इन दिनों लोग पुरानी चीजों को लेकर काफी संजीदा हो गए हैं। चाहे फैशन हो, फर्नीचर हो या फिर म्यूजिक। परंपराओं, मान्यताओं को भी लोग फॉलो करने लगे हैं। मुहूर्त और गृह प्रवेश के साथ-साथ लोग वास्तु शास्त्र और फेंगशुई को भी अपनाने लगे हैं। इंटीरियर डेकोरेशन से लेकर घर के फर्नीचर की दिशा तय करने के लिए लोग अब वास्तु टिप्स, फेंगशुई या दोनों का सहारा ले रहे हैं।
हाउसिंग डॉट कॉम ने देश के 8 बड़े शहरों में एक स्टडी का आयोजन किया, जिसमें हमने पाया कि 90 प्रतिशत ग्राहक ऐसा घर पसंद कर रहे हैं जो वास्तु के मुताबिक हो। हैरानी की बात है कि वास्तु सिद्धांतों के मुताबिक घर लेने के लिए कई लोग साइज और डिजाइन से समझौता करने को भी तैयार हैं। इस ब्लॉग में हम आपको इन सब बातों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
पहले वास्तु शास्त्र के सिद्धांत रूढ़िवादी लोगों के लिए थे और फेंगशुई आधुनिक जमाने के लोगों के लिए माने जाते थे। लेकिन अब ज्योतिषी और पंडित आपको दोनों का अॉफर देते हैं। आपको एेसे घर देखने को मिल जाएंगे जहां बेड और सोफे वास्तु शास्त्र के मुताबिक रखे जाते हैं और इंटीरियर के तौर पर गेट की ओर मुंह करके बुद्धा व खिड़कियों पर विंड चिम्स लगाए जाते हैं। इन दो प्राचीन विज्ञानों के पास हर चीज का उपाय है और इंटरनेट पर मौजूद टिप्स, गाइड्स और ब्लॉग्स ने चीजों को और आसान कर दिया है। आज हम आपको फेंगशुई और वास्तु शास्त्र से जुड़ी कुछ बेसिक जानकारियां दे रहे हैं, जैसे घर के फर्नीचर की दिशा, डेकोरेशन सिलेक्शन, मंदिर रखने की जगह इत्यादि।
मंदिर रखने का स्थान:
भारतीय घरों में पूजाघर एक अहम हिस्सा होता है। कुछ लोग भले ही फेंगशुई और वास्तु शास्त्र पर विश्वास न करें लेकिन जब बात मंदिर की आती है तो ऊर्जा के प्रवाह का मूल्यांकन जरूर करना चाहिए। यह कोई पहाड़ तोड़ने जितना मुश्किल नहीं है। बस कुछ आसान टिप्स के जरिए आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो जाएगा। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में पूजाघर, प्रार्थना या ध्यान लगाने वाला कमरा नॉर्थ-ईस्ट में होना चाहिए। इसके अलावा यह उत्तर या पूर्व दिशा में भी हो सकता है। पूजा करते वक्त मुंह हमेशा पूर्व की ओर होना चाहिए और भगवान की मूर्तियां 6 इंच से बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा जिस कमरे में पूजाघर हो उसमें कभी नहीं सोना चाहिए। प्रार्थना करते वक्त मुंह या तो पूर्व या पश्चिम की तरफ होना चाहिए। घर में पूजाघर के लिए वास्तु और फेंगशुई में एक जैसे ही नियम हैं।
बेडरूम और वैभव:
मास्टर बेडरूम घर के दक्षिणी हिस्से में होना चाहिए और अगर बेडरूम उत्तर में है तो माना जाता है कि घर में झगड़े बढ़ते हैं। बेड इस तरह रखें कि सोते हुए सिर दक्षिण या पश्चिम की ओर होना चाहिए। कभी भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। घर के सदस्यों को अपने बेडरूम में बिस्तर पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि एेसा करने से बीमारियां पैदा हो सकती हैं। बेडरूम में कभी भी पूजाघर नहीं होना चाहिेए। अगर घर में एक से ज्यादा फ्लोर हैं तो मास्टर बेडरूम टॉप फ्लोर पर होना चाहिए और छत एक समान व टूटी न हो। इससे घर में समान ऊर्जा बनी रहती है और दिमाग भी शांत रहता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक बच्चों का कमरा नॉर्थ वेस्ट या वेस्ट में होना चाहिए। इससे उन्हें पढ़ाई में ध्यान लगाने में आसानी होती है। उनका पढ़ाई का कमरा बेडरूम से सटा होना चाहिए। कैश और वैभव जैसे सामान नॉर्थ में रखने चाहिए। इसका मतलब है कि जहां आप कैश रख या निकाल रहे हैं, उस वक्त आपका चेहरा नॉर्थ की ओर होना चाहिए। इसके अलावा जूलरी दक्षिण में रखनी चाहिए क्योंकि इससे वैभव में बढ़ोतरी होती है।
घर के अन्य हिस्से:
- डाइनिंग रूम घर के पश्चिमी हिस्से में होना चाहिए क्योंकि इस पर शनि का शासन होता है। यह बकासुर मार्ग का प्रतीक है, जो भूख का प्रतिनिधित्व करता है।
- अगर आप घर में पौधे लगाने का सोच रहे हैं तो कभी भी कांटेदार पौधे न लगाएं। इसके अलावा बढ़ते पौधों को पूर्व या उत्तर दिशा में न रखें।
- पढ़ाई का कमरा नॉर्थ-ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट, नॉर्थ, वेस्ट या ईस्ट में होना चाहिए। ये दिशाएं बुध के सकारात्मक प्रभावों को आकर्षित करती हैं और दिमाग को तेज बनाती हैं। गुरु ग्रह बुद्धि को बढ़ाते हैं, सूर्य लक्ष्य की ओर अग्रसर करता है और शुक्र विचारों में क्रिएटिविटी लाता है। इसके अलावा स्टडी रूम बेडरूम की दिशाओं में भी हो सकता है। पढ़ाई का कमरा और पूजाघर एक-दूसरे के आसपास या एक ही कमरे में होना भी अच्छा माना जाता है।
- घर के मेन गेट में दो पैनल होने चाहिए। बाहर वाला मेन डोर घर के अंदर की ओर नहीं खुलना चाहिए और उनमें चरमराहट नहीं होनी चाहिए।
- बेडरूम हमेशा पूर्व या नॉर्थ-वेस्ट में होना चाहिए। भूलकर भी बेडरूम नॉर्थ-ईस्ट में नहीं बनवाएं। वॉश बेसिन बाथरूम की पूर्व दिशा में लगा होना चाहिए और गीजर को कभी भी साउथ-ईस्ट कॉर्नर पर न लगाएं।
अब आपको बताते हैं कि फेंगशुई के मुताबिक घर कैसे सजाएं:
घर में फेंगशुई और वस्तु शास्त्र एेसे शख्स के लिए थोड़ा असामान्य हो सकता है जिसने उसके सिद्धांत कभी फॉलो न किए हों। लेकिन अब चुनने के लिए कई तरह के आइटम्स हैं और अपनी पसंद के मुताबिक आप उन्हें चुन सकते हैं। पहले लोग लाफिंग बुद्धा बतौर गिफ्ट दिया करते थे लेकिन अब मूर्तियों में कई तरह के पोज मिल जाते हैं। सजाने का एक और बेहतरीन फेंगशुई आइटम है वाटर फ्लोइंग सिस्टम, जिसमें पानी रिसाइकल होता है और पानी बाहर बहने के बजाय अंदर ही बहता है। इसका महत्व है कि जैसे पानी फव्वारे में होता है, वैसे ही अच्छा स्वास्थ्य, वैभव और खुशियां आपकी जिंदगी में आती हैं।
फेंगशुई की कुछ बुनियादी बातों का जरूर ध्यान रखें जैसे खुद से कभी बुद्धा या बैंबू का पौधा न खरीदें। यह किसी के द्वारा गिफ्ट किया होना चाहिए। अगर बुद्धा की मूर्ति घर के मुख्य द्वार की ओर मुंह करके रखी होती है तो कहा जाता है कि परिवार में खुशियां आती हैं। बेडरूम की दीवारों पर विंड चिम्स लगाने से घरों में लड़ाई कम होती है और परिवार के लोगों के बीच समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं।
हाउसिंग की स्टडी के मुताबिक 90% प्रतिशत लोग वास्तु के अनुसार घर चाहते हैं:
देश के 8 बड़े शहरों में की गई स्टडी के मुताबिक 93 प्रतिशत घर ग्राहकों को एेसा घर चाहिए जो वास्तु शास्त्र के अनुरूप हो। प्रॉपर्टी चुनते वक्त करीब 3 प्रतिशत ग्राहकों ने घरों की ‘दिशाओं’ पर सबसे ज्यादा विचार किया। यहां तक कि ग्राहक वास्तु के अनुरूप घर पाने के लिए डिजाइन से समझौता करने को भी तैयार हो गए। सर्वे की पूरी रिसर्च आप यहां पढ़ सकते हैं http://bit.ly/1RBrkzZ
दोनों ही विज्ञानों में कई थ्योरी और तालीम हैं, जिससे लोग आमतौर पर कन्फ्यूज हो जाते हैं और चुनने के लिए कई विकल्प भी हैं। आपको कुछ वास्तु और फेंगशुई की टिप्स फॉलो जरूर करनी चाहिए ताकि घर में पॉजिटिव एनर्जी और शांति आए। सिर्फ एक बात का ध्यान रहे, फॉलो वही करें जिस पर आपको यकीन हो।