राष्ट्रपति भवन से जुड़ी कुछ खास जानकारी

दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं. देश से हो या विदेशी, सभी सैलानियों के लिए राष्ट्रपति भवन काफी लोकप्रिय हैं.

आप दिल्ली से हो या फिर दिल्ली से बाहर यहां पर घूमने आएं हो तो ऐसा नहीं हो सकता कि आप ने राष्ट्रपति भवन ना देखा हो. इस इमारत को देखते ही हमारे अंदर एक अलग तरह का भाव आ जाता है. पहले वायसराय हाउस के नाम से प्रसिद्ध यह इमारत आजकल राष्ट्रपति भवन के नाम से जानी जाती है और यह भारत के गौरव में चार चांद लगाती है.

हाल ही में द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली है और वह भारत की पहली नागरिक बनकर राष्ट्रपति भवन में आवास कर रही हैं.आज हम राष्ट्रपति भवन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य पढ़ेंगे जो बेहद दिलचस्प हैं.

दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं. देश से हो या विदेशी, सभी सैलानियों के लिए राष्ट्रपति भवन काफी लोकप्रिय हैं.

भले ही कितनी ही महंगी और बड़ी-बड़ी लग्जरी इमारतें हो और लोग अपने बहुमंजिला मेंशन में रहते हैं लेकिन यह बड़े-बड़े बंगले भी भारत के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति के घर की तुलना में फीके ही नजर आते हैं.

26 जनवरी 1950 को जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना तब राष्ट्रपति भवन को इसकी एक स्थाई संस्था के रूप में अपनी जगह मिली. 4 मंजिली इस इमारत में 340 कमरे हैं और इसे बनाने में लगभग 17 साल का समय लग गया. इसका निर्माण एडविन लेंसिएर ने किया था.

कहा जाता है कि राष्ट्रपति भवन पहले वायसराय पैलेस था. इसमें 9 टेनिस कोर्ट, एक पोलो ग्राउंड, गोल्फ ग्राउंड्स और एक बेहद खूबसूरत मुग़ल गार्डन है. इसके अंदर ही एक क्रिकेट ग्राउंड भी बनाया गया है.

 

सबसे आकर्षक फीचर सेंट्रल डोम

राष्ट्रपति भवन का सबसे आकर्षक फीचर सेंट्रल डोम को माना गया है. यह हमे सांची के स्तूप की याद दिलवाता है और यह इमारत से लगभग 55 फुट ऊपर एक मुकुट की तरह इस भवन की शोभा बनाए हुए हैं.

 

rashtrapati bhavan delhi जाने राष्ट्रपति भवन से जुड़ी कुछ खास जानकारी

 

राष्ट्रपति भवन की लागत 

लुटियन्स बंगला जोन में बना ये भवन लगभग 350 एकड़ में फैला हुआ है. अगर लागत की बात की जाए तो माना जाता है कि इसे बनाने में  उस वक्त करीब 14 मिलियन रुपये की अनुमानित लागत आई थी. अगर आजकल के हिसाब से इसकी कीमत का आंकलन किया जाए तो यह लगभग 2.65 बिलियन होगी.

लुटियन्स बंगला जोन में लगभग सारी ही जमीन सेंट्रल गवर्नमेंट के तहत आती है इसलिए इसकी कीमत के सही आंकड़े का अनुमान लगा पाना जरा मुश्किल है.

 

 

राष्ट्रपति भवन से जुड़ी कुछ खास बातें

राष्ट्रपति भवन से जुड़ी बातें हमेशा ही हमें आकर्षित करती रही हैं और हम इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं.  आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ तथ्य लेकर आए हैं जिन्हें पढ़कर राष्ट्रपति भवन के लिए आपकी जिज्ञासा और बढ़ जाएगी;

बनाने में लगे 17 साल

राष्ट्रपति भवन को बनाने में लगभग 29000 कर्मचारियों को लगाया गया था जिन्होंने इसे 17 साल में बना कर खड़ा किया. वास्तुकला के इस अद्भुत नमूने को बनाने में लगभग 700 बिलियन ईंटों का इस्तेमाल किया गया है.

राष्ट्रपति भवन के खंभों का डिजाइन है बेहद अलग

राष्ट्रपति भवन के खंभों पर अलग-अलग तरह की घंटियां लगाई गई है. यह अंग्रेजों द्वारा सुझाया गया ही एक डिजाइन था और उनका मानना था कि यह घंटियां जितनी स्थिर रहते हैं उतनी ही सत्ता भी मजबूत बनी रहती है. जहां पर एक मजे की बात यह है कि जैसे ही अंग्रेजों ने राष्ट्रपति भवन का निर्माण पूरा किया था तभी उनकी सत्ता डगमगाने लगी थी. खंभों पर बनी हुई इन घंटियों के डिजाइन को ‘डेली आर्डर’ कहा जाता है.

मार्बल हॉल में स्थित चांदी का सिंहासन है खास

मार्बल हॉल में किंग जॉर्ज और क्वीन मैरी की फोटो लगी हुई है. इसके अलावा यहां पर एक चांदी का सिंहासन भी लगा हुआ है जिसके पीछे की दीवारों पर पुराने वायसराय और गवर्नर की तस्वीरें लगी हुई हैं.

स्टेट डायनिंग हॉल की तस्वीरें

राष्ट्रपति भवन में स्थित इस डाइनिंग हॉल में एक साथ 104 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. इसे बैंक्विट हॉल भी कहा जाता है और इसी कमरे में भारत के सभी पूर्व राष्ट्रपतियों की तस्वीरें लगाई गई हैं.

 

 

कमरे हैं भूल भुलैया के जैसे

जैसा कि हमने बताया कि राष्ट्रपति भवन में लगभग 340 कमरे हैं. यह सभी कमरे किसी भूल भुलैया से कम नहीं है. राष्ट्रपति भवन में 18 सीढ़ियां है और लगभग 74 बरामदे हैं.परिसर के अंदर ही घंटाघर और अशोक हॉल भी है जो इसकी खूबसूरती में और चार चांद लगाता है.इसके अलावा राष्ट्रपति भवन में 37 फाउंटेन भी हैं. इन आंकड़ों को देखकर इस बात पर कोई शंका नहीं जताई जा सकती कि राष्ट्रपति भवन में घूमने के लिए आपको एक गाइड की जरूरत पड़ेगी.

मुगल गार्डन (अमृत उद्यान) की खूबसूरती है सबसे अलग

राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन के बारे में कौन नहीं जानता है. समय समय इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया जाता है ताकि लोग इसकी खूबसूरती का लुत्फ उठा सकें. मुगल गार्डन में फूलों की लगभग 100 तरह की किस्म देखने को मिलती हैं.

लगभग 15 एकड़ में फैले हुए इस गार्डन में आप गुलाब, डैफोडील्स, एशियाई लिली, जलकुंभी और कई मौसमी फूलों की एक विस्तृत विविधता पा सकते हैं.

यहाँ ये जान लेना ज़रूरी है के केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 28, 2023, को जारी किये गए एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति भवन का मुग़ल गार्डन अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जायेगा।

 

rashtrapati bhavan delhi जाने राष्ट्रपति भवन से जुड़ी कुछ खास जानकारी

स्रोत: Pinterest

 

राष्ट्रपति भवन का अतिथि विंग

साउथ वेस्ट विंग के नाम से प्रसिद्ध राष्ट्रपति भवन का गेस्ट विंग बेहद खास है. इसमें तीन मंजिल शामिल हैं. पहली मंजिल सभी राष्ट्राध्यक्षों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य वरिष्ठ सदस्यों की मेजबानी के लिए समर्पित है.

इसके अलावा दो अन्य विंग द्वारका और नालंदा हैं जिनका  उपयोग राष्ट्राध्यक्षों, उनके प्रतिनिधिमंडल और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों के ठहरने के लिए किया जाता है.

इतिहास की माने तो वायसराय और उनके परिवार अपने निवास के लिए इस विंग का उपयोग करते थे लेकिन, सी. राजगोपालाचारी जब भारत के पहले गवर्नर जनरल बने तो उन्होंने राष्ट्रपति भवन के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में जाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें वायसराय का सुइट अपनी पसंद के हिसाब से बहुत फैंसी लगा. तब से, उत्तर पश्चिम विंग राष्ट्रपति भवन का आवासीय विंग बन गया है।

राष्ट्रपति भवन के गेस्ट विंग के सभी सुइट्स में से द्वारका सूट सबसे बड़ा है, इसके बाद नालंदा सूट है. इन सुइट्स से खूबसूरत मुगल गार्डन का शानदार नजारा दिखता है. 

गिफ्ट हॉल

.देश-विदेश से राष्ट्रपति को जो भी गिफ्ट दिए जाते हैं उन्हें गिफ्ट हॉल में सजा कर रखा जाता है. इस गिफ्ट हॉल में दो चांदी की कुर्सियां भी रखी गई है. ऐसा कहां जाता है कि इन कुर्सियों का इस्तेमाल जॉर्ज पंचम किया करते थे.

बच्चों के लिए बनाई गई है खास गैलरी 

राष्ट्रपति भवन के अंदर बच्चों को समर्पित दो गैलरी बनाई गई है. एक गैलरी ‘बाई द चिल्ड्रन’ है, जिसमें राष्ट्रपति को भेंट की गई पेंटिंग और रेखाचित्र लगाए गए हैं , और दूसरी ‘बच्चों के लिए’ है. इस गैलरी में ऐसी चीजें हैं जो बच्चों की रुचि की हैं, जैसे संगीत वाद्ययंत्र, समय क्षेत्र, एक मॉडल अखबार, ऑप्टिकल इल्यूजन डिवाइस आदि.

राष्ट्रपति भवन में है बुद्ध की कई साल पुरानी मूर्ति

बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है लेकिन यह सच है. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में भगवान बुद्ध  की एक सदियों पुराने प्रतिमा लगाई गई. इस मूर्ति को गुप्त काल के समय का माना गया है.

 

स्रोत: Rashtrapatisachivalaya

भवन के अंदर स्थित रसोई म्यूजियम है बेहद खूबसूरत

आपको यह सुनकर थोड़ा सा अटपटा लग सकता है लेकिन यह एक दम सच है.  राष्ट्रपति भवन के अंदर एक रसोई संग्रहालय बनाया गया है.  इसमें आप साल 1911 में  इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन भी देख सकते हैं. इसके अलावा इसमें राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों और खास तरह के व्यंजनों के बारे में भी खास जानकारी दी गई है.

अशोक हॉल है बेहद खास

अशोक हॉल भारत के राष्ट्रपति भवन का एक और खूबसूरती से सजाया गया कमरा है. इसे पहले  राजकीय बॉलरूम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, आज अशोक हॉल का उपयोग विभिन्न औपचारिक कार्यों के आयोजन के लिए किया जाता है. अशोक हॉल की सबसे खूबसूरत चीज उसकी  छत है जिसमें एक मंत्रमुग्ध करने वाला तेल चित्रकला डिजाइन है.

इसके अलावा इसमें आपको एक अलग तरह की लंबी घड़ी भी देखने को मिलती है जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि इसके कुछ हिस्से खास इंग्लैंड से मंगवाए गए थे.

 

क्या आम नागरिक राष्ट्रपति भवन में जा सकते हैं?

आम नागरिक राष्ट्रपति भवन में जा सकते हैं लेकिन उसके लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं.  साथ कि आप राष्ट्रपति भवन में कुछ खास जगह पर ही भ्रमण कर सकते हैं.

आगंतुकों को तीन अलग-अलग टूर सर्किट द्वारा राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति है:

सर्किट 1 – यह राष्ट्रपति भवन और उसके केंद्रीय लॉन को कवर करता है.

सर्किट 2 – इसमें संग्रहालय शामिल है.

सर्किट 3 – इसमें मुगल गार्डन और कुछ अन्य गार्डन शामिल हैं

शुल्क 50 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति सर्किट है. समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच का है. आज यह टिकट ऑनलाइन बुक करने का प्रावधान भी दे दिया गया है.

इसके अलावा राष्ट्रपति भवन आम नागरिकों के खुलने के बारे में पहले से जानकारी दी जाती है और इसकी तिथि और समय निर्धारित होता है.  इसके अलावा जरूरत पड़ने पर इस समय को कम या ज्यादा भी किया जा सकता है.

वायसराय हाउस के नाम से  जानी जाने वाली यह इमारत भारत के लिए किसी मुकुट से कम नहीं है.शानदार वास्तुकला के इस नमूने की जितनी भी तारीफ की जाए वह उतनी ही कम है और देश के लिए इसके राजनीतिक और भावनात्मक महत्व का आकलन शब्दों में नहीं किया जा सकता है.

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

राष्ट्रपति भवन में कितने कमरे हैं?

राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे हैं.

राष्ट्रपति भवन को बनाने में कितने साल लगे?

राष्ट्रपति भवन को बनाने में लगभग 17 साल का समय लगा.

क्या आम जनता राष्ट्रपति भवन में जा सकती हैं?

आम जनता के लिए राष्ट्रपति भवन के द्वार एक निश्चित समय के लिए खोले जाते हैं और कुछ नियम कानून का पालन करते हुए आप यहां पर जा सकते हैं.

आम नागरिक राष्ट्रपति भवन में कौन-कौन सी जगह पर जा सकते हैं?

आम नागरिक राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय लॉन, और मुगल गार्डन में जा सकते हैं.

 

Was this article useful?
  • ? (3)
  • ? (0)
  • ? (0)

Recent Podcasts

  • आपके लिए फायदेमंद होंगे संपत्ति खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी बचाने के ये 10 कानूनी तरीकेआपके लिए फायदेमंद होंगे संपत्ति खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी बचाने के ये 10 कानूनी तरीके
  • महाराष्ट्र में 2025 में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क, जानें हर जानकारीमहाराष्ट्र में 2025 में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क, जानें हर जानकारी
  • निर्माणाधीन संपत्तियों पर GST के नए नियम: यहां जानें हर प्रमुख जानकारीनिर्माणाधीन संपत्तियों पर GST के नए नियम: यहां जानें हर प्रमुख जानकारी
  • वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 क्या है?वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 क्या है?
  • जानें क्या होता है उचित भूमि मूल्य या FMV, कैसे की जाती है इसकी गणना?जानें क्या होता है उचित भूमि मूल्य या FMV, कैसे की जाती है इसकी गणना?
  • 2025-26 में गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ मुहूर्त, यहां देखें महीनेवार पूरी लिस्ट2025-26 में गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ मुहूर्त, यहां देखें महीनेवार पूरी लिस्ट