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रेरा अपर्याप्त स्टैम्पिंग के कारण परियोजना पंजीकरण से इनकार नहीं कर सकता: एमपी एचसी

19 जून, 2023: मध्य प्रदेश (एमपी) उच्च न्यायालय ने 12 जून, 2023 को एमपी रेरा के एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें ठीक से मुहर नहीं लगने के आधार पर परियोजना पंजीकरण के लिए एक आवेदन को खारिज कर दिया गया था। यह आरईआरए अधिनियम 2016 की धारा 4 के तहत किया गया था। बिंदु में मामला संचय वास्तविकताओं द्वारा दायर एक रिट याचिका पर आधारित था, जो मध्य प्रदेश राज्य के खिलाफ 24 कैरेट एक्सटेंशन परियोजना के लिए जमींदारों के साथ एक संयुक्त उद्यम विकास समझौते में प्रवेश किया था। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट। रेरा अधिनियम, 2016 की धारा 4 के तहत रेरा पंजीकरण के लिए आवेदन करने पर, 19 अप्रैल, 2022 को पारित एक आदेश के माध्यम से प्रोद्भवन रियल्टी के आवेदन को खारिज कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि उक्त संपत्ति जिसका अनुबंध 11 फरवरी, 2021 को किया गया था, पर विधिवत मुहर नहीं लगाई गई थी। एक्रुअल रियल्टीज ने जहां 12,45,630 रुपये की स्टांप ड्यूटी अदा की थी, वहीं वास्तविक रूप से 22,40,333 रुपये की स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ी थी। मप्र रेरा व आईजीआरएस मप्र ने याचिका के जवाब में कहा कि यदि किसी प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेज पर विधिवत मुहर नहीं लगी है तो प्राधिकरण भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत उसे जब्त कर सकता है। दोनों पक्षों के समर्थन वाले जवाबों को ध्यान में रखते हुए, एमपी एचसी ने अपने फैसले में कहा कि अगर समझौते पर विधिवत मुहर नहीं लगाई गई थी, तो यह रेरा सांसद के लिए उक्त दस्तावेज़ को संदर्भित करने के लिए अवलंबित था। target="_blank" rel="noopener">IGRS MP को पंजीकरण के लिए आवेदन खारिज करने के बजाय जब्त करने के लिए। 19 अप्रैल 2022 के आदेश को रद्द करते हुए एकलपीठ ने न्यायमूर्ति विवेक रुसिया की सुनवाई करते हुए एमपी रेरा से कहा कि वह प्रमोटर के रेरा पंजीकरण आवेदन पर नए सिरे से फैसला करे। साथ ही आईजीआरएस एमपी को निर्देश दिया है कि प्रमोटर को घाटे की स्टांप ड्यूटी जमा करने का मौका दिया जाए। पूरी कवायद 45 दिनों के भीतर पूरी करनी है।

हमारे लेख पर कोई प्रश्न या दृष्टिकोण है? हमें आपसे सुनना प्रिय लगेगा। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें
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