घर में बेडरूम आराम और विश्राम के लिए एक स्थान है। अगर किसी को सोने में परेशानी हो या रिश्तों में तनाव हो, तो बेडरूम के वास्तु को देखना जरूरी हो सकता है। वास्तु के सिद्धांतों के आधार पर फर्नीचर को फिर से व्यवस्थित करना या बेडरूम की दीवारों पर नई पेंटिंग करना, आपके बेडरूम की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।
एक बेडरूम वह जगह होती है, जहां आराम और सुकून मिलता है, लेकिन अगर नींद से जुड़ी परेशानियां या रिश्तों में तनाव महसूस हो रहा हो, तो जरूरी है कि यह देखा जाए कि क्या आपका बेडरूम वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार है या नहीं। अगर बेडरूम वास्तु नियमों के अनुकूल नहीं है तो फिर बेडरूम की सजावट में थोड़ा बदलाव करना बेहद जरूरी होता है, जैसे फर्नीचर की सही जगह तय करना या दीवारों पर नया रंग करवाना आदि। ऐसा करने से बेडरूम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाया जा सकता है।
विशेषकर दांपत्य जीवन को बेहतर बनाने में भी वास्तु शास्त्र काफी ज्यादा सहायक हो सकता है। यदि बिस्तर और सोने की दिशा सही हो तो रिश्तों में मिठास और समझ बढ़ सकती है।
प्राचीन वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने की सबसे शुभ दिशा “दक्षिण” मानी जाती है। इसका मतलब ये है कि सोते समय सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर की ओर होने चाहिए। इसी तरह मास्टर बेडरूम के लिए “दक्षिण-पश्चिम” दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जो वास्तु के सिद्धांतों से मेल खाती है। यहां हम एक संपूर्ण गाइड लेकर आए हैं, जिसमें बेडरूम डिजाइन से लेकर सोने की सही दिशा तक, वास्तु शास्त्र के अनुसार उपयोगी सुझाव दिए गए हैं।
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बेडरूम वास्तु: जानें कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
वास्तु के अनुसार बिस्तर की दिशा | दक्षिण पश्चिम |
वास्तु के अनुसार बिस्तर की स्थिति | दक्षिण या पूर्व की ओर सिर रखकर |
बिस्तर की दिशा से बचें | घर का मध्य, उत्तर की ओर मुख करके |
बिस्तर की वह स्थिति, जिससे बचना चाहिए | एक कोने की ओर, एक तरफ दीवार के सामने, रसोईघर के ऊपर, शौचालय की दीवार के पीछे |
मास्टर बेडरूम की दिशा | दक्षिण पश्चिम |
शयनकक्ष की दिशा से बचें | घर का उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व या मध्य भाग |
बिस्तर के लिए सर्वोत्तम सामग्री | लकड़ी या प्राकृतिक सामग्री |
बिस्तर डिजाइन | नियमित आकार |
शयन कक्ष में इन चीजों से बचें | इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कार्यस्थान या डेस्क, पुराना गद्दा या व्यायाम उपकरण |
बेडरूम के लिए सर्वोत्तम रंग | मिट्टी के रंग, नीला, हरा, सफेद या पेस्टल शेड्स |
किन रंगों से बचें | काला और गहरा नीला रंग |
बेडरूम में रखने के लिए पौधे | मनी प्लांट, बांस, लिली, लैवेंडर |
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वास्तु के अनुसार सही बेडरूम दिशा कौन सी है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम बनाने के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण-पश्चिम होती है। इसे नैऋत्य कोण भी कहा जाता है और यह पृथ्वी तत्व से जुड़ी होती है, जो स्थिरता, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में मास्टर बेडरूम होने से आर्थिक स्थिरता, अच्छा स्वास्थ्य और घर में सामंजस्य बना रहता है। यदि इस दिशा में बेडरूम बनाना संभव न हो, तो वैकल्पिक दिशाएं पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और उत्तर हो सकती हैं।
वास्तु के अनुसार बेड की स्थिति कैसी होनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में बिस्तर को इस तरह रखना चाहिए कि उसका हेडबोर्ड (सिर रखने वाला हिस्सा) दक्षिण या पूर्व दिशा में हो। ऐसा करने से सोते समय आपके पैर उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर होंगे, जो वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है। बेडरूम का डिजाइन बनाते समय बेड को कमरे के बीच में रखने की कोशिश करें और कोनों में बेड रखने से बचें। इस तरह की व्यवस्था से ऊर्जा का प्रवाह बेहतर बना रहता है और कमरे की बनावट के साथ संतुलन बना रहता है, जिससे नींद अच्छी आती है।
बिस्तर का कौन सा किनारा चुनना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, पत्नी को अपने पति के बाईं ओर सोना चाहिए, इससे रिश्ते में मिठास बनी रहती है। इसके अलावा विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पलंग पर दो गद्दों की जगह एक ही बड़ा गद्दा होना चाहिए, ताकि एकजुटता और नजदीकी बनी रहे।
इस स्थान पर बिस्तर लगाने से बचें
- कोना: बिस्तर को कमरे के कोने में न रखें क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डालता है।
- दीवार के पास: बिस्तर का एक सिरा दीवार से सटा हुआ न हो।
- रसोई के ऊपर: निचली मंजिल पर रसोईघर को सीधे नीचे रखने से बचें।
- घर के केंद्र में: बिस्तर को घर के केंद्र में न रखें, क्योंकि यह ब्रह्मस्थान होता है। ब्रह्मस्थान ऊर्जा का स्रोत है और इसमें निरंतर कंपन होता है, जो बेडरूम के आरामदायक माहौल के विपरीत है।
- टॉयलेट की दीवार के पीछे: बिस्तर कभी भी टॉयलेट की दीवार के पीछे या खिड़की के सामने न हो। इसे किसी ठोस दीवार के सहारे रखें।
- दरवाजे की ओर: बिस्तर और सिर दरवाजे की ओर करके न सोएं, इससे बुरे सपने आ सकते हैं।
बिस्तर की दिशा से बचें
- उत्तर दिशा: बिस्तर को उत्तर दिशा की ओर न लगाएं, ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि सोते समय सिर उत्तर की ओर नहीं होना चाहिए। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। यह बात पृथ्वी की चुंबकीय ऊर्जा के आधार पर समझायी जा सकती है। हमारे खून में आयरन होता है और जब हम उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो पृथ्वी का चुंबकीय बल उस आयरन को अपनी ओर खींचता है, जिससे मस्तिष्क पर असर पड़ सकता है।
- उत्तर-पूर्व: इस दिशा में सोना या बिस्तर लगाना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि इससे बीमारी और मानसिक अशांति हो सकती है।
- दक्षिण-पूर्व: वास्तु के अनुसार इस दिशा में भी बिस्तर नहीं लगाना चाहिए। यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और यहां बिस्तर रखने से बेचैनी या घबराहट हो सकती है।
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मास्टर बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा आदर्श क्यों है?
वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और शक्ति से जुड़ी होती है, जो रिश्तों के लिए शुभ मानी जाती है। यदि परिवार का मुखिया इस कमरे में सोता है, तो उसके जीवन में स्थिरता, लंबी आयु और अच्छा स्वास्थ्य बना रहता है। इसके अलावा, यदि मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो, तो यह समृद्धि भी लाता है। हालांकि, नवविवाहित जोड़ों के लिए बेडरूम की दिशा वास्तु अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा में होना बेहतर माना जाता है।
मास्टर बेडरूम में आपका पलंग वास्तु अनुसार दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, लेकिन इन दोनों के बीच नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से रिश्तों में असफलता आ सकती है। ध्यान रखें कि आपके कमरे का उत्तर-पूर्व कोना साफ-सुथरा और अव्यवस्थित न हो। कमरे के कोने में सोने से बचें, क्योंकि इससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। इसलिए जरूरी है कि पलंग दोनों ओर से थोड़ा खुला हो, ताकि ऊर्जा का सही संचार बना रहे।
मास्टर बेडरूम वास्तु के अनुसार क्यों महत्वपूर्ण है?
मास्टर बेडरूम आमतौर पर परिवार के मुखिया के लिए बनाया जाता है। यह घर के बाकी कमरों की तुलना में बड़ा होता है और इसे लोग कीमती सामान, पैसे और जरूरी दस्तावेज रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यदि मास्टर बेडरूम वास्तु के अनुसार बनाया जाए तो यह परिवार की सुख-समृद्धि बढ़ाने, रिश्तों को मजबूत करने और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।
उत्तर-पूर्व दिशा में बेडरूम का निर्माण करने से बचें
वास्तु के अनुसार, अगर कोई दंपत्ति उत्तर-पूर्व दिशा में सोता है तो गर्भधारण में मुश्किल हो सकती है। अगर गर्भधारण हो भी जाए तो गर्भपात की आशंका बनी रहती है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर दंपत्ति संतान की योजना बना रहे हैं तो वे सीमित समय के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम रख सकते हैं। लेकिन जैसे ही महिला गर्भधारण कर ले तो इस कमरे में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि दक्षिण-पूर्व दिशा के कमरे में बहुत अधिक गर्मी होती है।
दक्षिण-पूर्व दिशा में न बनाएं बेडरूम
वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम बनाना सही नहीं माना जाता क्योंकि इससे दंपतियों के बीच विवाद बढ़ने लगता है। दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और इस दिशा रसोईघर बनाने के लिए सबसे उचित माना जाता है।
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बिस्तर का कौन सा हिस्सा चुनें?
वास्तु के अनुसार, पत्नी को अपने पति के बाईं ओर सोना चाहिए, जिससे रिश्ते में मधुरता बनी रहती है। इसके अलावा वास्तु विशेषज्ञ ये सलाह भी देते हैं कि बिस्तर पर दो अलग-अलग गद्दों के बजाय एक ही गद्दा होना चाहिए ताकि साथ रहने की भावना बढ़ सके।
वास्तु के अनुसार परिवार के हर सदस्य के लिए सर्वोत्तम शयन कक्ष दिशा
क्या आप उत्तर दिशा में एक बेडरूम डिजाइन कर सकते हैं?
उत्तर दिशा में बेडरूम बनाना सभी के लिए शुभ माना जाता है, खासकर युवा छात्रों के लिए, जो नौकरी या व्यवसाय के अवसर खोज रहे हैं।
क्या आप पूर्व दिशा में एक बेडरूम डिजाइन कर सकते हैं?
अगर वास्तु नियमों के मुताबिक सुझाई गई अन्य दिशाओं में बेडरूम बनाना संभव न हो तो पूर्व दिशा में बेडरूम बनाया जा सकता है। पूर्व दिशा में बेडरूम होने से छात्रों की बुद्धि तेजी होती है और पढ़ाई में उन्हें उत्कृष्ट सफलता मिल सकती है।
क्या आप दक्षिण दिशा में एक बेडरूम डिजाइन कर सकते हैं?
वास्तु के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और इसे रसोई के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है, लेकिन यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा (जो वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है) में बेडरूम बनाना संभव न हो, तो दक्षिण दिशा में बेडरूम बनाया जा सकता है। हालांकि, वास्तु नियमों के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम बनाने से पूरी तरह बचना चाहिए।
पूर्वोत्तर दिशा में बेडरूम न बनाएं
वास्तु के अनुसार, अगर कोई दंपत्ति पूर्वोत्तर दिशा में बेडरूम में सोते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति में मुश्किल हो सकती है। अगर गर्भधारण हो भी जाए तो गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। अगर कोई दंपत्ति बच्चा प्लान कर रहे हैं तो वास्तु के अनुसार वे कुछ समय के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम बना सकते हैं।
हालांकि, यह भी माना जाता है कि जैसे ही महिला गर्भवती हो जाए तो उस कमरे को छोड़ देना चाहिए क्योंकि दक्षिण-पूर्व दिशा में बहुत गर्मी होती है जो गर्भावस्था के लिए ठीक नहीं मानी जाती।
दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम न बनाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम बनाना उचित नहीं माना जाता क्योंकि इससे पति-पत्नी के बीच झगड़े हो सकते हैं। यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और रसोईघर बनाने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
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वास्तु के अनुसार सोने की दिशा
सोते समय सिर की दिशा | सोते समय पैरों की दिशा | फायदा |
पश्चिम | पूर्व | प्रतिष्ठा और धन |
पूर्व | पश्चिम | सद्भाव और अध्यात्मवाद |
दक्षिण | उत्तर | समृद्धि और ऐश्वर्य |
दक्षिण
प्राचीन वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने की सबसे अच्छी दिशा दक्षिण मानी जाती है। यानी सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर की ओर होने चाहिए। यह लंबी और गहरी नींद के लिए आदर्श स्थिति मानी जाती है। साथ ही, उत्तर की ओर पैर करके सोने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है।
दक्षिण दिशा में सोने के लाभ:
- गर्भवती महिलाओं के लिए दक्षिण दिशा फायदेमंद होती है।
- सिरदर्द या माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए
- उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) वाले व्यक्तियों के लिए
- सांस की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए
- अनिद्रा (इंसोम्निया) के रोगियों के लिए
- हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए
पूर्व दिशा
वैकल्पिक के रूप से वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा में पैर करके सोना भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह धन और प्रसिद्धि बढ़ाने में मदद करता है। वहीं, उत्तर दिशा में सिर करके सोने से अच्छी और गहरी नींद नहीं आती।
दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नींद में बाधा डाल सकता है। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है, जिससे मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं।
वास्तु शास्त्र पंचतत्वों – जल, अग्नि, पृथ्वी, आकाश और वायु और चार दिशाओं के संतुलन पर आधारित है, जो व्यक्ति के संपूर्ण कल्याण के लिए जरूरी होता है। उत्तर को छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में सोने से कुछ न कुछ सकारात्मक प्रभाव अवश्य मिलते हैं।
विभिन्न व्यक्तियों के लिए उपयुक्त सोने की दिशा
- दक्षिण की ओर सिर: यह बिजनेस या किसी भी पेशे के लोगों के लिए सही है क्योंकि यह अच्छी नींद, बेहतर काम-काज, विलासिता और समृद्धि सुनिश्चित करता है। यह हृदय रोगों के खतरे को भी कम करता है और स्वास्थ्य अच्छा होता है।
- पूर्व की ओर सिर: सोने के लिए अगली सबसे अच्छी दिशा पूर्व है और छात्रों, शिक्षकों और नौकरीपेशे लोगों के लिए इसकी सिफारिश की जाती है। पूर्व की ओर सिर करके सोने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। यह ग्रोथ और करियर के अवसरों को आकर्षित करता है। आप इस सिद्धांत के आधार पर बच्चों का कमरा डिजाइन कर सकते हैं।
- पश्चिम की ओर सिर: अगर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोना संभव नहीं है तो पश्चिम की ओर सिर करके सो सकते हैं। इससे व्यक्ति को प्रसिद्धि, पहचान और धन का लाभा होता है।
- डायगॉनल या कोने की धुरी (कॉर्नर ऐक्सिस) में सिर: डायगॉनल बेडरूम दिशाओं के लिए दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोने का सुझाव दिया जाता है। उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोना भी ठीक और तटस्थ पोजीशन है।
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बेडरूम की छत के लिए वास्तु टिप्स
- बेडरूम की छत की ऊंचाई आदर्श रूप से 10 फीट होनी चाहिए। यह बहुत नीची नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे हवा के संचार में समस्या हो सकती है।
- असामान्य आकार या नुकीले त्रिभुज वाले फॉल्स सीलिंग डिजाइन से बचना चाहिए। इससे मानसिक तनाव और अनिद्रा हो सकती है।
- ऐसी छत, जिसके केंद्र में ऊंचा और कोनों पर थोड़ा नीचा बनाया गया हो, इसे वास्तु के मुताबिक काफी शुभ माना जाता है।
- छत पर शीशे का उपयोग न करें, क्योंकि यह बिस्तर को प्रतिबिंबित कर सकता है।
- वास्तु के अनुसार, छत सफेद या हल्के रंग की होनी चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और शांति बनाए रखती है।
- बेडरूम में स्काईलाइट छत न बनाएं, क्योंकि यह शांति भरी नींद में बाधा डाल सकती है। इसके बजाय सुखद और आरामदायक रोशनी का चयन करें।
- फेंग शुई में ची ऊर्जा का प्रवाह आवश्यक होता है, इसलिए बिस्तर को ढलान वाली छत या डॉर्मर-स्टाइल छत के नीचे न रखें।
- बिस्तर को छत के पंखे, झूमर, या लटकने वाली लाइट के नीचे न रखें, क्योंकि यह दबाव पैदा कर सकता है।
- बिस्तर के ऊपर छत पर कोई पेंटिंग या कलाकृति न लगाएं, क्योंकि यह नींद में बाधा डाल सकती है।
अटैच बाथरूम वाले बेडरूम को लेकर वास्तु शास्त्र क्या कहता है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम को नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। पुराने समय में बाथरूम घर के बाहर बनाए जाते थे, लेकिन आजकल के आधुनिक अपार्टमेंट में सुविधा और जगह की कमी के कारण बाथरूम और टॉयलेट आमतौर पर बेडरूम के साथ जुड़े होते हैं। वास्तु के अनुसार, यदि बाथरूम गलत दिशा में है तो यह स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है। जब बाथरूम बेडरूम से अटैच हो तो बेडरूम या मास्टर बेडरूम को घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इसके अलावा दक्षिण या पश्चिम दिशा भी उपयुक्त मानी जाती है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रहे क्योंकि खुला दरवाजा बेडरूम की ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही बिस्तर को बाथरूम या टॉयलेट के पास नहीं रखना चाहिए।
बेडरूम के लिए वास्तु संबंधी क्या करें और क्या न करें
बेडरूम की विशेषता | क्या करें | क्या न करें |
बिस्तर का डिज़ाइन और आकार | नियमित आकार जैसे आयताकार या वर्गाकार | गोल या अंडाकार आकार के बिस्तर या अनियमित आकार |
सामग्री | लकड़ी | लोहा |
खिड़की | उत्तर और पूर्व | अपने सिर के पीछे खुली खिड़की से बचें |
दरवाजे | 90 डिग्री के कोण पर खुलना चाहिए | शयन कक्षों में चरमराने वाले दरवाजे नहीं होने चाहिए |
फर्नीचर | भारी वस्तुओं के लिए पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा | ऐसी वस्तुएं जो चरमराहट की आवाज करती हों या क्षतिग्रस्त हों, उन्हें फेंक दें। |
ड्रेसिंग टेबल | ● पश्चिमी बेडरूम के लिए उत्तर, दक्षिण या पूर्व की दीवार
● उत्तरी शयन कक्ष के लिए उत्तर/उत्तर-पश्चिम। |
● दर्पण में बिस्तर का प्रतिबिंब नहीं दिखना चाहिए।
● ड्रेसिंग टेबल को कभी भी दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दीवार पर न रखें। |
अध्ययन डेस्क | इस प्रकार बैठें कि व्यक्ति का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में हो। | दक्षिण या पश्चिम दिशा से बचें। |
एसी (एयर कंडीशनर) | उत्तर या पूर्व | एसी को बिस्तर के सिरहाने या अंत के पास न लगाएं। |
कलाकृति | पूर्व या दक्षिण-पूर्व की दीवारें | इसे बिस्तर के ऊपर छत पर रखने से बचें |
बेडरूम वास्तु: उपयोगी टिप्स
- सही दिशा चुनें: बिस्तर को पूर्व, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। सोते समय पैरों को उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- बेडरूम का दरवाजा बंद रखें: वास्तु के अनुसार, बेडरूम का मुख्य दरवाजा हमेशा बंद रहना चाहिए। खुला दरवाजा नकारात्मक ऊर्जा, डर और अवसाद को आकर्षित कर सकता है।
- बाथरूम का दरवाजा बंद रखें: बाथरूम के दरवाजे हमेशा बंद रखें और बिस्तर को बाथरूम के दरवाजे के सामने न रखें। इससे नकारात्मक ऊर्जा बेडरूम में आ सकती है।
- दर्पण का सही स्थान चुनें: बिस्तर के पास कोई दर्पण न रखें। दर्पण को सही दिशा में रखने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
- वेंटिलेशन: बेडरूम में या घर के केंद्र में सीढ़ियां न बनाएं। सीढ़ियों को उत्तर से दक्षिण दिशा (घड़ी की दिशा में) में बनाना सही होता है।
- हवादार कमरा बनाएं: रोजाना बेडरूम की खिड़कियां खोलें ताकि ऊर्जा ताजी और स्वस्थ बनी रहे।
- बीम से बचें: अगर बिस्तर बीम के नीचे है, तो इससे नींद में खलल हो सकता है।
- पानी वाली चीजें न रखें: बेडरूम में पानी से संबंधित वस्तुएं न रखें। दक्षिण-पूर्व दिशा में पानी का जग रखना भी अनिद्रा का कारण बन सकता है।
- नकारात्मक ऊर्जा वाली चीजें हटाएं: सप्ताह में एक बार पानी में समुद्री नमक मिलाकर फर्श साफ करें। बिस्तर के नीचे कबाड़ न रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
- इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दूर रखें: लैपटॉप, स्मार्टफोन और टीवी जैसी वस्तुओं का उपयोग सोने से पहले कुछ घंटों तक न करें। इससे अच्छी नींद आती है।
- वर्कस्पेस न बनाएं: बेडरूम को इस तरह से डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि आपको आराम करने और तनाव मुक्त होने में मदद मिले। अपने बिस्तर के पास अपना कार्य डेस्क डिज़ाइन करने से बचना ज़रूरी है।
- पुराना गद्दा बदलें: पुराने गद्दे को समय पर बदलें, क्योंकि इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। बिस्तर की चादरें और कवर नियमित रूप से साफ करें।
- व्यायाम उपकरण न रखें: बेडरूम में व्यायाम के उपकरण या भारी मशीनें न रखें।
बेडरूम के लिए वास्तु सुझाव
बेड बॉक्स
अपने बेड या बेड बॉक्स के नीचे अनचाही चीजें न रखें। अगर आपके पास बेड बॉक्स स्टोरेज है, तो इसे व्यवस्थित रखें। टूटी हुई घड़ियां, खिलौने, पुराने चादरें आदि को बेड बॉक्स में न रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेड बॉक्स में रखी चीजें आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
हेडबोर्ड
सोते समय यह सुनिश्चित करें कि आपका सिर वास्तु के अनुसार सही दिशा में हो। हेडबोर्ड को पूर्व या दक्षिण दिशा में रखें ताकि आपके पैर उत्तर या पश्चिम की ओर रहें।
फर्नीचर
- अगर बेडरूम में स्टडी डेस्क या वर्कस्टेशन है तो इसे इस तरह रखें कि बैठने वाला व्यक्ति उत्तर या पूर्व की ओर मुख करे।
- भारी फर्नीचर जैसे अलमारी को बेडरूम के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम कोने में रखें।
- ड्रेसिंग टेबल को बेड के बगल में रखें।
- बेडरूम में टीवी यूनिट से बचें। अगर इसे रखना जरूरी हो तो टीवी यूनिट को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
बेडकवर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेड शीट का रंग सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हल्के रंग जैसे गुलाबी, हल्का बैंगनी, बेज, हल्का हरा, सफेद या भूरा रंग की बेडशीट उपयोग करें क्योंकि ये मन को शांति देती हैं। काले या नीले रंग की ज्यामितीय डिज़ाइन वाली चादरों से बचें। कपल्स के लिए हल्के गुलाबी, आड़ू या हल्के लाल डिज़ाइन वाली चादरें शुभ होती हैं।
अलमारी का स्थान और रंग
वास्तु के अनुसार मास्टर बेडरूम में अलमारी या अन्य स्टोरेज कैबिनेट्स को सही जगह पर रखना चाहिए। यदि आपके पास अलमारी है तो इसे दक्षिण या पश्चिम दीवार पर रखें। अलमारी के दरवाजे का मुंह कभी भी टॉयलेट की दीवार या सीट की ओर नहीं होना चाहिए। अलमारी के रंग हल्के होने चाहिए, जैसे कि पीला, सफेद, क्रीम, बेज या हल्का ग्रे। गहरे रंगों से बचें क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। मास्टर बेडरूम की अलमारी लोहे और लकड़ी की बनी होनी चाहिए, न कि संगमरमर की। अलमारी वर्गाकार या आयताकार आकार की होनी चाहिए और एक दरवाजे वाली डिजाइन को प्राथमिकता दें।
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अरोमाथेरेपी
अरोमाथेरेपी इंद्रियों पर गहरा प्रभाव डालती है और इसे बेडरूम का माहौल रोमांटिक बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। ताजे फूल सबसे अच्छे मूड सुधारने वाले होते हैं क्योंकि ये कमरे में सकारात्मकता फैलाते हैं।
बेडरूम में पीस लिली जैसे इनडोर पौधे लगाएं, जो शांतिपूर्ण वातावरण बनाएंगे। सुगंध और खुशबू मूड और मन को ऊंचा उठाने में बहुत प्रभावी होती है। इसलिए, अपने कमरे को ताजगी भरी खुशबू से भरें। इसके लिए सुगंधित मोमबत्तियां, डिफ्यूजर या पोटपुरी का इस्तेमाल करें। चमेली या लैवेंडर जैसी ताजा सुगंध चुनें।
Courtesy Deshpande, जोड़े इस सलाह पर ध्यान दे सकते हैं कि अपने बेडरूम के दक्षिण-पश्चिम कोने में दो रोज़ क्वार्ट्ज के दिल रखें। यह आपके जीवन में खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा लाएगा।
होम ऑफिस और बुकशेल्फ़ की व्यवस्था
बुकशेल्फ या ऑफिस डेस्क को पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना चाहिए। बेडरूम में काम और निजी जीवन को अलग रखने के लिए स्थान बनाना उचित होता है। वर्कस्टेशन को इस तरह से रखें कि काम करने वाला व्यक्ति पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। बिस्तर पर बैठकर काम करने से बचें।
बेडरूम लाइट्स के लिए वास्तु टिप्स
वास्तु के अनुसार, सूरज की रोशनी कमरे की सकारात्मक ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालती है। बेडरूम में प्राकृतिक रोशनी को भरपूर आने दें। सुनिश्चित करें कि कमरे की लाइटिंग समान रूप से फैली हो या ऊपर से आ रही हो। यदि संभव हो, तो लाइट फिटिंग्स को उत्तर और पूर्वी दीवारों पर लगाएं, क्योंकि उत्तर-पूर्व दिशा से आने वाली रोशनी समृद्धि का प्रतीक होती है। आरामदायक माहौल बनाने के लिए डिफ्यूज्ड लाइटिंग का इस्तेमाल करें।
इन चीजों से बचें:
- खराब या टूटी लाइट फिटिंग्स
- फ्यूज बल्ब
- बहुत तेज या चुभने वाली रोशनी
दर्पण लगाने के नियम
दर्पण को ऊर्जा को परावर्तित करने वाला माना जाता है, जिससे बेडरूम में बेचैनी और चिंताएं बढ़ सकती हैं। विशेषकर यदि बिस्तर के ठीक सामने दीवार पर दर्पण लगाने से बचना चाहिए। अगर आपके ड्रेसिंग टेबल में दर्पण है, तो इसे सही दिशा में लगाना जरूरी है। ड्रेसिंग टेबल को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर रखना शुभ माना जाता है।
इन बातों से बचें:
- अलमारी के दरवाजों पर दर्पण
- बिस्तर के ठीक सामने दर्पण
- दो दर्पणों को एक-दूसरे के सामने लगाना
बेडरूम के फर्श के लिए वास्तु
वास्तु के अनुसार लकड़ी का फर्श शुभ होता है और इसे बेडरूम में लगाया जा सकता है। अगर आप संगमरमर जैसे अन्य विकल्प चुन रहे हैं, तो हल्के रंग जैसे बेज, क्रीम या हल्का भूरा चुनें। फर्श को हमेशा समतल और दरारों से मुक्त रखना चाहिए, वरना नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। फर्श की नियमित सफाई भी जरूरी है। डिजाइन और पैटर्न का चयन करते समय ऐसे डिजाइनों से बचें जो बहुत भारी या जटिल दिखते हों।
इन बातों से बचें:
- टूटा या क्षतिग्रस्त फर्श
- बहुत अधिक डिज़ाइन या पैटर्न वाला फर्श
फ्रेंच विंडोज के साथ बेडरूम के लिए वास्तु
फ्रेंच विंडोज अपनी बड़ी और भव्य डिज़ाइन के लिए जानी जाती हैं। वास्तु के अनुसार, उत्तर दिशा में बड़ी खिड़कियां धन प्रवाह, संपत्ति और समग्र कल्याण को बढ़ावा देती हैं।
बेडरूम में अलमारी के ऊपर लॉफ्ट
अधिकतर घरों में अतिरिक्त स्टोरेज के लिए अलमारी के ऊपर लॉफ्ट होता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि लॉफ्ट बिस्तर के ठीक ऊपर न हो, क्योंकि इससे नींद और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
क्या बेडरूम में मंदिर बना सकते हैं?
वास्तु के अनुसार, बेडरूम में मंदिर बनाना उचित नहीं है, क्योंकि मंदिर एक पवित्र स्थान है और वहां सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा आ सकती है। हालांकि, यदि आप बेडरूम में एक छोटा पूजा स्थान बनाना चाहते हैं, तो उत्तर-पूर्व कार्नर का चुनाव करें। इस बात का ध्यान रखें कि सोते समय आपके पैर मंदिर की ओर न हों।
बच्चों के बेडरूम को सजाने के लिए वास्तु टिप्स
वास्तु के अनुसार, बच्चों का कमरा घर के पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए और कमरे का दरवाजा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा और खुशी कमरे में आए।
- दरवाजे पर किसी भी प्रकार के साइन या बोर्ड न लगाएं, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा जैसे गुस्सा और बच्चों व उनके माता-पिता के बीच झगड़े पैदा होते हैं।
- बिस्तर की दिशा ऐसी होनी चाहिए कि वह कमरे के प्रवेश द्वार के सामने न हो।
- इस बात का भी ध्यान दें कि बच्चों के कमरे में नुकीले कोने न हों क्योंकि ये ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करते हैं। खाली स्थान और लकड़ी का फर्नीचर कमरे की ऊर्जा पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- पढ़ाई की मेज को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए, जिससे याददाश्त और एकाग्रता में मदद मिलती है। मेज का आकार चौकोर या आयताकार होना चाहिए।
- सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को सक्रिय करने और शुभता बढ़ाने के लिए कमरे में क्रिस्टल पिरामिड या टॉवर रखें।
- बच्चों के कमरे में अच्छे माहौल के लिए उगते सूरज, भगवान गणेश या सरस्वती की फोटो लगाएं।
- बच्चों द्वारा जीते गए पदक, ट्रॉफी आदि दक्षिणी दीवार पर सजाई जा सकती हैं।
- बच्चों को बिस्तर पर खाना खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- कमरे में मेज के नीचे जूते या चप्पल न रखें, क्योंकि इससे एकाग्रता में कमी आती है।
बेडरूम वास्तु रंग
- बादाम के रंग जैसे मिट्टी के रंग दीवारों के लिए सबसे अच्छे बेडरूम रंग हैं।
- वास्तु के अनुसार बच्चों के बेडरूमों में चादरें, पर्दे, कालीनों के काले और गहरे नीले रंग का उपयोग करने से बचें क्योंकि वे बच्चे में अशांतकारी मनोभावों को भड़का सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
- वास्तु और फेंगशुई के अनुसार बेडरूम के लिए नीला रंग एक सुखद रंग है। अपने बैडरूम की रंग योजना में नीले रंग के संयोजन के साथ शांत ऊर्जाओं को आमंत्रित करें।
- हरे रंग को शामिल करें जिसका उपचार प्रभाव होगा और इनडोर पौधों के साथ सजावट का पूरक होगा।
- व्यवहिक जीवन में सुख-शांति लाने के लिए सफेद रंग की थीम चुनें।
- बेडरूम की सजावट में भूरे रंग और पेस्टल गुलाबी रंग चुनें जो जोड़ों के लिए एक और उत्तम रंग संयोजन है।
किन रंगों से बचें
बच्चों के कमरे में काले और गहरे नीले रंग की चादरें, पर्दे और कालीन लगाने से बचें। वास्तु के अनुसार, ये रंग बच्चों में नकारात्मक भावनाएं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
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वरिष्ठ नागरिकों के बेडरूम के लिए वास्तु
वरिष्ठ नागरिकों के बेडरूम को पीले, सफेद, हरे या नीले रंग के आरामदायक रंगों में डिज़ाइन करें। परिवार के मुखिया का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक उत्तर-पूर्व, पूर्व या उत्तर में भी एक कमरे का उपयोग कर सकते हैं। पलंग का सिरा पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। पुस्तकों को पश्चिम दिशा में एक शेल्फ पर रखना चाहिए। पढ़ने, लिखने, पेंटिंग आदि के लिए मेज और कुर्सी को उत्तर-पश्चिम कोने में रखें। दवाओं को एक शेल्फ पर रखें जो उत्तर और उत्तर-पूर्व के बीच में रखी गई हो।
गेस्ट बेडरूम के लिए वास्तु
वास्तु के अनुसार, गेस्ट बेडरूम उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए। जहां तक बेड लगाने की बात है तो कमरे के दक्षिण या पश्चिम भाग को प्राथमिकता दी जाती है। दक्षिण दिशा सोने के लिए आदर्श दिशा है अर्थात सिर दक्षिण की ओर होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि बिस्तर के ऊपर कोई बीम नहीं है। अतिथि को एक स्थान पर रहकर अच्छे वाइब्स और ऊर्जा का अनुभव होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गेस्ट रूम की दक्षिण या पश्चिम दीवार पर अलमारी स्थापित की जानी चाहिए। वास्तु के अनुसार, गेस्ट रूम के लिए सफेद, नीले और हरे रंग के हल्के रंगों की सिफारिश की जाती है क्योंकि वे शांति की ओर ले जाते हैं। डार्क शेड्स के इस्तेमाल से बचें क्योंकि इससे कमरा छोटा दिखता है और नकारात्मकता भी आती है। बाथरूम का दरवाजा बेड के विपरीत नहीं होना चाहिए।
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वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए पौधे
अगर आप बेडरूम में हरियाली चाहते हैं तो वास्तु के हिसाब से कुछ पौधे रखे जा सकते हैं.
- मनी प्लांट: मनी प्लांट कमरे के कोने में रखें ताकि वातावरण तनाव मुक्त हो जाए, हालांकि सुनिश्चित करें कि पौधे को अप्रत्यक्ष सूर्य की रोशनी मिलती रहे। यह पौधा सबसे अच्छे वायु शुद्ध करने वाले घरेलू पौधों में से एक है, इसलिए सुनिश्चित करें कि इसे बढ़ने के लिए कुछ सपोर्ट मिलता रहे।
- बैंबू प्लांट: वास्तु शास्त्र और फेंगशुई के मुताबिक बैंबू प्लांट सबसे भाग्यशाली पौधों में से एक होता है। इसे न्यूनतम देखभाल चाहिए और इसे बेडरूम में कहीं भी रखा जा सकता है. हालांकि साउथ-ईस्ट कॉर्नर इसके लिए सबसे मुफीद जगह है।
- लिली प्लांट: लिली प्लांट खुशी, शांति और सद्भाव का प्रतीक होता है। लिली का पौधा सकारात्मक बोध का अहसास दिलाता है और बुरे सपनों को दूर रखता है।
- लैवेंडर का पौधा: लैवेंडर की आरामदेह सुगंध आंतरिक शांति को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। आप इसे अपनी बेडसाइड टेबल के पास रख सकते हैं ताकि इसकी सबसे अच्छी खुशबू आ सके।
बेडरूम की बालकनी के लिए वास्तु
बालकनी को उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में बनाया जाना सबसे अच्छा होता है। बालकनी की दीवारें 90 डिग्री के कोण पर मिलनी चाहिए। सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, बालकनी के उत्तर-पूर्व कोने में कम ऊंचाई की बैठने की जगह बनानी चाहिए, जिस पर फूलों या लहरदार डिज़ाइन वाले प्रिंट हों। इससे बालकनी से जुड़े कमरे में भी रोशनी आती है।
बेडरूम में वास्तु दोष के लिए उपाय
यहां कुछ साधारण उपाय दिए गए हैं , जो बेडरूम में वास्तु दोष को ठीक कर सकते हैं, लेकिन हमेशा एक वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होता है। उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित बेडरूम में समुद्री नमक या कपूर के क्रिस्टल का बाउल रखें। समुद्री नमक और कपूर नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और किसी भी वास्तु दोष को दूर करने के लिए इसकी सलाह दी जाती है। उत्तर-पूर्व दिशा वाले बेडरूम की दीवारों को सफेद या पीले रंग में रंगें। लैवेंडर की खुशबू उत्तर-पूर्व दिशा में वास्तु दोष को दूर करने में मदद करती है।
उत्तर-पश्चिम दिशा के बेडरूम के लिए वास्तु उपाय
उत्तर-पश्चिम दिशा वाला बेडरूम अक्सर घर में रहने वाले लोगों के जीवन में संपत्ति के नुकसान और तनाव का कारण बनता है। उत्तर-पश्चिम कोने में चंद्र यंत्र रखने से वास्तु दोष ठीक हो सकते हैं।
दक्षिण-पूर्व दिशा के बेडरूम के लिए वास्तु उपाय
दक्षिण-पूर्व आग तत्व की दिशा है। इस दिशा में सोने से उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं, इसलिए वास्तु के अनुसार सोने की दिशा का पालन करना जरूरी है और यह सुनिश्चित करें कि सिर पूर्व या दक्षिण दिशा में हो। दक्षिण-पूर्व दिशा का बेडरूम शादीशुदा जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है और यह घर में रहने वालों के लिए स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा कर सकता है।
उत्तर-पूर्व दिशा के बेडरूम के लिए वास्तु उपाय
उत्तर-पूर्व दिशा में बेडरूम नहीं बनवाना चाहिए, क्योंकि इसे ईशान कोना कहा जाता है, जो घर के मंदिर के लिए सबसे उपयुक्त होता है। उत्तर-पूर्व में बेडरूम रखने से संपत्ति की हानि, काम में अड़चनें या शादी में देरी हो सकती है। उत्तर-पूर्व दिशा में वास्तु यंत्र रखें और कमरे के लिए हल्के रंगों का चयन करें।
अच्छी नींद के लिए वास्तु टिप्स
● बिस्तर के सामने सीधे शीशे का प्रयोग न करें।
● बेडरूम को अस्त-व्यस्त न रखें।
● नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।
● बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स न रखें।
● बेडरूम की दीवारों को हल्के रंगों जैसे कि मिट्टी के रंग, क्रीम, बेज, हल्का पीला आदि से पेंट करें।
● हमेशा बिस्तर के चादर व पर्द नए व साफ उपयोग करें। पुराने सामान को हटा दें।
● फूलों को वासों में रखें। मुरझाए पौधों या कृत्रिम फूलों से बचें।
Housing.com का पक्ष
अगर आप नया घर खरीद रहे हैं या निर्माण करवा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि बेडरूम के वास्तु के नियमों का पालन करें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बेडरूम की सही दिशा का चयन करें। इसके अलावा बेड, फर्नीचर, कलर कॉम्बिनेशन आदि के लिए विभिन्न वास्तु दिशा-निर्देश होते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि बेडरूम में नकारात्मक ऊर्जा के स्रोतों का ध्यान रखें, जैसे अटैच बाथरूम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। बेडरूम में संभावित वास्तु दोषों का पता लगाएं और उन्हें सुधारने के उपाय अपनाएं, ताकि नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके। आप वास्तु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं, ताकि सर्वोत्तम वास्तु उपचार मिल सकें और शांति और समृद्धि सुनिश्चित हो सके। इन सरल वास्तु उपायों का पालन करके, कोई भी शांति और स्वागतपूर्ण बेडरूम बना सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए कौन-सा रंग सबसे अच्छा है?
बेडरूम की दीवारें ऑफ-व्हाइट, बेबी पिंक या क्रीम रंग से रंगवाएं। गहरे रंगों से बचें। कमरा साफ-सुथरा और व्यवस्थित होना चाहिए। बेडरूम को हमेशा साफ और अव्यवस्था से मुक्त रखें।
वास्तु के अनुसार सोने की सबसे अच्छी दिशा कौन-सी है?
वास्तु के अनुसार, दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना सबसे अच्छा माना जाता है। इस स्थिति में पैरों की दिशा उत्तर की ओर होती है, जिससे नींद अच्छी आती है। इस विषय में अधिक जानकारी लेख में दी गई है।
वास्तु के अनुसार पलंग की सही दिशा क्या होनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पलंग को इस तरह रखें कि सिर पूर्व या दक्षिण दिशा में हो।
वास्तु के अनुसार परदों के लिए आदर्श रंग कौन-से हैं?
बेडरूम में गहरे लाल और काले रंग के परदे लगाने से बचें। इसके बजाय हल्के रंग जैसे सफेद, क्रीम, हल्का भूरा, हरा या गुलाबी परदे चुनें। ये रंग मन को शांत करते हैं।
वास्तु के अनुसार अच्छे भाग्य के लिए तकिए के नीचे क्या रखना चाहिए?
सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य के लिए सोते समय तकिए के नीचे मोरपंख रखें। शांति से नींद पाने के लिए कोई धार्मिक पुस्तक भी तकिए के नीचे रखी जा सकती है।
(अरुणा राठौड़ के इनपुट्स के साथ)
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