।

 

वैवाहिक जीवन में खुशियां बनाए रखने का उपाय

वैवाहिक जीवन में खुशियां वापस लाने के लिए चंदन का यह उपाय बेहद कारगर साबित होगा। इसके लिए किसी शुभ मुहूर्त में चंदन की जड़ को गंगाजल से शुद्ध कर लें। इसके बाद फिटकरी के छोटे से टुकड़े के साथ कमर में बांध लें। ऐसा करने से पति पत्नी के बीच प्रेम हमेशा बना रहेगा और दोनों के जीवन में सुख-शांति हमेशा बनी रहेगी।

 

नजर दोष दूर करने के लिए

बच्चे को चंदन की छाल का धुआं देने से नजर दोष दूर हो जाता है। इसके साथ ही हर रोज चंदन का तिलक भी लगाएं। ऐसा करने से बच्चों से बुरी शक्तियां दूर होती है और तिलक लगाने से मन में शांति बनी रहती है। हर रोज चंदन का तिलक लगाने से आज्ञा चक्र भी सक्रिय हो जाता है।

 

इस उपाय से वास्तु दोष होता है दूर

घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए चंदन का चूरा, अश्वगंधा और गोखरू चूर्ण में कपूर मिलाकर 40 दिन तक हवन करते रहें। अगर ऐसा संभव नहीं है तो घर के पश्चिम या दक्षिण दिशा में चंदन का वृक्ष लगा दें। ऐसा करने से ना सिर्फ घर का वास्तु दोष दूर होता है बल्कि आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।

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