हर संपत्ति की एक निर्धारित कीमत होती है और देश में भूमि और संपत्ति की बुनियादी कीमत राज्य सरकार द्वारा कई बातों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। अचल संपत्ति से जुड़ा यह बुनियादी न्यूनतम मूल्य देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में द्वारा तय किए गए संपत्ति के बुनियादी न्यूनतम मूल्य को ‘सर्किल रेट’ के नाम से जाना जाता है। इसे उदाहरण के जरिए समझा जा सकता है। यदि आप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जमीन या संपत्ति खरीदने का इरादा रखते हैं तो आपको राज्य सरकारी की ओर से लागू जमीन के सर्किल रेट के बारे में जानकारी होनी चाहिए। ऐसा होने पर आप संपत्ति का उचित मूल्य ही चुकाएंगे। सर्किल रेट की जानकारी होने पर जमीन की खरीदारी की बेहतर प्लानिंग करने में भी मदद मिलती है क्योंकि सर्किल रेट आपके बजट को भी प्रभावित कर सकते हैं, जो भूमि के खरीदार को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के रूप में भी चुकाना पड़ता है।
जानें क्या होता है सर्किल रेट
आयकर विभाग के अनुसार, सर्किल रेट वह मूल्य है, जो देश की सभी राज्य सरकारें अचल संपत्ति के हस्तांतरण के मामले में स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान के उद्देश्य से जमा करती है। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि सर्किल रेट किसी भी राज्य में सरकार द्वारा तय किया गया निर्धारित भू-संपत्ति मूल्य है। राज्य सरकार द्वारा सर्किल रेट में समय-समय पर अचल संपत्तियों के प्रचलित बाजार भाव के करीब रखने के लिए बदलाव किया जाता है। यह भी संभव है कि एक ही शहर में सर्किल रेट हर इलाके में अलग-अलग हो। किसी शहर में प्राइम लोकेशन के लिए सर्किल रेट ज्यादा होते हैं तो किसी अन्य स्थान के लिए तुलनात्मक रूप से कम हो सकते हैं।
जानें क्या है दिल्ली में सर्किल रेट
दिल्ली सरकार भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है, जिसे सर्किल रेट के नाम से जाना जाता है। टैक्स संबंधी कारणों से किसी भी संपत्ति का आधिकारिक रूप से पंजीयन करने के लिए सर्किल रेट की जरूरत होती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अलग-अलग हिस्सों में सर्किल रेट स्थान, संपत्ति की आयु और संपत्ति के उपयोग के प्रकार (कमर्शियल या आवासीय) के अनुसार बदलता है। इसे अलग-अलग राज्यों में गाइडेंस वैल्यू, कलेक्टर रेट या रेडी रेकनर रेट के नाम से भी जाना जाता है। यदि किसी क्रेता या विक्रेता को सर्किल रेट की सही जानकारी होती है तो भूमि के क्रय-विक्रय में भी मदद मिलती है। स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज का कैलकुलेशन सर्किल दर के आधार पर किया जाता है, जिन्हें रियल एस्टेट बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण नियमित आधार पर संशोधित किया जाता है।
घर खरीदने वालों पर सर्किल रेट का क्या असर
सर्किल रेट राज्य सरकार की ओर से निर्धारित संपत्ति के तय मूल्य के बारे में स्पष्ट जानकारी देते हैं। आमतौर पर संपत्तियों का बाजार भाव सर्किल रेट से ज्यादा होता है। घर खरीदने वालों को यदि सर्किल रेट की जानकारी रहती है तो वह विक्रेता के साथ बेहतर डील कर सकता है। सबसे खास बात ये है कि सर्किल रेट की जानकारी होने पर खरीदार को इस बात का अंदाजा हो जाता है कि उसे अपने घर की खरीद के लिए कितना पैसा खर्च करना चाहिए।
(दिल्ली में 2024 में फ्लैट्स के लिए सर्किल रेट)
क्षेत्र | डीडीए, सोसायटी फ्लैट्स (प्रति वर्ग मीटर) | निजी बिल्डर फ्लैट (प्रति वर्ग मीटर) | निजी कॉलोनियों के लिए मल्टीप्लाई फैक्टर |
30 वर्ग मीटर तक | 50,400 रुपए | 55,400 रुपए | 1.1 |
30-50 वर्ग मीटर | 54,480 रुपए | 62,652 रुपए | 1.15 |
50-100 वर्ग मीटर | 66,240 रुपए | 79,488 रुपए | 1.2 |
100 वर्ग मीटर से अधिक | 76,200 रुपए | 95,250 रुपए | 1.25 |
बहुमंजिला अपार्टमेंट | 87,840 रुपए | 1.1 लाख रुपए | 1.25 |
(नोट – 1 वर्ग मीटर 10.76 वर्ग फीट के बराबर है।)
दिल्ली में 2024 में आवासीय और वाणिज्यिक भूखंडों के लिए सर्किल रेट
वर्ग | भूमि लागत (प्रति वर्ग मीटर) | निर्माण लागत: आवासीय (प्रति वर्ग मीटर) | निर्माण लागत: वाणिज्यिक (प्रति वर्ग मीटर) |
A | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए | 25,200 रुपए |
B | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए | 19,920 रुपए |
C | 1.6 लाख रुपए | 13,920 रुपए | 15,960 रुपए |
D | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए | 12,840 रुपए |
E | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए | 10,800 रुपए |
F | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए | 9,480 रुपए |
G | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए | 8,040 रुपए |
H | 23,280 रुपए | 3,480 रुपए | 3,960 रुपए |
दिल्ली में साल 2024 में कृषि भूमि के लिए सर्किल रेट
जिला | ग्रीन बेल्ट वाले गांव (प्रति एकड़ करोड़ रुपए में) | शहर से लगे गांव (प्रति एकड़ करोड़ रुपये में) | दूरस्थ ग्राम (प्रति एकड़ करोड़ रुपए में) |
दक्षिण | 5 | 5 | 5 |
उत्तर | 3 | 3 | 3 |
पश्चिम | 3 | 3 | 3 |
उत्तर-पश्चिम | 3 | 3 | 3 |
दक्षिण पश्चिम | 3 | 4 | 3 |
नई दिल्ली | 5 | 5 | 5 |
केंद्रीय | NA | 2.5 | 2.5 |
दक्षिण पूर्व | NA | 4 | 2.5 |
शाहदरा | 2.3 | 2.3 | 2.3 |
उत्तर-पूर्व | 2.3 | 2.3 | |
पूर्व | NA | 2.3 | 2.3 |
दिल्ली में 2024 में कॉलोनियों में जमीन का सर्किल रेट
क्षेत्र | भूमि लागत (प्रति वर्ग मीटर) | निर्माण लागत |
लोधी रोड औद्योगिक क्षेत्र | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
महारानी बाग | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
नेहरू प्लेस | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
पंचशिला पार्क | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
राजेंद्र प्लेस | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
शांति निकेतन | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
सुन्दर नगर | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
वसंत विहार | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
आनंद निकेतन | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
बसंत लोक DDA कॉम्प्लेक्स | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
भीकाजी कामा प्लेस | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
फ्रेंड्स कॉलोनी | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
फ्रेंड्स कॉलोनी ईस्ट | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
फ्रेंड्स कॉलोनी पश्चिम | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
गोल्फ लिंक्स | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
कालिंदी कॉलोनी | 7.74 लाख रुपए | 21,960 रुपए |
आनंद लोक | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
एंड्रयूज गंज | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
डिफेंस कॉलोनी | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
ग्रेटर कैलाश I | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
ग्रेटर कैलाश II | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
ग्रेटर कैलाश III | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
ग्रेटर कैलाश IV | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
हरा पार्क | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
गुलमोहर पार्क | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
हमदर्द नगर | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
हौज़ खास | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
मौरिस नगर | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
मुनिरका विहार | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
नीति बाग | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
नेहरू एन्क्लेव | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
निजामुद्दीन पूर्व | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
पम्पोश एनक्लेव | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
पंचशील पार्क | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
सफदरजंग एनक्लेव | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
सर्वप्रिय विहार | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
सर्वोदय एनक्लेव | 2.46 लाख रुपए | 17,400 रुपए |
सिविल लाइंस | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
कैलाश के पूर्व | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
ईस्ट पटेल नगर | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
झंडेवालान क्षेत्र | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
कैलाश हिल | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
कालकाजी | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
लाजपत नगर I | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
लाजपत नगर II | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
लाजपत नगर III | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
लाजपत नगर IV | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
मालवीय नगर | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
मस्जिद मोठ | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
मुनिरका | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
निजामुद्दीन पश्चिम | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
पंचशील एक्सटेंशन | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
पंजाबी बाग | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
सोम विहार | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
वसंत कुंज | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
अलकनंदा | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
चितरंजन पार्क | 1.60 लाख रुपए | 13,920 रुपए |
न्यू राजिंदर नगर | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
पुराना राजिंदर नगर | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
राजौरी गार्डन | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
आनंद विहार | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
दरियागंज | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
द्वारका | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
ईस्ट एंड अपार्टमेंट्स | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
गगन विहार | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
हडसन रेखा | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
जनकपुरी | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
जंगपुरा ए | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
जंगपुरा एक्सटेंशन | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
जसोला विहार | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
करोल बाग | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
कीर्ति नगर | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
मयूर विहार | 1.28 लाख रुपए | 11,160 रुपए |
चांदनी चौक | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
ईस्ट एंड एन्क्लेव | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
गगन विहार एक्सटेंशन | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
हौज़ काज़ी | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
जामा मस्जिद | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
कश्मीरी गेट | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
खिड़की एक्सटेंशन | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
मधुबन एन्क्लेव | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
महावीर नगर | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
मोती नगर | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
पहाड़गंज | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
पांडव नगर | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
रोहिणी | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
सराय रोहिल्ला | 70,080 रुपए | 9,360 रुपए |
जाकिर नगर ओखला | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
आनंद पर्वत | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
अर्जुन नगर | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
दया बस्ती | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
दिलशाद कॉलोनी | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
दिशाद गार्डन | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
बीआर अंबेडकर कॉलोनी | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
गणेश नगर | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
गोविंद पुरी | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
हरि नगर | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
जंगपुरा बी | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
मधु विहार | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
मजनू का टीला | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
मुखेरी पार्क एक्सटेंशन | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
नंद नगरी | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
उत्तम नगर | 56,640 रुपए | 8,220 रुपए |
अंबेडकर नगर जहांगीरपुरी | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
अंबेडकर नगर पूर्वी दिल्ली | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
अम्बर विहार | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
डाबरी एक्सटेंशन | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
दक्षिणपुरी | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
दशरथ पुरी | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
हरि नगर एक्सटेंशन | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
विवेक विहार फेज-1 | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
टैगोर गार्डन | 46,200 रुपए | 6,960 रुपए |
सुल्तानपुर माजरा | 23,280 रुपए | 3,480 रुपए |
दिल्ली में सर्किल रेट को प्रभावित करते हैं ये कारक –
– भू-संपत्ति की मार्केट वैल्यू
– भू-संपत्ति का उपयोग आवासीय या कमर्शियल
– भू-संपत्ति के आसपास की सुख सुविधाएं
– संपत्ति की लोकेशन
– भू संपत्ति (फ्लैट या मकान) की आयु
– निर्माण की शैली (आवासीय या कमर्शियल)
ऊपर दिए गए इन सभी कारकों के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में A से H तक 8 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। सबसे अधिक कीमत वाले इलाके पॉश श्रेणी-A के अंतर्गत आते हैं, वहीं सबसे कम मूल्य वाले इलाके श्रेणी-H के अंतर्गत आते हैं।
संपत्ति का बाजार मूल्य
किसी भी संपत्ति का बाजार मूल्य एक महत्वपूर्ण कारक होता है, जिसे राज्य सरकार सर्किल रेट निर्धारित करते समय विशेष तौर पर ध्यान में रखती है। अक्सर यह देखने में आता है कि किसी संपत्ति का बाजार मूल्य सर्किल रेट से अधिक होता है।
भू-संपत्ति पर सुख-सुविधाएं
भू-संपत्ति में मौजूद सुख-सुविधाएं भी किसी क्षेत्र में सर्किल रेट को प्रभावित कर सकती हैं। उदाहरण के तौर जैसे किसी भू-संपत्ति पर जॉगिंग ट्रैक, गेस्ट आवास, स्विमिंग पूल आदि जैसी उन्नत सुविधाओं मौजूद है तो उस क्षेत्र में सर्किल रेट अधिक हो सकते हैं। दिल्ली के किसी इलाके में जितनी अधिक सुविधाएं होगी, उस क्षेत्र में सर्किल रेट भी उतना ही अधिक होगा।
संपत्ति का उपयोग और आयु
राजधानी दिल्ली में आवासीय संपत्तियों के लिए सर्किल रेट कम है, जबकि तुलनात्मक रूप से वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए सर्किल रेट बहुत अधिक है। इसके अलावा दिल्ली में भू-संपत्तियों के सर्किल रेट निर्धारित करते समय संपत्ति की आयु पर भी राज्य सरकार द्वारा विचार किया जाता है।
सर्किल दरें: दिल्ली में भू-संपत्ति का आयु कारक
कारक दर | दर |
1960 या उससे पहले | 0.5 |
1960-69 | 0.6 |
1970-79 | 0.7 |
1980-89 | 0.8 |
1990-1999 | 0.9 |
2000 के बाद | 1 |
निर्माण का प्रकार से सर्किल दर प्रभावित
दिल्ली में किसी भू-संपत्ति का प्रकार भी उस क्षेत्र में सर्किल दरों को प्रभावित कर सकता है। आम तौर पर यह देखने में आता है कि सरकारी संपत्ति की कीमत निजी रियल एस्टेट डेवलपर द्वारा निर्मित संपत्ति की तुलना में कम होती है। यदि दिल्ली के किसी इलाके में बाजार मूल्य जितना अधिक होगा, उस इलाके में सर्किल रेट भी उतना ही अधिक होगा।
15 जोन में बंटी है राजधानी दिल्ली
मास्टर प्लान 2001 के मुताबिक, राजधानी दिल्ली को 15 जोन में बांटा गया है। इनमें से 8 जो (A से H तक) शहरी दिल्ली के अंतर्गत है, वहीं दूसरी ओर 6 जोन (J से N और P तक) शहरी विस्तार क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में आते हैं। इसके अलावा एक जोन (O) नदी और नदी के किनारे का क्षेत्र है। मास्टर प्लान 2001 के मुतािबक, एक जोन को उप-जोन में भी विभाजित किया जा सकता है। दिल्ली के पॉश इलाकों में संपत्तियों की सर्किल दरें हमेशा अन्य क्षेत्रों की दरों से अधिक होती हैं। दिल्ली के सबसे महंगे पॉश इलाके श्रेणी A में हैं, वहीं दूसरी ओर श्रेणी-H में शहर के सबसे कम मूल्य वाले इलाके हैं। इस आर्टिकल के बाद के अंश में हम इस विषय पर बात करेंगे।
दिल्ली में श्रेणीवार कॉलोनियों की सूची
श्रेणी-A
फ्रेंड्स कॉलोनी ईस्ट
फ्रेंड्स कॉलोनी पश्चिम
गोल्फ लिंक्स
कालिंदी कॉलोनी
लोधी रोड औद्योगिक क्षेत्र
महारानी बाग
नेहरू प्लेस
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी
पंचशिला पार्क
राजेंद्र प्लेस
शांति निकेतन
सुन्दर नगर
वसंत विहार
आनंद निकेतन
बसंत लोक डीडीए कॉम्प्लेक्स
भीकाजी कामा प्लेस
फ्रेंड्स कॉलोनी
श्रेणी-B
सर्वप्रिय विहार
सर्वोदय एनक्लेव
आनंद लोक
एंड्रयूज गंज
डिफेंस कॉलोनी
ग्रेटर कैलाश-I
ग्रेटर कैलाश-II
ग्रेटर कैलाश-III
ग्रेटर कैलाश-IV
हरा पार्क
गुलमोहर पार्क
हमदर्द नगर
हौज खास
मौरिस नगर
मुनिरका विहार
नीति बाग
नेहरू एनक्लेव
निजामुद्दीन पूर्व
पम्पोश एनक्लेव
पंचशील पार्क
सफदरजंग एन्क्लेव
श्रेणी-C
अलकनंदा
चित्तरंजन पार्क
सिविल लाइंस
कैलाश के पूर्व
ईस्ट पटेल नगर
झंडेवालान क्षेत्र
कैलाश हिल
कालकाजी
लाजपत नगर-I
लाजपत नगर-II
लाजपत नगर-III
लाजपत नगर-IV
मालवीय नगर
मस्जिद मोठ
मुनिरका
निजामुद्दीन पश्चिम
पंचशील एक्सटेंशन
पंजाबी बाग
सोम विहार
वसंत कुंज
श्रेणी-D
जसोला विहार
करोल बाग
कीर्ति नगर
मयूर विहार
न्यू राजिंदर नगर
पुराना राजिंदर नगर
राजौरी गार्डन
आनंद विहार
दरियागंज
द्वारका
ईस्ट एंड अपार्टमेंट्स
गगन विहार
हडसन रेखा
इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन
जनकपुरी
जंगपुरा-A
जंगपुरा एक्सटेंशन
श्रेणी-E
चांदनी चौक
ईस्ट एंड एन्क्लेव
गगन विहार एक्सटेंशन
हौज काजी
जामा मस्जिद
कश्मीरी गेट
खिड़की एक्सटेंशन
मधुबन एनक्लेव
महावीर नगर
मोती नगर
पहाड़गंज
पांडव नगर
रोहिणी
सराय रोहिल्ला
श्रेणी-F
मजनू का टीला
मुखेरी पार्क एक्सटेंशन
नंद नगरी
उत्तम नगर
जाकिर नगर ओखला
आनंद पर्वत
अर्जुन नगर
दया बस्ती
दिलशाद कॉलोनी
दिलशाद गार्डन
बीआर अंबेडकर कॉलोनी
गणेश नगर
गोविंदपुरी
हरि नगर
जंगपुरा बी
मधु विहार
श्रेणी-G
अंबेडकर नगर जहांगीरपुरी
अंबेडकर नगर पूर्वी दिल्ली
अम्बर विहार
डाबरी एक्सटेंशन
दक्षिणपुरी
दशरथ पुरी
हरि नगर एक्सटेंशन
विवेक विहार फेज-I
टैगोर गार्डन
श्रेणी-H
सुल्तानपुर माजरा
दिल्ली में साल 2024 के लिए सर्कल रेट कैसे चेक करें?
स्टेप-1: सर्कल दरें जानने के लिए आपको दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (https://revenue.delhi.gov.in/) पर जाना होगा।
स्टेप-2: होमपेज पर नोटिस बोर्ड के ऑप्शन पर क्लिक करें।
स्टेप-3: नोटिस बोर्ड ऑप्शन पर क्लिक करने पर आपको बीते वर्षों की अधिसूचनाओं की लिस्ट दिखेगी।
स्टेप-4: अब वर्ष 2014 को सेलेक्ट करें। दिल्ली में साल 2014 में जारी की गई अंतिम सर्किल दरों की पूरी सूची देख सकते हैं।
स्टेप-5: यहां से संशोधित सर्किल रेट की फाइल को डाउनलोड भी कर सकते हैं, इस लिस्ट में आप दिल्ली के सभी इलाकों के लिए अपडेट सर्किल रेट चेक कर सकते हैं।
दिल्ली में कैसे की जाती है सर्किल रेट की गणना?
यदि आप राजधानी दिल्ली में भू-संपत्ति खरीदना चाहते हैं या निवेश करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि दिल्ली में भू-संपत्ति की घोषित कीमत, रजिस्ट्रेशन चार्ज, स्टांप ड्यूटी चार्ज या दिल्ली के अलग-अलग सेक्टर या इलाके के लिए सर्किल रेट के अनुसार कीमत निर्धारित की जाती है। आमतौर पर किसी भी आवासीय भू-संपत्तियों की तुलना में वाणिज्यिक संपत्तियों का सर्किल रेट अधिक होता है। इसके अलावा भू-संपत्ति के प्रकार और उम्र के आधार पर भी सर्किल रेट अलग-अलग हो सकता है। साल 2000 के बाद बनी भू-संपत्तियों का अधिकतम गुणक 1 है, जबकि पुरानी इमारतों में यह 0.5-0.9 की सीमा में है। ऐसे में आप दिल्ली सरकार की Online Registration Information System पर जाकर सर्किल दरों का कैलकुलेशन कर सकते हैं।
दिल्ली में आप सर्किल रेट की गणना के लिए नीचे दिए गए इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।
स्टेप-1: सबसे पहले यह तय करें कि आप जिस संपत्ति का उपयोग करेंगे, उसका उद्देश्य आवासीय है या कमर्शियल है।
स्टेप-2: संपत्ति के प्रकार के आधार पर भी सर्किल रेट अलग होता है, इसलिए पहले यह तय करें कि आप फ्लैट, प्लॉट या दुकान में से किस संपत्ति का सर्किल रेट देखना चाहते हैं। भले ही वे एक ही क्षेत्र में हों।
स्टेप-3: भू-संपत्ति का मूल्यांकन करने के लिए यह भी जान लेना चाहिए कि संपत्ति जैसे फ्लैट, दुकान आदि कितनी पुरानी है। उसी के आधार पर सर्किल रेट निर्धारित किया जाता है।
भू-संपत्ति के प्रकार के आधार पर सर्किल रेट की गणना
स्वतंत्र प्लॉट
यदि स्वतंत्र प्लॉट है तो पूरे प्लॉट के क्षेत्रफल को लागू सर्किल रेट (रु./वर्ग मीटर में) से गुणा करें।
बिल्डर फ्लोर, डीडीए फ्लैट्स, सोसाइटी के फ्लैट्स न्यूनतम
इस स्थिति में सर्किल रेट की गणना करने के लिए निर्माण लागत को निर्मित क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) से गुणा करना चाहिए। इसके बाद रिजल्ट को प्रॉपर्टी की आयु के गुणा करना चाहिए।
मल्टीस्टोरी फ्लैट्स के लिए
बहुमंजिला इमारत के लिए सर्किल रेट अलग होते हैं। संबंधित क्षेत्र में स्थित फ्लैट्स की सर्किल दर जानना चाहते हैं तो फ्लैट के क्षेत्रफल को लागू सर्किल दरों से गुणा करके फ्लैट का सर्किल रेट जान सकते हैं।
प्लॉट पर बने मकान के लिए सर्किल रेट
इसके लिए संबंधित क्षेत्र में भूमि के लिए जो भी सर्किल दरें लागू की गई हैं, उससे प्लॉट के क्षेत्रफल का गुणा करें। इसके बाद प्लॉट पर बने मकान के क्षेत्रफल को न्यूनतम लागत से गुणा करें। इसके बाद प्राप्त रिजल्ट का प्रॉपर्टी की आयु के साथ गुणा करें।
दिल्ली में सर्किल रेट के आधार पर प्रॉपर्टी के मूल्य का निर्धारण कैसे करें?
स्टेप-1: सबसे पहले यह जानकारी प्राप्त करें कि जिस संपत्ति का मूल्य निर्धारण करना है, उस भूखंड का क्षेत्रफल क्या है। भूखंड का निर्मित क्षेत्रफल, भूखंड पर कितने मंजिल का निर्माण, बिल्डिंग की आयु व कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
स्टेप-2: भू-संपत्ति का प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करें कि वह संपत्ति रिहायशी इलाके में है या कमर्शियल या कृषि उपयोग की है।
स्टेप-3: इसके बाद भू-संपत्ति के सटीक स्थान की पहचान करना चाहिए। सर्किल रेट के आधार पर प्रॉपर्टी के मूल्य की गणना के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि संपत्ति किस गांव, तहसील या जिले में स्थित है। उस स्थान पर लागू सर्किल दर रेट भू-संपत्ति की कीमत को प्रभावित करता है।
स्टेप-4: भू-संपत्ति के निर्मित क्षेत्रफल को इलाके के सर्किल रेट से गुणा करके संपत्ति का मूल्य जान सकते हैं।
संपत्ति के मूल्य की गणना करने के लिए फॉर्मूला
संपत्ति का मूल्य = निर्मित क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) x इलाके के लिए सर्किल रेट (रुपए प्रति वर्ग मीटर में)।
मार्केट रेट से कैसे अलग होता है सर्किल रेट
दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदते समय किसी खरीदार को सर्किल रेट और मार्केट रेट के बीच के अंतर जरूर पता होना चाहिए, क्योंकि पूंजी को प्रॉपर्टी में सही तरह से प्रबंधित कर सकते हैं। सर्किल रेट जहां राज्य सरकार द्वारा कई कारकों जैसे मार्केट रेट, स्थान, संपत्ति की आयु आदि के जरिए निर्धारित होता है, वहीं दूसरी ओर मार्केट रेट बिल्डर या ब्रोकर द्वारा निर्धारित किया गया प्रॉपर्टी की कीमत है, जो पॉश लोकेशन, उपलब्ध सुविधाओं आदि के आधार पर तय होता है। दिल्ली में इन बिंदुओं के आधार पर आप सर्किल रेट को मार्केट रेट से अलग कर सकते हैं।
संपत्ति का रजिस्ट्रेशन
किसी भी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन सर्किल दरों के आधार पर ही किया जाता है। आम तौर पर यह देखा जाता है कि मार्केट रेट हमेशा सर्किल रेट से ज्यादा होता है।
स्टाम्प शुल्क गणना
इसी तरह से स्टाम्प चार्ज भी दिल्ली में सर्किल रेट के आधार पर ही लगाया जाता है। दिल्ली में सर्किल रेट को सालाना 2 बार संशोधित किया जा सकता है। मार्केट रेट की तुलना में सर्किल रेट में संशोधन बहुत कम होता है। वहीं दूसरी ओर मार्केट रेट किसी विशेष स्थान पर मांग-आपूर्ति अनुपात के आधार पर तय की किया जाता है।
सर्किल रेट और स्टाम्प ड्यूटी में क्या है अंतर?
राज्य सरकार की ओर से भू-संपत्ति की जो सर्किल दरें निर्धारित की जाती है, उसी के आधार पर स्टाम्प ड्यूटी चार्ज तय किया जाता है। किसी भी भू-संपत्ति के प्रकार (आवासीय/कमर्शियल), स्थान, सुविधाएं या संपत्ति की आयु के आधार पर सर्किल दर अलग हो सकती है, लेकिन स्टाम्प ड्यूटी एक ऐसा शुल्क है, जो सरकार को संपत्ति खरीदते समय दिया जाता है। स्टाम्प ड्यूटी भी हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है।
दिल्ली में सर्किल रेट की गणना को प्रभावित करने वाले कारक
दिल्ली के सर्किल रेट की गणना पर प्रॉपर्टी के प्रकार का भी असर पड़ता है। प्रॉपर्टी की संरचना में मुख्य रूप से 3 श्रेणियों को शामिल किया गया है – पक्का, आधा पक्का और कच्चा। इनमें से हर श्रेणी में प्रत्येक समूह के लिए सर्किल रेट अलग तरह से कैलकुलेट किया जाता है।
पक्का कंस्ट्रक्शन
इस भू-संपत्ति पर निर्माण कार्य पूरी तरह से ईंटों और सीमेंट जैसी टिकाऊ सामग्रियों से होता है।
सर्किल रेट – 1
अर्ध पक्की संरचनाएं
ऐसी भू-संपत्ति, जिसमें आंशिक रूप से टिकाऊ सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और उसकी कैल्कुलेशन अर्ध पक्की संरचना में किया जाता है।
सर्किल रेट – 0.75
कच्चा कंस्ट्रक्शन
ऐसी संरचना, जिसे आमतौर पर मिट्टी या कम टिकाऊ सामग्री से निर्मित किया गया है।
सर्किल रेट – 0.5
दिल्ली में सर्किल रेट: ऐसे खोजें SRO ऑफिस
– Delhi Online Registration Information System की ऑधिकारिक वेबसाइट https://esearch.delhigovt.nic.in/ पर जाएं।
– यहां आपको ‘SR ऑफिस खोजें’ पर क्लिक करें।
– वेबसाइट पर दिए गए फील्ड में स्थान और कोड दर्ज करें।
– क्लिक करने पर आपको उप-पंजीयक कार्यालयों की सूची स्क्रीन पर दिखाई देगी।
दिल्ली में सर्किल दरों की गणना करते समय इन बातों का रखें ध्यान
– राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में सर्किल दरें मार्केट रेट से ज्यादा हो सकती है।
– सर्किल रेट की गणना करते समय भू-संपत्ति का सही विवरण दर्ज करें।
– किसी क्षेत्र में निर्माण की गुणवत्ता, सुविधाओं जैसे कारकों के कारण सर्किल दरें प्रभावित होती है।
– संपत्ति का प्रकार जैसे अपार्टमेंट, स्वतंत्र घर, भूमि का टुकड़ा आदि या संपत्ति का उपयोग जैसे आवासीय या कमर्शियल आदि भी सर्किल दरों को प्रभावित करते हैं।
– संपत्ति का मूल्यांकन करने और सर्किल रेट निर्धारित करने के लिए भू-संपत्ति की आयु भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
दिल्ली में सर्किल दरों में बढ़ोतरी का संपत्ति की कीमत पर प्रभाव
दिल्ली के किसी भी इलाके में सर्किल दरों का संपत्ति क मार्केट रेट पर बेहद ज्यादा असर होता है। स्टाम्प ड्यूटी और संपत्ति के रजिस्ट्री चार्ज सर्किल दरों के आधार पर तय किए जाते हैं। किसी भी भू-संपत्ति में ये सभी ऐसी लागतें हैं, जो खरीदार की कुल लागत को बढ़ा देती है। ऐसे में सर्किल दरों में बढ़ोतरी से खरीदारों के लिए अन्य खर्च बढ़ जाते हैं।
दिल्ली में सर्किल दरों के बारे में ताजा अपडेट
दिल्ली सरकार आवासीय और कमर्शियल संपत्तियों के लिए सर्किल दरों में संशोधन करने पर विचार कर सकती है। दिल्ली सरकार की योजना मौजूदा श्रेणियों (A-H) के अंतर्गत कई उप-श्रेणियां भी बनाने की है। यह योजना राजस्व विभाग द्वारा वित्त विभाग को भेजी गई थी, लेकिन अभी तक इस योजना को वित्त विभाग की मंजूरी नहीं मिली है। वित्त विभाग की ओर से कुछ आपत्तियों और सुझावों के साथ योजना को वापस भेज दिया गया है।
– दिल्ली में आवासीय क्षेत्रों के लिए न्यूनतम दरें आखिरी बार साल 2014 में बढ़ाई गई थीं।
– कृषि संपत्ति के लिए सर्किल शुल्क अगस्त की शुरुआत से 53 लाख रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 2 से 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ हो गया है।
– धर्मरंजन समिति ने 2024 में दिल्ली में सर्किल दरें तय की। समिति ने शहर को 8 श्रेणियों में विभाजित किया है। इसमें प्रमुख मुद्दा ये है कि समूह-A और B में कुछ कॉलोनियां विकसित नहीं थीं, जबकि कुछ पॉश कॉलोनियों को निचली श्रेणियों में रखा गया था, जिसके कारण सर्किल दरें कम हो गईं। यही कारण है कि उप-श्रेणियां का सुझाव दिया गया, जिससे समूहों की कुल संख्या अब 8 से बढ़कर 24 हो गई है।
Housing.com का पक्ष
किसी भी शहर में सर्किल रेट आवास की सामर्थ्य का एक प्रमुख संकेत है। सर्किल रेट के जरिए प्रॉपर्टी के खरीदार और निवेशक अपने बजट का उचित नियोजन कर सकते हैं। इसके अलावा सर्किल रेट किसी शहर के अंदर किसी निश्चित इलाके की सामाजिक स्थिति को भी दर्शाता है। शहर का कोई क्षेत्र जितना अधिक प्रीमियम होगा, उसका सर्किल रेट भी उतना ही ज्यादा होगा। ऐसे में घर खरीदने वालों के लिए अपने बजट के अनुसार, सर्किल रेट की पूरी समझ रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में यदि आप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे हैं, सर्किल रेट की जानकारी जरूर होना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs)
सर्किल रेट क्या हैं?
सर्किल रेट राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किसी भूमि का न्यूनतम संपत्ति मूल्य हैं, जिसके नीचे भू-संपत्ति की बिक्री नहीं हो सकती है।
आप सर्किल रेट कैसे जान सकते हैं?
आप दिल्ली के DORIS पोर्टल पर सर्किल रेट की जांच कर सकते हैं।
दिल्ली में स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क क्या हैं?
दिल्ली में स्टाम्प शुल्क संपत्ति के मूल्य का 4 से 6 फीसदी के बीच होता है, जबकि रजिस्ट्री शुल्क संपत्ति की कुल कीमत का 1 फीसदी होता है।
सर्किल रेट और बाजार दर में क्या अंतर है?
सर्किल रेट किसी क्षेत्र में संपत्ति का राज्य सरकार की ओर से निर्धारित बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे कोई संपत्ति नहीं बेची जा सकती। वहीं दूसरी ओर, बाजार दर वह कीमत होती है, जिस कीमत पर किसी विशेष समय पर किसी विशिष्ट बाजार में संपत्ति का सौदा किया गया है। आमतौर पर भू-संपत्तियों की सर्किल दरें उनकी मार्केट वैल्यू से कम होती हैं। इन दोनों ही दरों के बीच ज्यादा अंतर न हो, इसलिए राज्य सरकार समय-समय पर सर्किल दरों में बदलाव करती है।
सर्किल दरें कौन तय करता है?
भारत में सर्किल रेट तय करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है।
सर्किल दरों में संशोधन की समय सीमा क्या है?
सर्किल दरों में संशोधन के लिए कोई मानक समय सीमा नहीं है। राज्य सरकार मार्केट वैल्यू के आधार पर समय-समय पर सर्किल दरों को घटाती या बढ़ाती है, ताकि संपत्तियों की मार्केट वैल्यू को करीब रखा जा सके।
दिल्ली में सर्किल दरें कब लागू की गईं?
दिल्ली में सर्किल दरें साल 2007 में पहली बार लागू की गई थीं। इन्हें दिल्ली स्टाम्प ( (Prevention of Undervaluation of Instruments ) नियम, 2007 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किया गया था।
क्या संपत्ति के बाजार मूल्य से सर्किल रेट ज्यादा हो सकते हैं?
हां ऐसा संभव हो सकता है। देश के कुछ भागों में संपत्ति के सर्किल रेट उसके मार्केट रेट से ज्यादा हो सकते हैं, ऐसा कई कारणों से हो सकता है। बाजार के रुझान को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार समय-समय पर सर्किल रेट पर निर्णय लेती है, जबकि बाजार मूल्य किसी क्षेत्र में खरीदारों और विक्रेताओं के बीच संबंधित संपत्ति के तत्काल मूल्य को दर्शाती हैं।
क्या सर्किल रेट संपत्ति के बाजार मूल्य से कम हो सकते हैं?
हां, कभी-कभी ऊपर बताए गए कारणों से सर्किल दरें संपत्ति की बाजार दरों से कम होती हैं।
यदि बाजार दर सर्किल दर से कम है तो टैक्स का क्या असर होगा?
आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) (x) के तहत, यदि संपत्ति का बाजार मूल्य उसके सर्किल रेट मूल्य से कम है, तो खरीदार के लिए इन दोनों के बीच के अंतर को 'अन्य आय' के रूप में मानकर टैक्स लगाया जाता है। विक्रेता को भी संपत्ति के सर्किल रेट पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना पड़ता है।