आज की तारीख में हर व्यक्ति की सबसे बड़ी जरुरत है धन, संपत्ति, हीरे, जवाहरात, पैसा। ये सब चाहे कितना भी हो मगर इन्सान के मन की लालसा कभी पूरी नही होती। धन, संपत्ती, समृद्धि, यश का एक नाम लक्ष्मी भी है। जैसा की आप जानते ही होंगे की देवी लक्ष्मी को धन और सम्रद्धि की देवी कहा जाता है। कहते है कि जिस व्यक्ति से मां नाराज हो या जिस घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता वहाँ आए दिन नुकसान झेलने पड़ते हैं, आथिर्क तंगी होने लगती है और यहां तक की कंगाली के दिन भी देखने पड सकते हैं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से ही घर में धन, संपत्ती समृद्धि आती है। कोई भी व्यक्ति कभी नही चाहता की मां लक्ष्मी उससे या उसके परिवार से कभी भी नाराज हों, इसीलिए मां लक्ष्मी का प्रसन्न होना बहुत जरुरी माना जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिये की जाती है मां लक्ष्मी की पूजा।
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आइये आज हम आपको यहां बताएंगे कि क्या है लक्ष्मी पूजन की विधि और पूजा के लिये चाहिये कौनसी सामग्री?
मां लक्ष्मी की पूजा के लिये सामग्री
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- कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की प्रतिमा
- लाल या गुलाबी रंग का कपड़ा
- मां के लिए श्रंगार
- चौकी
- आसन के लिए लाल या पीला कपड़ा
- आम के पत्ते
- लक्ष्मी यंत्र
- कमल व गुलाब के फूल
- पंच मेवा
- थाली
- पान का पत्ता
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- हलदी
- रोली
- सिंदूर
- केसर
- अक्षत
- फल
- फूल
- मिठाई
- दूध
- दही
- शहद
- इत्र
- गंगाजल
- कलावा
- पीतल का दीपक
- मिट्टी की दीया
- तेल
- शुद्ध घी
- रुई की बत्ती
- कपूर
- गुड़
- धनियां
- जौं
- गेंहू
- चंदन
- कलश
- एक नारियल
- चांदी के लक्ष्मी गणेश के सिक्के
- साफ आटा
- खील–बताशा
- गणेश जी की प्रतिमा
पूजा बहुत ही सतर्कता पूर्वक करनी चाहिए ताकि मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सदेव के लिए हमारे घर मे विराजमान हो तथा हमेशा सुख, समृद्धि, यश प्रदान करें। चलिए अब आपको बताते हैं कैसे करें मां की पूजा।
सबसे पहले नहा–धो कर साफ़ कपड़े पहनें, फिर अपने घर के पूजा स्थान पर जाकर बैठिए। अब एक लौटे में शुद्ध जल लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं और फिर उस जल से चौकी, प्रतिमा, अन्य सामग्री और फिर पूरे घर पर छिड़क कर सब शुद्ध करलें।
अब चौकी रख कर उसपर साफ़ लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और फिर उसपर लक्ष्मी जी और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। अब लाल या गुलाबी रंग के कपड़े मां को ओढ़ाकर, श्रंगार के सामान से मां को सजाएं।
अब पूजा शुरू करने से पहले खुद पर भी थोड़ा स गंगाजल छिड़क कर शुद्ध कर लें। फिर एक दम शांत और सच्चे मन से मां की पूजा का संकल्प लें।
अब मां के सामने थोड़े से चावल रखें और फिर उसपर जल से भरा कलश स्थापित करें। अब कलश पर आम के पत्ते रखकर उसपर नारियल रखें और कलश के चारो तरफ कलावा बांधें। सिंदूर मे थोडा सा जल मिलाकर उससे ओम व स्वास्तिक का चिह्न बनाएं।
अब एक थाली मे घी का दीपक जलाएं, तिलक के लिए रोली और चावल, थोड़े फूल, फल और मिठाई रख कर आरती की थाली तैयार कर लें। अब सभी देवी–देवताओं का तिलक करें और प्रार्थना करें और फल, फूल, मेवा अर्पित करें।
अब भगवान गणेश से पूजा की शुरुआत करें और फिर मां लक्ष्मी की आरती करें। अपने पैसे, गहने, पुस्तकें और जो भी कीमती सामान आदि की भी पूजा करें। इसके बाद अपने सभी देवी–देवताओं जी की आरती करें और भोग लगाएं। और फिर घर के बड़े–बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर प्रसाद बाटें।
अब पूरे घर के हर कोने–कोने मे दीपक जलाकर घर को रोशन करें।