चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं, ऐसे में हर किसी के घर में पूजा-पाठ का माहौल है. हर कोई माता रानी की को खुश करके अपनी रूठी हुई किस्मत को मानाने में जुटा हुआ है. ऐसे में कोई हवन पूजन कर रहा है तो कोई माता को खुश करने के लिए पूरे नौ दिनों के उपवास पर है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू हुई नवरात्रि का समापन 30 मार्च को हो जाएगा. माता रानी की आराधना के साथ साथ अगर आप वास्तु शास्त्र की कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो इससे आपकी बिगड़ी हुई किस्मत भी संवर सकती है.
नौ दिनों की इस चैत्र नवरात्रि में चारों तरफ मानों भक्ति की मंद-मंद हवाएं चल रही हैं. जो बेहद खूबसूरत एहसास देने वाली हैं. नवरात्रों के दिनों का इन्तजार हर किसी को बेसब्री से होता है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. हालांकि इस दौरान कई नियमों का भी ध्यान रखना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि नवरात्रि की पूजा के दौरान वास्तु शास्त्र से जुड़े कुछ नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए. अगर आप वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए माता रानी की पूजा अर्चना करते हैं, तो उसका फल आपको जल्दी मिल सकता है. साथ ही हर तरह की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. इसके अलावा घर में लगा हुआ दोष भी दूर होता है. कहते हैं इन नौ दिनों तक वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा की जाए तो घर से नकारात्मक शक्तियां भी दूर होती हैं. तो चलिए जानते हैं, कि चैत्र नवरात्रि की पूजा में वास्तु से जुड़ी कौन सी चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए.
वास्तु शास्त्र से जुड़ी खास बातें
घर का मुख्य द्वार
नवरात्रों के दिनों में घर के मुख्य द्वार पर वास्तु शास्त्र के अनुसार आम या फिर अशोक के पत्तों का तोरण लगाएं. इसके अलावा नौ दिनों तक घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और चूने से बनी रोली से स्वस्तिक बनाएं. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आएगी. अगर आप नवरात्र में इस टिप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो घर में वास्तु दोष नहीं लगेगा.
कैसी हो मूर्ति स्थापना की दिशा?
कई घरों में नवरात्रों में अखंड ज्योति जलाई जाती है. अगर आप भी अपने घर में अखंड ज्योति जलाते हैं, तो वास्तु के अनुसार इसे आग्नेय कोण में ही जलाएं. अगर आप माता रानी की मूर्ति या फिर कलश की स्थापना करते हैं, तो उसे ईशान कोण में स्थापित करें. ईशान कोण को उत्तर-पूर्व दिशा कहते हैं, इस दिशा में देवी देवताओं की मूर्ति की स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है, साथ ही इससे हर काम सिद्ध हो जाते हैं.
चंदन की चौकी बनाएं आसन
चंद की चौकी के आसन पर देवी की मूर्ति या कलश की स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है. आप इसके अलावा चंदन की चौकी पर मूर्ति और कलश दोनों ही स्थापित कर सकते हैं. इससे वास्तु दोष तो घर से हटेगा ही साथ में घर पर पॉजिटिव एनर्जी बरकरार रहेगी.
मुख्य दिशा करें निर्धारित
वास्तु शास्त्र में पूजा करने की सही दिशा काफी ज्यादा मायने रखती है. पूजा करते वक्त अगर आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए. पूर्व दिशा के स्वामी सूर्यदेव हैं, जो शक्ति और उर्जा दोनों के प्रतीक होते हैं. अगर आप पूर्व दिशा में बैठकर पूजा करते हैं, तो घर के अन्य सदस्यों की परेशानियां दूर होती हैं. इससे प्रार्थना सफल होती है और घर में सुख समृद्धि बढ़ती है.
पूजा घर में रंगों का रखें ख्याल
नवरात्रि में काफी ज्यादा लोग मंदिर को सजाते हैं. अगर आप भी अपने घर के मंदिर को सजाते हैं, तो पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल करें. माता रानी को ये रंग बेहद प्रिय है. इन फूलों से मातारानी प्रसन्न होती हैं. इसके अलावा लाल रोली, लाल चंदन, लाल साड़ी, लाल चुनरी का इस्तेमाल करें.
काले रंग से रहें दूर
काले रंग का इस्तेमाल करना हिंदू धर्म के मुताबिक वर्जित माना जाता है. चैत्र नवरात्रि में काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इससे मन में बुरे ख्याल नहीं आते और पूजा में मन लगता है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक मां भगवती की पूजा अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है. अगर आप भी अपनी मनोकामनाओं को जल्दी पूरा करना चाहते हैं, तो इन चैत्र नवरात्रों में हमारी बताई हुई वास्तु टिप्स को जरुर ध्यान में रखें.