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कैसे मनायें शरद पूर्णिमा २०२३? कैसे बचें इस दिन पड़ने वाले चंद्र ग्रहण दोष से?

how to celebrate sharad purnima

इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर दिन शनिवार को है। और साथ ही साथ चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। तो आईये जानते हैं कि इस शरद पूर्णिमा पर लगने वाले चंद्र ग्रहण से बचाव कैसे किया जाए  और साथ ही शरद पूर्णिमा भी अच्छे से कैसे मनाया जाए।

 

शरद पूर्णिमा सही डेट 2023

इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को पड़ रहा है।

 

शरद पूर्णिमा तिथि 2023

पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा आश्विन माह की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। वहीं इस बार पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर  को सुबह 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 29 अक्टुबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 53 मिनट तक है। इसीलिए पूजा 28 अक्टूबर को ही होगी.

 

शरद पूर्णिमा 2023 के दिन क्या करते हैं?

शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर रात को खुले आकाश के नीचे रखकर उपर से छलनी से ढककर रखते हैं। फिर अगले दिन सुबह नहा- धोकर उस खीर का पूरे परिवार सहित सेवन करते हैं। इस खीर के खाने से तमाम तरह की बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है। माना जाता है कि इस रात्रि को चंद्रमा की किरणों से मध्य रात्रि में अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी तथा चंद्रमा की पूजा भी की जाती है

 



शरद पूर्णिमा 2023 चंद्र ग्रहण

माना जा रहा है, कि इस बार 28 अक्टूबर को पड़ने वाले शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। साथ ही यह चंद्र ग्रहण इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। पंचांग के अनुसार 28 अक्टूबर 2023 को चंद्रग्रहण रात 1 बजकर 6 मिनट से शुरू हो जायेगा जो रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।  इस दौरान आपको केवल भगवान् के मंत्रों का जाप करना होता है। इसीलिए इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र  ग्रहण लगने के कारण इस बार शरद पूर्णिमा पर रात को खुले आसमान के नीचे खीर नही रखी जायेगी।



शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा

माना जाता है शरद पूर्णिमा के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान माँ लक्ष्मी का प्राक्ट्य हुआ था। इसीलिए इस दिन धन और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इसके साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं और अमृत की वर्षा करते हैं। इसीलिए इस दिन चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। कहीं-कहीं पर शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

 

शरद पूर्णिमा 2023 लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

बता दें कि शरद पूर्णिमा की रात में लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा के 4 शुभ मुहूर्त है। इन मुहूर्त में आप माता लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

आप शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर के दिन इन सभी समयों में से किसी भी समय माँ लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

 

शरद पूर्णिमा 2023 महत्व

शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी सोलह  कलाओं से युक्त होकर अमृत की वर्षा करता है। इसीलिए इस दिन रात्रि में खुले आसमान के नीचे खीर रखते हैं। और जब उस पर चंद्रमा की अमृत गुण से युक्त किरणें पड़ती हैं तब वह खीर अमृत बन जाता है। जिसमें अनेक औषधीय गुण समाहित हो जाते हैं और वो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास होता है।

 

शरद पूर्णिमा चंद्रमा की पूजा कैसे करें?

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा के लिए हमें चंद्र देव के निकलने के बाद हमें उन्हें अर्घ्य देना चाहिए, तथा उन्हें प्रणाम करके उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख- समृद्धि का वास होता है। और कुंडली में स्थित चंद्र दोष से भी छुटकारा मिलता है.

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