ABPS पेमेंट सिस्टम के कारण कोई भी नरेगा श्रमिक मजदूरी से वंचित नहीं हुआ: सरकार

नरेगा के तहत 1 फरवरी 2023 से ABPS अनिवार्य कर दिया गया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आज कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGS) के तहत किसी भी श्रमिक को आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) के कारण मजदूरी पेमेंट से वंचित नहीं किया गया है।

मंत्रालय ने कहा, “सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGS) के तहत समय पर मजदूरी भुगतान के लिए आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) अपनाने का फैसला किया है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि लाभार्थियों को समय पर भुगतान प्राप्त हो, भले ही उनके बैंक अकाउंट नंबर बदल गए हों, साथ ही खाता विवरण अपडेट न होने से होने वाली समस्याओं से बचा जा सके। ABPS का उपयोग यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि केवल वास्तविक लाभार्थी ही योजना से लाभान्वित हों, इसके लिए, आधार-आधारित भुगतान प्रणाली सबसे अच्छा विकल्प है।”

नरेगा के तहत 1 फरवरी 2023 से ABPS अनिवार्य कर दिया गया है। कई राज्यों द्वारा किए गए अनुरोध के कारण, मंत्रालय ने निर्णय लिया कि नरेगा लाभार्थियों का वेतन भुगतान 31 अगस्त, 2023 तक लाभार्थी की एबीपीएस पर स्थिति के आधार पर ABPS या NACH मोड का उपयोग करके किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि ABPS के कारण किसी भी  समस्या का सामना करने पर प्राथमिकता के आधार पर इसका समाधान किया जाता है।

योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, श्रमिकों की उपस्थिति अब राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) ऐप का उपयोग करके दर्ज की जाएगी। यह सिस्टम व्यक्तिगत लाभार्थी कार्यों को छोड़कर सभी कार्यों के लिए हर दिन श्रमिकों की दो टाइम-स्टैम्प्ड, जियो-टैग की गई तस्वीरें कैप्चर करेगा। यह नई आवश्यकता 1 जनवरी, 2023 से अनिवार्य कर दी गई है।

मंत्रालय के कहा, यह उपाय योजना की नागरिक निगरानी बढ़ाता है और पेमेंट प्रोसेसिंग में तेजी लाने में मदद करता है। वर्कसाइट सुपरवाइजर्स को NMMS ऐप का उपयोग करके श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करने और जियो-टैग की गई तस्वीरें लेने का काम सौंपा गया है।

मंत्रालय रियल टाइम में NIC के साथ बातचीत करके NMMS ऐप के साथ टेक्निकल समस्या को सक्रिय रूप से सुलझा रहा है। वे NMMS ऐप से संबंधित किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए रेगुलर रिव्यू और समय पर समाधान करते हैं।

NMMS ऐप को उपस्थिति और पहली तस्वीर लेने के चार घंटे बाद दूसरी तस्वीर लेने के लिए मॉडिफाई किया गया है। सुबह की उपस्थिति, पहली और दूसरी तस्वीरों के साथ, ऑफलाइन रिकॉर्ड की जा सकती है और डिवाइस को नेटवर्क कनेक्टिविटी मिलने पर अपलोड की जा सकती है। अगर किसी तकनीकी दिक्कत की वजह से उपस्थिति अपलोड नहीं हो रही, तो जिला कार्यक्रम समन्वयक को मैन्युअल उपस्थिति अपलोड करने का अधिकार है।

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