गिफ्ट में मिली संपत्ति पर 2024 कितनी चुकानी होगी स्टैंप ड्यूटी?

भारत में उपहार में मिली प्रॉपर्टी पर आयकर और स्टैंप शुल्क देना पड़ता है। भारत में गिफ्ट डीड स्टैंप ड्यूटी विभिन्न राज्यों में अलग-अलग होती है, और आप को प्रॉपर्टी की कीमत का 2 … READ FULL STORY

प्रॉपर्टी की अदला-बदली करने पर स्टैंप ड्यूटी और टैक्स

जब कोई प्रॉपर्टी खरीदता है तो बिक्री पर विचार आम तौर पर पैसे के जरिए किया जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि प्रॉपर्टी के ट्रांसफर के विचार में हमेशा पैसा शामिल हो। … READ FULL STORY

कानूनी

क्या कोई पति अपनी संपत्ति पत्नी को बेच सकता है?

ये बात तो आप सभी जानते होंगे कि भारतीय कानून के अनुसार एक मालिक कानूनी प्रक्रिया का विधिवत पालन करते हुए अपनी संपत्ति किसी को भी बेचने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। लेकिन क्या इसका मतलब यह भी है कि भारत में एक पति अपनी संपत्ति अपनी पत्नी को बेच सकता है या एक पत्नी पति अपनी संपत्ति अपने पति को बेच सकती है? जी हाँ, वे बिल्कुल ऐसा कर सकते हैं, बशर्ते वे भारत में विभिन्न कानूनों के तहत वर्णित नियमों का पालन करें।   आपको यह साबित करना होगा कि वास्तविक बिक्री हुई है संपत्ति कानून में विशेषज्ञता रखने वाले गुड़गांव स्थित वकील ब्रजेश कुमार के अनुसार, अगर किसी पति को अपनी संपत्ति अपनी पत्नी को या किसी अन्य तरीके से बेचनी है तो उन्हें यह साबित करना होगा कि वास्तविक बिक्री हुई है। “परिवारों के बीच, संपत्ति हस्तांतरित करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला साधन गिफ्ट है न कि बिक्री। यदि कोई पत्नी अपनी संपत्ति अपने पति को बेचने का … READ FULL STORY

सेल डीड: मतलब, फॉर्मैट, कंटेंट और सेल अग्रीमेंट में अंतर

सेल डीड क्या है? सेल डीड या बिक्री विलेख एक कानूनी दस्तावेज है जो प्रमाणित करता है कि प्रॉपर्टी का पूरा मालिकाना हक विक्रेता से खरीदार को ट्रांसफर हो गया है। सेल डीड मुख्य … READ FULL STORY

गिफ्ट डीड या वसीयत: प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए क्या बेहतर विकल्प है

गिफ्ट के जरिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर अगर आप प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना चाहते हैं ताकि आदाता प्रॉपर्टी का तुरंत आनंद लेने लगे तो आप ये गिफ्ट के माध्यम से कर सकते हैं. इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के … READ FULL STORY

क्या है ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882, जानिए इसकी सारी विशेषताएं

भारतीय कानूनी व्यवस्था में प्रॉपर्टीज दो श्रेणियों में बांटी जाती हैं- अचल और चल. ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट (ToPA) 1882 एक जुलाई 1882 को लागू हुआ, ताकि लोग प्रॉपर्टियों का लेनदेन कर सकें. भारतीय … READ FULL STORY