नैनीताल में घूमने लायक 14 बेहतरीन जगहें और करने लायक चीजें?

नैनीताल में घूमने लायक 14 बेहतरीन जगहों के बारे में?

नैनीताल हिल स्टेशन उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। नैनीताल को भारत का झील जिला भी कहा जाता है। क्योंकि नैनीताल कई झीलों से घिरा हुआ है। नैनीताल हिल स्टेशन के चारों ओर बर्फ से ढकी विशाल चोटियाँ हैं,जो चारों ओर फैली हुई हैं । यह समुद्र तल से 7,000 फीट ऊपर स्थित है। आईये हम आपको इस लेख में नैनीताल में घूमने के लिए 14 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं, तथा इस आकर्षक हिल स्टेशन में करने के लिए कुछ चीजें और छुट्टियों के दौरान एक अच्छी ट्रिप के लिए नैनीताल के पास घूमने की जगहें।

Table of Contents

 

कैसे पहुंचे नैनीताल

हवाई मार्ग से : नैनीताल से निकटतम घरेलू हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा, पंतनगर है, जो शहर से लगभग एक घंटे की ड्राइव पर है, क्योंकि यह 55 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा नई दिल्ली और मुंबई से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देहरादून हवाई अड्डा नैनीताल से 283 किलोमीटर दूर है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नैनीताल के बीच की दूरी 248 किमी है।
रेल के माध्यम से: निकटतम रेलवे स्टेशन, काठगोदाम रेलवे स्टेशन, नैनीताल से 23 किमी दूर है। नई दिल्ली, कोलकाता, आगरा और लखनऊ जैसे मेट्रो शहरों से काठगोदाम के लिए प्रतिदिन कई सीधी ट्रेनें चलती हैं ।  सड़क मार्ग से: नैनीताल उत्तर भारत के प्रमुख स्थलों के साथ मोटर योग्य सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

 

नैनीताल में घूमने के लिए खूबसूरत जगहें 

 

नैनीताल झील

Best things to do and places to visit in Nainital

नैनीताल में एक प्राकृतिक ताजा झील है। जो अर्धचंद्राकार यानी आंख के आकार की  है।नैनीताल का यह झील कुमाऊं क्षेत्र की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है। नैनीताल झील पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है। नैनीताल झील सात अलग-अलग चोटियों से घिरी एक मनमोहक जगह है। इस झील को दो अलग-अलग वर्गों में बाँटा गया है, उत्तरी भाग को मल्लीताल और दक्षिणी क्षेत्र को तल्लीताल कहा जाता है। आप यहां पर ऊंचे पहाड़ों का आनंद लेने के लिए  एवं उन्हें देखने के लिये नाव की सवारी कर सकते हैं यह आपको नैनीताल झील के साथ – साथ उंचें – ऊँचे पहाड़ों से भी रूबरू करवाएगा। इसके साथ ही आप यहां पर यहां के पहाड़ों पर से सनसेट के खूबसूरत नज़ारों को देख सकते हैं। और अच्छी फ़ोटोग्राफ़ी भी कर सकते हैं।

नैनीताल झील घूमने का सही समय सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुली रहती है । नैनी झील नैनीताल के तल्लीताल बस स्टैंड से मात्र 1 किमी दूर है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से यह 25 किमी दूर है।

 

टिफिन टॉप

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अगर आप नैनीताल घूमने जा रहें हैं तो आप नैनीताल में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है टिफिन- टॉप यहां पर अवश्य घूमें,टिफिन- टॉप पर्यटन स्थल नैनीताल शहर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।  यह स्थान टिफिन के आकार जैसा दिखाई भी देता है।और इसे ही” डोरोथी की सीट “के नाम से भी जाना जाता है। आयरपट्टा पीक पर स्थित यह टिफिन- टॉप स्थान समुद्र तल से 2292  मीटर की उचाईं पर स्थित है। खूबसूरत टिफिन टॉप चेर, ओक और देवदार से घिरा हुआ है। टिफिन टॉप हाइक सभी एडवेंचर प्रेमियों के लिए जरूरी है।  इसके साथ ही आप आयरपट्टा पीक पर स्थित टिफिन- टॉप के इस जगह पर प्रकृति की इस खुबसूरती को करीब से निहार सकते हैं। इसके साथ ही आप यहां पर जमकर कुदरत के नज़ारों का मज़ा ले सकते हैं। साथ ही फॉटोग्राफी के शौकीन लोग अपने इंस्टाग्राम के लिये यहां की ऊँची- ऊँची पहाड़ियों पर अच्छी- अच्छी खुबसूरत पिक्चर क्लिक करवा सकते हैं। इसके साथ ही आप यहां पर घुड़सवारी करके यहां की वादियों में घूम सकते हैं। यही नहीं आप टिफिन- टॉप पर सुबह और शाम दोनों समय सनसेट और सनराइज देखने का भी आनंद ले सकते हैं। टिफिन  – टॉप नैनीताल के मुख्य शहर से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित है। आप या तो पैदल ही उस स्थान तक पहुँच सकते हैं या एक टट्टू किराए पर ले सकते हैं। यदि आप सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, तो निकटतम बस स्टैंड तल्लीताल बस स्टैंड है। टिफिन टॉप से नैनीताल 6 किमी दूर है।

 

पंगोट और किलबरी पक्षी अभयारण्य

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पंगोट और किलबरी अभयारण्य नैनीताल के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है ।यह नैना देवी कंजर्वेशन रिजर्व वन में स्थित है, इस कंजर्वेशन रिजर्व वन में जीव जंतुओं के  अलावा  यह ओक, देवदार और रोडोडेंड्रोन से चारो तरफ से घिरा हुआ है। इस पक्षी अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के पक्षी और स्तनधारी हैं। इसमें 580 प्रजातियों में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पक्षी हैं लैमर्जियर, हिमालयन ग्रिफॉन, ब्लू-विंग्ड मिनला, स्पॉटेड और स्लेटी बैक्ड फोर्कटेल, व्हाइट-थ्रोटेड लाफिंग थ्रश, रूफस-बेल्ड वुडपेकर, ब्राउन वुड उल्लू, लिटिल पाइड फ्लाईकैचर, हिमालयन बुलबुल , अल्ताई एक्सेंटर, चेस्टनट-बेलिड न्यूथैच, ग्रीन-समर्थित टाइट और डॉलरबर्ड। पंगोट और किलबरी पक्षी अभयारण्य विभिन्न स्तनधारियों जैसे तेंदुए, हिमालयी पाम सिवेट, पीले गले वाले हिमालयन मार्टन, घोरल, भौंकने वाले हिरण और सांभर का भी है। पंगोट नैनीताल शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर है और पर्यटक यहां पर पहुँचने के लिये बस या कार ले सकते हैं। क्योंकि यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पंगोट से नैनीताल रेलवे स्टेशन यह 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

 

नैना पीक

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नैना पीक नैनीताल की सबसे ऊंची पहाड़ी है और नैनीताल की सबसे खूबसूरत जगहों में से भी एक है। पहले इसका नाम चाइना पीक था लेकिन, 1962 के भारत-चीनी युद्ध के बाद  इस चोटी का नाम बदलकर चाइना पीक से नैना पीक कर दिया गया। अपनी ऊंचाई और हरे भरे जंगल पथ के कारण, नैना पीक ट्रेकिंग के लिए एक पसंदीदा जगह है। आप यहां से टट्टू या घोड़े पर सवार होकर भी चोटी पर पहुंच सकते हैं। अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिये परफेक्ट है। ढलानों के नीचे ट्रेक आपको नैनीताल के अद्भुत शहर और नैनी झील के साथ-साथ प्रकृति का जीवंत दृश्य  देखने के बाद आप को एक अलग ही सुकून देता है। समुद्र तल से 2611 मीटर की ऊंचाई पर, यह चोटी नैना पीक के रास्ते से लगभग 6 किमी दूर है और रोडोडेंड्रोन, देवदार और सरू के सुखद जंगल की ओर ले जाती है। नैना पीक अपने आसपास चारों तरफ सुंदरता और आकर्षक दृश्य के साथ एक अलग ही छटा प्रस्तुत करता है। यहां आपको बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियाँ बेहद खूबसूरत दिखाई देती हैं। नैना  पीक चोटी माल रोड नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र से लगभग 10 किमी और तल्लीताल बस स्टैंड नैनीताल से लगभग 17 किमी दूर स्थित है ।

 

इको केव गार्डन

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नैनीताल के फेमस मॉल रोड के पास सूखाताल में स्थित है     इको केव गार्डन। इको केव गार्डन आपस में जुड़ी हुई गुफाओं और हैंगिंग गार्डन का एक इंटरकनेक्टेड नेटवर्क समूह है जो नैनीताल के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इसमें सुरंगों के माध्यम से छह भूमिगत गुफाएँ जुड़ी हुई हैं।साथ ही इसके अंदर एक म्यूजिकल फाउंटेन भी है जो इसकी सुंदरता में और इजाफा करता है।इस जगह की पुरानी परंपरा को बनाए रखने के लिए बगीचे को पुराने पेट्रोलियम लैंप से जलाया जाता है।  इसमें छह गुफाएं जानवरों के आकार की हैं, जैसे बल्ला, बाघ, उड़ने वाली लोमड़ी, तेंदुआ, गिलहरी और साही। हैंगिंग गार्डन गुफाओं के साथ-साथ रास्तों को लाइन करते हैं। कुछ गुफाएँ बहुत संकरी हैं पास लेकिन यही वह है जो इसमें रोमांच  जोड़ता है। इन प्राकृतिक गुफाओं का रख रखाव यहां के स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाता है। इको केव गार्डन सुखाताल में स्थित है। यह नैनीताल बस स्टैंड से लगभग 3 किमी दूर है। गुफा उद्यान तक पहुँचने के लिए आप बस स्टॉप से टैक्सी ले सकते हैं।

ईको केव गार्डन घूमने का समय: सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक प्रवेश: वयस्कों के लिए प्रति व्यक्ति 60 रुपये; बच्चों के लिए प्रति व्यक्ति 25 रुपये।

 

पंत जीबी पंत हाई एल्टीट्यूड चिड़ियाघर

Source: Pinterest/Tapan Ray

 

नैनीताल चिड़ियाघर वन्य जीवन का आनंद लेने के लिए नैनीताल के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीट्यूड चिड़ियाघर, यह उत्तराखंड का एकमात्र चिड़ियाघर है। गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीट्यूड जू समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चिड़ियाघर दर्जिलिंग और सिक्किम  के अलावा उत्तर भारत का एकमात्र सबसे उच्च उचाईं वाला चिड़ियाघर है ।यह उन जानवरों का घर है जो केवल उच्च ऊंचाई पर रहते हैं, जिनमें साइबेरियाई बाघ, सेराओ, बकरी, मृग और हिम तेंदुए, चीतल, रेड पांडा आदि शामिल हैं। जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास ऊंचाई में रखा जाता है। नैनीताल चिड़ियाघर 4.6 हेक्टेयर (11 एकड़) में फैला हुआ है। इसमें विभिन्न पक्षी भी हैं जैसे गोल्डन तीतर, गुलाब की अंगूठी वाला तोता, कलिज तीतर, पहाड़ी तीतर, सफेद मोर, खिले हुए सिर वाले तोते और लाल जंगल का पक्षी। चिड़ियाघर शेर का डंडा पहाड़ी पर नैनीताल बस स्टैंड से 1.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रवेश: वयस्कों के लिए प्रति व्यक्ति 50 रुपये (13 से 60 वर्ष के बीच); बच्चों के लिए 20 रुपये प्रति व्यक्ति (5 से 12 साल के बीच) समय: सोमवार को छोड़कर हर दिन सुबह 10:30 से 4:30 बजे तक

 

गुर्नी हाउस

Source: Pinterest

 

गुर्नी हाउस 1881 में बनी एक पुरानी, ऐतिहासिक इमारत है जो कभी शिकारी, व्यापारी और कहानियों के उत्साही कहानीकार जिम कॉर्बेट का निवास स्थान था। गुर्नी हाउस की यात्रा समय से पहले की यात्रा है। कॉर्बेट के जाने के 70 वर्षों के बाद भी, गर्नी हाउस में विक्टोरियन शैली के रहन-सहन की सुंदरता और आकर्षण  आज भी बरकरार है। यह अब एक निजी घर है (और संपत्ति के मालिक के नाम पर डालमिया के गुर्नी के नाम पर), हालांकि,  वहाँ के निवासियों ने इस विरासत संपत्ति को पर्यटकों के लिये एक पर्यटन स्थल के तौर पर खोल दिया है। इसमें कॉर्बेट के कई फर्नीचर और संपत्तियां आज भी वैसे ही संभाल कर रखें हैं। गुर्नी हाउस तल्लीताल बस स्टैंड से सिर्फ 4 किमी दूर है। समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक। नि: शुल्क प्रवेश।

 

स्नो व्यू पॉइंट

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नैनीताल का स्नो व्यू पॉइंट  नैनीताल के खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। यह हिमालय की चोटियों को देखने के लिए सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। अगर आप भी स्नो व्यू पॉइंट घूमना चाहते हैं तो आप सुबह की  ट्रिप प्लान करें, क्योंकि सुबह के समय स्नो व्यू पॉइंट से हिमालय पर्वतमाला के कुछ बेहतरीन खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। यहां हिमालय की चोटियों के टॉप सफेद बर्फ से ढकी होती हैं और चारो तरफ हरे मैदानों में और भी खूबसूरत दिखाई देती हैं। स्नो व्यू पॉइंट से बर्फ से ढकी नंदा देवी, त्रिशूल और नंदा कोट के  भी लुभावने  खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। इसके साथ ही यह नैनीताल झील और शहर के शानदार दृश्य भी प्रस्तुत करता है। स्नो व्यू प्वाइंट सड़क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, हालांकि, मल्लीताल से हवाई रोपवे में एक सवारी इस जगह तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है। चोटी पर राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य देवताओं को समर्पित एक छोटा मंदिर स्थित है। गेलुक्पा आदेश के तिब्बती मठ, गढ़न कुंक्योप लिंग गोम्पा, के पास स्थित है स्नो व्यू पॉइंट भी एक दर्शनीय स्थल है। स्नो व्यू पॉइंट का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो मल्लीताल माल रोड से 35 किमी दूर है। मल्लीताल पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन से निजी टैक्सी लें या बस लें। वहां से टैक्सी कैब किराए पर लें या रोपवे लें।

प्रवेश: स्नो व्यू प्वाइंट मुफ्त प्रवेश प्रदान करता है। हालांकि, आपको वहां पहुंचने के लिए (कैब या रोपवे के जरिए) भुगतान करना होगा। समय: स्नो व्यू पॉइंट शनिवार को छोड़कर, सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।

 

सेंट जॉन चर्च

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नैनीताल के जंगल में स्थित एक खूबसूरत चर्च सेंट जॉन एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। चर्च की स्थापना 1844 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। यह उत्तराखंड के उच्च न्यायालय से सटे नैनीताल शहर के उत्तरी छोर पर स्थित है। चर्च जंगल और पहाड़ों के अलगाव के बीच स्थापित है यह चर्च पारंपरिक तरीके से यूरोपियन शैली में डिजाइन किया गया है ।इसकी वास्तुकला नव-गॉथिक शैली को सुंदर रंगीन कांच की खिड़कियों के साथ प्रदर्शित करती है। यह शांतिपूर्ण चर्च स्थल देवदार और देवदार के पेड़ों से घिरी एक खूबसूरत पहाड़ी के ऊपर स्थित, यह एक सुंदर दृश्य बनाता है। वाइल्डरनेस चर्च में सेंट जॉन नैनीताल माल रोड से सिर्फ 2 किमी दूर है। प्रवेश: चर्च जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। समय: आप सप्ताह के सभी दिनों में जा सकते हैं। सोमवार से शनिवार का समय प्रातः 7:00 से सायं 6:30 तक तथा रविवार के लिए प्रातः 9:00 से सायं 6:30 बजे तक है ।

 

नैना देवी मंदिर

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नैनी झील के तट पर स्थित नैना देवी मंदिर, उत्तराखंड के सबसे धार्मिक स्थलों में से एक है और नैनीताल में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। नैना देवी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर का नाम पौराणिक कथा से मिलता है। माना जाता है कि देवी सती की आंखें इस स्थान पर गिरी थीं । बताया जाता है की भगवन  शिव जब माता सती के मृत – शरीर को लेकर तीनों लोको में विचरण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने  अपने सुदर्सन चक्र से उनके शरीर को 51 अलग-अलग हिस्सों में काट दिया था। मंदिर परिसर के भीतर एक पुराना पीपल का पेड़ है और आगे नीचे भगवान हनुमान की एक मूर्ति है, जो आशीर्वाद दे रही है। आंतरिक गर्भगृह में माता काली देवी और भगवान गणेश की भी मूर्तियां हैं। मंदिर परिसर विशाल है और माना जाता है कि इसका निर्माण 15वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। मंदिर को आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था और 19 वीं शताब्दी के अंत में इसका पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार किया गया था। नैना देवी मंदिर सिटी बस स्टैंड से लगभग 3 किमी दूर है और आप यहां पर रिक्शा या पैदल चलकर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
नैना देवी मन्दिर घूमने का समय: नैना देवी मंदिर सुबह 06:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।

 

सरिता ताल नैनीताल

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स्रोत: Pinterest (737253401503515961)

 

नैनीताल में खूबसूरत तालों की संख्या बहुत अधिक है। जिनमें से एक ताल है सरिता ताल. सरिता ताल नैनीताल में स्थित एक खूबसूरत झील है जो अपने प्राकृतिक सुंदरता के अदभुद संगम के लिये जाना जाता है। तथा यह नैनीताल शहर से करीब 8 किमी दूर कालाढूंगी रोड पर शांत वादियों के बीच स्थित है। जिसे सरिता ताल के नाम से जाना जाता है। ये ताल प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यह झील हरे भरे पहाड़ों और पेड़ पौधों से घिरा हुआ है साथ ही यह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बेहद उपयुक्त स्थान है, जहां आकर मन को बेहद शांति भी मिलती है। अगर आपको भी शहर का शोरगुल भरा वातावरण नहीं पसंद है तो आप नैनीताल में स्थित इस सरिता ताल को देखने व घूमने आ सकते हैं।इसके साथ ही सरिता ताल आकर आप बोटिंग, जिप लाइन और वाटर रोलर के साथ खूबसूरत तरह- तरह के चिड़ियों  पक्षियों को देखने का भी लुत्फ उठा सकते हैं. वहीं, इस स्थान पर पार्किंग की कोई समस्या नहीं है. आप आसानी से अपने वाहन को पार्क कर यहां के सुनहरे मौसम का आनंद उठा सकते हैं साथ ही यहां लगे स्टालों से आप यहां के स्ट्रीट फूड जैसे पकौड़ी, चाय, मैगी और भुट्टे , चावमीन, बर्गर, मसाला स्वीट कॉर्न का स्वाद भी ले सकते हैं। यहीं अगर आप यहां सरिता ताल के पास ही में रुकना चाहते हैं तो आपको यहां पर आस- पास में ही रिजनेबल रेट में होटल मिल जाएंगे जहां आप आसानी से रुक सकते हैं।


सुकुण्डा ताल नैनीताल

नैनीताल में बागेश्वर के पोथिंग गाँव के पास में स्थित है सुकुण्डा ताल. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सुकुण्डा ताल एक मशहूर पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। नैनीताल में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से लगभग 38 किलोमीटर उत्तर में पोथिंग नामक गाँव के समीप स्थित है। यह सुकुण्डा ताल इस गाँव के उत्तर पश्चिम में लगभग 5000 फीट की ऊंचाई पर एक पर्वत की चोटी पर स्थित है ।सुकुण्डा का अर्थ है एक ‘सुन्दर कुण्ड’। वास्तव में यह एक सुन्दर कुण्ड ही है। लोगों में मान्यता है कि हिमालय में निवास करने वाले सभी देवी-देवता यहाँ हर रोज प्रातःकाल स्नान हेतु आते हैं। चारों तरफ से जंगलों से घिरा होने पर भी इस कुण्ड में कहीं गन्दगी नहीं दिखाई देती। लोग कहते हैं कि जब इस कुण्ड में पेड़ों की कोई भी सूखी पत्ती गिर जाती है तो यहाँ पर निवास करने वाली पक्षियां इन पत्तियों को अपनी चोंच द्वारा बाहर निकाल देती हैं। वहां के लोकल लोगों के अनुसार इस कुण्ड का निर्माण महाभारत काल में बलशाली भीम द्वारा किया गया था। कहते हैं जब पांडव अज्ञातवास के समय यहाँ से गुजर रहे थे तो उन्हें यहाँ काफी प्यास लग गयी, दूर तक कहीं भी पानी का नामोनिशान नहीं था। तभी भीम ने अपनी गदा से इस चोटी पर प्रहार किया और एक  जलधारी कुण्ड का निर्माण कर डाला। इसी कुण्ड से प्यासे पाण्डवों ने अपनी प्यास बुझाई थी। इसी कारण आज भी इस कुण्ड को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। इस कुण्ड में स्नान करना, कुछ छेड़-छाड़ करना  या कोई भी वस्तु चढ़ाना सख्त मना है।जहाँ यह कुण्ड स्थित है वहां के आस- पास का सम्पूर्ण क्षेत्र सुकुण्डा कहलाता है। सुकुण्डा एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित होने के कारण यहाँ से हिमालय की पूरी पर्वत माला के दर्शन किये जा सकते हैं। भारत का स्विट्जर्लैंड कहा जाने वाला प्रसिद्द पर्यटक स्थल कौसानी और सुकुण्डा की ऊंचाई लगभग बराबर है। ऐसे में अगर आप नैनीताल घूमने जाएं तो सुकुण्डा जरूर घूमे और देखें।

 

नैनीताल में करने के लिए चीजें

नैनीताल में करने लायक बहुत सारी चीजें हैं। जिसमें पर्यटक अपनी रुचि के आधार पर नैनीताल में विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों का आनंद ले सकता है। तथा खूब सारी शॉपिंग, नैनीताल के फेमस फूड, रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रेकिंग, केबल कार की सवारी आदि जैसी बहुत सी चीजें कर सकते हैं।

 

नौका विहार

नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का सबसे अच्छा तरीका वहाँ की शांत झीलों का भ्रमण है। आप नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल और खुर्पाताल सहित कई झीलों में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।

रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रेकिंग

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रॉक क्लाइम्बिंग साहसिक उत्साही लोगों के लिए नैनीताल में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। रॉक क्लाइंबिंग कोर्स के लिए आप नैनीताल माउंटेनियरिंग क्लब में दाखिला ले सकते हैं। ट्रेकिंग आपकी नैनीताल यात्रा का आनंद लेने के लिए सबसे प्रसिद्ध और सर्वोत्तम गतिविधियों में से एक है। चाइना पीक नैनीताल का उच्चतम बिंदु है और यह एक लुभावनी दृश्य प्रस्तुत करता है। आप सुंदर तक ट्रेकिंग भी कर सकते हैं शानदार दृश्य का आनंद लेने के लिए लैंड्स एंड।

 

केबल कार में करें सवारी

नैनीताल का विहंगम दृश्य देखने के लिए, आपको केबल कार या हवाई रोपवे की सवारी करनी होगी। यह मल्लीताल से शुरू होता है और स्नो व्यू पॉइंट से जुड़ता है। एकतरफा यात्रा में तीन मिनट से भी कम समय लगता है।

 

पैराग्लाइडिंग

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पैराग्लाइडिंग नैनीताल में सबसे लोकप्रिय रोमांचकारी चीजों में से एक है। नौकुचियाताल और भीमताल में वहां के ट्रेंड टीचरों की मौजूदगी में पैराग्लाइडिंग की जा सकती है। मार्च से जून और अक्टूबर से दिसंबर के महीने इन रोमांचक गतिविधियों के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं जब आसमान साफ होता है।

 

नैनीताल के आसपास घूमने की जगह

नैनीताल के पास घूमने के स्थान प्रकृति के माध्यम से खुद को फिर से जीवंत करने और तलाशने के लिए आदर्श हैं। चाहे आप एक आरामदेह सप्ताहांत या कुछ रोमांच की तलाश में हों, चुनने के लिए कई जगहें हैं।

 

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (नैनीताल से लगभग 140 किमी) नैनीताल का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। लुप्तप्राय बंगाल टाइगर के लिए जाना जाने वाला कॉर्बेट नेशनल पार्क कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। अपनी वन्यजीव सफारी के लिए प्रसिद्ध, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पक्षियों की 650 से अधिक प्रजातियां भी हैं।

 

भीमताल

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भीमताल नैनीताल से लगभग 22 किमी दूर एक सुंदर हिल स्टेशन है। सुंदर भीमताल झील पैडल बोटिंग, बर्ड वाचिंग और नेचर वॉक के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है। झील के बीच में स्थित एक छोटा सा द्वीप नाव द्वारा पहुँचा जा सकता है और इसमें समुद्री जीवों की कई प्रजातियों के साथ एक मछलीघर है। भीमताल पैराग्लाइडिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।

 

मुक्तेश्वर

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मुक्तेश्वर नैनीताल से लगभग 50 किमी दूर एक छोटा सा पहाड़ी शहर है। मुक्तेश्वर एक शानदार ओक और रोडोडेंड्रोन जंगल से घिरा हुआ है। यह ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसे साहसिक खेलों के लिए जाना जाता है। इसमें मुक्तेश्वर मंदिर (एक शिव मंदिर) और मुक्तेश्वर धाम है, जो समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित  एक धार्मिक केंद्र हैं।

 

रानीखेत

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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत समुद्र तल से 1,829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।  रानीखेत, प्रकृति प्रेमियों के लिए हर मौसम में पर्यटन स्थल है। ये भी भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्यालय और कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय है। रानीखेत नंदा देवी चोटी, ट्रेकिंग रेंज, पहाड़ी चढ़ाई, गोल्फ कोर्स, बागों और मंदिरों के अपने दृश्यों के लिए लोकप्रिय है। रानीखेत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं भालू बांध, हैदाखान बाबाजी मंदिर, झूला देवी राम मंदिर, गोल्फ ग्राउंड रानीखेत और मनकामेश्वर।

 

सत्ताल

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सत्ताल, नैनीताल से 23 किमी दूर,  जो सात ताजे व मीठे पानी की झीलों के समूह के रूप में प्रसिद्ध है।सत्ताल उत्तराखंड में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। और आजकल यह जगह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बन चुकी हैं। पर्यटक इस जगह पर कई प्रवासी पक्षियों के 500 प्रजातियों और तितलियों की 500 से अधिक किस्मों के झुंड को एक साथ देख सकते हैं और यहाँ के बेहतरीन प्राकृतिक नजारों का आनंद भी ले सकते हैं।सत्ताल की पहाड़ियाँ पर्यटकों को ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, राफ्टिंग, रिवर-क्रॉसिंग और नाइट कैंपिंग के लिए आकर्षित करती हैं।

रामगढ़

रामगढ़ नैनीताल से कुछ ही दूरी पर बसा हुआ है। रामगढ़  एक बेहद ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां से आप दूर खड़े होकर हिमालय की खूबसूरत चोटियों को निहार सकते हैं यह जगह उन लोगों को बेहद पसंद आती है जो अपने साथ कुछ पल सुकून के बिताने की इच्छा रखते हैं, यहां पर आकर आप नथुआखान ,भीमताल ,नवकुचियाताल आदि सभी जगह को देख सकते हैं, साथ यहां पक्षियों के विभिन्न प्रजातियों को भी देखा जा सकता है जो अपने खूबसूरती से  इस जगह को और भी खूबसूरत बना देते हैं। आप अपने परिवार के साथ कुछ पल सुकून के बिताने के लिए रामगढ़ आ सकते हैं।

हनुमानगढ़ी नैनीताल

नैनीताल से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है हनुमानगढ़ी. हनुमानगढ़ी नैनीताल का प्रसिद्ध मंदिर है जो की समुद्र की सतह से 1951 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1950 में संत नीम करोली बाबा ने करवाया था।नैनीताल स्थित इस हनुमानगढ़ी मंदिर में अष्टधातु से निर्मित भगवान राम, माता सीता , श्री कृष्ण और बाबा नीम करोली  की मूर्ति स्थापित की गई है। इस मंदिर में हनुमान मंदिर के साथ-साथ माता अंजना देवी मंदिर ,देवी मंदिर, शिव मंदिर, गणेश मन्दिर आदि भी बने हैं।।यह मंदिर धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता ऊंचे ऊंचे पर्वत हरे भरे पेड़ों और ठंडी हवाओं के कारण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है । इस पवित्र मंदिर से पहाड़ियों के पीछे डूबते हुए सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा आपका मन मोहने के लिए तैयार रहता है आप यहां से डूबते हुए सूर्यास्त का नजर अवश्य देखें, आप यहां हनुमानगढ़ पर बस या टैक्सी से पहुंच सकते हैं।
अक्सर पूछे जानें वाले सवाल

नैनीताल में घूमने के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?

यदि आप नैनीताल के साथ भीमताल, सत्ताल, मुक्तेश्वर इन सभी जगह को विजिट करना चाहते हैं या नैना झील तो नैनीताल में एक रात ठहरने के साथ दो दिन या तीन दिन आप रख सकते हैं। हालांकि जो पर्यटक नैनीताल के आसपास के स्थान पर घूमने के साथ ही प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद लेना चाहते हैं उन्हें इन जगहों को घूमने के लिए कम से कम 3 से 4 दिन वहां पर रुकने चाहिए।

क्या मानसून के दौरान नैनीताल में घूमना सेफ है?

वैसे तो मानसून के दौरान नैनीताल की यात्रा करना खतरनाक नहीं है लेकिन यात्रा करते समय आपको भूस्खलन और ब्लॉक रोड की समस्या झेलनी पड़ सकती है साथ ही मानसून के दौरान यहां सड़के  काफी फिसलन भरी और क्षतिग्रस्त भी हो जाती है जिससे पर्यटकों को यहां काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए अगर आप जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं, वैसे कोशिश करें की मानसून के दौरान न जाएं।

नैनीताल में हम क्या-क्या शॉपिंग कर सकते हैं?

नैनीताल का सबसे बड़ा बाजार मॉल रोड बाजार है जहां आपको अपनी पसंद की बहुत सारी चीज मिलेगी। साथ ही आप तिब्बती बाजार या भोटिया बाजार नैनीताल का एक और लोकप्रिय बाजार है यहां से भी आप खरीददारी कर सकते हैं। यहां से आप दुपट्टे, शॉल, स्वेटर ,सारी वूलेंस कपड़ों की उत्कृष्ट खरीददारी कर सकते हैं साथ ही आपको मल्लीताल में  विविध रेंज और पॉकेट फ्रेंडली बजट में आप बहुत सी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं, साथ ही यहां पर बाजार के चारों सड़क किनारे आपके यहां पर स्ट्रीट फूड के भी बहुत अच्छे-अच्छे आइटम खाने को मिल सकते हैं तो आप यहां से एक अच्छी शॉपिंग भी कर सकते हैं और इस जगह के स्ट्रीट फूड का अच्छे से स्वाद भी ले सकते हैं।

क्या दिसंबर के दौरान नैनीताल में स्नोफॉल देखा जा सकता है?

गर्मी के इलाकों से पर्यटक दिसंबर माह में नैनीताल में पहली बार बर्फबारी देखने आते हैं। फरवरी तक यहां अच्छा खासा स्नोफॉल देखा जा सकता है इस मौसम के दौरान पर्यटक यहां बर्फ से लेकर पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं साथ ही नैनीताल की सर्दियाँ अपने आप में भी अनोखी होती है तो आप यहां सर्दियों के दौरान भी घूमने आ सकते हैं।

क्या नैनीताल में बर्फ देखने को मिलती है?

नवंबर के महीने का मौसम नैनीताल में सर्दी शुरू होने का होता है इस मौसम में सबसे ठंडे दिनों के साथ एक सुंदर धुंध आकर्षण होता है जिससे यहां का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है यदि आपको बर्फ पसंद है और आपको बर्फ में खेलना घूमने यह सब चीजें पसंद है तो दिसंबर के अंत से और जनवरी के बीच नैनीताल की यात्रा की योजना बना सकते हैं बर्फ देखने के लिए।

नैनीताल का फेवरेट फूड क्या है?

नैनीताल का फेवरेट फूड है रस इसके अलावा बावड़ी, भट्ट की चुरनी, आलू के गुटके ,अरसा एक यह एक स्वीट डिश है गुलगुला यह भी एक्सपर्ट स्वीट डिश है, स्नेक्स में नैनीताल में पहाड़ों की मैगी सबसे ज्यादा फेमस है।

नैनीताल घूमने कब जाएं?

नैनीताल शहर पर्यटकों को साल भर अपनी और आकर्षित करता है हालांकि नैनीताल घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक का है जो गर्मी वसंत का मौसम होता है ज्यादातर लोग देश में चिलचिलाती गर्मी से बचना चाहते हैं और नैनीताल जाकर घूमना पसंद करते हैं , इसलिए बर्फ प्रेमियों के लिए नवंबर से अंत नवंबर के अंत से फरवरी तक की एक बहुत ही अच्छी यात्रा की योजना बनाई जा सकती है। जो की उस समय सर्दियों का मौसम होता है और बहुत ही सुहाना भी होता है।

नैनीताल में सबसे ज्यादा घूमने वाली जगह जगह कौन सी है?

नैनीताल में नैनी झील ,नैना देवी मंदिर, मॉल रोड, नैना पीक जिसे चाइना पीक भी कहा जाता है यह सभी जगह घूमने लायक हैं नैना पीक जिसे नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी कहा जाता है समुद्र तल से 2611 किलो मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां गढ़वाली घुड़सवारी करके पहुंचा जा सकता है यहां पर पर्यटक खूब सारी मौज मस्ती के साथ आराम से समय बिताने के लिए आते हैं।

नैनीताल में शॉपिंग

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शॉपिंग के शौकीन पर्यटकों के लिए नैनीताल एक आकर्षक जगह है। नैनीताल सुगंधित, सजावटी, फैंसी आकृतियों में हस्तनिर्मित मोमबत्तियों, घर का बना जैम, जूस कॉन्संट्रेट, बांस के कपड़े और पाइन कोन सजावटी वस्तुओं के लिए जाना जाता है। आप ताजा चेरी, सेब, स्ट्रॉबेरी, शहतूत, आड़ू और ब्लूबेरी खरीद सकते हैं। नैनीताल में रंगीन ऊनी और स्कार्फ की खरीदारी के लिए भोटिया बाजार सबसे अच्छी जगह है। तिब्बती बाजार में स्कार्फ, शॉल और मफलर के स्टॉल भी हैं। एक पर्यटक बड़ा बाजार, द माल रोड, भोटिया बाजार और मल्लीताल से शॉपिंग कर सकता है।

 

नैनीताल का फेमस फूड

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अगर आप नैनीताल घूमने जा रहें हैं तो आप वहां के कुछ फेमस फूड तथा फेमस स्ट्रीट फूड को जरूर ट्राई करें, आप नैनीताल में वहां के फेमस स्ट्रीट फूड में आने वाले पकोड़े, तथा नीरूज रेस्टॉरेंट की बन टिक्की बहुत ही फेमस है और इसकी कीमत मात्र 40 रुपये है। इसके साथ ही यहां की दही जलेबी का स्वाद भी बेसुमार है,आपको ये जलेबी नैना जलेबी भंडार में 50 रुपये में आसानी से मिल जायेगा,और आप नैनीताल में आयें और यहां के सोनम के मोमोज का स्वाद नहीं लिया तो समझो आपने कुछ नहीं चखा। तथा आप यहां पर मल्लीताल में मामुस के मिठाइयों का भी स्वाद जरूर लें, तथा आपको यहां पर शिवा रेस्टॉरेंट के गुलाब जामुन बर्गर को टेस्ट जरूर करना चाहिए क्योंकि ये एकदम अलग स्वाद लाते हैं। और यहां पर आप बन टिक्की तथा मलाई कुल्फी का भी लुफ्त उठाएं। साथ ही आप यहां पर चाइनीज और इटालियन फूड भी इन्जॉय कर सकते हैं।

 

नैनीताल घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

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नैनीताल  में मार्च से जून के बीच घूमने जाने का समय सबसे अच्छा होता है। वहीं अगर सर्दियों में घूमने के शौकीन हैं या फिर आपकी छुट्टियां सर्दी में पड़ती है, तो इस मौसम में भी नैनीताल घूमने के लिए बेस्ट जगह है।  सर्दियों के दौरान आप अक्टूबर से फरवरी के बीच जा सकते हैं, लेकिन अगर आपको मानसून के दौरान नैनीताल घूमना पसंद है तो आप जा सकते हैं लेकिन कोशिश करें कि आप इस मानसून के मौसम में न जाएं क्योंकि इस समय पर यहां लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है। इसलिए आप अच्छे मौसम में घूमने जाएं और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।

 

नैनीताल घूमने जाएं तो क्या- क्या सावधानी रखें ? 

अगर आप नैनीताल घूमने जा रहें हैं तो यहां जाने से पहले आप कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखें. इससे आपको तथा आपके परिवार को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि नैनीताल पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते यहां पर आपको घूमते समय कुछ परेशानियां हो सकती हैं। तो आइये हम आपको इन्ही कुछ छोटी- छोटी बातों को ध्यान में रखने की सलाह देते हैं, अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपकी नैनीताल की यात्रा बहुत ही आरामदायक होगी।

आप सोचते हैं कि पहली बार जब हम नैनीताल घूमने जायेंगे तो हमें बर्फ के पहाड़ देखने को मिलेंगे। आपने यही सब सपने देखे हुए हैं कि पहाड़ों पर जाकर वहा बर्फ के पास पहुंचते ही बर्फ के हाथ गोले बना कर हम एक दूसरे पर फेकेंगे और बर्फ से खेलेंगे,  तथा खूबसूरत फोटो लेंगे, टेंट लगा कर रात को आसमान निहारेंगे,और कैम्पफ़ायर के साथ साथ गाना बजाना आदि करेंगे।लेकिन सच तो यह हैं कि जब आप इन जगहों पर घूमने जाते हैं तो कुछ तैयारियों की कमी के कारण ट्रिप काफी तकलीफ दायक हो जाती हैं क्योकि कई बार आपको पता नहीं चल पता हैं कि क्या क्या तैयारियां ट्रिप के साथ में औऱ पहले करनी चाहिए।

नैनीताल या किसी भी पहाड़ी ट्रिप पर जाने से पहले अपने पास रखें कुछ मेडिसिन

अगर आप नैनीताल घूमने जा रहें हैं या फिर कहीं और पहाड़ी इलाकों में घूमने जा रहें हैं, तो आप अपने पास कुछ सर दर्द, बुखार, जुखाम, बॉडी पेन , सांस फूलने की प्रॉबलम आदि की कुछ मेडिसिन अपने साथ अवश्य रखें। क्योंकि जब आप मौसम बदलने से बीमार हो जाते हैं या पहाड़ों पर चढ़ते समय सांस फूल जाती हैं ,पैर दर्द करने लग जाते हैं। फिर अगर बारिश ओर आ जाये तो आपकी ट्रिप बिगड़ जाती हैं । इसलिए अगर आप अपने पास ये सारे मेडिसिन रखेंगे तो आपको  ट्रिप पर ज्यादा प्रॉबलम नहीं होगी।

आईडी कार्ड्स रखें अपने पास

नैनीताल की ट्रिप शुरू करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें की आप अपने सभी आईडी कार्ड्स को सुरक्षित अपने पास रखें, क्योंकि अगर आप अपने आईडी कार्ड्स को भूल जाते हैं तो आपको वहां पर पहुँचकर काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अगर आपके पास आईडी कार्ड्स नहीं होंगे जैसे कि आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटरआईडी तो आपको यहां पर होटल में रूम नहीं मिलेंगे और आपको नैनीताल के कई पर्यटन स्थलों पर एंट्री भी नहीं मिलेगी।

कुछ जरूरी सामान रखें अपने ट्रिप बैग में

नैनीताल की पहाड़ी ट्रिप पर  आपको अपने साथ हमेशा एक्स्ट्रा मौजे ,गर्म कपड़े ,मफलर, फर्स्ट एड किट ,टॉर्च,सीटी,एक्स्ट्रा शू लेस ,डायरी-पेन ,कैश रकम ,कुछ पासपोर्ट साइज फोटो ,आई डी कार्ड की कुछ फोटो कॉपी ,छाता ,ग्लूकोस पाउडर ,मार्कर ,छोटी कैंची ,बिस्किट ,नमकीन ,सिक्के, इंहेलर,चॉकलेट्स , गर्म पानी की बॉटल, रस्सी, सुई धागा, रेनकोट ,सनग्लास ,कैमरा की एक्स्ट्रा बैटरी ,एक्स्ट्रा मेमोरी कार्ड , पावर बैंक, हैंड ग्लोवस आदि।

ट्रिप के दौरान अपने आपको करें मानसिक व शरीरिक दोनों तरह से फिट

नैनीताल के पहाड़ी इलाकों में  अगर आप कहीं पर भी  घूमने जा रहे हो तो आपको यह तो समझ ही लेना चाहिए, कि  इन पहाड़ी इलाकों में हमें कहीं न कहीं थोड़ा बहुत पैदल चढ़ना ही होगा। इसीलिए इस बात के लिए हमें मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार और स्वस्थ रहना होगा तभी हम अपनी इस ट्रिप को अच्छे से इंजॉय कर पाएंगे।

ट्रिप पर जाने से पहले वहां पर ट्रेकिंग करने के लिये कुछ दिन पहले से ही हैवी वर्कआउट करें शुरू

नैनीताल के पहाड़ी इलाकों में पैदल ट्रेक के दौरान आपके पैरों मे दर्द ना हो और आप आसानी से ट्रेक कर लो,तो इसके लिए आपको इस ट्रिप से कम से कम 20 दिन पहले से आपको  पांच या सात किमी चलने की आदत डालनी होगी। ताकि हमारा शरीर पहाड़ों पर कभी भी पैदल चलने के लिए आसानी से तैयार हो सके। लेकिन वहीं अगर आप ज्यादा खतरनाक ट्रेक पर जा रहे हो ,तो आप इस ट्रेक से एक महीने पहले ही लेग्स एवं बैक के कुछ हैवी वर्कआउट शुरू कर दें।

ट्रिप के दौरान अपने साथ रखें कुछ छोटे एक्स्ट्रा बैग

किसी भी पहाड़ी इलाकों में ट्रिप के दौरान या किसी नॉर्मल ट्रिप पर भी आपको अपने साथ एक एक्स्ट्रा छोटा खाली बैग हमेशा साथ मे पैक करके ले जाना चाहिए ।क्योकिं जब आप किसी स्थान पर घूमोगे तो बड़े बैग्स को तो आप होटल मे रखोगे तब छोटे बैग (बैगपैक) मे एक जोड़ी एक्स्ट्रा कपड़े ,मेडिसिन ,रेनकोट डाल कर बैग को अपने साथ दिनभर रखे।ताकि बारिश मे भीगने या बीमार होने की स्थिति में ये सामान कहीं भी काम आ सके।

ट्रिप पर डायमॉक्स टेबलेट रखें अपने पास

अगर आपको फ्लाइट से सीधा अधिक उंचाई पर जा रहे हैं  तो अपने साथ डायमॉक्स टेबलेट जरूर रखें। यह दवा  फ्लाइट में आपके सिरदर्द, थकान, मतली, चक्कर आना और सांस की तकलीफ को कम कर सकती है जो तब हो सकती है जब आप तेजी से ऊंचाई पर चढ़ते हैं । यह उन स्थितियों में विशेष रूप से उपयोगी  दवा है जब आप धीमी गति से चढ़ाई नहीं कर सकते। लेकिन इसका उपयोग आपको डॉक्टर के बताये अनुसार ही करना है।

ट्रिप पर कभी भी एकदम नये शूज़ का प्रयोग न करें

यदि आप नैनीताल या फिर किसी भी पहाड़ी ट्रिप पर जा रहें हैं, तो सबसे पहले अपने पैरों का जरूर ध्यान दें। क्योंकि ये ही आप ट्रिप को बहुत ही बेहतरीन व शानदार बनाने वाले हैं। इसलिए आप कभी भी कोई नए जूते पहन कर सीधा ट्रिप पर ना चले जाएं। उन्हें आप पहले अपने घर पर ही थोड़े दिन पहन कर ,फिर ही ट्रिप पर साथ ले जाएं। इसके साथ ही आप यह बात जरूर ध्यान में रखें की जूते भी बढ़िया कंपनी के मजबूत वाले ख़रीदे ताकि  यह घिस कर कहीं फटे ना ,या कहीं ठोकर लगने से पैर की उँगलियाँ चोटिल ना हो। इसका विशेष तौर पर ध्यान रखें।

ट्रिप पर अपने साथ रखें कपूर की गोलियां

ट्रिप के दौरान आप अपने साथ सबसे पहले कपूर की डिब्बी जरूर साथ रखें। क्योंकि पहाड़ी इलाकों में चढ़ाई करते समय अगर आपको ऑक्सीजन की कमी महसूस  हो तो आप को कपूर सूंघते रहना चाहिए। इससे आपको ऑक्सीजन की कमी महसूस नहीं होगी।

ट्रिप पर अपने साथ रखें खट्टी व कुछ हाजमे वाली गोलियां

अगर आपको भी ऊचाईं से डर लगता है या फिर आपका सर घूमने लगता है, या फिर आपको मितलि की प्रॉब्लम होती है तो इसी स्थिति में आपको अपने साथ हमेशा कुछ खट्टी- मीठी या फिर किसी भी कंपनी का हाजमोला अपने साथ अवश्य रखना चाहिए। आपको जब भी ऐसा कुछ महसूस हो तो आप इसमें कुछ गोलियां खा ले इससे आपको काफी राहत मिलेगी। और आपकी नैनीताल की ट्रिप भी अच्छी जायेगी।

पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलायें धीरे

अगर आप नैनीताल की ट्रिप पर जा रहें हैं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि नैनीताल एक पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते यहां पर तमाम तरह का खतरा बना रहता है। यहां पर अक्सर बारिश होने की संभावना रहती है साथ ही मौसम का कोई पता नहीं होता है कि कब कैसा मौसम रहे इसके साथ ही  लैंडस्लाइड होने का भी खतरा बना रहता है। इसीलिए आपको पहाड़ों पर अपनी गाड़ी को धीरे एवं सही से चलाने की सलाह दी जाती है।

अच्छे ब्रांड का हो आपका बैग

आप जब भी ट्रिप प्लान कर रहें हों तो इस बात का ध्यान रखें की आपका  बैग पैक एक अच्छी कंपनी का ट्रेक बैग हो नहीं तो ट्रेक के समय आप इसे ज्यादा समय तक उठा नहीं पाओगे और आपको बैकपेन शुरू होने लग जायेगा।

नैनीताल माल रोड पर गाड़ी चलाने का एक समय

अगर आप नैनीताल की ट्रिप पर जा रहें हैं तो इस बात को भी जान लें , कि नैनीताल के माल रोड पर गाड़ी चलाने का एक समय होता है। आप केवल उसी समय में यहां इस रोड पर गाड़ी चला सकते हैं। क्योंकि कुछ समय के लिये यहां पर गाड़ियों की अवाजाही बंद कर दी जाती है। इसलिए इस बाद का आप विशेष ध्यान रखें। क्योंकि अगर आप अपने परिवार के साथ नैनीताल के इस ट्रिप पर जा रहें है तो बात आपको पता होना चाहिए ताकि आप अपने परिवार के साथ किसी प्रॉबलम में न पड़ें।

नैनीताल के पहाड़ों में न करें किसी भी प्रकार का नशा

अगर आप अपने दोस्तों के साथ नैनीताल की ट्रिप पर जा रहें हैं तो इस बात का ख़ास ध्यान रखें ,कि आप यहां पर किसी भी प्रकार का नशा करने से बचें। चाहे वो सिगरेट हो या कोई और नशा या ड्रिंक इन सभी को यहां पर करने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आप अपना स्वास्थ्य तो खराब करते ही हैं साथ ही प्रकृति को भी नुकसान पहुँचाते हैं। और ऐसा करने से आपको वहां पर फाइन भी भरना पड़ सकता है। तो इस बात का विशेष ध्यान रखें।

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