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वास्तु टिप्स: इस दिशा में बैठकर पूजा-पाठ करना माना जाता है शुभ

वास्तु शास्त्र में आज जानिए पूजा करने की सही दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।  इनमें से भी पूर्व दिशा में मुख करके पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ रहता है।  क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य की प्रतीक है।  वास्तु शास्त्र में पूजा के लिए पश्चिम की तरफ पीठ करके यानी पूर्वाभिमुख होकर बैठना ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है।

 

 

इस दिशा में उपासना करने से हमारे भीतर क्षमता और सामर्थ्य का संचार होता है। जिससे हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होती है।  इस दिशा में पूजा स्थल होने से घर में रहने वालों को शांति, सुकून, धन, प्रसन्नता और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। 

 

पूजा स्थल बनाने की सही दिशा

 

घर में पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार इस दिशा को शुभ माना जाता है। घर के अंदर रखने वाले मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए। घर के भीतर पूजा घर बनवाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि इसके नीचे या ऊपर या फिर अगल-बगल शौचालय नहीं होना चाहिए। इसते साथ ही भूलकर भी घर की सीढ़ी के नीचे पूजाघर नहीं बनाना चाहिए।

 

हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे।

हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें

 

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