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चन्द्र देवता की चाहिए खास कृपा, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर करें ये काम

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वैसे तो पूर्णिमा का व्रत हर महीने आता है। लेकिन बात जब चैत्र पूर्णिमा की आती है, तो इस त्यौहार का अपना अलग ही महत्व है। चैत्र के महीने में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाने जाना जाता है। इसके अलावा काफी जगहों पर लोग इसे चैती पूनम के नाम से भी पुकारते हैं। 5 अप्रैल को पड़ने वाले चैत्र पूर्णिमा वास्तु शास्त्र के लिहाज से काफी अच्छा हो सकता है।

चैत्र महीने के हिंदू वर्ष का पहला महीना होता है। इस कारण ओसे काफी महत्वपूर्ण बताया जाता है। इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा करना बेहद शुभ होता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना विधि विधान से की जाती हैं। वहीं रात के वक्त चन्द्र देव की पूजा करने का विधान है।

5 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। लेकिन उदयातिथि के मुताबिक स्नान अगले दिन यानि 6 अप्रैल के दिन किया जाएगा। वास्तु शास्त्र के मुताबिक इस दिन के स्नान के साथ साथ दान करने से पुन्य फल मिलते हैं। अगर आप भी चन्द्र देवता की ख़ास कृपा पाना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र में बताये गये इन उपायों की मदद ले सकते हैं।

 

चैत्र पूर्णिमा पर जरुर करें ये काम

5 अप्रैल को चैत्र महीने की पूर्णिमा मनायी जाएगी। इस दिन हनुमान जी का भी जन्म हुआ था, इस वजह से इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। इसके अलावा भगवान चन्द्र को खुश करने के लिए भी इस दिन का काफी ज्यादा महत्व है। मान्यता है कि कुछ वास्तु से जुड़े उपायों को करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। ये उपाय क्या हैं, चलिए जान लते हैं।

वास्तु शास्त्र से जुड़े ये उपाय ऐसे हैं, जिनकी मदद से चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के साथ साथ माता लक्ष्मी और हनुमान जी की कृपा पायी जा सकती है।

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हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें

 

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