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महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी रिफंड कैसे प्राप्त करें?

स्टाम्प ड्यूटी एक प्रकार का कर (टैक्स) है, जिसे हर संपत्ति खरीदार को राज्य सरकार को अदा करना अनिवार्य होता है। इसका भुगतान इसलिए किया जाता है ताकि संपत्ति को सरकारी रिकॉर्ड में कानूनी रूप से रजिस्टर्ड किया जा सके। यह एक बार दिया जाने वाला अनिवार्य टैक्स है, जो भविष्य में किसी भी प्रकार के कानूनी विवाद से बचने के लिए राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है। संपत्ति के सौदे को रजिस्टर्ड करवाने की प्रक्रिया की शुरुआत में ही यह स्टाम्प ड्यूटी देनी होती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि संपत्ति का सौदा पूरा नहीं हो पाता। यानी अगर संपत्ति न तो बेची गई और न ही खरीदी गई, तो स्वाभाविक है कि वह सरकारी रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड भी नहीं होगी। अब सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में जो स्टाम्प ड्यूटी दी गई थी, उसका क्या होता है? क्या संपत्ति खरीदने वाले को स्टाम्प ड्यूटी की राशि वापस मिल सकती है? इसका जवाब हां भी है और नहीं भी। दरअसल अगर खरीदार सरकार द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर रिफंड के लिए आवेदन कर दें तो स्टाम्प ड्यूटी वापस मिल जाती है, लेकिन वे निर्धारित अवधि के बाद आवेदन करते हैं या आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं तो स्टाम्प ड्यूटी वापस नहीं मिलती है। इस आर्टिकल में हम इसी बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

महाराष्ट्र में स्टांप ड्यूटी की राशि कब वापस मिल सकती है?

आप महाराष्ट्र में स्टांप ड्यूटी की राशि वापस पा सकते हैं यदि – 

महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी रिफंड के लिए आवेदन करने के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?

महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी रिफंड के लिए आवेदन करते समय आमतौर पर इन डाक्युमेंट की जरूरत होती है – 

  1. मूल स्टांप पेपर: वह असली स्टांप पेपर, जो या तो बिना उपयोग के है या जिसमें कोई त्रुटि है, उसे प्रस्तुत करना होता है।
  2. रिफंड आवेदन पत्र: यह फॉर्म उस तिथि से 6 माह के अंदर भरा जाना चाहिए, जिस दिन स्टांप पेपर खरीदा गया था।
  3. शपथपत्र (एफिडेविट): एक नोटरीकृत शपथपत्र, जिसमें यह उल्लेख हो कि स्टांप ड्यूटी की वापसी क्यों वापस मांगी जा रही है।
  4. रद्द किया गया दस्तावेज: यदि दस्तावेज रद्द होने के कारण रिफंड मांगा जा रहा है तो उस रद्द किए गए सेल एग्रीमेंट की प्रति जमा करना होगी। 
  5. भुगतान प्रमाण: वह रसीद या दस्तावेज जिससे यह सिद्ध हो कि स्टांप ड्यूटी का भुगतान किया गया था।
  6. बैंक विवरण: रिफंड प्रक्रिया के लिए रद्द किया गया चेक या बैंक खाता संबंधी विवरण।
  7. पहचान पत्र: आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि की प्रति।

महाराष्ट्र में स्टांप ड्यूटी की ऑनलाइन रिफंड कैसे लें?

यदि आप महाराष्ट्र में स्टांप ड्यूटी की राशि ऑनलाइन वापस लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट IGR (Inspector General of Registration पर लॉग-इन करना होगा। नीचे इस प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया है – 

फिर आपको महाराष्ट्र स्टाम्प ड्यूटी रिफंड का टोकन नंबर मिल जाएगा। अब एक पासवर्ड बनाएं, उसे कन्फर्म करें और कैप्चा कोड दर्ज करने के बाद ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।

Vishal Malhotra | Housing News

महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी रिफंड की स्थिति कैसे जांचें?

स्टांप ड्यूटी रिफंड आवेदन की भौतिक रूप से जमा करने की प्रक्रिया

यहां इस बात का विशेष रूप से ध्यान दें कि केवल इस पोर्टल में डेटा एंट्री करने से रिफंड आवेदन मान्य नहीं माना जाएगा। आवेदक को अपना रिफंड आवेदन भौतिक रूप से निम्नलिखित अधिकारियों को समय सीमा के अंदर जमा करना अनिवार्य है – 

यह ध्यान दें कि स्टाम्प ड्यूटी की वापसी राशि में से एक छोटी-सी राशि प्रशासनिक शुल्क के रूप में काट ली जाती है। ई-स्टाम्प पेपर के मामले में महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी की वापसी की प्रक्रिया उसी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के माध्यम से की जाती है, जिससे मूल रूप से स्टाम्प ड्यूटी जारी की गई थी।

आईजीआर महाराष्ट्र का स्टाम्प ड्यूटी रिफंड मॉड्यूल कैसे मदद करता है?

स्टाम्प ड्यूटी रिफंड मॉड्यूल में लॉगिन करके आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं – 

महाराष्ट्र में स्टाम्प ड्यूटी रिफंड कब नहीं मिलता?

Housing.com का पक्ष

महाराष्ट्र के पंजीयक एवं महानिरीक्षक (IGR) द्वारा स्टांप ड्यूटी की वापसी के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसमें ऑनलाइन आवेदन जमा करना, उसकी स्थिति जांचना और फिर फॉर्म को ऑफलाइन जमा करना शामिल है। लेकिन यह पूरी प्रक्रिया 6 महीने के अंदर पूरी करना होती है। इसके बाद स्टांप ड्यूटी रिफंड को अस्वीकार कर दिया जाता है। हालांकि कोई व्यक्ति इन चरणों को स्वयं भी पूरा कर सकता है, लेकिन किसी भी प्रकार की शंका या जटिलता के लिए किसी विशेषज्ञ कानूनी सलाहकार की मदद लेना बेहतर माना जाता है।

(हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें।)

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