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अद्भुत है राजस्थान का ऐतिहासिक रणथंभौर किला, 6500 करोड़ रुपये हो सकती है कीमत

Rajasthan’s Historic Ranthambore Fort could be worth more than Rs 6,500 crores

रणथंभौर किला सवाई माधोपुर शहर के रंणथंभौर नेशनल पार्क के भीतर बना हुआ है. आजादी तक यह पार्क जयपुर के राजाओं के लिए शिकार का स्थल हुआ करता था. यह बेहद मजबूत किला है, जिसका राजस्थान की शान और ऐतिहासिक विकास में अहम स्थान है.  इस पर 13वीं शताब्दी तक चौहान या चहमानस का शासन था. इसके बाद दिल्ली सल्तनत ने इस पर कब्जा कर लिया. साल 2013 में , रणथंभौर किले को 37वें  विश्व विरासत समिति के 37वें सेशन में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.

(Ranthambore Fort wall)

रणथंभौर किले की कीमत

यह विशाल किला राजस्थान के सवाई माधोपुर में विज्ञान नगर के 2, रणथंभौर रोड पर स्थित है. यह किला कुल 102 हेक्टेयर में स्थित है जो करीब 1,09,79,188.63 स्क्वेयर फुट है. अगर वर्तमान मार्केट रेट्स की बात करें तो यह 5000-6000 स्क्वेयर फुट है और यह कीमत के हिसाब से 65,87,51,31,780 रुपये तक पहुंच जाती है. हालांकि इस ऐतिहासिक किले की  सटीक कीमत का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है.

(One of the gates at Ranthambore Fort)

रणथंभौर किला: इतिहास और विरासत

फेमस रणथंभौर किला चौहान राजाओं ने 10वीं सदी में बनाया था. इसके रणनीतिक स्थान को देखते हुए दुश्मन भी यहां आसानी से नहीं पहुंच सकते थे. इस किले से जुड़ी कई ऐतिहासिक बातें भी लोग बताया करते हैं. वे कहते हैं कि साल 1303 में जब अलाउद्दीन खिलजी ने इस किले पर आक्रमण किया तो रानियों ने जौहर (खुद को आग के हवाले कर देना) कर लिया था. इस किले में कई विशाल दरवाजे, टैंक, मंदिर और बड़ी दीवारें हैं. इसे 944 AD में बनाया गया था और यह किला कई बड़ी जंग और घेराबंदियों का गवाह रहा है. एक बड़ी जंग 1301 में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और राव हमीर के बीच हुई थी.

(Aerial view of Ranthambore Fort)

यह किला वास्तुकला का अद्भुत नमूना है और इसमें ग्राउंड फ्लोर पर देखने वाली कई चीजें हैं जैसे महादेव छत्री, तोरण द्वार और समेटोंकी हवेली. यहां ग्राउंड पर ही मस्जिद और मंदिर दोनों हैं, जो राजपूत राजाओं का सेक्युलर व्यवहार दर्शाता है. यहां भगवान गणेश का मंदिर पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है और किले में भाद्रपद सुदी चतुर्थी के दौरान सालाना एक मेला आयोजित किया जाता है.

(Ganesh Temple in Ranthambore Fort)

किले को 944 ईस्वी में राजा सपलदक्ष के शासनकाल के दौरान बनाया गया था, जबकि कई अन्य जगहों पर 1110 ईस्वी में जयंत के शासनकाल के दौरान किले के निर्माण का जिक्र मिलता है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, निर्माण  सपलदक्ष के शासन काल में 10वीं सदी के मध्य में शुरू हुआ था और फिर कुछ शताब्दियों तक जारी रहा.

रणथंभौर किला: अहम तथ्य

आइए आपको रणथंभौर किले के बारे में कुछ अहम तथ्य बताते हैं.

-रणथंभौर किले को पहले रणस्तंभपुरा या रणस्तंभ कहा जाता था.

-12वीं शताब्दी में चम्हाण (चौहान) वंश के पृथ्वीराज प्रथम के शासनकाल के दौरान किले को जैन धर्म से जोड़ा गया था.

-मुगल काल में किले में एक मल्लिनाथ मंदिर भी बनाया गया था.

(Battis Khamba Chhatri (32 Pillared Umbrella) temple, Ranthambore Fort)

-पृथ्वीराज III (पृथ्वीराज चौहान) और 1192 ई में उनकी हार के बाद इस किले को मुहम्मद गौरी ने नियंत्रित कर लिया था. पृथ्वीराज के बेटे गोविंदराज चतुर्थ ने घुरिद राजा के शासन को स्वीकार कर लिया और उनका जागीरदार बनकर शासन किया. उनके वंशजों ने कई बार स्वतंत्र होने की कोशिश की.

-दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने 1226 में इस किले पर कब्जा कर लिया था. हालांकि 1236 में उसकी मृत्यु के बाद चौहान शासकों ने इस पर दोबारा कब्जा कर लिया.

-तत्कालीन सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद की सेनाओं का नेतृत्व करने वाले सुल्तान बलबान ने साल 1248 फिर 1253 में इस किले की असफल घेराबंदी करने की कोशिश की और 1259 में इसे जैतसिंह चौहान से हासिल कर लिया.

-लगातार कब्जा और फिर कब्जे की श्रृंखलाओं के बाद सुल्तान ने साल 1301 में इस पर कब्जा कर लिया.

-राणा हमीर सिंह और मेवाड़ साम्राज्य के अन्य राजाओं ने कई वर्षों तक इस किले पर शासन किया.

-मुगल बादशाह अकबर ने 1568 में रणथंभौर को जीतकर इस किले को हासिल कर लिया.

-यह किला 17 वीं शताब्दी में जयपुर से कछवाहा महाराजाओं के पास गया और भारत की आजादी तक राज्य के भीतर रहा.

-किले के आसपास का क्षेत्र जयपुर राजघरानों के शिकार की जगह थी.

-किले के अंदर एक भगवान सुमतिनाथ जैन मंदिर है, जिसमें शिव, गणेश और रामललाजी के लिए तीन प्राचीन हिंदू मंदिरों के साथ-साथ भगवान सम्भवनाथ भी हैं जो 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में प्रसिद्ध लाल करौली पत्थर का उपयोग करके बनाए गए थे.

पूछे जाने वाले सवाल

रणथंभौर किला कहां स्थित है?

रणथंभौर किला सवाई माधोपुर शहर में रणथंभौर नेशनल पार्क के अंदर स्थित है.

क्या रणथंभौर किला यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है?

साल 2013 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.

रणथंभौर किला किसने बनवाया था?

रणथंभौर किले का निर्माण 10 वीं शताब्दी में चौहान शासकों द्वारा किया गया था.

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