घर के लिए वास्तु के हिसाब से उपयोग किए गए रंग उस घर में रहने वालों पर प्रभाव डालते हैं। हम घर के लिए वास्तु रंगों के महत्व और वास्तु चार्ट के अनुसार इन रंगों के महत्व पर विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं।
आइए इसे इस तरह समझते हैं कि आखिर कैसे रंगों का हमारी मनोविज्ञान पर क्या प्रभाव पड़ता है और किस प्रकार वास्तु हमें सही रंग चुनने में मदद करता है। ऐसे में पहला सवाल है कि घर के लिए सबसे अच्छा रंग कौन सा है? – इसका जवाब हम पहले पैराग्राफ में देंगे।
घर के लिए वास्तु रंगों का लोगों पर महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है क्योंकि विशेष रंग लोगों में विभिन्न तरह की भावनाओं जाग्रत करते हैं। इन रंगों का सुझाव संबंधित विभिन्न पंच तत्वों के आधार पर दिया जाता है। घर में इन रंगों का संतुलन बेहद जरूरी है, क्योंकि यह रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं और धन को आकर्षित करने के साथ-साथ स्वस्थ भी रखते हैं और सकारात्मक जीवन जीने में सहायता करते हैं।
घर के लिए सबसे अच्छा रंग कौन सा है?
घर के लिए सबसे अच्छा रंग उस घर की ऊर्जा, स्थान, कमरे की स्थिति, दिशा और मूड पर निर्भर करता है। वास्तु के अनुसार, घर के लिए सही रंग चुनना आपके रहने वाले स्थान की सौंदर्यता की अपील में बढ़ोतरी कर सकता है। घर के लिए वास्तु के हिसाब से रंगों का चुनाव एक दृष्टि से मनभावन और सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद करता है, जो संतुलित जीवन शैली में सहायक होता है।
घर के रंग चुनने में पंच तत्वों की भूमिका
घर के लिए वास्तु रंगों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश- इन सभी पंच तत्वों के साथ संतुलन स्थापित हो।
पृथ्वी तत्व
पृथ्वी तत्व घर में उन स्थानों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां स्थिरता की आवश्यकता होती है, जैसे घर में लिविंग रूम, बेडरूम आदि। पृथ्वी तत्व के साथ संतुलन बनाने के लिए घर में भूरे, हरे, ऑफ-व्हाइट, बेज आदि रंगों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा आप अपने डेकोर में जूट, बांस, बेंत, लकड़ी, रिसाइकिल करने योग्य कपास जैसी कुछ प्राकृतिक सामग्री का भी उपयोग कर सकते हैं।
अग्नि तत्व
अग्नि तत्व को प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और रसोई के साथ-साथ लिविंग रूम के लिए उचित होता है। लाल, नारंगी जैसे रंग अग्नि तत्व से जुड़े होते हैं, लेकिन इन्हें संतुलन के लिए तटस्थ रंगों के साथ मिलाकर उपयोग करना चाहिए।
जल तत्व
वास्तु के अनुसार, बेडरूम की दीवारों पर नीले, समुंदर हरे जैसे अलग-अलग रंगों का उपयोग बहुत होता है। यह रंग आराम का प्रतीक है और इसकी दीवारों पर उपयोग से सकारात्मक और शांत ऊर्जा मिलती है।
वायु तत्व
जैसा कि नाम से पता चलता है वायु प्रकृति और खुलेपन को दर्शाता है। वायु तत्व के संतुलन लिए घर में हल्के रंग जैसे पेस्टल्स, हल्के हरे, पीले आदि रंगों का उपयोग करना चाहिए। लिविंग रूम और घर में खुले स्थान में इन रंगों का इस्तेमाल प्रमुखता के साथ करना चाहिए।
आकाश तत्व
लिविंग रूम के प्रवेश द्वार, ध्यान कक्ष आदि जैसे स्थान आकाश तत्व का प्रभाव ज्यादा होता है और इन स्थानों पर सफेद रंग, क्रीम रंग और पेस्टल के हल्के शेड्स का उपयोग करना चाहिए, जिससे आकाश तत्व के साथ अच्छा तालमेल स्थापित होता है।
घर के लिए वास्तु रंगों का महत्व
- पॉजिटिव एनर्जी का संचार: वास्तु के अनुसार, रंगों का हमारे मन और शरीर पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है। सही रंगों का चयन करके, हम अपने घर में पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ावा दे सकते हैं और नेगेटिव एनर्जी को दूर कर सकते हैं।
- आराम और शांति: रंगों का हमारे मनोदशा और मूड पर भी प्रभाव पड़ता है। सही रंगों का चयन करके, हम अपने घर में आराम और शांति का माहौल बना सकते हैं।
- सौभाग्य और समृद्धि: वास्तु के अनुसार, कुछ रंगों को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सही रंगों का चयन करके, हम अपने घर में सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं।
घर के लिए वास्तु रंग किस गुण का प्रतिनिधित्व करते हैं?
रंग | किस गुण का प्रतिनिधित्व |
लाल | बहादुरी, जुनून, शक्ति, भावनाएं, गर्मजोशी |
नीला | सौंदर्य, संतोष, भक्ति, सत्य, नवीन कार्य |
हरा | विकास, उपचार, उर्वरता, समृद्धि |
सफेद रंग | पवित्रता, खुलापन, मासूमियत, विलासिता |
पीला | आशावादी, खुलापन, अध्ययन, बुद्धिमत्ता |
नारंगी | आध्यात्मिकता, शक्ति, दृढ़ संकल्प, लक्ष्य, अच्छा स्वास्थ्य, आराम |
भूरा रंग | स्थिरता, संतुष्टि, आराम |
बैंगनी | धन-दौलत, विलासिता, शालीनता, गर्व |
काला | उदास और नकारात्मक ऊर्जा
|
वास्तु के अनुसार, रूम की दीवारों का रंग
कमरा | वास्तु के अनुसार दीवार के रंग | वास्तु के अनुसार दीवारों पर इन रंगों का प्रयोग न करें |
घर का बाहरी हिस्सा |
पीला-सफेद, हल्का बैंगनी, हल्का बैंगनी | काला |
मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार | सफेद, चांदी या लकड़ी के रंग का उपयोग | लाल, गहरा पीला |
घर की छत | सफेद या हल्का सफेद | काला और ग्रे |
ड्राइंग या लिविंग रूम | सफेद पीला | ज्यादा गहरा रंग |
डाइनिंग रूम |
हरा, नीला या पीला रंग | स्लेटी |
रसोई घर | नारंगी या लाल | गहरा ग्रे, नीला, भूरा और काला |
पूजा कक्ष | पीला | लाल |
स्टडी रूम | हल्का हरा, नीला, क्रीम या सफेद | भूरा, ग्रे |
मास्टर बेडरूम | नीला | लाल रंग के गहरे शेड |
अतिथि का कमरा | सफेद | लाल रंग के गहरे शेड |
बच्चों का कमरा | सफेद | गहरा नीला और लाल |
बाथरूम | सफेद | किसी भी रंग के गहरे शेड |
बालकनी या बरामदा | नीला, क्रीमी कलर, गुलाबी और हरे रंग का प्रयोग | धूसर काला लगाने से बचें |
गैरेज | सफेद, पीला, नीला | काला और भूरा रंग |
सीढ़ी | सफेद, बेज, भूरा, हल्का ग्रे, हल्का नीला | लाल और काला |
हालांकि यह घर में उपयोग किए जाने वाले वास्तु रंगों की त्वरित संदर्भ के लिए एक सूची है, लेकिन ऊपर दी गई सूची में दिए गए रंग वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर के मालिक के अनुकूल नहीं हो सकते हैं। A2ZVastu.com के सीईओ और संस्थापक विकास सेठी के मुताबिक. वास्तु के अनुसार रंगों का फैसला घर के मालिक की दिशा और जन्म तिथि के आधार पर किया जाना चाहिए।
दीवारों के रंगों के लिए वास्तु टिप्स
- ऐसे रंग चुनें जो आपके अनुरूप ग्रह या लकी नंबर से संबंधित हो. बेडरूम के लिए रंग चुनते वक्त किसी न्यूमरोलॉजिस्ट से सलाह ले लें।
- पश्चिम दिशा शनि की है इसलिए इस कोने के लिए ग्रे कलर सही रहेगा।
- वास्तु के हिसाब से उत्तरी दिशा की दीवार का रंग- जल और वायु जैसे तत्वों से प्रभावित घर का उत्तरी छोर बेहद पवित्र जगह होती है. माना जाता है कि इसी छोर में धन की देवी लक्ष्मी जी का वास होता है. इसलिए इसी दिशा से घर में धन आता है. उत्तर दिशा की दीवार का रंग वास्तु के हिसाब से हल्का नीला, हरा या पिस्ता वाला होना चाहिए. अगर आपने गौर किया हो, तो आपने देखा होगा कि वास्तु के हिसाब से उत्तर की दीवार का रंग हल्का और मन को सुखद अनुभव कराने वाला होता है. साथ यह भी ध्यान दें कि वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा की दीवारों में गहरे रंग नहीं करने चाहिए. क्योंकि इसकी वजह से आपको पैसे-रुपयों में नुकसान उठाने के साथ अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है| उत्तर दिशा के लिए ग्रीन एक पसंदीदा रंग है क्योंकि इस पर बुध ग्रह का शासन है. उत्तर पूर्व दिशा पर बृहस्पति ग्रह का शासन है लिहाजा इस दिशा की दीवारों के लिए पीला रंग बेहतर है।
- वास्तु के अनुसार दक्षिण की दीवार का रंग या तो नारंगी या लाल होना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा मंगल द्वारा शासित है।
- चूंकि पूर्व दिशा सूर्य की है इसलिए हमेशा इस दिशा में नारंगी रंग कराएं. इसी तरह दक्षिण-पूर्व दिशा के लिए लाल रंग बेहतरीन है।
दीवार के वे रंग, जो सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं
अगर आप ऐसे दीवार के रंग खोज रहे हैं, वो घर में सकारात्मकता लाते हैं, तो इन कलर पैलेट को चुन सकते हैं –
पीला
पीला रंग संचार, आत्म-सम्मान और शक्ति से जुड़ा होता है.
बैंगनी
बैंगनी स्थिरता के लिए एक शानदार वातावरण बनाता है. आरामदायक और सुकून भरी नींद के लिए आप लैवेंडर जैसे हल्के रंगों का चुनाव कर सकते हैं.
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हरा
हरा रंग तनाव को शांत करता है। यह लकड़ी के तत्व से भी जुड़ा है और इसमें तनाव और डिप्रेशन को दूर करने के गुण हैं।
घर के बाहरी रंग
वास्तु के अनुसार, बाहरी दीवारों का रंग हल्का पीला-सफेद, ऑफ-व्हाइट, हल्का मौवे (बैंगनी) या जंग जैसा नारंगी होना चाहिए, जो सभी राशियों के लोगों के लिए अनुकूल हो।
- मुख्य दरवाजा/ प्रवेश द्वार: मुख्य दरवाजे के लिए हल्के रंगों का चयन करना चाहिए, जैसे सफेद, चांदी या लकड़ी के रंग, जो आपके लिविंग रूम के कलर कॉम्बिनेशन के मेल खाते हो। यदि आपका मेन गेट दक्षिण दिशा की ओर है तो मूंगा लाल या गुलाबी रंग का उपयोग करना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा मंगल ग्रह के प्रभाव में आती है और मंगल का रंग लाल है।
- प्रवेश क्षेत्र के लिए हरा रंग : वास्तु के अनुसार, घर के प्रवेश क्षेत्र के लिए हरा रंग बहुत शुभ होता है। इससे सेहत को लाभ, आराम , जीवन में उन्नति और नई शुरुआत जैसे फायदे होते हैं। हरा रंग मन के उतार-चढ़ाव और गुस्से की समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- बालकनी / बरामदा: वास्तु के रंगों के अनुसार, घर की बालकनी हमेश उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। वास्तु नियमों के मुताबिक, बालकनी के लिए नीले, क्रीम और गुलाबी और हरे रंग के हल्के टोन जैसे शांत रंगों का उपयोग करना चाहिए। बालकनी घर में ऐसा स्थान होता है, जहां से घर में रहने वाले लोग बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं।
घर में गैरेज: घर के गैराज के लिए आदर्श स्थान उत्तर-पश्चिम दिशा होती है। गैरेज के लिए सबसे उचित रंग सफेद, पीला, नीला या कोई अन्य हल्का शेड वाला रंग होना चाहिए।
घर में हॉल का रंग
हर घर का लिविंग रूम ऊर्जा का केंद्र होता है। वास्तु के अनुसार, हॉल उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा वाले लिविंग रूम को पीले या सफेद रंग से रंगना चाहिए। यह जगह आरामदायक और शांत होनी चाहिए, न कि बहुत चमकदार या तीव्र। इसके अलावा, यहां वास्तु के अनुसार हल्के हरे या नीले जैसे शांत रंग भी उपयुक्त हैं। यह जगह सुकून भरी और आरामदायक होनी चाहिए।
घर की छत का रंग
वास्तु के अनुसार, घर की छत का रंग भी हमेशा हल्का होना चाहिए। अगर यह सफेद रंग की होती है तो इससे सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और नकारात्मकता को दूर करती है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपने छत के लिए गहरे रंग का चुनाव किया है तो आपको इसे सफेद या हल्के और पेस्टल रंगों से फिर से रंगने पर विचार करना चाहिए। छत पर सफेद रंग खुलेपन, पवित्रता, स्वच्छता, खुलेपन और विलासिता को दर्शाता है।
घर की सीढ़ियों का रंग
जब घर की सीढ़ियों की बात आती है तो वास्तु के अनुसार हल्के रंग जैसे बेज, ओक वुड, सफेद आदि रंग सबसे अच्छे माने जाते हैं। लाल, काला, नेवी ब्लू जैसे गहरे रंगों से बचना चाहिए क्योंकि ये गहरे रंगों की कैटेगिरी में आते हैं।
बच्चों के कमरे का रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चों के कमरे में रंगों का चयन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए। यदि आपका बच्चा अभी छोटा है तो फिर हल्के पेस्टल रंग का चुनाव करना चाहिए, जो बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यदि आपका बच्चा बड़ा हो गया है और उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने वाले हैं तो उनके लिए उत्तर-पश्चिम दिशा को अच्छा माना जाता है। उत्तर-पश्चिम दिशा चंद्रमा द्वारा शासित होती है, इसलिए वास्तु के अनुसार इस दिशा में बच्चों के कमरे को सफेद रंग से रंगना चाहिए।
स्टडी रूम का रंग
यदि आपके पास घर या कार्यालय में अध्ययन कक्ष है तो इसके लिए वास्तु रंगों के अनुसार हल्के हरे, नीले, क्रीम और सफेद जैसे रंगों का चयन करना चाहिए। स्टडी रूम में सुनहरे, पीले, भूरे और हल्का हरा रंग स्थिरता देता है। इन रंगों के आपके काम की उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है और कमरा बड़ा दिखने का आभास होता है।
मेहमानों के कमरे का रंग
- यदि अतिथि कक्ष घर के उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो हल्के नीले रंग का उपयोग करना चाहिए।
- अगर अतिथि कक्ष दक्षिण दिशा में हो तो हल्के गुलाबी, बैंगनी, लाल या नारंगी रंग चुनना चाहिए।
- घर के पूर्व दिशा में स्थित अतिथि कक्ष के लिए हरे या भूरे रंग का चयन करें।
वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में अतिथि कक्ष के लिए पीला, क्रीम या बेज रंग सबसे उपयुक्त हैं।
वास्तु के अनुसार, मंदिर में किस रंग का इस्तेमाल करना उचित है?
वास्तु नियमों के मुताबिक, घर के मंदिर में सफेद, हल्का नीला, लैवेंडर, पीला या हल्का हरा जैसे हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। ये रंग मंदिर के कमरे में सकारात्मकता का संचार करते हैं।
वास्तु के अनुसार रसोई के लिए सबसे अच्छे रंग क्या है?
- वास्तु के अनुसार रसोई के सबसे अच्छा रंग नारंगी और लाल होता है क्योंकि रसोई घर अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
- वास्तु के अनुसार, रसोई के रंग में चमकीले शेड भी शामिल कर सकते हैं, इसलिए वास्तु के अनुसार रसोई का रंग पीला भी हो सकता है।
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक, गुलाबी रंग को प्यार और गर्मजोशी का प्रतीक माना जाता है, वहीं भूरे रंग को संतुष्टि का प्रतीक माना जाता है।
- रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व क्षेत्र आदर्श होता है। अगर रसोई में कैबिनेट हैं, तो आप नींबू पीला, नारंगी या हरा रंग रसोई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। ये रंग ताजगी, स्वास्थ्य और सकारात्मकता को दर्शाते हैं।
- रसोई घर की फ्लोरिंग के लिए मोजेक, संगमरमर या सिरेमिक टाइल का चुनाव करना चाहिए। हल्के शेड जैसे बेज, सफेद या हल्का भूरा रंग वास्तु के अनुसार रसोई घर के फ्लोर के लिए अच्छे माने जाते हैं।
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक, रसोई का स्लैब प्राकृतिक रूप से उपलब्ध पत्थरों से बना होना चाहिए, जिसमें ग्रेनाइट या क्वार्ट्ज जैसे पत्थर शामिल हैं।
- रसोई घर के लिए वास्तु के अनुसार, नारंगी, पीला और हरा रंग रसोई के काउंटर टॉप के लिए अच्छे होते हैं।
वास्तु के अनुसार, नव विवाहित जोड़ों के बेडरूम का रंग
नवविवाहित जोड़े के बेडरूम में रंगों का चुनाव इस आधार पर कर सकते हैं –
- नीला रंग सुंदरता, ईमानदारी, संतोष का प्रतीक होता है।
- हरा रंग सकारात्मकता का प्रतीक है।
- पीला रंग खुशमिजाजी का प्रतीक माना जाता है।
- गुलाबी रंग सकारात्मकता को दर्शाता है।
- सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है।
- आधुनिक बेडरूम की सजावट वाले लोग चैती रंग का भी काफी पसंद करते हैं।
- लैवेंडर को एक काफी सुखदायक रंग है।
- चारकोल एक ऐसा रंग है, जो काले रंग का विकल्प है। हालांकि, इन रंगों की वास्तु के अनुसार सिफारिश नहीं की जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि चारकोल जैसा रंग तन और मन में आलस्य व थकान पैदा करता है।
घर में बेडरूम आराम करने की जगह होती है और वास्तु के अनुसार, मास्टर बेडरूम का रंग हमेशा सुखदायक और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होना चाहिए। बेडरूम के वास्तु रंगों के अनुसार, मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना अच्छा माना जाता है। बेडरूम के लिए वास्तु रंगों का उपयोग करने के साथ-साथ जगह को हल्का और ठंडा रखना सबसे अच्छा होता है।
वास्तु के अनुसार, मास्टर बेडरूम सफेद रंग का होने के साथ-साथ नीले रंग के दरवाजे और फर्नीचर वाला हो सकता है। इसके अलावा कोई भी हल्का या पेस्टल शेड बेडरूम के लिए वास्तु शास्त्र के रंगों के रूप में अच्छी तरह से काम कर सकता है। वास्तु के अनुसार, मास्टर बेडरूम में भारी और गहरे रंगों का चयन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह बेडरूम में उदासी व नकारात्मकता की भावना पैदा करते हैं।
वास्तु के अनुसार, घर में परदों का रंग
वास्तु के मुताबिक, घर में लगाए जाने वाले परदे सिर्फ दीवारों के रंग को ही नहीं, बल्कि कमरे में मौजूद सभी रंग हमें प्रभावित करते हैं। आप घर में सफेद, ऑफ-व्हाइट, गुलाबी लाल, गुलाबी आदि जैसे हल्के रंग के परदे चुन सकते हैं। वास्तु के अनुसार, ये रंग घर में शांति और आराम देते हैं, जो बेडरूम के लिए आदर्श माने जाते हैं। घर में परदे लगाने समय वास्तु के अनुसार इन रंगों का चुनाव करना चाहिए –
- लिविंग रूम के पर्दों के लिए पीला, हरा और नीला रंग सबसे उचित होता है।
- डाइनिंग रूम के लिए हरे, गुलाबी और नीले रंग के परदे लगाना चाहिए। वास्तु के मुताबिक, जहां हरा रंग आशा का प्रतीक है। यह सद्भाव का प्रतीक भी होता है, वहीं नीला रंग नई शुरुआत को दर्शाता है और गुलाबी रंग प्यार का प्रतीक माना जाता है।
- वास्तु के अनुसार, बाथरूम में पर्दों का रंग गुलाबी, सफेद, काला और ग्रे रंग का होना चाहिए।
- घर की उत्तर दिशा में स्थित कमरों में हल्के हरे रंग के परदे लगाना उचित होता है।
- वास्तु के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा वाले कमरों में सफेद रंग के परदे होना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार, पश्चिम दिशा वाले कमरों में ग्रे रंग के पर्दे होने चाहिए।
- दक्षिण-पूर्व दिशा वाले कमरों में लाल या गुलाबी रंग के पर्दे होने चाहिए।
- उत्तर-पूर्व दिशा वाले कमरों में पीले रंग के पर्दे होने चाहिए।
बाथरूम की चीजों के लिए रंगों का चुनाव
- उत्तर-पश्चिम दिशा बाथरूम के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
- बाथरूम में नीला, भूरा या सफेद रंग का टब या बाल्टी होनी चाहिए।
- बाथरूम में काले या लाल रंग के टब या बाल्टी नहीं रखना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार, बाथरूम की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए।
- बाथरूम में अगर वॉशिंग मशीन रखी जाती है तो उसे दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम कोने में रखना चाहिए।
घर में फ्लोरिंग के लिए सबसे अच्छे रंग
- वास्तु के अनुसार, घर की फ्लोरिंग के लिए हल्का, पीला और तटस्थ रंगों का चुनाव करना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार, सफेद संगमरमर या ग्रेनाइट घर की फ्लोरिंग के लिए उपयुक्त होता है, क्योंकि यह शांतिपूर्ण वातावरण बनाकर रखता है।
- घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लकड़ी के फर्श का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- उत्तर-पूर्व दिशा में फर्श के लिए नीले रंग का उपयोग किया जा सकता है। दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल या गुलाबी रंग का फर्श होना चाहिए।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा के कमरों में पीले रंग के फर्श होने चाहिए।
घर के बाहर सुरक्षा केबिन का रंग
वास्तु नियमों के मुताबिक, यदि आपके घर के बाहर सुरक्षा केबिन स्थिति हैं तो इसके लिए नीला रंग सबसे अच्छा माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, घर की प्रकाश व्यवस्था
वास्तु नियमों के मुताबिक, रंग और रोशनी एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। ऐसे में घर की प्रकाश व्यवस्था करते समय दिशा के अनुरूप इन नियमों का पालन करना चाहिए।
घर की दिशा | प्रकाश का रंग |
ईशान कोण | नीला |
दक्षिण पश्चिम | पीला |
उत्तर पश्चिम दिशा | सफेद |
दक्षिण पूर्व दिशा | लाल |
वास्तु टिप्स: दिशा के अनुसार दीवार का रंग
दिशा | दिशा का स्वामी ग्रह | रंग |
ईशान कोण | बृहस्पति | हल्का नीला, पीला |
पूर्व | सूरज | सफेद, हल्का नीला |
दक्षिण पूर्व | शुक्र | नारंगी, गुलाबी, चांदी |
उत्तर | बुध | हरा, पिस्ता हरा, हल्का नीला |
उत्तर पश्चिम | चंद्रमा | वास्तु के अनुसार, हल्का ग्रे रंग, सफेद, क्रीम |
पश्चिम | शनि ग्रह | वास्तु के अनुसार, पश्चिम की दीवार का रंग नीला, सफेद, ग्रे होना चाहिए |
दक्षिण पश्चिम | राहु | कीचड़ जैसा रंग या हल्का भूरा |
दक्षिण | मंगल ग्रह | लाल, मूंगा लाल, गुलाबी और पीला |
घर के लिए वास्तु के अनुसार प्लांटर्स के रंग
- यदि आप उत्तर दिशा में पौधे रखने का इरादा रखते हैं, तो उन्हें नीले, भूरे या काले रंग के प्लांटर्स में लगाना चाहिए।
- पूर्व दिशा में हरे रंग के गमलों में लगाए गए पौधे घर के लोगों के निजी और बिजनेस के विकास में मदद करते हैं। पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में भूरे रंग के प्लांटर्स में फूल वाले पौधे लगाने से घर में खुशहाली आती है।
- दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल रंग के गमलों में लगाए गए पौधे घर में रहने वालों को आर्थिक रूप से मदद करेंगे और उन्हें सुरक्षित भी बनाएंगे।
उचित रंगों का चयन न करने से घर में नकारात्मक प्रभाव
- घर को सजावट व डिजाइनिंग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि घर के अंदर ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक रोशनी आए।
- हर कमरे में इस्तेमाल किए गए रंग सूरज की रोशनी की मात्रा के आधार पर अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं। प्राकृतिक रोशनी के साथ इस्तेमाल किए जाने वाले हल्के रंग इसे ज्यादा खुला और विशाल बना देते हैं, प्राकृतिक रोशनी के साथ गहरे रंग इसे आरामदायक और समावेशी लुक दे देते हैं।
- अपने कमरे के सजावट के समय रंगों को संतुलित बनाकर रखें। जिस कमरे में पर्याप्त धूप आती हो, उसमें गहरे रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। कम धूप और गहरे रंग वाला कमरा काफी बंद महसूस होगा, जिससे बचने की कोशिश करना चाहिए। एक छोटी सी जगह में हल्के रंगों का इस्तेमाल पूरे कमरे को एक विशाल लुक दे सकता है।
वास्तु के अनुसार, घर के मेन गेट और खिड़कियों का रंग
घर के मुख्य दरवाजे के लिये सही रंग चुनना उतना ही आवश्यक है जितना की वास्तु के अनुसार सही दिशा चुनना। इसलिए आइये जानते हैं दरवाजों के लिये सही रंग कैसे चुने व कौन – कौन से रंग हैं सही.
वास्तु के अनुसार, मुख्य दरवाजे के लिए सफेद रंग
अगर आप किसी फ्लैट या छोटे घर में रहते हैं तो आपको अपने घर के मुख्य दरवाजे का कलर सफेद रंग का करवाना चाहिए। सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है, जिससे आपके घर परिवार में सुख- शांति बनी रहती है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य दरवाजे के लिए वुडेन ब्राउन रंग
वास्तु के अनुसार अगर आपका मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ खुलता है तो आप अपने मुख्य दरवाजे के लिये लकड़ी वाले ब्राउन रंग को रंग सकते हैं। आपके मुख्य द्वार के लिये यह न केवल सुंदर दिखता है बल्कि यह आपके घर में एक खूबसूरत और संतुलन बनाये रखने में आपकी मदद करता है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य दरवाजे के लिए ग्रे या मेटल के रंग
वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार के लिये ग्रे रंग के दरवाजे और मेटल के दरवाजे आपके घर को एक बेहतरीन लुक देते हैं। अगर आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर- पश्चिम दिशा की ओर है तो आप इस रंग का चुनाव अवश्य करें अपने मुख्य दरवाजे के लिये।
वास्तु के अनुसार, मुख्य दरवाजे के लिए डार्क हरा रंग
वास्तु के अनुसार हरा रंग हरियाली और सौहार्द का प्रतीक होता है। इसलिए अगर आपका मुख्य द्वार उत्तर दिशा में है तो यह आपके घर परिवार में नए अवसरों के आने का संकेत देता है । ऐसे में अगर आप अपने घर के प्रवेश द्वार पर डार्क हरे रंग का मुख्य दरवाजा लगाते हैं तो आपके परिवार के सदस्यों को अपने जीवन में नये अवसर मिलने की संभावना अधिक होती है ।
वास्तु के अनुसार मुख्य दरवाजे के लिए सिल्वर रंग
वास्तु के अनुसार सिल्वर कलर अग्नि तत्व एवं धन से संबंधित होता है। इसलिए अपने ग्रहों को संतुलित रखने के लिये आपको अपने घर के मुख्य दरवाजे के रंग को सिल्वर रंग में रंगवाना चाहिए। खासकर अगर आप का मुख्य द्वार दक्षिण- पूर्व दिशा में हो तो आपको अवश्य सिल्वर रंग से ही पेंट करवाना चाहिए।
वास्तु टिप्स : दीवार की पेंटिंग के लिए रंग
वास्तु के अनुसार वॉल कलर्स के साथ साथ दीवार पर टंगे चित्र भी प्रभावशील होते हैं. घर का उत्तरी दिशा आजीविका से जुड़ा होता है. नीला रंग जैसे के समुद्र नदी तलाव या झरना के रंग समृद्धि और लक बढ़ाता है. कोई भी चित्र जो पानी से किसी भी तरह जुड़ा हो उसे बेडरूम में नहीं लगाएं. उत्तर दिशा के दीवार में रास्ते का चित्र लगाने से आजीविका के नए मौके मिलते है.
ऐसे चित्रों या छवियों का उपयोग करना सबसे अच्छा है जो प्राकृतिक हैं या प्रकृति से मिलते-जुलते हैं, क्योंकि ऐसी चित्रों के देखने से मन को शांति मिलती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व सूरज को दर्शाता है और दक्षिण अग्नि को. इसलिए उगते हुए सूरज और हरियाली वाले चित्र पूर्व और दक्षिण पूर्व की ओर लगाए जा सकते हैं. दक्षिण धरती मिट्टी और स्थिरता का प्रतीक है. दक्षिण दिशा की ऊर्जा बढ़ाने के लिए आप दीवार पे पहाड़ और ऊंचे पेड़ों की राउंड रंग के फ्रेम वाली तस्वीर लगा सकते हैं.
मौसमी बदलाव
मौसमी बदलाव के आधार पर अपने घर का वास्तु के अनुसार अपडेट करना, इसे एक अच्छा रूप देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि ऊर्जा बनी रहे। पर्दे, बेडस्प्रेड, कंबल, कुशन कवर और कालीन बदलें ताकि वह उस मौसम की ऊर्जा और रंग को दर्शाए।
वास्तु के अनुसार, घर में किन रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- वास्तु के अनुसार, घर में कभी भी लाल, भूरा, ग्रे रंग और काला रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये रंग राहु, शनि, मंगल और सूर्य जैसे कुछ उग्र ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- पूरे घर में कभी भी सफेद रंग भी इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति में अहंकार का तत्व आता है।
- मंदिर या पूजा कक्ष में काले रंग का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार काला रंग बहुत ही विघटनकारी होता है। काला रंग ऊर्जा के सकारात्मक प्रवाह को कमजोर करता है।
- रसोई में कभी भी काले रंग की फ्लोरिंग नहीं करवाना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार, बेडरूम के रंग के लिए लाल रंग को वर्जित माना जाता है क्योंकि यह अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और स्वभाव से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- घर के मालिकों को गैरेज और कार पार्किंग क्षेत्र में भी गहरे रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- स्टडी रूम में गहरे रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर में उदासी छा जाती है।
- कमरे में गहरे नीले या लाल जैसे गहरे रंगों का इस्तेमाल न करें क्योंकि ये रंग बच्चे में आक्रामकता को बढ़ावा दे सकते हैं।
- वास्तु के अनुसार, गहरे भूरे रंग से भी बचना चाहिए। रसोईघर के लिए भूरा और काला रंग वास्तु के अनुसार शुभ नहीं होता है। रसोईघर की दीवार पर नीला रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि नीला रंग जल के देवता वरुण का प्रतिनिधित्व करता है और रसोईघर एक ऐसा क्षेत्र है, जहां अग्नि देव का शासन होता है।
Housing.com का पक्ष
सभी तरह के रंग हमारी भावनाओं और सेहत पर महत्वपूर्ण असर डालते हैं। भारतीय वास्तु शास्त्र के आधार पर आप अपने घर को अनुकूल रंगों से साथ सजा सकते हैं, जो आपके घर में सकारात्मकता ला सकते हैं। घर के लिए रंगों का चयन करते समय संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। इस बात पर भी ध्यान दें कि वास्तु शास्त्र हमेशा प्राकृतिक तत्वों को प्राथमिकता देता है, इसलिए वास्तु के सिद्धांतों का पालन करते समय कृत्रिम रंगों के बजाय प्राकृतिक रंगों को प्राथमिकता दें। कृत्रिम रंग सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावी रूप से संचारित नहीं कर पाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
वास्तु और वास्तु शास्त्र का क्या मतलब है?
वास्तु उस जगह को कहते हैं, जहां आप रहते हैं और वास्तु शास्त्र उन नियमों का संग्रह है, जो शांति और समृद्धि के लिए भवन निर्माण के तरीके बताते हैं।
वास्तु के अनुसार, शुभ रंग कौन से हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद, हरा, नीला और पीला रंग घर के लिए शुभ माने जाते हैं।
नीला रंग घर के लिए कैसे फायदेमंद है?
पूर्व दिशा की ओर वाले कमरों में नीला रंग लाभदायक होता है।
वास्तु के अनुसार, रसोई की दीवारों का सबसे अच्छा रंग कौन सा है?
रसोई की दीवारों के लिए नारंगी, भूरा, सफेद, पीला और हरा रंग वास्तु के अनुसार उपयुक्त और गर्माहट वाले माने जाते हैं।
रसोई में कौन से रंग नहीं होने चाहिए?
वास्तु के अनुसार, रसोई में काला, गहरा भूरा, गहरा नीला, गहरा ग्रे और बैंगनी रंग नहीं होना चाहिए।
बेडरूम में कौन से रंग नहीं होने चाहिए?
लाल, बैंगनी, काला और भूरा रंग बेडरूम के लिए ठीक नहीं माने जाते क्योंकि ये दिल की धड़कन बढ़ाते हैं और नींद पर असर डालते हैं।
खुशी देने वाले रंग कौन से हैं?
खुशी देने वाले रंग हल्के और चमकीले होते हैं जैसे पीला, आड़ू, गुलाबी, नारंगी और हल्का बैंगनी।
वास्तु के अनुसार, अच्छे सोफे का रंग कौन सा है?
वास्तु के अनुसार, सफेद या नीला रंग सोफे के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि ये स्पष्टता और शुद्धता का प्रतीक हैं।
वास्तु के अनुसार, छत का रंग क्या होना चाहिए?
छत के लिए हल्के और तटस्थ रंग, जैसे सफेद या क्रीम, वास्तु के अनुसार अच्छे माने जाते हैं।
वास्तु के अनुसार, घर में कौन से पौधे रखना चाहिए?
मनी प्लांट, लकी बांस, तुलसी और पीस लिली जैसे पौधे घर में रखना शुभ माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, पूजा घर का सबसे अच्छा रंग कौन सा है?
पीला रंग पूजा घर के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, पूजा घर में कौन से रंगों से बचना चाहिए?
पूजा घर में लाल रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम में दीवारों के लिए कौन सा रंग अच्छा है?
लिविंग रूम के लिए पीला रंग अच्छा होता है क्योंकि यह खुशी का प्रतीक है। शयनकक्ष के लिए सफेद या ऑफ-व्हाइट रंग की सलाह दी जाती है।
क्या ग्रे रंग वास्तु के अनुसार अच्छा है?
ग्रे कलर नकारात्मक ऊर्जा लाता है, इसलिए इसे लिविंग रूम में उपयोग नहीं करना चाहिए।
पश्चिम दिशा की दीवार का रंग वास्तु के अनुसार कौन सा होना चाहिए?
पश्चिम दिशा की दीवार का रंग नीला या सफेद होना चाहिए।
दक्षिण दिशा की दीवार का रंग वास्तु के अनुसार कौन सा होना चाहिए?
दक्षिण दिशा की दीवार का रंग नारंगी या लाल होना चाहिए।
शयनकक्ष के वास्तु रंग कौन से होने चाहिए?
शयनकक्ष के लिए नीला या हरा रंग उपयुक्त माना जाता है।
हॉल का रंग वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, हॉल का रंग पीला या सफेद होना चाहिए।
(पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा और अरुणा राठौड़ के इनपुट्स के साथ)
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