केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि सरकार ने नरेगा श्रमिकों की उपस्थिति के लिए लॉन्च किए गए मोबाइल एप्लिकेशन में बदलाव किया है।
गौर करने वाली बात है कि सरकार ने 1 जनवरी, 2023 से राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत लाभार्थी स्कीम और प्रोजेक्ट को छोड़कर सभी नरेगा श्रमिकों के लिए मोबाइल-आधारित उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। वर्कसाइट सुपरवाइजर ऐप के माध्यम से श्रमिकों की जियो-टैग की गई फोटो के साथ उपस्थिति दर्ज करने के लिए जिम्मेदार हैं।
8 अगस्त को राज्य मंत्री द्वारा जारी बयान के अनुसार, NMMS ऐप को उपस्थिति और पहली फोटो अपलोड करने के चार घंटे बाद श्रमिकों की दूसरी फोटो लेने के लिए मॉडिफाई किया गया है।
उन्होंने कहा, “पहली फोटो और दूसरी फोटो के साथ सुबह की उपस्थिति ऑफलाइन मोड में कैप्चर की जा सकती है और डिवाइस के नेटवर्क में आने के बाद अपलोड की जा सकती है। असाधारण परिस्थितियों के मामले में, जिसके कारण उपस्थिति अपलोड नहीं की जा सकी, जिला कार्यक्रम समन्वयक को मैन्युअल उपस्थिति अपलोड करने के लिए अधिकृत किया गया है।
मंत्री ने यह भी बताया कि NMMS ऐप में आने वाली तकनीकी समस्याओं को रियल टाइम पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को बताया जा रहा है। मंत्री ने लोकसभा को बताया, “राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अनुरोधित नए प्रावधानों/सुझावों को शामिल किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “मंत्रालय ने राज्यों को समर्थन देने के लिए नियमित अंतराल पर हैंड-होल्डिंग कार्यशालाओं की भी व्यवस्था की है। NMMS ऐप के उपयोग से अपडेट रहने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जब भी आवश्यकता हुई, मंत्रालय द्वारा ट्रेनिंग दी गई है।”
मंत्री ने अपने बयान में कहा, “इससे लोगों के लिए योजना पर नजर रखना आसान हो जाता है और भुगतान तेजी से होने में मदद मिलती है।”