एक खूबसूरत सा घर बनवाना हर किसी का सपना होता है। व्यक्ति की यही इच्छा होती है कि उसके नए मकान में किसी तरह की कोई कमी ना रह जाए। इसलिए, व्यक्ति मकान बनवाते समय हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रखता है। एक घर व्यक्ति का आशियाना होता है और घर में संचारित होने वाली ऊर्जा व्यक्ति के संपूर्ण जीवन पर अपना असर डालती है। इसलिए, घर बनवाते समय सिर्फ अच्छी क्वालिटी का ही सामान लगवाना काफी नहीं होता है, बल्कि उसे वास्तु के नियमों का भी ख्याल रखना चाहिए।
वास्तु का हर एक व्यक्ति की सफलता और सौभाग्य पर गहरा असर होता है। वास्तु जीवन में संतुलन लाता है जिससे आपके घर में समृद्धि और खुशियां आती हैं। वास्तु के अनुसार घर की डिजाइन आज ऑर्किटेक्चर का अभिन्न हिस्सा है। यहां बताई गई डिजाइन वास्तु के अनुसार हैं और इस डिजाइन का घर बनाने से पूरे परिवार को लाभ मिल सकता है।
अगर आप फ्लोर प्लान की तलाश में है, तो वास्तु के अनुसार घर की डिजाइन बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें।
घर की डिजाइन तय करते समय वास्तु का ध्यान रखना सबसे जरुरी है। पूर्व दिशा में मुख वाले घरों को सबसे शुभ माना जाता है। उत्तर-पूर्व वाले घर भी वास्तु में सही माने गए हैं।
यूं करें नींव की खुदाई
नए मकान में जब आप नींव की खुदाई करवा रहे हैं तो ध्यान रखें कि उत्तर व पूर्व की दिशा में सबसे पहले खुदाई करवाएं। वहीं, पश्चिम की दिशा को सबसे अंत में खोदें व दक्षिण की दिशा में आप नींव भरने का कार्य करें। वहीं मकान की चिनाई करते हुए आप दक्षिण की दीवार को सबसे पहले बनाएं। उसके बाद पश्चिम की दिशा की दीवार का निर्माण करें। अंत में, आप उत्तर व पूर्व दिशा में दीवार बनाएं।
मुख्य द्वार
घर का प्रवेश द्वार वह होता है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसलिए इस जगह को साफ-सुथरा रखना जरूरी है। वास्तु के अनुसार घर की डिजाइन बनाते समय प्रवेश द्वार या मुख्य द्वार घर का सबसे बड़ा दरवाजा होता है।
बेडरूम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का बेडरुम दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व चतुर्भुज में होना सही है। बेडरुम आराम करने की जगह होती है, इसलिए आपको रोशनी का भी ध्यान रखना चाहिए। हल्की पीली रोशनी घर के इस हिस्से के लिए सबसे उपयुक्त हैं, और आप दीवारों को हल्के नीले, सफेद या म्यूट गुलाबी रंग से पेंट करा सकते हैं।
लिविंग रूम
लिविंग रूम वह जगह है जहाँ आप दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और घर में आने वाले अजनबियों या रिश्तेदारों से मिलते हैं। इसलिए, इस जगह पर कई तरह की नकारात्मकता ऊर्जा रहती है। इसलिए वास्तु के अनुसार घर की डिजाइन के अनुसार लिविंग रूम हमेशा घर की उत्तर दिशा में होना चाहिए।
इस जगह को वास्तु के अनुसार संतुलित बनाएं और रंगों, सजावट व फर्नीचर का इस्तेमाल वा्स्तु के अनुसार करें। लिविंग रुम में भूरे रंगों का इस्तेमाल करें, और समृद्धि के लिए पानी जैसे रंगों का भी इस्तेमाल करें।
रसोई घर
किचन घर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में होना चाहिए। दक्षिण भी एक बेहतर दिशा है, क्योंकि यह आग की दिशा है। ध्यान रखने वाली एक महत्वपूर्ण बात यह है कि सिंक और चूल्हे को अलग रखा जाए और रसोई घर में कुछ दूरी पर रखा जाए, क्योंकि आग व पानी एक साथ नहीं होते हैं।
स्टडी रूम
घर का स्टडी रूम वह होता है जहां आप अपना काम करते हैं। वास्तु के अनुसार घर में शांति के लिए स्टडी रुम का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे की स्टडी रुम के लिए हल्के रंगों का इस्तेमाल करें। सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए एक या दो पौधे लगाएं और इसे भरपूर प्राकृतिक प्रकाश मिले, ऐसा सुनिश्चित करें।
बाथरूम
वास्तु के अनुसार घर की डिजाइन (Vastu Home Design) में, बाथरूम उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में होना चाहिए और रसोई घर के पास कहीं भी नहीं होना चाहिए। और बाथरूम की दीवार किचन की दीवार से सटी हुई नहीं होनी चाहिए।
वास्तु यह भी सलाह देता है कि बेडरूम के साथ अटैच्ड बाथरूम न होना बेहतर है, लेकिन अगर जगह की कमी है, तो इसे बेडरूम के पश्चिम में बनाएं और सुनिश्चित करें कि यह बेड की ओर न हो।
सीढ़ी का डिजाइन
सीढ़ी की जगह घर के डिजाइन का एक खास हिस्सा है। वास्तु के अनुसार यह दक्षिण पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। हालाँकि, आपको घर की सीढ़ी के लिए उत्तर पूर्व क्षेत्र चुनने से बचना चाहिए।
कलर का रखें ख्याल
एक बार घर बन जाने के बाद उसे कलर करवाने की बारी आती है। ऐसे में ध्यान दें कि आप घर में हल्के रंगों का ही चयन करें। यह ना केवल आंखों को अच्छे लगते हैं, बल्कि घर में एक सकारात्मकता भी लेकर आते हैं। वहीं, घर की छतों के लिए सफेद कलर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है। छतें हमेशा आकाश तत्व को इंगित करती हैं, इसलिए व्हाइट कलर का इस्तेमाल करने से लाभ होता है।
तो अब आप भी इन वास्तु नियमों को ध्यान में रखते हुए अपना नया घर बनवाएं और अपने जीवन में खुशहाली लेकर आएं।