उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की शान में जितना कुछ भी कहा जाये काम ही लगता है। नज़ाकत और नफासत का ये बेहद ही खूबसूरत शहर नवाबों के शहर के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है। जितनी मीठी यहाँ की बोली है उतने ही लुभावने हैं यहाँ पुराने बाज़ार। इतिहास में अपनी एक अलग पहचान लिए हुए यह शहर वास्तु कला के एक से एक नमूनों को खुद में समेटे हुए है। साथ ही लखनऊ के अवधी खाने की सारी दुनिया ही दीवानी है। लखनऊ जितना ही हमे इतिहास से जोड़ता है उतना ही खुद में मॉडर्न भी हैं। यही वजह है की कोई भी पर्यटक, चाहे देसी हो या विदेश लखनऊ के दौरे को अपनी बकेट लिस्ट में रखता ही है। अगर आप भी लखनऊ की खूबसूरती के मुरीदों में से एक हैं तो यह आर्टिकल आपको आपके लखनऊ दौरे के लिए पूरी तरग से तैयार करने में मदद करेगा।
कहाँ है लखनऊ?
कबाब और नवाबों के शहर के रूप में जाना जाने वाला लखनऊ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है। यह गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है। यहाँ का आर्किटेक्चर और बोल-चाल आप पर ज़ाहिर कर देंगे की इसे नवाबों का शहर क्यों कहा जाता है। वर्तमान में लखनऊ को बागों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर समाज के सभी स्तर के लोग अपने-अपने बजट के अनुसार घूमने आ सकते हैं। वह कम से कम बजट में घूम सकते हैं। अपनी पसंदीदा शॉपिंग भी कर सकते हैं और लखनऊ के विभिन्न व्यंजनों का स्वाद भी चख सकते हैं। इसलिए जैसा भी उनका बजट हो उसे बजट में वह लखनऊ घूम सकते हैं ।
लखनऊ का इतिहास
लखनऊ प्राचीन काल के कौशल राज्य का हिस्सा था। ऐसा कहा जाता है कि लखनऊ भगवान श्री राम की विरासत थी जिसे उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण को दे दिया था। इसलिए इसे कुछ लोग लखनपुर या लक्ष्मणपुर के नाम से जानते हैं, जो बाद में इसे बदलकर लखनऊ कर दिया गया। अवध के शासक ने लखनऊ को अपनी राजधानी बनाकर इसे समृद्ध किया लेकिन कुछ समय बाद नवाब बिलासी हो गए जिस कारण कुछ समय बाद लॉर्ड डलहौजी ने अवध को बिना युद्ध किया ही अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिल लिया। सन् 1850 में अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधिनियमित स्वीकार कर ली।
लखनऊ के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण फैक्ट्स
किस राज्य में है | उत्तर प्रदेश |
क्या राजधानी है | हाँ |
क्षेत्रफल | 2.528 square km |
जनसंख्या | 36,47,834 (2001 की जनगणना) |
ऊंचाई | 123 मीटर समुद्र स्तर से ऊपर। |
घूमे के लिए बेस्ट समय | अक्टूबर-मार्च |
कपड़े (ग्रीष्मकालीन) | सूती |
वस्त्र (शीतकालीन) | ऊनी |
भाषा | हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी |
स्थानीय परिवहन | बस/टेम्पो/ऑटो रिक्शा/टैक्सी टोंगा/साइकिल रिक्शा |
STD कोड | 0522 |
लखनऊ में मनाये जाने वाले त्यौहार
- होली
- दशहरा
- दिवाली
- क्रिसमस
- ईद-उल-जुहा
- ईद-उल-फितर
- शब-ए-बारात
लखनऊ के विशेष मेले
- जमघाट(दिवाली के बाद पतंग उड़ाने का त्योहार)
- बड़ामंगल मेला (मई/जून में अलीगंज हनुमान मंदिर में)
- कार्तिकमेला (डालीगंज, अक्टूबर-नवंबर)
- लखनऊमहोत्सव (25 नवंबर- 05 दिसंबर)
लखनऊ कैसे पहुंचे?
आप सभी को तो पता ही होगा कहीं भी घूमने के लिए सबसे पहले वहां पर कैसे पहुंचते हैं. इस बारे में आपको विस्तृत रूप से जानकारी देंगे कि आप किन-किन रास्तों से लखनऊ आसानी से पहुंच सकते है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी होने के नाते, लखनऊ हवाई मार्ग हो या सड़क मार्ग सभी तरह कनेक्टिविटी के माध्यमों से पूरे देश से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। न केवल यहां भारत के सभी बड़े शहरों से सीधी फ्लाइट्स उपलब्ध हैं, लखनऊ रेलवे स्टेशन देश के ज्यादातर हिस्सों से भी जुड़ा हुआ है। लखनऊ का सड़क नेटवर्क काफी अच्छा है। यहां से नई दिल्ली और यूपी के अन्य प्रमुख हिस्सों से भी बसें उपलब्ध हैं। लखनऊ पहुंचने के लिए आसपास के शहरों से कैब भी किराए पर ले सकते हैं जो आपको उचित स्थान पर पहुंचा देगी। यह सुरक्षित होने के साथ-साथ आरामदायक भी होती हैं।
फ्लाइट से लखनऊ कैसे पहुंचे?
नवाबों के शहर लखनऊ पहुंचने के लिए हवाई यात्रा सबसे सुविधाजनक और आसान तरीका है। चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। लखनऊ हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली ,मुंबई, कोलकाता ,पटना, चंडीगढ़, बेंगलोर, आदि, सभी शहरों से नियमित रूप से संचालित होने वाली कई एयरलाइनों की मदद से जुड़ा हुआ है। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय उड़ाने दिल्ली से होकर लखनऊ पहुंचती हैं। हवाई अड्डे से मुख्य शहर तक पहुंचाने के लिए आप बस, टैक्सी और कैब की मदद भी ले सकते हैं। जो आपको उचित स्थान पर पहुंचा देगी।
सड़क मार्ग से लखनऊ कैसे पहुंचे?
लखनऊ और अन्य राज्य के शहरों के बीच उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा नियमित रूप से लग्जरी और डीलक्स बसें संचालित है। चारबाग बस स्टेशन और आलमबाग बस स्टैंड आईएसबीटी इस शहर के मुख्या बस अड्डे हैं। अपने शहर से आप उचित किराए पर कई लग्ज़री और बजट बसो से अपने परिवार के साथ यात्रा कर सकते हैं। इन बसों से यात्रा करना बेहद ही सुविधाजनक और आरामदायक होता है। यह बसें आपको कहीं भी जाने के लिए बेहद आसानी से मिल जाती है।
लखनऊ ट्रेन से लखनऊ कैसे पहुंचे?
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भारतीय रेलवे भारत के अन्य हिस्सों से लखनऊ तक पहुंचाने के लिए कई प्रकार के मेल और सुपरफास्ट ट्रेन प्रदान करता है। चारबाग लखनऊ शहर का मुख्य रेलवे जंक्शन है, लेकिन पर्यटक लखनऊ से आलमनगर, गोमती नगर और ऐशबाग जंक्शन भी जा सकते हैं। इसके अलावा एक मुख्य आकर्षक महाराजा एक्सप्रेस है जो लखनऊ के लिए एक शाही सवारी प्रदान करती है।
इन सभी रास्तों से आप बेहद ही आसानी से लखनऊ पहुंच सकते हैं और लखनऊ घूमने का आनंद ले सकते हैं।
लखनऊ में घूमने लायक 25 दर्शनीय स्थल
अब हम आपको लखनऊ में घूमने लायक 25 दर्शनीय स्थल के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देंगे.
बड़ा इमामबाड़ा
लखनऊ के प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों में गिना जाने वाला, बड़ा इमामबाड़ा उर्फ आसफी़ इमामबाड़ा एक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसका निर्माण 1784 में हुआ था। अवध के प्रसिद्ध नवाबों में से एक, आसफ़-उद-दौला द्वारा निर्मित, परिसर में एक बड़ी मस्जिद (असफी़ मस्जिद), एक भूल भुलैया और बहता पानी वाली एक बावड़ी (शाही बावली) शामिल है।
इस संरचना में दो बड़े प्रवेश द्वार हैं जो आपको केंद्रीय हाल तक ले जाएंगे, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा गुंबददार कक्ष माना जाता है। बड़ा इमामबाड़ा देखने में बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक लगता है। यहां पर आप सुबह से शाम तक के बीच कभी भी आ सकते हैं और यहां घूम सकते हैं। यहां आने की प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए Rs 25 हैं और विदेशी नागरिकों के लिए Rs 500 है।
छोटा इमामबाड़ा
छोटा इमामबाड़ा की भव्य ऐतिहासिक संरचना का निर्माण 1838 में अवध के तीसरे नवाब मुहम्मद अली शाह द्वारा किया गया था। इसे इमामबाड़ा हुसैनाबाद मुबारक भी कहा जाता है. इसे शुरुआत में शिया समुदाय के भक्तों के लिए एक मंडली हाल के रूप में बनाया गया था। हालांकि, बाद में यह स्थान नवाब के साथ-साथ उनकी मां की समाधि के रूप में भी काम आया। संरचना के आंतरिक भाग को बेल्जियम से ले गए झूमर और क्रिस्टल लैंपो में खूबसूरती से सजाया गया, जिसके कारण इसे रोशनी का महल उपनाम मिला। बाहरी हिस्से में जटिल इस्लामी सुलेख के तत्व हैं, जो इसकी अपील को बढ़ाते हैं। इसलिए यहां पर भी देखने के लिए लोगों की भीड़ काफी होती है। आप यहां पर सुबह 6:00 बजे से शाम के 5:00 तक के बीच कभी भी आ सकते हैं। यहां की प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए Rs 25 और विदेशी नागरिकों के लिए Rs 300 है।
ब्रिटिश रेजिडेंसी
ब्रिटिश रेजिडेंसी इमारत का एक परिसर है जो कभी ब्रिटिश रेजिडेंसी जनरल के निवास के रूप में कार्य करता था। 18 वीं सदी की अंतिम तिमाही में निर्मित, इस स्थान ने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान 3,000 से अधिक ब्रिटिश निवासियों को आश्रय दिया था। वर्तमान में, रेजिडेंसी खंडहर में है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत एक सुरक्षित स्मारक है। इस जगह पर भी लोग घूमने काफी ज्यादा आते हैं। यहां पर आप सुबह के 7:00 से शाम के 6:00 बजे तक के बीच कभी भी आ सकते हैं। यहां पर प्रवेश निशुल्क है।
रूमी दरवाजा
जब आप अवधि शैली की वास्तुकला की भव्यता को देखना चाहते हैं तो रूमी दरवाजा का रुख करें, जो बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा के बीच स्थित एक भव्य प्रवेश द्वार है। सन 1784 में नवाब आसफ -उद-दौला द्वारा निर्मित यह प्रवेश द्वार लगभग 60 फीट लंबा है। क्योंकि यह गेट इस्तांबुल के सबलिम पोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है इसलिए इसे कभी-कभी तुर्की गेट भी कहा जाता है। यह गेट काफी भव्य और सुंदर है। जिसको देखने के लिए आप सप्ताह के सातों दिन में से कोई भी दिन 24 घंटे कभी भी आ सकते हैं। और यहां पर प्रवेश भी निशुल्क है।
छतर मंजिल
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छतर मंजिल या अंब्रेला पैलेस, जो कभी अवधी शासको और उनकी पत्नियों के निवास के रूप में काम करता था, लखनऊ में एक और आवश्यक देखने योग पर्यटक स्थल है। हालांकि वर्तमान में, यह इमारत एक सरकारी कार्यालय के रूप में कार्य करती है। इसकी वास्तुकला की सुंदरता के कारण यात्री इसे देखने आते हैं। जैसा कि नाम में से पता चलता है, इमारत में छतरी के आकार का गुंबद है। यह संरचना वास्तुकला के विभिन्न शैलियों के तत्वों को प्रदर्शित करती है, उनमें से सबसे महत्वपूर्ण यूरोपीय शैली है। यह पैलेस शनिवार और रविवार को बंद रहता है। बाकी के दिन यह सुबह के 8:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक खुला रहता है। यहां पर प्रवेश निशुल्क है।
दिलकुशा कोठी
गोमती नदी के तट पर स्थित ,दिलकुशा कोठी एक घर का अवशेष है जिसे 19वीं शताब्दी के शुरुआत में बनाया गया था। वास्तु कला की अंग्रेजी बारोक शैली में निर्मित यह इमारत एक बार नवाबों के शिकार लॉज और ग्रामीण कालीन रिसार्ट के रूप में कार्य करती थी। बाहरी दीवारों ,कुछ टावरों और एक खूबसूरत बगीचे को छोड़कर ,आज इमारत में कुछ भी नहीं बचा है। हालांकि, अपने ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य भव्यता के कारण दिलकुशा कोठी ने लखनऊ के पर्यटक स्थलों में सूचित सूची में अपना स्थान बना लिया है। इसे देखने आप सुबह के 8:00 से लेकर शाम के 6:00 बजे तक जिस भी समय चाहे आ सकते हैं और यहां पर प्रवेश भी निशुल्क है।
हुसैनाबाद घंटाघर
रूमी दरवाजा के निकट स्थित, हुसैनाबाद ब्लॉक टावर लखनऊ का एक और विरासत स्मारक है। इसे सन् 1881 में हुसैनाबाद ट्रस्ट द्वारा 1.75 लाख की लागत से निर्मित किया गया, जो 221 फीट की ऊचाई का है। यह संरचना लंदन के बिग बेन ब्लॉक टावर की तर्ज पर बनाई गई है। घड़ी को 12 पंखुड़ियों वाले फूलों की तरह डिजाइन किया गया है और इसका पेंडुलम 14 फीट लंबा है। यह देश का सबसे ऊँचा ब्लॉक टावर के रूप में प्रसिद्ध है, और इसमें वास्तुकला की गोथिक और विक्टोरियन शैली का सुंदर संगम है। आप इसे कभी भी देख सकते हैं और प्रवेश निशुल्क है।
जामा मस्जिद
लखनऊ के पर्यटक स्थलों की सूची में एक और रत्न है जामा मस्जिद। देश की अन्य सभी मस्जिदों की तरह, यह मुस्लिम भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है। 19वीं शताब्दी की यह इमारत शहर में मुग़ल वास्तु कला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है। यहां का मुख्य आकर्षण विशाल स्तंभ है जिस पर हिंदू और जैन नक्काशी की गई है। यहां आप प्रातः 5:00 बजे से रात्रि के 9:00 बजे तक के बीच रोज़ कभी भी आ सकते हैं और प्रवेश भी निशुल्क है।
कांन्स्टेटिया हाउस
जब आप ब्रिटिश काल की वास्तुकला की भव्यता को देखना चाहते हैं, तो आपको कॉन्स्टेंटिया हाउस की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। यह प्रसिद्ध ला मार्टिनिएर कॉलेज का हिस्सा है, जो शहर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। इस इमारत में फ्रांसीसी जनरल मेजर क्लॉड मार्टिन की कब्र है, जिन्होंने 1785 में इसका निर्माण शुरू किया था। देश में सबसे बड़ा यूरोपीय अंत्येष्टि स्मारक माना जाता है, कॉन्स्टेंटिया हाउस स्थापत्य शैली का एक सुंदर मिश्रण प्रदर्शित करता है। जिसको देखने के लिए आप सुबह के 8:00 से लेकर शाम के 6:00 तक के बीच जब भी चाहें आ सकते हैं और यहां पर प्रवेश भी निशुल्क है।
सतखंडा
लखनऊ में स्थित एक प्रतिष्ठित वॉच टावर, सतखंडा एक अधूरी चार मंजिला संरचना है जो 1800 के दशक की है। राजा मोहम्मद अली शाह, जिन्होंने इमारत का निर्माण शुरू किया था, उन्होंने इसे सात मंजिलों वाला एक टावर बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन उनके असामयिक निधन के कारण केवल चार मंजिले ही पूरी हो सकी थी। टावर की डिजाइन पीसा की झुकी हुई मीनार के प्रभाव को दर्शाता है। जो इसे लखनऊ में देखने के लिए दिलचस्प स्मारकों में से एक बनता है। जिसे देखने लोग दूर-दूर से भी आते हैं। आप इसे सातों दिन में से किसी भी दिन जाकर देख सकते हैं और प्रवेश भी निशुल्क है।
चंद्रिका देवी मंदिर
Source: Lucknow Tourism
यह हिंदुओं का धार्मिक मंदिर है जहां देवी चंडी, जो कि मां दुर्गा का एक रूप है, स्थापित हैं। यह मंदिर जो कि गोमती नदी के तट पर स्थित है, लगभग 300 वर्ष पुराना माना जाता है। इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी चंडी की पूजा यहां तीन सिरों वाले पत्थर के रूप में की जाती है। अपनी आध्यात्मिक भावनाओं के लिए मशहूर इस मंदिर में साल भर और विशेष रूप से नवरात्रि के त्यौहार के दौरान भक्तों का आना जाना लगा रहता है। साल में आने वाले दोनों नवरात्रों में भक्तों की भीड़ यहां बहुत होती है। आप सभी भक्त इस मंदिर में सुबह 5:00 से लेकर दोपहर 1:00 तक, और दोपहर 2:00 बजे से लेकर रात के 11:00 तक यह मंदिर खुला रहता है, और प्रवेश भी निशुल्क है। किन्तु आप इच्छा अनुसार जो नगद राशि देनी चाहते हैं वह दान पेटी में डाल सकते हैं, जिससे उसका उपयोग धार्मिक कार्यों में हो सकता है।
राजकीय संग्रहालय
राज्य संग्रहालय जो लखनऊ चिड़ियाघर के अंदर स्थित है, एक और प्रमुख आकर्षण है जिसे आप अपने लखनऊ यात्रा कार्यक्रम में शामिल कर सकते हैं। यहां के प्रमुख प्रदर्शनो में अवधि कला और संस्कृति से संबंधित विधाएं और शहर के अंदर और आसपास के इलाकों से खुदाई में प्राप्त कई पुरावशेष शामिल है। इस चार दीवारों की इमारत में एक मिस्त्र की ममी और एक लकड़ी का ताबूत भी है।
राम मनोहर हाथी पार्क
लखनऊ के शीर्ष 10 स्थानों में जाना जाने वाला डॉ राम मनोहर पार्क लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा एक सार्वजनिक पार्क विकसित किया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह महान स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी राजनीतिक नेता डॉ राम मनोहर मूर्ति की याद में बनाया गया है। बौद्ध नगर के 76 ओक के विशाल क्षेत्र में स्थित, पार्क में जॉगिंग ट्रैक, एक प्रेशर ट्रैक, एक झील, एक मछली और एक बट़ाख तालाब, झूले और बेंच, एक एम्फीथिएटर, एक फूल उद्यान और एक खुला हुआ व्यायाम क्षेत्र है। आप बगीचों में टहलते हुए एक शांत शाम की माला चाहते हो या जॉगिंग ट्रैक पर पीना चाहते हो, पार्क एक आदर्श स्थान है। इस पार्क में आप सुबह के 6:00 से लेकर रात के 10:00 बजे तक रोज किसी भी समय जा सकते हैं।
लखनऊ का चिड़ियाघर
लखनऊ चिड़ियाघर जो शहर के केंद्र में स्थित घूमने की एक अच्छी जगह है जो वन्य जीव उत्साही लोगों का सबसे पसंदीदा अड्डा है। यह विशाल चिड़ियाघर 71.6 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है जिसको 1921 में वेल्स के राजकुमार हिज रॉयल हाइनेस की यात्रा की याद में स्थापित किया गया था। इस जू को पहले वेल्स के राजकुमार के रूप में जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदल दिया गया था। लखनऊ चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, व्हाइट टाइगर, लायन, वुल्फ, गेट पाइड हॉर्नबिल, गोल्डन तीतर और सिल्वर तीतर जैसे आकर्षक जानवरों और पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा जा सकता है। अगर आप लखनऊ शहर की यात्रा के लिए आते हैं तो आपके शहर के इस चिड़ियाघर के जानवरों को देखने जरूर आना चाहिए। यदि आप यहां आते हैं तो आपको बहुत ही आनंद आएगा और आप यहां कई प्रकार के जानवरों और पक्षियों को भी देख सकते हैं।
फिरंगी महल
फ़िरंगी महल अपने भीतर अंतर-सांस्कृतिक संबंधों का एक समृद्ध इतिहास समेटे हुए है। इसका निर्माण मुगल साम्राज्य के शासन के तहत किया गया था और यह दुनिया भर के बुद्धिजीवियों और छात्रों का स्वागत करते हुए इस्लामी शिक्षा के केंद्र के रूप में कार्य करता था। यह भव्य इमारत इंटेलेक्टुअल्स का केंद्र बन गई, जिसमें अरब, फारस, मध्य एशिया और अन्य क्षेत्रों से शिक्षाविद शामिल हुए। फिरंगी महल में कदम रखना समय में पीछे जाने जैसा है। विस्तृत नक्काशी और कलात्मक पैटर्न से सुसज्जित यह इमारत मुगल, फारसी और अवधी प्रभावों का एक आकर्षक मिश्रण प्रदर्शित करती है।
कैसरबाग पैलेस
Source: Pinterest/thrillingtravel
कैसरबाग पैलेस नवाब वाजिद अली शाह के शासन में 1848 -1850 में निर्मित मुगल वास्तुकला के सबसे लोकप्रिय स्मारको और विदेशी कृतियों में से एक है। अगर आप लखनऊ शहर की यात्रा करने के लिए आते हैं तो आपको इस पैलेस को देखने के लिए जरूर आना चाहिए। यह पैलेस देखने में इतना खूबसूरत है कि जो इसको देखा है वह इसको देखने के लिए बार-बार आना चाहता है।
सआदत अली खान का मकबरा
सआदत अली खान का मकबरा नवाब गाजी- उद- दीन हैदर द्वारा निर्मित एक ऐसा मकबरा है जो आपनी शानदार वास्तुकला के लिए फेमस है। इस मकबरे का निर्माण इंडो -इस्लामिक वास्तुकला शैली में एक विशाल गुंबद के साथ किया गया था। यह मकबरा भी देखने में बेहद ही खूबसूरत है। जिस कारण से आप देखने जा सकते हैं।
इंदिरा गांधी तारामंडल
Source: Pinterest/UPTourismGovt
लखनऊ मे घूमने के लिए आपकी सूची में इंदिरा गांधी तारामंडल की यात्रा अवश्य होनी चाहिए, खासकर यदि आप विज्ञान के प्रति उत्साही है या आपके बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं तो ,तारामंडल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह शनि ग्रह जैसा दिखता है, जो इसे देश के अन्य सभी तारामंडल से अलग बनाता है। अपनी उच्च तकनीक प्रक्षेपण प्रणाली और ब्रह्मांड के आश्चर्यो को उजागर करने वाली दैनिक स्क्रीनिंग के साथ ,यह खगोलीय पिंडों के बारे में एक या दो चीज़ सीखने में एक दिन बीताने के लिए शानदार जगह है। यहां जाकर आप अन्य कई प्रकार की जानकारियां भी प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर आप सुबह के 10:00 बजे से शाम के 5:00 तक जा सकते हैं। और यह सोमवार को बंद रहता है। और यहां की प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति ₹25 है।
पिक्चर गैलरी
हुसैनाबाद इमामबाड़ा के घंटाघर के समीप 19वीं शताब्दी में बनी पिक्चर गैलरी है। यहां लखनऊ के लगभग सभी नवाबों की तस्वीर देखी जा सकती हैं. यह गैलरी लखनऊ के उसे अतीत की यादें दिलाती हैं जब यहां नवाबों का डंका बजता था।
मोती महल
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गोमती नदी की सीमा पर बनी तीन इमारत में मोती महल प्रमुख है। इसे सआदत अली खान ने बनवाया था। यहां मुबारक मंजिल और शाह मंजिल अन्य दो इमारतें हैं। बालकनी से जानवरों की लड़ाई और उड़ते पक्षियों को देखने हेतु नवाबों के लिए इन इमारत को बनवाया गया था।
मरीन ड्राइव
लखनऊ का मरीन ड्राइव लखनऊ के पर्यटक स्थलों में से सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाली जगह है, जहां पर शाम होते ही पर्यटको की भीड़ लग जाती है। यह मरीन ड्राइव अंबेडकर पार्क और गोमती नदी के मध्य में स्थित है। आपने मुंबई के मरीन ड्राइव के बारे में तो सुना होगा लेकिन लखनऊ में स्थित या मरीन ड्राइव भी कम खूबसूरत नहीं है। जिस कारण यहां पर भी पर्यटकों की भीड़ अधिक होती है। लोग इसे देखने दूर-दूर से आते हैं।
जनेश्वर मिश्र पार्क
लखनऊ के गोमती नगर में स्थित जनेश्वर मिश्रा पार्क एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा पार्क माना जाता है, जिसे समाजवादी पार्टी ने बनाया था। इसका निर्माण 6 अगस्त सन् 2012 में शुरू हुआ था और 5 अगस्त 2014 में बनकर तैयार हुआ था।
ऐसा कहा जाता है कि लंदन के हाइड पार्क से प्रेरित इस खूबसूरत पार्क को लखनऊ में बनाया गया था। यह पार्क लगभग 375 एकड़ जमीन में फैला हुआ है, वहीं इसके दूसरी ओर 40 एक एकड़ में एक खूबसूरत कृत्रिम झील भी बनी है जो पर्यटकों को मंत्र मुक्त कर देती है। यहां पर आकर इस झील और ना की सवारी का भरपूर आनंद ले सकते हैं बल्कि यहां पर भारत के सेना का लड़ाकू विमान मृग 21 भी रखा गया है। इसलिए लखनऊ में घूमने के लिए यह बहुत अच्छा पर्यटक स्थल है। इसको भी देखने के लिए भीड़ काफी मात्रा में होती है।
साइंस सिटी
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यदि आप विज्ञान में रुचि रखते हैं या फिर आप अपने बच्चों के साथ लखनऊ घूमने जाते हैं, तो लखनऊ के अलीगंज इलाके में स्थित साइंस सिटी का विजिट करना ना भूले। यहां पर बने हुए संग्रहालय में आपको कई सारी जानकारी मिल सकती है जो आपको और आपके बच्चों के लिए काफी काम आएंगी। साइंस सिटी के भीतर देश-विदेश के विभिन्न प्रकार के टेक्नोलॉजी बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस साइंस सिटी के दर्शन से आप विज्ञान से जुड़ी मानव विकास और कई सारी मेडिकल साइंस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके बच्चों की पढ़ाई और उनकी जनरल नॉलेज बढ़ाने में काम आएगी।
गोमती नदी नौका विहार
लखनऊ में कई सारी पर्यटक स्थल गोमती नदी के आसपास है। ऐसे में आप गोमती नदी में पर्यटक नाव के सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। यहां पर स्वतंत्रता सेनानियों की याद में शहीद स्मारक भी बनाया गया है। जिसे आप देख सकते हैं।
रामकृष्ण मठ
रामकृष्ण मठ रामकृष्ण मिशन की एक शाखा है ,जो श्री रामकृष्ण परमहंस और उनके प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरित एक विश्व व्यापी आध्यात्मिक और धर्मार्थ संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और यह श्री रामकृष्ण, पवित्र माता श्री शारदा देवी और स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों और शिक्षाओं पर आधारित आध्यात्मिक और शैक्षिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह लखनऊ के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। लखनऊ में मठ भक्तों और साधकों को आध्यात्मिक अभ्यास ,ध्यान और चिंतन में संलग्न होने के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। यह आध्यात्मिक विकास और उत्थान को बढ़ावा देने के लिए दैनिक पूजा, धार्मिक प्रवचन और भजनों का भक्ति पूर्ण गायन आयोजित करता है।
यह विभिन्न शैक्षिक और सामाजिक सेवा पहलू में सक्रिय रूप से शामिल है। यहाँ स्कूल , कॉलेज और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र चलता है जो स्थानीय समुदाय की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। रामकृष्ण मठ लखनऊ श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के प्रसार, आध्यात्मिकता, शिक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मठ समाज कल्याण के कार्यों को करने में लगा रहता है।
चटोरी गली
लखनऊ नवाबों का शहर होने के साथ-साथ कबाबों का भी शहर है। लाज़मी है के यहाँ के मुग़लई खानों के सभी दीवाने हैं। शहर की एक वो जगह जहाँ आपको न केवल देश बल्कि दुनिया के अनोखे स्वादों का लुत्फ़ उठाने का मौका मिलता है वह जगह है लखनऊ की चटोरी गली!
गोमती नगर में आपको इस चटोरी गली में लंबी कतार में आपको कई तरह के फूड स्टॉल नजर आ जाएंगे . यहां आपको भारत के कई तरह के व्यंजन एक साथ मिल जाएंगे । इसके साथ-साथ कई विदेशी फूड स्टॉल भी यहां मौजूद है। यहां पहुंचने के लिए आपको गोमती नगर के 1090 चौराहे पर आना होगा इसके बाद आपको ये करीब 1 किलोमीटर तक फैली चटोरी गली नजर आ जाएगी। यहां आपको तंदूरी चाय, आइसक्रीम, बिहार का मशहूर लिट्टी चोखा, पनीर टिक्का, मुंबई की पाव भाजी, वेग से लेकर नॉनवेज बिरयानी, मोमोज, सोया चाप और भी बहुत कुछ एक साथ इस चटोरी गली में मिल जाएगा। आप जो भी चाहे उन व्यंजनों का स्वाद इस चटोरी गली में चख सकते हैं।
लखनऊ की इस चटोरी गली में आपको शाम से ही काफी भी नजर आएगी वही यहां युवा काफी ज्यादा तादात में नजर आते हैं । इसके साथ ही आपको हर आयु वर्ग के लोग भी यहां एंजॉय करते नजर आ जाते हैं। यहां आपको लखनऊ की सबसे बेहतरीन जगह शाम- ए -अवध देखने का भी मौका मिलेगा।
लखनऊ में शॉपिंग
लखनऊ में मुख्य बाजार: लखनऊ अपनी साड़ियों, चिकन कढ़ाई, ज़री के काम, हस्तशिल्प, चमड़े के पर्स और हाथ से बने जूते, मुलायम खिलौने, मिठाइयों और नमकीन के लिए जाना जाता है। लखनऊ शहर में मुख्य शॉपिंग एरियाज हैं हजरतगंज (रविवार बंद), अमीनाबाद (गुरुवार बंद), चौक (गुरुवार बंद), नरही (सोमवार बंद), कैसरबाग (गुरुवार बंद), आलमबाग (गुरुवार बंद), अलीगंज (बुधवार बंद), इंदिरा नगर (बुधवार बंद), गोमती नगर (बुधवार बंद)।
लखनऊ में साप्ताहिक बाजार: साप्ताहिक कबाड़ी बाजार नक्खास (रविवार), सदर (शनिवार), निशातगंज (बुधवार) और अमीनाबाद (गुरुवार) में लगते हैं।
लखनऊ के मुख्य माल्स: लखनऊ शहर के प्रमुख शॉपिंग मॉल हैं फीनिक्स पलासियो मॉल, लूलू मॉल, वेव, फन रिपब्लिक, फीनिक्स पलासियो, रिवरसाइड मॉल, फीनिक्स, सहारागंज, एसआरएस सिटी मॉल और विशाल मेगा मार्ट।
लखनऊ घूमने जा रहे हैं तो किन–किन बातों का ध्यान रखें? कौन–कौन सी बरतें सावधानियां?
आप लखनऊ घूमने का प्लान कर रहे हैं तो ऐसी छोटी-छोटी कई बाते होती हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है। एक अच्छी यात्रा के लिए बहुत ही ज़रूरी है कि हम पहले से तैयारी करें और क्या करना है और क्या नहीं करना इस बात को लेकर सतर्क रहे। हमें अपने साथ-साथ अपने साथ जाने वाले हर व्यक्ति की भी सुविधाओं का ध्यान रखकर घूमने का प्लान बनाना होता है जिससे यात्रा में हमें और हमारे परिवार को किसी तरह की परेशानियों और दिक्कतो का सामना न करना पड़े। यहाँ हम आपको ऐसी छोटी-छोटी मगर महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देंगे।
लखनऊ फ्लाइट से यात्रा
लखनऊ की यात्रा यदि आप फ्लाइट से कर रहे हैं तो अपने सभी आईडी प्रूफ, पासपोर्ट और अपने इंपोर्टेंट पेपर को रखना बिल्कुल ना भूले । इसके अलावा जो भी सामान की आवश्यकता आपको यात्रा के समय पड़ सकती है, उन सभी इंपॉर्टेंट सामान को आप अपने यात्रा करने वाले बैग में जरूर रखें, जैसे अपना लैपटॉप, फोन का चार्जर, पावर बैंक! इसके अलावा आप कोई सामान रखें या ना रखें मगर पानी की बोतल आप जरूर रखें । बाकी जिन भी चीजों की आवश्यकता आपको पड़ती है, वह आपको फ्लाइट में मिल जाती है।
ट्रेन से लखनऊ की यात्रा
लखनऊ घूमने के लिए ट्रेन की यात्रा यदि आप अपने परिवार के साथ कर रहे हैं, तो आपको अपने सामान के साथ और भी ऐसी कई चीजे हैं जिनको आपको यात्रा के समय अपने बैग में जरूर रखना चाहिए। यात्रा करते समय हमें अपने साथ हमेशा पानी की बोतल, छोटी-मोटी शारीरिक परेशानियों की दवाएं जैसे सर दर्द होना, गैस बनना या उल्टी होना, साथ ज़रूरी रखना चाहिए। सैनिटाइजर, पुदीन हरा, हाजमोला, आम की कैंडी जैसी कई चीजे यात्रा के समय अपने बैग में रखनी चाहिए। यात्रा के दौरान कोशिश करें कि आप और आपका परिवार खाने की जो भी चीजों का इस्तेमाल करें वह आप घर से बनाकर ले जाएं और उन्हें चीजों को खाएं। ट्रेन का और बाहर का खाना खाने से बचें क्योंकि ट्रेन का या बाहर का ऐसा-वैसा कुछ भी खाने से आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। यात्रा के दौरान आप खाने से पहले हाथों को धुल ले या सेनीटाइज कर ले। उसके बाद ही खाने पीने की चीजों को खाएं क्योंकि हम यात्रा के दौरान ऐसी छोटी-छोटी कई बातो का ध्यान नहीं रखते हैं तो आगे चलकर हम बीमार पड़ जाते हैं। इसलिए यात्रा के दौरान साफ सफाई का भी ध्यान जरूर रखें।
बस से लखनऊ यात्रा
बस से यदि आप लखनऊ आ रहे हैं, तो भी आपको कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना पड़ेगा जिससे आपको यात्रा करने में आसानी हो सके। जब भी आप बस से यात्रा करें और अपनी पत्नी या आपकी माता आपके साथ यात्रा कर रही हों तो उन्हें भी यह बोलें की वह यात्रा के दौरान आरामदायक कपड़े पहनकर चलें। इस तरह बस में चढ़ने या उतरने में उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत महसूस नहीं होगी। अपने बच्चों को भी आरामदायक कपड़े पहनाए, जिससे उनको भी यात्रा के दौरान दिक्कत न हो। बस की यात्रा में भी आप खाने की सभी चीजों को घर से बना कर ही ले जाएं और उन्हीं चीजों को यात्रा के दौरान खाएं और अपने बच्चों को भी खिलाएं। बाहर की चीजों को खाने से बचें।
हर मौसम के लिए रहिये तैयार
लखनऊ में सर्दी का मौसम
आप लखनऊ घूमने जिस भी मौसम में आ रहे हैं, वह मौसम अच्छा ही होता है। सर्दी के मौसम में आप लखनऊ घूमने जा रहे हैं तो उसके अनुसार आप अपने सर्दी के कपड़े और जो भी चीज आपको सर्दियों में इस्तेमाल करते हैं, उन सभी चीजों को आप अपने साथ लाएं। जिससे आपको सर्दी के मौसम में भी लखनऊ घूमने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। आप सर्दी के मौसम में घर से कुछ स्नैक्स बनाकर और पानी गर्म रहने वाली बोतल में चाय या कॉफ़ी भी लेकर चल सकते हैं जिससे आप यात्रा के समय चाय पीने का और स्नैक्स खाने का आनंद ले सकें।
लखनऊ में गर्मी और बरसात के मौसम
इसके अलावा आप गर्मी या बरसात में लखनऊ घूमने आ रहे हैं, तो आपको अपने साथ पानी की बोतल, एनर्जी ड्रिंक्स, ग्लूकोन-डी, फ्रूटी, माजा, फ्रूट जूस, फल और घर के बने हुए खाने या स्नेक्स को आप यात्रा के समय अपने साथ जरूर ले जाएं। इन सभी चीजों का आपको यात्रा के समय आवश्यकता होती है। इसके अलावा आप गर्मी या बरसात को ध्यान में रखते हुए अपने और अपने बच्चों के लिए सर पर लगाने के लिए कैंप , चश्मा और छाता जरूर रखना चाहिए। जिससे आप लखनऊ में घूमने जा रहे हो तो आपको धूप और गर्मी से इसी प्रकार की दिक्कत ना हो और आप गर्मी और बरसात के मौसम में भी लखनऊ घूम सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
लखनऊ में खरीदारी के लिए सबसे सस्ता और अच्छा मार्केट अमीनाबाद मार्केट है. यहां पर चिकनकारी कपड़े, बच्चों के लिए कपड़े , साड़ी , बेडशीट ,जूते ,लहंगे और बर्तन, सभी प्रकार के सामान मिल जाते हैं। इस मार्केट में सभी सामान उचित दाम में और अच्छे से अच्छे मिल जाते हैं। इसलिए इस मार्केट में काफी भीड़ रहती है। इस मार्केट में लोग शॉपिंग करना काफी पसंद करते हैं। इसके अलावा हजरतगंज मार्केट, चौक मार्केट, नखास मार्केट, आलमबाग मार्केट, याहियागंज मार्केट, भूतनाथ मार्केट ,कपूरथला और लालबाग मार्केट है। इन सभी मार्केट में लखनऊ का अच्छा सामान मिलता है।
लखनऊ में जितनी ही घूमने के जगह हैं, उससे कहीं ज्यादा यहां पर खाने के लिए स्वादिष्ट व्यंजन है जिनका स्वाद आप चख सकते है। इनमे मुख्या रूप से शामिल हैं टुंडे कबाब, रहीम के कुलचा नाहारी, रतीलाल के खस्ते, दुर्गा के खस्ते, प्रकाश की कुल्फी ,शर्मा टी स्टॉल, जैन चाट वाला, राजा ठंडाई, मक्खन मलाई चौक, इदरीस की बिरियानी, छप्पन भोग की मिठाइयां, चौक के छोले भटूरे ,सरदार जी के छोले भटूरे, गोमती नगर में बास्केट चाट, चौक पर शीरमाल, आदि।
लखनऊ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर के महीने से मार्च के महीने के बीच का समय है। इन महीना के दौरान मौसम सुखद होता है और शहर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्योहार से गुलजार रहता है। हालांकि ,अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो आप अप्रैल और सितंबर के बीच ऑफ सीजन के दौरान लखनऊ घूमने कभी भी आ सकते हैं। लखनऊ में शॉपिंग करने के लिए किन-किन जगह पर जा सकते हैं?
लखनऊ के कौन-कौन से ऐसा ऐसे व्यंजन है जिनका स्वाद हमें चखना चाहिए?
लखनऊ घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा होगा?