सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है इसलिए वास्तु के हिसाब से इस दिशा को काफी शुभ माना गया है. बहुत से लोग पूर्व मुखी घर लेते हैं, वास्तु के नियमों की मानें तो यह घर आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है और आपके जीवन में धन धान्य भरपूर मात्रा में लाता है. लेकिन अगर आप पूर्व मुखी घर ले रहे हैं तो आपको कुछ बातें और नियमों का खास ध्यान रखने की जरूरत है नहीं तो यह आपके लिए विपरीत परिस्थिति भी पैदा कर सकता है.
पूर्वमुखी घर में है खाली स्थान का महत्व
अगर आपका घर इस तरह से बना हुआ है कि पूर्व दिशा की और कुछ जगह खाली रह गई है तो आपको ऐसे घर में हमेशा उस जगह को इस तरह से रखना होता है कि वहां पर बिना किसी रूकावट के सूरज की किरणें सीधी अंदर आ सके। ऐसा करने से आपके घर में जितनी भी नकारात्मक उर्जा होती है वह सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है। ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक रहता है।
आप चाहे तो खाली जगह में छोटा सा गलियारा गया फिर बालकनी भी बनवा सकते हैं। वास्तु के अनुसार माना जाता है कि अगर आप पूर्व दिशा में रास्ता पूरी तरह से बंद कर देते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक है ही साथ ही घर में बच्चे के जन्म में भी इससे मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
कहां बनाई जाए किचन
अगर आपका घर ईस्ट फेसिंग है तो आप अपने किचन दक्षिण पूर्व या फिर उत्तर पश्चिम दिशा में बना सकते हैं। यहां पर आपको एक बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि अगर आप दक्षिण पूर्व दिशा में किचन बना रहे हैं तो आपको हमेशा पूर्व दिशा की ओर बैठकर भोजन करना चाहिए और अगर आप उत्तर पश्चिम दिशा में किचन बना रहे हैं तो आपका मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
पूर्वमुखी घर में मंदिर की स्थापना
मंदिर किसी भी घर में सबसे ज्यादा पवित्र स्थान माना जाता है और हमेशा ही मंदिर बनाने से पहले हम दिशा जानना जरूरी समझते हैं। ऐसे में ईस्ट फेसिंग घर में आप अपना मंदिर उत्तर पूर्व दिशा में रख सकते हैं।
बेडरूम और किचन के बाद ना बनाएं लिविंग रूम
ईस्ट फेसिंग घर में हमेशा ही लिविंग रूम को इस तरह से बनाना चाहिए कि उस तक पहुंचने के लिए आपको बेडरूम या फिर किचन को पार ना करना पड़े। इसके अलावा इस पैसे घर में अगर आप लिविंग रूम की दिशा उत्तर पूर्व रखते हैं तो वास्तु के अनुसार इसे बेहद शुभ माना जाता है.
ईस्ट फेसिंग घर में वास्तु के अनुसार जानने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें
ईस्ट फेसिंग घर बनाते समय वास्तु के कुछ नियम है जिन्हे आपको जरूर फॉलो करना चाहिए जो इस प्रकार से हैं;
- किसी भी बिल्डर या ब्रोकर के कहने पर ना माने और खुद चुंबकीय कंपास लेकर पूर्व दिशा को निर्धारित करें।
- ऐसे घर में हमेशा कोशिश करें कि उत्तर और पूर्व की ओर की दीवारें दक्षिण और पश्चिम की दीवारों की तुलना में थोड़ी छोटी और पतली रहे।
- किचन की जगह के लिए साउथ ईस्ट या नॉर्थ वेस्ट कॉर्नर चुनें।
- पूजा कक्ष को उत्तर पूर्व कोने में रखें क्योंकि यह उसी के लिए एक बहुत ही शुभ स्थान है।
अगर आपके घर का प्लॉट ऐसा है कि वह थोड़ा ढलान पर है तू हमेशा सुनिश्चित करें कि यह दक्षिण से उत्तर की तरफ ही ढलान वाला हो।
- पूर्व दिशा में कुछ जगह खाली जरूर रखें। यदि आपके पास बहुत अधिक जगह नहीं है, तो बस एक छोटी सी बालकनी को छोड़ दें।
- हमेशा कोशिश करें कि घर के मेन गेट को कोई भी पेड़ या फिर बिजली का खंभा अर्चना डाल रहा हो।
- ईशान कोण में कोई नुकीली धार या कट लगाने से सख्ती से बचें।