उत्तर प्रदेश विधान सभा द्वारा एक बिल पारित किया गया है, जिसके बाद राज्य में अब सगे-सम्बन्धियों के बीच संपत्ति के हस्तांतरण पर केवल 5,000 रूपये स्टाम्प ड्यूटी ही देना होगी। इण्डियन स्टाम्प (उत्तर प्रदेश संशोधन अमेडमेन्ट) बिल 2024 जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि ब्लड रिलेशन (रक्त सम्बन्धियों) के बीच सम्पत्ति का ट्रान्सफर पर केवल 5,000 रूपये का स्टाम्प शुल्क देकर ही किया जा सकता है। यह बिल 9 फरवरी को विधान सभा में पारित किया गया। ५,००० रूपये के स्टाम्प ड्यूटी के अलावा आपको प्रोसेसिग शुल्क के रूप में 1,००० रूपये का अतिरिक्त शुल्क, जिससे प्रोसेसिग फीस कहा जाता है, भी देय होगा।
पहले सम्पत्ति के मालिक को, अपने ब्लड रिलेशन में भी सम्पत्ति ट्रान्सफर करने पर 7 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी के साथ साथ 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस सम्पत्ति को ट्रान्सफर करते समय राज्य सरकार को देना पड़ता था। इसका मतलब यह हुआ कि अगर सम्पत्ति 1 करोड़ की है तो उस पर 8 लाख रूपये स्टाम्प ड्यूटी व रजिस्टेशन के रूप में सरकार को भुगतान करना ही होगा, भले ही वह सम्पत्ति बिना किसी कन्सीडरेशन या प्रतिफल के अपने ब्लड रिलेशन में दी जा रही हो।
रजिस्टेशन एक्ट 1905 के नियमों के अनुसार, संपत्ति के हस्तान्तरण के समय खरीदार को राज्य सरकार को स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में टैक्स देना होता है। यह दोनों शुल्क प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रशन के समय देय होते हैं। कोई भी प्रॉपर्टी ट्रांसक्शन जिसकी वैल्यू 1०० रुपये से अधिक है, उसका रजिस्ट्रशन इस क़ानून के अंतरगत आवश्यक है। इसका मतलब है कि सभी सम्पत्तियो के ट्रान्सफर पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नही होता, केवल 100 रूपये से अधिक कीमत की सम्पत्ति का ही रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। दान या गिफ्ट डीड के रजिस्ट्रेशन पर भी यह बात लागू होती है। फ़र्क़ सिर्फ इतना है कि दान की स्थिति में, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान गिफ्ट देने वाले को देना होता है न कि दान लेने वाले को।
रक्त सम्बन्धी की लिस्ट में कौन लोग आते हैं?
भारतीय कानून निम्नलिखित लोगों को रक्त-सम्बन्धी या ब्लड रिलेटिव्स कि श्रेणी में रखता है:
- पुत्र
- पुत्री
- पिता
- माता
- पति
- पत्नी
- भतीजी
- सगा भाई
- भाई की पत्नी (भाई की मृत्यु की स्थित में)
- सगी बहन
- दामाद
- पुत्र का पुत्र
- पुत्री का पुत्र
- पुत्र की पुत्री
- पुत्री की पुत्री
पावर आफ अटार्नी के माध्यम से स्टाम्प ड्यूटी चोरी पर अब लगेगा नियन्त्रण
नये कानून से राज्य में सम्पत्ति की बिक्री और खरीद के लिए पाॅवर आफ अटाॅर्नी के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का भी प्रावधान किया गया है जिसके द्वारा पाॅवर आफ अटाॅर्नी के माध्यम से हो रहे फर्जीवाडे पर अंकुश लगाया जा सके।
उत्तर प्रदेश के वित्त मन्त्री सुरेश खन्ना के मुताबित, जमीन और सम्पत्ति की बिक्री और खरीद-फरोख्त के रूप में पावर आफ अटार्नी के इस्तमाल से राज्य के खजाने को नुकसान हो रहा था। सेल डीड पर 7 प्रतिशत शुल्क के मुकाबले राज्य सामान्य पावर आफ अटार्नी के पंजीकरण पर केवल 100 रूपये और विशेष पावर आफ अटार्नी पर 10-100 रूपये स्टाम्प ड्यूटी लेता है। पावर आफ अटार्नी बनावाकर मामूली स्टाम्प शुल्क देकर करोड़ो रूपये की जमीन और प्रॉपर्टी बेचने का धंधा जोरो शोरो से चल रहा था, लेकिन नए प्रावधान के अब संपत्ति के फेर बदल पर 7 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी, जिससे धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा तथा पावर आफ अटार्नी का मिसयूज बंद होगा, वित्त मन्त्री ने कहा।