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गृह प्रवेश के 10 आवश्यक नियम

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कहते हैं, मनुष्य की तीन आवश्यकताओं में तीसरी महत्वपूर्ण आवश्यकता घर है। और वह व्यक्ति अपनी मेहनत, ईश्वर की कृपा, बड़ों के आशीर्वाद और अपने परिवार के सहयोग से ही प्राप्त करता है। गृह प्रवेश कहने को एक छोटा सा शब्द है, पर तमाम खुशियों को समेटे हुए हैं। वह बहुत ही भाग्यशाली मनुष्य होता है, जो अपने बनाये घर में अपने परिवार सहित प्रवेश करता है। उसके वह उसके और उसके परिवार के लिए बहुत ही खुशी का दिन होता है। उस व्यक्ति का यश, सुख, समृद्धि, सौभाग्य सदैव बना रहे, इसके लिए जब भी व्यक्ति नए घर में प्रवेश करें तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।

 

गृह प्रवेश के कुछ नियमगृह प्रवेश के समय ध्यान रखने योग्य बातें 

गृह प्रवेश के लिए शुभ महीने

 

व्यक्ति को किसी पंडित द्वारा दिन, तिथि, वार और नक्षत्र निकलवा कर ही घर में प्रवेश करना चाहिए। जिससे उसके घर में यश,सुख, समृद्धि, सौभाग्य सदैव ही बना रहे। गृह प्रवेश के लिए माघ, फागुन, वैशाख, ज्येष्ठ महीना बहुत ही उत्तम माना जाता है, जबकि आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद आश्विन, पौष को शुभ नहीं माना जाता

 

गृह प्रवेश के लिए शुभ दिन

 

गृह प्रवेश कभी भी रविवार और शनिवार को ना करें। यदि गृह प्रवेश का कोई ऐसा दिन निकाले जो आपके घर में मान हो तो उसे दिन भी गृह प्रवेश न करें।

 

गृह प्रवेश सजावट

 

गृह प्रवेश से पहले घर के द्वार पर पान या अशोक के पत्ते की बंदनवार लगाये और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाकर घर को सजाये। कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें गंगाजल मिलायें। फिर कलश और नारियल पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाए. यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

 

गृह प्रवेश पूजा सामग्री

 

गृह प्रवेश की पूजा सामग्री में कलश, दीपक, नारियल, फूल, शुद्ध जल, कुमकुम, अबीर, गुलाल, चावल, धूपबत्ती और पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं जिनमें आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध, आदि जरूरी होना चाहिए।

 

गृह प्रवेश शुभ सामग्री

 

गृह प्रवेश करते समय व्यक्ति को पांच वस्तुएं हाथ में रखनी चाहिए। नये घर में हमेशा पांच चीजों को लेकर ही प्रवेश करें, जिनमें नारियल, पीली हल्दी, चावल, गुड़, दूध या दही में से एक चीज होनी चाहिए।

 

अपने नए घर में पहला कदम

 

गृह प्रवेश करते समय यह भी ध्यान रखें कि पति अपना दाहिना और पत्नी अपना बाया पैर रखकर ही नये घर में प्रवेश करें। तत्पश्चात् कलश को घर के ईशान कोण या पूजा घर में स्थापित करें।

 

गृह प्रवेश में तुलसी का पैदा ज़रूर साथ लायें

 

आप नये घर में जब भी प्रवेश करें तो उससे पहले उसे घर में तुलसी की स्थापना जरूर करें. यह अत्यंत शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा की मानी जाती हैं। यह घर के सभी दोषो का नाश करती हैं। नए घर में गणेश जी की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र रखना अत्यंत शुभ माना गया है।

 

अपनी नयी रसोई में पकाएं भोग

 

गृह प्रवेश से पहले रसोई घर में नया चूल्हा अवश्य रख दें। कहा जाता है कि पूजा का भोग प्रसाद हमारी नई रसोई से ही होना चाहिए। गृह प्रवेश में कलश स्थापित करने के बाद रसोई के चूल्हे पर स्वास्तिक का निशान बनाकर दूध उबालकर उससे खीर का भोग प्रसाद बनाए करें और भगवान को समर्पित करें। उसके बाद गाय, कौवा, कुत्ता, चींटी, आदि, के निमित्त भोजन निकालना चाहिए। ब्राह्मण और कन्याओं को भोजन कराएं। दान-पुण्य जैसे शुभ कार्य करें।

 

मंत्रोच्चारण के साथ ही करें गृह प्रवेश

 

गृह प्रवेश जब भी करें ब्राह्मण के मंत्रोच्चारण के साथ ही करें। मंगल कलश के साथ पति-पत्नी का जोड़ा अपने नए घर में प्रवेश करे। गृह प्रवेश करके भगवान लक्ष्मी-गणेश, नवग्रह पूजन करें और मन में गृह प्रवेश के मंत्रों का उच्चारण करें। भगवान का ध्यान और इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अपने नए घर में प्रवेश करें, जिससे आपके कुल का गौरव, यश, सुख,समृद्धि सौभाग्य और शांति सदैव बनी रहे।

 

पुरानी झाड़ू नए घर में  लायें

 

अपने नए घर में पुरानी झाड़ू लाना वास्तु के नियमों के हिसाब से सही नहीं माना गया है। अपने नए घर में कभी भी पुरानी झाड़ू का इस्तेमाल न करें।

 

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