जमीन का प्लॉट खरीदना और घर बनाना किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में बहुत अहमियत रखता है। भारत में आम धारणा है कि कोई नया कार्य शुरू करने से पहले भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करना सौभाग्य और समृद्धि लाता है। भारत में कई परिवार वास्तु शास्त्र और भूमि पूजन के अनुष्ठान को काफी महत्व देते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के निर्माण से पहले भगवान का आशीर्वाद लेने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए भूमि पूजन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। अगर आप सर्वश्रेष्ठ वास्तु तिथियां और भूमि पूजन मुहूर्त 2024 जानने का इंतजार कर रहे हैं, तो इस गाइड को देखें।
भूमि पूजन और गृह निर्माण के साथ शुरुआत करने के लिए सही समय का चुनाव करने में शुभ तिथि और नक्षत्र शामिल होते हैं। इसके लिए हम नए साल में सबसे अच्छे समय की सूची दे रहे हैं और भूमि पूजन मुहूर्त 2024 के विवरण साझा कर रहे हैं ताकि आपके लिए चीजें आसान हो जाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पहली बार नये घर में गृह प्रवेश के लिये वास्तु शास्त्र शुभ दिन पर गृह प्रवेश करने की सलाह देता है। गृह प्रवेश 2024 में गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त के लिये हिंदी कैलेंडर या वास्तु एक्सपर्ट या फिर ज्योतिष विशेषज्ञ की मदद से शुभ तिथियों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
भूमि पूजा तिथियां 2024
गृह प्रवेश के लिए शुभ महीने | वैशाख (बैसाख), फाल्गुन, कार्तिक, माघ, भाद्रपद, पौष, अग्रहायण और श्रावण |
इन महीनों में गृह प्रवेश न करें | चैत्र, ज्येष्ठ, आषाढ़ और आश्विन |
गृह प्रवेश के लिए शुभ नक्षत्र | उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, शतभिषा, स्वाति, धनिष्ठा, हस्त और पुष्य |
भूमि पूजा के लिए शुभ तिथियां | द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा |
भूमि पूजा के लिए सप्ताह के सर्वोत्तम दिन | सोमवार और गुरुवार |
सप्ताह के ये दिन घर न बदलें | शनिवार, रविवार और मंगलवार |
भूमि पूजा का महत्व | वास्तु दोषों और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है, पृथ्वी देवी का आशीर्वाद पाने के लिए |
भूमि पूजा क्या है?
भूमि पूजा / पूजन देवी भूमि और वास्तु पुरुष (दिशाओं के देवता) के सम्मान में किया जाने वाला हिन्दुओं का एक धार्मिक अनुष्ठान है। भूमि पूजन के दौरान प्रकृति के पांच तत्वों की भी पूजा की जाती है। भूमि का अर्थ है धरती माता। आमतौर पर भूमि पूजा निर्माण स्थल के पूर्वोत्तर कोने में की जाती है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, स्थल की खुदाई पूर्वोत्तर कोने से शुरू करनी चाहिए। कृषि गतिविधियों के लिए जमीन की जुताई या घर बनाना शुरू करने से पहले भूमि पूजन का अनुष्ठान किया जाता है।
भूमि पूजन के लिए, कुमकुम और बीजों का उपयोग करते हुए, निर्माण स्थल के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में ‘वास्तु पुरुष’ का प्रतीक 64-भाग आरेख तैयार किया गया है। इस आरेख का प्रत्येक भाग एक देवता से संबंधित है। मंत्रों का जाप किया जाता है और प्रत्येक देवता को प्रसाद चढ़ाया जाता है। एक गड्ढा खोदा जाता है और उसमें पहली ईंट रखी जाती है।
ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ मुहूर्त के लिए हिंदू पंचांग यानी हिंदू कैलेंडर देखते हैं। आप अपने भूमि पूजन और घर के निर्माण के लिए उत्तम मुहूर्त चुनने के लिए किसी प्रसिद्ध और अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें। जब किसी ज्योतिषी से परामर्श किया जाता है, तो वह आम तौर पर आपके जन्म और राशिफल का विश्लेषण करके किसी शुभ तिथि का चुनाव करता है।
कुछ लोगों को अपनी जन्म तिथि और जन्म स्थान और जन्म स्थान मालूम नहीं होता है। ऐसे मामलों में, पुजारी राशि नाम का उपयोग करके घर का निर्माण शुरू करने की शुभ तिथि तय कर सकता है। शुभ मुहूर्त तिथि, नक्षत्र आदि के आधार पर भी तय किया जा सकता है।
इन दिनों आप अनुभवी ज्योतिषियों से ऑनलाइन भी सलाह ले सकते हैं। हालांकि, उन लोगों से संपर्क करना बेहतर हो सकता है जिन्हें आप जानते हैं या जो साथियों और परिवार के सदस्यों द्वारा अनुशंसित हैं।
भूमि पूजन का महत्व क्या है ?
भूमि पूजन अनुष्ठान में माता पृथ्वी (भूमि) और अन्य देवी- देवताओं की प्रार्थना करना शामिल है किसी भी संरचना का निर्माण शुरू करने से पहले देवी- देवताओं का आशीर्वाद लेना चाहिए फिर आधारशिला या ईंट रखना। भूमि पूजन निम्नलिखित लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है:
- देवी पृथ्वी या भूमि और दिशाओं के देवता वास्तु पुरुष को प्रसन्न करना
- प्रकृति के पांच तत्वों – पृथ्वी, वायु, अग्नि, आकाश और जल को प्रसन्न करना
- वास्तु दोषों और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करना जो भूमि को प्रभावित कर सकती हैं
- दुर्घटनाओं या इसी तरह की घटनाओं से घर और उसमें रहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य को आकर्षित करना और स्थान को शुद्ध करना
- निर्माण गतिविधियों के दौरान अनजाने में जमीन के नीचे रहने वाले जीवों को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे माफी माँगना
भूमि पूजन (मुहूर्त) 2024 के लिए सर्वश्रेष्ठ हिंदू महीने
हिन्दू महीने | जॉर्जियन कैलेंडर में समान महीने | लाभ |
वैसाख (बैसाख) | अप्रैल और मई | धन और समृद्धि लाता है |
फाल्गुन | मार्च और अप्रैल | धन और समृद्धि लाता है |
कार्तिक | अक्टूबर और नवंबर | इन महीनों में घर बनाने से घर के मालिक को खुशी और प्रसन्नता मिलती है |
माघ | जनवरी और फ़रवरी | जिंदगी के सभी पहलुओं में सफलता और उपलब्धि सुनिश्चित करता है |
भाद्रपद | अगस्त से सितंबर | शुभ |
पौष | दिसंबर से जनवरी | शुभ |
आग्रहण्य | नवंबर से दिसंबर | शुभ |
श्रावण | जुलाई से अगस्त | शुभ |
घर निर्माण के लिए जिन अन्य महीनों पर विचार किया जा सकता है, वे हैं:
- भाद्रपद (अगस्त से सितंबर)
- पौष (दिसंबर से जनवरी)
- अग्रहायण (नवंबर से दिसंबर)
- श्रावण (जुलाई से अगस्त)
ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ हिंदू कैलेंडर के आधार पर घर निर्माण के लिए उपर दिए गए महीनों और शुभ मुहूर्त की सलाह देते हैं।
क्या हम नवरात्रि के दौरान भूमि पूजन कर सकते हैं?
नवरात्रि नौ दिनों का त्योहार है जो देवी दुर्गा के सम्मान में देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। शरद नवरात्रि, जो अश्विनी माह में आती है, 3 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर और 11 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगी। गृह प्रवेश और भूमि पूजन जैसे शुभ कार्यों के लिए नवरात्रि के नौ दिन काफी शुभ माने जाते हैं। इस दौरान भूमि पूजन का शुभ समय जानने के लिए आप किसी ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त जनवरी 2024
डेट | मुहूर्त |
जनवरी 26, 2024, शुक्रवार | 10:41 सुबह से सुबह 11:17 तक |
भूमि पूजन मुहूर्त फ़रवरी 2024
डेट | मुहूर्त |
फ़रवरी 19, 2024, सोमवार | 7:28 सुबह से सुबह 8:40 तक |
भूमि पूजन मुहूर्त मार्च 2024
मार्च 2024 में भूमि पूजन (मुहूर्त) की शुभ तिथियां नहीं हैं। हालाँकि, आप अपनी कुंडली के आधार पर अनुकूल मुहूर्त जानने के लिए किसी वास्तु विशेषज्ञ और ज्योतिषी से परामर्श ले सकते हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त अप्रैल 2024
डेट | मुहूर्त |
अप्रैल 3, 2024, सोमवार | 6:29 सुबह से सुबह 9:47 तक |
भूमि पूजन मुहूर्त मई 2024
मई 2024 में भूमि पूजन के लिए कोई शुभ तारीखें नहीं हैं। आप अपनी कुंडली के आधार पर अनुकूल तारीखें जानने के लिए किसी ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त जून 2024
जून 2024 में भूमि पूजन के लिए कोई भी शुभ तिथियां नहीं हैं। आप अपनी कुंडली के आधार पर अनुकूल तिथियां जानने के लिए किसी एक्सपर्ट ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त जुलाई 2024
डेट | मुहूर्त |
जुलाई 17, 2024, सोमवार | 7:33 सुबह से सुबह 8:25 तक |
भूमि पूजन मुहूर्त अगस्त 2024
अगस्त 2024 में भी भूमि पूजन के लिए कोई शुभ तारीखें नहीं हैं। आप अपनी कुंडली के आधार पर अनुकूल तारीखें जानने के लिए किसी ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त सितंबर 2024
डेट | मुहूर्त |
सितंबर 14, 2024, शनिवार | 7:15 सुबह से सुबह 9:07 तक |
भूमि पूजन मुहूर्त अक्टूबर 2024
डेट | मुहूर्त |
अक्टूबर 14,2024, सोमवार | 7:11 सुबह से, सुबह9:28 तक |
अक्टूबर 17,2024, गुरुवार | 7:18 सुबह से, सुबह 11:35 तक |
भूमि पूजन मुहूर्त नवंबर 2024
डेट | मुहूर्त |
नवंबर 2,2024, शनिवार | 5:58 सुबह से 6:40 सुबह तक |
नवंबर 4,2024,सोमवार | 6:40 सुबह से 8:04 सुबह तक |
नवंबर 7,2024,गुरुवार | 12:34 दोपहर से 6:42 सुबह तक |
नवंबर 8,2024, शुक्रवार | 6:42 सुबह से 12:03 दोपहर तक |
नवंबर 13,2024 बुधवार | 1:01 दोपहर से 3:11 शाम तक |
नवंबर 16,2024 शनिवार | 7:28 सुबह से 6:47 अगली सुबह 17 नवंबर तक |
नवंबर 18,2024 सोमवार | 6:48 सुबह से 3: 49 अगली सुबह तक |
नवंबर 25,2024 सोमवार | 6: 52 सुबह से 1: 24 अगली सुबह 26 नवंबर तक |
भूमि पूजन मुहूर्त दिसंबर 2024
डेट | मुहूर्त |
दिसंबर 11,2024 बुधवार | 7:02 सुबह से 11: 48 सुबह तक |
दिसंबर 21,2024 शनिवार | 6: 14 सुबह से 7: 08 सुबह तक |
दिसंबर 25,2024 बुधवार | 7:09 सुबह से 3: 22 शाम तक |
भूमि पूजन मुहूर्त 2024
ध्यान दें कि घर का निर्माण शुरू करने और नए घर की नींव रखने में अंतर है। निर्माण शुरू करने से पहले आधारशिला जरूर रखनी चाहिए। वास्तु और रीति के अनुसार, निर्माण शुरू करने से पहले नींव का पत्थर रखना चाहिए। इसके अलावा, घर का निर्माण शुरू करने के लिए शुभ दिन जानने के लिए ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञों से राय लेना उचित है। भूमि पूजन 2022 की शुभ तिथियों को देखें।
बैसाख (मई), मार्गशीर्ष (दिसंबर), पौष (जनवरी) और फाल्गुन (मार्च) नींव रखने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। प्राचीन हिंदू शास्त्रों और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, बैशाख, श्रावण, मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन, भाद्रपद और कार्तिक महीने भी चल सकते हैं। भूमि पूजन 2022 करने से शुभ तिथियों देख लें।
तो 2024 में घर बनाने का मुहूर्त के लिए कौन सी तारीखें सबसे शुभ हैं?
घर निर्माण को लेकर शुभ मुहूर्त की जब बात आती है तो विभिन्न राय सामने आती हैं. ऐसी आम मान्यता है कि घर का निर्माण आषाढ़ शुक्ल से कार्तिक शुक्ल के दौरान शुरू नहीं कराना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु चार महीने सोते हैं. यानी आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक. इन महीनों में न तो इस बात को मानने वाले लोग शादियों में जाते हैं, न ही घर बनवाते हैं और न ही नया बिजनेस शुरू करते हैं.
क्या मकर संक्रांति भूमि पूजन के लिए अच्छा समय है?
मकर संक्रांति, जिसे उत्तरायण के रूप में भी जाना जाता है, को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। यह देश के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है और हिंदू कैलेंडर में इसे एक शुभ दिन माना जाता है। यह त्योहार जनवरी महीने में आता है। ज्यादातर लोग मकर संक्रांति पर घर खरीदना या गृह प्रवेश करना पसंद करते हैं। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, जनवरी 2024 में घर की स्लैब बिछाने के लिए कोई शुभ दिन नहीं है। भूमि पूजा की शुभ तिथियों को जानने के लिए आप किसी ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।
2024 में भूमि पूजन तिथियां: शुभ तिथियां
- द्वितीया
- तृतीया
- पंचमी
- सप्तमी
- दशमी
- एकादशी
- त्रयोदशी
- पूर्णिमा
दूसरा | तीसरा | पांचवा | सातवां | दसवां | बारहवां | तेरहवां | पंद्रहवां | कृष्ण पक्ष का पहला |
ऊपर गृह आरंभ मुहूर्त 2024 यानी 2024 में नए घर का निर्माण शुरू करने के लिए शुभ तिथियों की सूची दी गई है।
यह भी ध्यान रखें कि शनिवार, इतवार और मंगलवार को नजरअंदाज करें. सोमवार और गुरुवार सर्वश्रेष्ठ दिन हैं.
यह भी देखें: गृह प्रवेश नए घर के लिए टिप्स
भूमि पूजन की तारीखें 2024: गृहारम्भ के लिए शुभ नक्षत्र
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, खुदाई की दृष्टि से 2024 में मकान निर्माण के लिए निम्नलिखित नक्षत्रों को अच्छा माना जाता है।
- उत्तराफाल्गुनी
- उत्तराषाढ़
- उत्तरभाद्रपद
- रोहिणी
- मृगशिरा
- रेवती
- चित्रा
- अनुराधा
- शतभिषा
- स्वाति
- धनिष्ठा
- हस्त
- पुष्य
भूमि पूजन तिथियां 2024: शुभ लगन
भूमि पूजा तिथियों के लिए शुभ लग्न 2024 में ये हैं:
- वृषभ
- मिथुनपंचमी
- सिंह
- कन्या
- वृश्चिक
- धनु
- कुंभ
2024में शिलान्यास के लिए भूमि पूजा की तिथियां और शुभ दिन चुनते समय, आपको शुभ लग्न का भी ध्यान रखना है। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए आषाढ़ शुक्ल से कार्तिक शुक्ल तक की अवधि से बचें। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का समय वह समय है जब भगवान विष्णु शाश्वत नींद में रहते हैं। इस प्रकार, इन दिनों भूमि पूजन करने से भगवान विष्णु की कृपा नहीं मिल सकती है।
भूमि पूजन शुभ मुहूर्त कैसे चुनें?
नक्षत्र | उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तरभाद्रपद, रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, शतभिषा, स्वाति, धनिष्ठ, हस्त और पुष्य |
महीने | पौष, वैशाख (बैसाख), अग्रहायण, फाल्गुन, श्रावण, कार्तिक, माघ और भाद्रपद |
दिन | सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार |
तिथि | द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और पूर्णिमा |
लग्न | वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, वृषिका, धनु और कुंभ |
नींव पूजन या शिलान्यास के लिए सबसे अच्छे नक्षत्र | उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरभाद्रपद, और रोहिणी |
गृह निर्माण के लिए सबसे अच्छे नक्षत्र | मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, शतभिषा, धनिष्ठा, हस्त और पुष्य |
राशि चक्र में सूर्य की स्थिति के आधार पर भूमि पूजा 2024 तिथियां
ज्योतिष विशेषज्ञों का सुझाव है कि विभिन्न राशियों के माध्यम से सूर्य की चाल के आधार पर चुने गए शुभ मुहूर्त पर घर का निर्माण शुरू करें।
राशि चक्र में सूर्य की स्थिति | प्रभाव |
वृषभ | धन और वित्तीय लाभ |
मिथुन | घर के मालिक के लिए समस्या |
कर्क | धन में बढ़ोतरी |
सिंह | शोहरत और नौकरों की खुशी |
कन्या | बीमारियां |
तुला | सकारात्मक प्रभाव |
वृश्चिक | वित्तीय लाभ |
धनु | काफी नुकसान और बर्बादी |
मकर | संपत्ति में बढ़ोतरी और धन लाभ |
कुंभ | रत्न और धातु की प्राप्ति |
मीन | नुकसान |
भूमि पूजा 2024: इन दिनों से बचें
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भूमि पूजन के लिए कुछ खास दिन या महीने शुभ नहीं माने जाते हैं।
नए घर का शिलान्यास करने के लिए अशुभ तिथियां
चैत्र
यह मार्च से अप्रैल तक है। इस समय से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यह घर के मालिक के लिए मुश्किलें लेकर आता है।
ज्येष्ठ
यह जून का महीना है और ग्रह अनुकूल स्थिति में नहीं हैं।
अशर्हो
नींव रखने के लिए जुलाई के महीने से बचें, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यह नुकसान लाता है, खासकर अगर मालिक के पास पशु स्टॉक या उससे संबंधित व्यवसाय है।
यह भी देखें: ऑफिस के लिए वास्तु टिप्स
श्रावण
यह अगस्त का महीना है और यह समय अनुकूल नहीं है क्योंकि यह वित्तीय नुकसान ला सकता है।
भाद्रपदी
अपने नए घर की नींव खोदने के लिए सितंबर से बचें, क्योंकि इससे घर में झगड़े और तनाव हो सकता है।
अश्विन
घर में पारिवारिक विवाद से बचने के लिए वास्तु के अनुसार अक्टूबर में अपने नए घर की नींव रखने से बचें।
कार्तिक
यदि नवंबर के महीने में नींव रखी जाती है, तो आपको घर के नौकरों या अधीनस्थों की मदद का आनंद नहीं मिल सकता है।
माघ
यदि इस महीने में नींव रखी जाती है तो फरवरी किसी प्रकार का खतरा या खतरा ला सकता है।
भूमि पूजन के लिए किन पक्षों से बचना चाहिए?
हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, पक्ष का अर्थ है एक महीने में एक पखवाड़े या चंद्र चरण। भूमि पूजन करने के लिए दिवास्करमा, श्राद्ध और हडपक्षे से बचें।
किन तिथियों पर भूमि पूजन करने से बचें?
चौथी, नौवीं और चौदहवीं तिथि से बचें क्योंकि ये गृह निर्माण या भूमि पूजा के लिए शुभ नहीं मानी जाती हैं।
चंद्र नक्षत्रों का प्रभाव
यदि चंद्र दिवस महीने की पहली और सातवीं या 19 और 28 तारीख के बीच पड़ता है तो भूमि पूजन करने से बचें क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। 8 से 18 तारीख के बीच पड़ने वाले किसी भी चंद्र दिवस को भूमि पूजन के लिए शुभ माना जाता है।
निर्माण स्थल पर भूमि पूजा कहाँ की जाती है?
भूमि पूजा निर्माण स्थल के उत्तर-पूर्व कोने में की जाती है, क्योंकि यह पूजनीय स्थान है। साइट की खुदाई, या टाइलिंग हमेशा उत्तर-पूर्व कोने में की जाती है क्योंकि यहां का स्तर शेष साइट से कम होना चाहिए। उत्खनन से उत्तर-पूर्व नीचा और दक्षिण-पूर्व तुलनात्मक रूप से ऊँचा हो जाएगा, जो वास्तु के अनुसार अच्छे परिणाम देता है।
भूमि शिलान्यास के लिए दिशा-निर्देश
नए घर के निर्माण के दौरान रखी गई पहली नींव को शिलान्यास कहते हैं। वास्तु के अनुसार, नींव खोदने के लिए सही स्थान और सही समय का पता लगाना जरूरी है। नींव शुभ मुहूर्त और घर के मालिक के नाम के आधार पर चुनी जाती है।
भूमि पूजन 2024: नींव पूजन की तैयारी कैसे करें?
- भूमि पूजन की प्रक्रिया प्लॉट के चारों कोनों और बीच में गड्ढा खोदने से शुरू होती है। नींव के लिए भी एक गड्ढा खोदें।
- गड्ढों पर पानी छिड़कें और आसन बिछाएं। भूमि पूजन की रस्मों के लिए परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ होना चाहिए।
- गृह निर्माण पूजा शुरू करने से पहले परिवार के सदस्यों को ‘हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे’ का जाप करना चाहिए।
- जल, मिट्टी, औषधि बांटकर कलश में रखें।
- कलश को फूलों की माला से सजाएं और उस पर ‘श्री’ लिखें। अगरबत्ती जलाएं।
- सिंदूर से पांच पत्थरों पर ‘श्री’ लिखें। पूर्वोत्तर कोने में आसन बिछाएं।
- खूँटे और पत्थर पाँचों गड्ढों में डालें।
- हरेक कलश पर बैल, घोड़े, आदमी, हाथी और सांप की मूर्ति स्थापित करें और पूजा शुरू करें। सभी कलशों की पूजा की जाती है।
भूमि पूजन विधि क्या है?
पहली बार घर खरीदने वाले अधिकतर लोग अक्सर भूमि पूजा अनुष्ठानों से जुड़ी पेचीदगियों का सामना करते हैं और उन्हें माता-पिता से और ज्योतिषों से मार्गदर्शन की जरूरत पड़ती है। हमारा सुझाव है कि आप ऐसा करना जारी रखें लेकिन कुछ अहम बातें भी याद रखें।
विस्तृत विधि विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होती है। विधि में निम्नलिखित चरण होते हैं:
- भूमि पूजन के लिए स्थान की पहचान। नहाने के बाद उस जगह को साफ करना चाहिए। गंगाजल का उपयोग स्थान को साफ करने और शुद्ध करने के लिए किया जाता है।
- एक योग्य पुजारी को अनुष्ठान करना चाहिए और वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए उसकी उपस्थिति अनिवार्य है। पुजारी आमतौर पर उत्तर दिशा का सामना करते हैं जबकि पूजा का आयोजन करने वाले व्यक्ति का मुंह पूर्व की ओर होता है।
- भूमि पूजन करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पुजारी का मुख आमतौर पर उत्तर दिशा की ओर होता है जबकि पूजा का आयोजन करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व की ओर होना चाहिए।
- भूमि पूजन की शुरुआत बाधाओं को दूर करने वाले भगवान गणेश की पूजा से होती है। किसी भी बाधा से बचने के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद मांगा जाता है जो परियोजना की प्रगति में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
- तेल या घी का दीपक जलाया जाता है; भगवान गणेश की प्रार्थना के बाद नाग देवता की मूर्ति और कलश की पूजा की जाती है। चांदी के सांप की पूजा के पीछे तर्क यह है कि शेषनाग पृथ्वी पर शासन करता है और भगवान विष्णु का सेवक है। इसलिए, आप उनका आशीर्वाद मांग रहे होंगे, उनसे अपने घर की रक्षा करने के लिए कह रहे होंगे। दूसरी ओर कलश ब्रह्मांड का प्रतीक है। एक कलश में पानी भरा जाता है और उसके ऊपर आम या पान के पत्ते उलटे नारियल के साथ रखे जाते हैं। भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए कलश में एक सिक्का और सुपारी रखा जाता है। कलश पूजा दैवीय ऊर्जा को प्रसारित करने और विशेष भूमि पर समृद्धि और सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए की जाती है। सर्प भगवान (जो पाताल लोक में रहते हैं) का आशीर्वाद लेने के लिए, निर्माण कार्यों को शुरू करने के लिए उनकी स्वीकृति लेनी होती है।
- कलश पूजा: दूसरी ओर कलश ब्रह्मांड का प्रतीक है। एक कलश में पानी भरा जाता है और उसके ऊपर आम या पान के पत्ते उल्टे नारियल के साथ रखे जाते हैं। भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए कलश में एक सिक्का और सुपारी रखा जाता है। कलश पूजा दिव्य ऊर्जा को सही दिशा देने और उस भूमि पर समृद्धि और सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए की जाती है।
- भूमि पूजा: शुभ मुहूर्त पर गणेश पूजा सहित मुख्य अनुष्ठान किया जाता है, और उसके बाद हवन किया जाता है।
शेषनाग का आह्वान आमतौर पर मंत्रों का जाप करके और दूध, दही और घी डालकर किया जाता है। आप यह भी देखेंगे कि पुजारी कलश में एक सुपारी और एक सिक्का डालते हैं ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। जैसे-जैसे पूजा आगे बढ़ती है, दिशाओं के देवता, दिक्पाल, नाग देवता या नाग और कुलदेवता के रूप में जाने जाने वाले कुल देवता की पूजा की जाती है। जब जमीन खोदी जाती है तो नाग मंत्र का जाप करके ऐसा किया जाता है। भूमि पूजा के लिए एकत्रित लोगों के बीच मिठाई या फल भी बांटना अच्छा है।
जमीन की खुदाई: जमीन के एक छोटे से हिस्से को खोदकर नींव का पत्थर या ईंट रखी जाती है।
पुजारी की दक्षिणा: भूमि पूजा और पुजारी द्वारा मंत्र जाप के दौरान, फूल, अगरबत्ती, कलावा, कच्चे चावल, चंदन, हल्दी, सिंदूर (रोली), सुपारी, फल और मिठाई सहित वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए।
भूमि पूजन मुहूर्त: सामग्री सामग्री सूची
- देवताओं की मूर्तियाँ: भगवान् गणेश, माता लक्ष्मी, नाग देवता और अन्य देवी देवता मूर्तियाँ।
- पवित्र जल या फिर गंगाजल: पूजा स्थान को शुद्ध करने के लिये।
- कलश: पानी से भरा हुआ लोटा जिसके ऊपर आम का पल्लव व उसके ऊपर नारियल रखें।
- हवन कुंड: हवन कुंड एक पवित्र अग्नि कुंड जिसमें हवन किया जाता है।
भूमि पूजन के लिये अन्य सामाग्री
- चावल
- नारियल
- सुपारी
- फूल गुच्छा
- फल
- प्रसाद
- कपूर
- अगरबत्ती
- आरती के लिए कपास
- तेल या घी
- दीप या दीया
- पानी
- हल्दी पाउडर
- कुमकुम
- पेपर टॉवल
- कुल्हाड़ी
- क्वार्टर सिक्के
- नवरत्न
- पंचधातु
आजकल लोग भूमि पूजन सामग्री किट ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं.
नए घर में मुख्य दरवाजे की चौखट लगाने से पहले इन चीजों को कंक्रीट स्लैब पर रखा जाता है:
- मूल नवरत्न जिसमें मूल रत्न शामिल हैं।
- शुद्ध धातुओं से बनाया गया मूल पंचलोहा
- पीतल से बना वास्तु विग्रह
- पीतल से बना वास्तु यंत्र
- मरकरी बीड
- तांबे का सिक्का
- तांबे की कील
इन वस्तुओं को रखने से पृथ्वी की ऊर्जा को नए घर में ट्रासंफर करने में मदद मिलती है।
जमीन खरीदने के बाद क्या करें और क्या न करें
- परिसर की दीवार: घर बनाने से पहले, परिसर की दीवार का निर्माण करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि दीवार के दक्षिण-पश्चिम भाग की ऊंचाई घर की अन्य दीवारों की तुलना में अधिक हो। पूर्व और उत्तर की दीवारें दक्षिण और पश्चिम की दीवारों से छोटी हो सकती हैं।
- पौधे: आप निर्माण स्थल पर पौधे उगा सकते हैं। संपत्ति पर कब्जा करने के बाद जमीन पर पौधे उगाएं और उगाएं। भूमि पूजा से पहले, मृत पौधों की जड़ों सहित किसी भी गंदगी की भूमि को साफ कर दें।
- गाय: भूमि पर बछड़ा या गाय रखना शुभ माना जाता है।
- भूमि पूजा: भूमि पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है क्योंकि इससे खुशी मिलती है और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि।
यदि आप किसी अपरिहार्य कारणों की वजह से प्लॉट खरीदने के बाद निर्माण शुरू करने में असमर्थ हैं, तो भूखंड के मध्य भाग को अवश्य साफ करें। एक ढलान का निर्माण करें जो उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बढ़े।
अगर घर की महिला गर्भवती है तो घर का निर्माण शुरू करने से बचना चाहिए।
भूमि पूजन का ऐतिहासिक महत्व
भूमि पूजन समारोह भारत में बहुत महत्व रखता है। किसी भी नई संरचना का निर्माण करते समय यह पूजा व्यापक रूप से मनाई जाती है। भूमिपूजन की उत्पत्ति और महत्त्व का पता यहीं से लगाया जा सकता है कि प्राचीन समय में भूमि खोदना पाप या खनन दोष के बराबर माना जाता था। इस प्रकार, सप्त समुद्र (सात महासागर) और देवताओं सहित भूमि पूजा के अनुष्ठान की शुरुआत हुई।
भूमिपूजन के बाद के अनुष्ठान
पूजा आयोजित होने के बाद, लोग हिस्सा लेने वालों और पुजारी के प्रति अपना आभार व्यक्त करते है। उन्हें भोजन और अन्य वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। इसके बाद पूजा क्षेत्र की सफाई की जाती है। अनुष्ठान पूरा हो जाने के बाद अंत में साइट पर निर्माण कार्य शुरू होता है।
भूमि पूजा किसे करनी चाहिए?
गृह निर्माण या भूमि पूजा विधि परिवार के मुखिया को अपनी पत्नी के साथ करनी चाहिए। पूजा किसी पुजारी की उपस्थिति में की जानी चाहिए जो शुभ भूमि पूजन मुहूर्त सुझा सकता है और पूजा को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए मार्गदर्शन कर सकता है।
भूमिपूजा मंत्र
बहुत से मंत्र जाप देवी देवताओं के आशीर्वाद और अच्छी ऊर्जा के लिए किये जाते हैं. “ओम वसुंधराया विद माहे भूताधात्राया धीमा ही तनु भूमि प्रचोदयात” एक प्रसिद्ध मंत्र है जो भूमि पूजन में की जाती है. का मतलब है भूमि देवी का मंत्र जाप करना जो सर्वोपरि है, आशीर्वाद दे और अच्छी किस्मत बनाएँ. अन्य मंत्र भी पड़ जाते हैं जैसे की गणेश मंत्र और गायत्री मंत्र. यह मंत्र बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर करते हैं एवं खुशी लाते हैं.
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भूमि पूजन करते समय आपको किन चीजों पर ध्यान देनी चाहिए
भूमि पूजन शुरू करने से पहले आपको बुनियादी वास्तु शास्त्र नियमों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि जहाँ पूजा की जाएगी, वो जगह साफ-सुथरा हो। इसके अलावा, अपनी जमीन की बाउंड्री को भी अच्छे से साफ करें। जमीन से कांटेदार पेड़-पौधे हटा दें। हालाँकि, यह देखना जरूरी है कि वे पेड़ या पौधे जीवित नहीं हैं।
इसके अलावा, हिंदू कैलेंडर में भूमि पूजन का शुभ समय देखना जरूरी है।
घर का निर्माण शुरू करने से पहले जमीन के पिछले उपयोग का पता करें और सबसे उपजाऊ मिट्टी वाली प्लॉट चुनें। घर बनाने के लिए पथरीली जमीन न चुनें। एरिया चुनने से पहले प्लॉट की एकरूपता सुनिश्चित कर लें।
सड़क का स्थान
आप प्लॉट के पूर्व या उत्तर से पूर्वोत्तर भाग तक आने वाली सड़क चुन सकते हैं।
नई टेक्नोलॉजी और भूमि पूजा
सदियों पुरानी परंपराएं अब तकनीक के साथ तालमेल बिठा रही हैं. आज, कोई भी व्यक्ति भूमि पूजा के लिए एक पुजारी को ऑनलाइन बुक कर सकता है, एक माउस बटन के क्लिक से पूजा के सामान और रेडीमेड किट मंगवा सकता है. आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए भूमिपूजन ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम भी कर सकते हैं. पंडित भूमिपूजन निश्चित जगह से दूर रहकर भी ऑनलाइन होकर कर सकते हैं.
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क्या भूमि पूजन का समय जरूरी है?
हां, समय और दिन की तरह ही सही समय पर पूजा होना भी जरूरी है. यही कारण है कि बुजुर्ग पुजारी और ज्योतिषियों से परामर्श करते हैं.
नींव रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय क्या है?
नींव रखने का सबसे अच्छा समय सुबह होता है. रात में या शाम के वक्त आधारशिला रखने का काम न करें.
घर के निर्माण से संबंधित चरण क्या हैं?
घर और संपत्ति से संबंधित मुहूर्त हैं:
- भूमि पूजा – धरती मां को सम्मान की पेशकश।
- बालिदान – हिंदू धर्म में प्रसाद अनुष्ठान।
- हला करण – साइट का समतलन होता है।
- अनुकुर-रूपन – बीज की बुवाई।
- शिलान्यास – नींव का पत्थर।
- एक कुआं या पानी के स्रोत की खुदाई।
- दरवाजे के चौखटों को ठीक किया जाता है।
- गृह प्रवेश – नए घर में प्रवेश।
2024 में भूमि पूजन की माहवार तिथियां
एक बार जब आप अपना नया घर बनाने के लिए भूमि का एक भूखंड चुन लेते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप निर्माण कार्य केवल शुभ तिथि और अनुशंसित भूमि पूजन मुहूर्त पर ही शुरू करें। जिससे की नए घर में सौभाग्य, धन और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप गृह निर्माण के लिए आषाढ़ शुक्ल और कार्तिक शुक्ल के बीच की अवधि का चयन न करें क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता है।
भारत में मकान निर्माण शुरू करने के लिए 2024 में सबसे अच्छा महीना
नई संपत्ति का निर्माण शुरू करने के लिए सबसे अच्छा महीना
मौसम के आधार पर, निर्माण गतिविधि या तो गति पकड़ लेती है या धीमी हो जाती है। आपने कई ठेकेदारों को देखा होगा जो पतझड़ के मौसम में घर का निर्माण शुरू करने के लिए उत्सुक रहते हैं। इसका कारण यह है कि मिट्टी पर कंक्रीट डालना आसान है जो सर्दियों के कारण जमी या सख्त नहीं हुई है और न ही इतनी गर्म है कि अधिक गर्मी का जोखिम अच्छे से अधिक नुकसान कर सकता है। शरद ऋतु (अर्थात सितंबर के अंत से नवंबर तक), इसलिए, आपके घर का निर्माण शुरू करने का एक अच्छा समय है। यह ठेकेदारों के लिए भी एक अच्छा समय है कि वे बाहरी काम को पूरा करें और फिर धीरे-धीरे नई संपत्ति के अंदरूनी निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें।
संपत्ति का नवीनीकरण शुरू करने के लिए सबसे अच्छा दिन कौन सा होता है
यदि आपका अधिकांश ध्यान आंतरिक सज्जा पर है, अर्थात यदि आप बड़े पैमाने पर घर के भीतर नवीनीकरण या रीमॉडेलिंग देख रहे हैं, तो सर्दियाँ एक बुरा समय नहीं हो सकता है। वास्तव में, यह एक व्यावहारिक दृष्टिकोण भी है। आपकी साइट पर काम करने वाले मजदूरों को सर्दियों के महीनों के दौरान काम करने में कम मेहनत लग सकती है, न कि गर्मियों के महीनों में जब तापमान आमतौर पर 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। हालांकि, सुनिश्चित करें कि लागत अधिक न हो।
अत्यधिक वायु प्रदूषण का अनुभव करने वाले क्षेत्रों के लिए, सर्दियाँ बहुत अच्छी नहीं हो सकती हैं।
क्या निर्माण कार्य शुरू करने के लिए वसंत एक अच्छा समय है?
आपके ठेकेदार आपको बेहतर बता पाएंगे। यदि जमीन गीली या जमी नहीं है, तो यह एक अच्छा समय होना चाहिए। भारत में, अधिकांश ठेकेदार शुरुआती वसंत के दौरान घर के अंदरूनी हिस्सों में काम करना पसंद करते हैं, लेकिन वसंत के महीनों का उपयोग करना पसंद करते हैं यदि यह एक ऐसी परियोजना है जिसे पूरा होने में महीनों लगेंगे।
गर्मी के मौसम में अपने घर का निर्माण
यदि आप घर के निर्माण में देरी की उम्मीद कर रहे हैं, तो गर्मियों में शुरू करें। गर्मियों में लंबे दिन कामगारों को दिन के समय का सदुपयोग करने में मदद करते हैं। यह बहुत गर्म हो सकता है लेकिन ब्रेक लेने के बाद भी, दिन की रोशनी लंबी अवधि तक चलती है और इसका बेहतर उपयोग किया जा सकता है। उन परियोजनाओं के लिए इस समय पर विचार करना अच्छा है जिन्हें पूरा होने में अधिक समय लगेगा।
यह भी देखा गया है कि गर्मियों की शुरुआत में बहुत से लोग निर्माण कार्य करते हैं, कच्चे माल की कीमत भी बढ़ जाती है। आप पेशेवरों और विपक्षों को तौलना और निर्णय लेना चाह सकते हैं।
मानसून के बाद का मौसम निर्माण कार्य के लिए सबसे अच्छा समय क्यों है?
भारत में निर्माण कार्य के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक मानसून के बाद का समय है। बारिश से निर्माण की गतिविधियों में रुकावट आती है या निर्माण की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, नए घर का निर्माण शुरू करने के लिए यह एक आदर्श समय है। इस मौसम के दौरान, आरसीसी, चिनाई, फर्श और प्लास्टर कार्य ज्यादा टिकाऊ होते हैं। भारत में तापमान 24 और +/- 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास ठंडा माना जाता है, जिससे कंक्रीट मिश्रण में सीमेंट की अधिकतम मात्रा का हाइड्रेशन होता है।
ठंड का मौसम घर बनाने के लिए सबसे समय होता है
घर के निर्माण के लिए आदर्श समय शुष्क मौसम होता है, जो आमतौर पर भारत के अधिकांश हिस्सों में अक्टूबर से मार्च तक होता है। ठंड का मौसम ऐसा समय है जिसे नए घर के निर्माण के लिए अनुकूल माना जा सकता है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सर्दियों के महीनों में बनी संरचनाएं, जो आमतौर पर सूखी होती हैं, गर्मियों के दौरान बनी संरचनाओं की तुलना में बेहतर होती हैं। इसके अलावा, सर्दियों में कम तापमान की वजह से सीमेंट कंक्रीट मिश्रण में हाइड्रेटेड रहता है। निर्माण के दौरान इसे इस्तेमाल करने के बाद स्ट्रक्चर बारिश से बचना चाहिए, जिससे निर्माण मजबूत और टिकाऊ बनता है।
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भूमि पूजन के दौरान की जाने वाली देवी-देवताओं की पूजा
देवी पृथ्वी और वास्तु पुरुष वो मुख्य देवता हैं जिनकी पूजा निर्माण कार्य शुरू करने से पहले भूमि पूजन के दौरान की जाती है। देवी पृथ्वी की पूजा दिव्य ऊर्जा का आह्वान करने, निर्माण के दौरान बाधाओं को दूर करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए की जाती है।
वास्तु पुरुष को वास्तु संरचनाओं का देवता माना जाता है। हरेक निर्माण योग्य भूमि को एक वास्तु पुरुष मंडल माना जाता है जो ब्रह्मांडीय हलचलों के अनुसार संरचना की आध्यात्मिक प्लान को दर्शाता है। बिल्डिंग में रहने वालों की जिंदगी में सद्भाव लाने के लिए इनकी पूजा की जाती है।
शुभ शुरुआत के भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है और लोग निर्माण शुरू करने से पहले इनका आशीर्वाद लेते हैं।
भूमि पूजन और गृह निर्माण के हिस्से के तौर पर नाग देवता की मूर्ति और कलश की भी पूजा की जाती है।
भूमि पूजन के दौरान लोग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए प्रकृति के पांच तत्वों की पूजा करते हैं।
भूमि पूजन के दौरान किन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है
देवता | लाभ |
देवी पृथ्वी | दिव्य ऊर्जा का आह्वान करना और बाधाओं को दूर करना |
वास्तु पुरुष | सद्भाव लाना |
गणेश भगवान | शुभ शुरुआत |
नाग देवता | सुरक्षा |
प्रकृति के पांच तत्व | सकारात्मक ऊर्जा |
भूमि पूजन निमंत्रण कार्ड के सैम्पल्स
अगर आप नए घर का निर्माण शुरू करने के दिन भूमि पूजा के अवसर पर अपने मित्रों और परिवार को आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं, तो आप ऑनलाइन निमंत्रण कार्ड भेज सकते हैं। इस सिंपल भूमि पूजन मुहूर्त निमंत्रण कार्ड सैम्पल देखें।
निर्माण के लिए किस दिशा में मुख वाला प्लॉट अच्छा है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर मुखी प्लॉट नए घर के निर्माण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अन्य शुभ प्लॉट पूरब मुखी और पश्चिम मुखी हैं। दक्षिण मुखी प्लॉट से बचना चाहिए क्योंकि वे अशुभ माने जाते हैं। प्लॉट का मुख्य द्वार उत्तर या पूरब दिशा में होना चाहिए।
भूमि पूजन 2024 इन्विटेशन कार्ड
आप कस्टमाइज्ड निमंत्रण भेजकर अपने दोस्तों और परिवार को भूमि पूजन समारोह में बुला सकते हैं। आपको भूमि पूजन के बारे में सारी जरूरी जानकारियां देनी चाहिए जैसे तिथि, स्थान, समय आदि। वास्तु पूजा निमंत्रण का यह नमूना देखें।
स्रोत: Behance (Pinterest)
घर का धन क्षेत्र कहाँ है?
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, उत्तर दिशा का संबंध धन के देवता कुबेर से है। इस दिशा में कैश और कीमती चीजें जैसे जेवर वगैरह रख सकते हैं। फेंग शुई के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा धन क्षेत्र है।
नए घर में प्रवेश करने के लिए 2024 में कौन सा दिन शुभ है?
नए घर में प्रवेश के लिए सप्ताह के शुभ दिन सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार हैं। हालाँकि, गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथि और मुहूर्त की गणना हिंदू कैलेंडर और वास्तु शास्त्र के नियमों के आधार पर की जाती है।
जमीन रजिस्ट्रेशन के लिए 2024 में कौन सी तिथि अच्छी है?
गुरुवार और शुक्रवार को जमीन या संपत्ति पंजीकरण, जमीन खरीदने या फ्लैट बुक करने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
भूमि पूजन मुहूर्त कैसे चुनें?
भूमि पूजन मुहूर्त और गृह प्रवेश जैसे कार्यक्रम करने के लिए सबसे शुभ समय को मुहूर्त कहते हैं। वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, मुहूर्त का चयन हिंदू कैलेंडर (पंचांग) और अन्य ज्योतिषीय कारकों जैसे तिथि और नक्षत्र के आधार पर किया जाता है। मुहूर्त चुनने के लिए आप किसी पंडित से भी संपर्क कर सकते हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त के pros और cons
Housing.com News दृष्टिकोण
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
कौन सा दिन भूमि पूजा के लिए अच्छा होता है?
सोमवार और गुरुवार भूमि पूजा के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं.
भूमि पूजा के दौरान किन-किन की पूजा होती है?
भूमि पूजा के दौरान वास्तु पुरुष, धरती माता, नाग देवता और प्रकृति के पांच तत्वों की पूजा की जाती है.
वस्तु पुरुष कौन हैं?
वास्तुपुरुष धरती और दिशा के भगवान हैं. बिल्डिंग बनाने की कला और पर्यावरण से शांति बनाए रखने को वास्तु कहते हैं. वास्तुपुरुष ऊर्जा ताकत और आत्मा का प्रतीक है.
भूमि पूजन के बादे बाद क्या करना चाहिए?
वास्तु के अनुसार पानी शुभ है. कंस्ट्रक्शन के पहले पानी कहाँ से आता है और उसे कहाँ स्टोर किया जाए वह महत्वपूर्ण है. वास्तु के मुताबिक वॉटर टैंक या कुआं उत्तर या उत्तर पूर्वी दिशा में खोदा जाना चाहिए. दक्षिण दिशा को नज़रअन्दाज़ करें.
भूमि पूजा करने की लागत क्या है?
भूमि पूजन आयोजित करने की लागत 3,000 रुपये से 10,000 रुपये तक हो सकती है। हालाँकि, कुल लागत कई कारणों पर निर्भर करती है।
भवन निर्माण के लिए कौन सा मौसम सबसे अच्छा है?
भारत में गर्मी का मौसम और मानसून के बाद का मौसम घर निर्माण के लिए आदर्श समय माना जाता है।
संकुस्थापना मुहूर्त क्या है?
संकुस्थापना एक खाली प्लॉट में आधारशिला रखने की प्रक्रिया है, यानी कि भूमि पूजन है। इसे देश में विभिन्न नामों से भी जाना जाता है जैसे कि तालमेल समारोह, ग्राउंडवर्क उत्सव और बेडरॉक समारोह।
गृह निर्माण शुरू करने की तिथि 2024 कैसे चुनें?
कई लोग अपनी जन्म की तिथि, समय और स्थान के बारे में नहीं जानते हैं। ऐसे मामलों में, पुजारी राशि नाम के अनुसार घर का निर्माण शुरू करने के लिए शुभ तारीख तय कर सकता है। तिथि, नक्षत्र आदि के आधार पर भी शुभ मुहूर्त तय किया जा सकता है। इन दिनों आप अनुभवी ज्योतिषियों से ऑनलाइन भी सलाह ले सकते हैं।
छत निर्माण के लिए सबसे अच्छा दिन कौन सा है?
ऐसा दिन चुनें जब मौसम सुहावना, सूखा और हल्के बादल वाला हो। निर्माण शुरू करने से पहले आप हिंदू कैलेंडर के आधार पर 2024 में शुभ भूमि पूजा तिथियां देख लें।
क्या हम गर्भावस्था के दौरान भूमि पूजा कर सकते हैं?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, यदि घर में कोई गर्भवती महिला हो तो भूमि पूजन समारोह करने से बचना चाहिए.
क्या भूमि पूजन के लिए आज का दिन शुभ है?
नए घर के निर्माण के लिए सोमवार और गुरुवार को शुभ दिन माना जाता है। भूमि पूजन की शुभ तिथियां और मुहूर्त जानने के लिए हिंदू कैलेंडर या पंचांग देखें।
(स्नेहा शेरोन मममेन और पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा के अतिरिक्त इनपुट्स के साथ)