आकर्षक और सुव्यवस्थित तरीकेे से सजे घर की चाहत हर किसी की होती है। जिसके चलते समय-समय पर घर की दीवारों पर वाइट-वाॅश या पेंट करवाते होंगे या फिर रंग-बिरंगे डिजाइनर वाॅल पेपर या टाइल्स लगाते होंगे। इस पर अच्छा-खासा खर्चा तो आता ही होगा। लेकिन आज बढ़ते शहरीकरण के दौर में घर के इंटीरियर के आकर्षण को कम करती है- दीवारों पर आनेे वाली सीलन। जो मूलतः प्रकृति के साथ की गई छेड़छाड़ का नतीजा है जिससे हममें कई लोग इस समस्या से जूझ रहे होंगे। मंहगे से मंहगे पेंट या वाॅल पेपर के अलावा बिरला पुट्टी लगाने पर भी माॅश्चर की वजह से दीवारों पर सीलन आ जाती है और इंटीरियर का सारा आकर्षण कुछ ही समय में खराब हो जाता है।
अगर आप भी सीलन आने से इंटीरियर खराब होने की समस्या से परेशान हैं। तो घबराएं नहीं, आप बाजार में उपलब्ध पीवीसी ( पॉली विनाइल क्लोराइड ) वाॅल पैनल लगा सकते हैं। आज के तकनीकी युग में ये पैनल सीलन की वजह से इंटीरियर के आकर्षण को कम होने से बचाने का बेहतर विकल्प हैं।
पीवीसी पैनल घर के अलावा ऑफिस, अस्पताल, होटल, शाॅपिंग काॅम्लेक्स आदि के इंटीरियर को आकर्षक बनाने के लिए भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। आप चाहें तो अपनी फाॅल्स सीलिंग की सुंदरता को बढ़ाने के लिए पीवीसी सीलिंग पैनल का उपयोग भी कर सकते हैं। ये पैनल प्लास्टर, टाइलों से बनी दीवारों पर ही नहीं, छत पर भी आसानी से लगाए जा सकते हैं। वाॅटर-प्रूफ और जंग-प्रूफ होने के कारण माॅश्चर से ये खराब नहीं होते और थोड़े रख-रखाव से सालों साल अच्छा लुक देते हैं। सबसे बड़ी बात है कि पीवीसी मैटीरियल होने के बावजूद ये पैनल एन्वायरन्मेंट फ्रेंडलीे और पाॅकेट फ्रेंडलीे हैं।
पीवीसी पैनल के फायदे
यदि दीवार में नमी है तो आप वॉल पेपर या पेंट का उपयोग तब तक नहीं कर सकते जब तक नमी कम न हो जाए। ऐसे क्षेत्रों में पीवीसी दीवार पैनल सर्वोत्तम उपलब्ध विकल्प हैं। अच्छी क्वाॅलिटी के पीवीसी से बने होने के कारण सीलन या नमी को एब्जार्ब नहीं करते। दीवारों में आने वाली नमी को लाॅक करके रखते हैं जिससे सीलन का इन पर असर नहीं होता और इंटीरियर भी प्रभावित नहीं होता।
पीवीसी पैनल की प्लेन और चिकनी सतह के कारण किसी तरह के बैक्टीरिया नहीं पनप पातें। इसलिए इनमें किसी तरह के कीड़े लगने का डर नहीं रहता।
पीवीसी पैनल वज़न में हल्के लेकिन काफी मजबूत होते हैं।
इन्हें बहुत कम समय में और आसानी से इंन्सटाॅल किया जा सकता है। एक कमरा 4-5 घंटे में तैयार हो जाता है।
पैनल को दीवार क्षेत्र के अनुसार मैनुअली आरी या तेज चाकू से आवश्यक आकार में आसानी से काटा जा सकता है।
बजट के अनुकूल।
पीवीसी दीवार पैनल थोड़े-से रख-रखाव से तकरीबन 10-15 वर्षों आसानी से बने रहते हैं।
पीवीसी पैनल की ऊपरी सतह पाॅलीयेरेथेन से बनती है जिसकी वजह से वो चिकने और प्लेन होते है। इन चिकनी सतह को साफ करना काफी आसान होता है। गंदे होने या धूल-मिट्टी से बचाने के लिए इन्हें 10-15 दिन में गीले मुलायम कपड़े से पौंछना पर्याप्त है।
इन्हें हटाना और पुनः स्थापित करना आसान है क्योंकि इनमें मौजूद इंटरलाॅकिंग सिस्टम की वजह से इन्हें अलग भी किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि भविष्य में एकाध पैनल खराब भी हो जाता है, तो इन्हें बदला जा सकता है।
पीवीसी पैनल के नुकसान
अगर कोई नुकीली चीज गलती से टकराती है तो पीवीसी पैनल में खरोंच या डेंट लग सकते हैं।
यदि आप किसी फोटो फ्रेम या ऑब्जेक्ट पर लटकाना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि उन्हें लगाने के लिए पहले ही कील या गिट्टी गाढ़ ली जाए। पैनल लगाने के बाद दीवार तक गिट्टी लगाना कठिन हो जाता है।
पीवीसी पैनल 60 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम तापमान का सामना कर सकते हैं। फिर भी इन्हें रसोई जैेसी जगह नहीं लगाना चाहिए जहां ज्यादा गर्मी या आग का काम होता हो। क्योंकि इनका निर्माण हाई ग्रेड प्लास्टिक और फाइबर से होता है, ये खराब हो सकते हैं।
क्या है कीमत
पैनल की कीमत घर में दीवारों की स्थिति, पैनल की क्वाॅलिटी, पैनल लगाने के पैटर्न पर निर्भर करती है। इनमें एम्बोज़्ड पैनल की कीमत अधिक होती है। मोटे तौर पर एक पैनल की कीमत 500रुपये आती है। 10/15 फुट के कमरे में दीवारो पर काॅमन पैटर्न में पैनल लगवाने में तकरीबन 25 हजार रुपये का खर्च आ जाता है। अगर पैनल की फाॅल्स सीलिंग बनवानी हो, तो डिजाइन और लाइटनिंग के आधार कीमत बनती है। फिर भी अगर देखा जाए तो सीलन से भरी दीवारों पर हर 2-3 साल में पेंट करवाना पड़ता है जिसका खर्च इससे ज्यादा बैठता है। लेकिन पीवीसी पैनल का आकर्षण कम से कम 10 साल बना रहता है। हां अगर आप घर के कमरों में इतने लंबे समय तक एक ही तरह के पैनलों से बोर हो जाएं तो इन्हें आसानी से रिइंस्टाॅल भी किया जा सकता है।