वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में जूते-चप्पल पहनने चाहिए या नहीं?

वास्तु शास्त्र में जूते-चप्पल के रख-रखाव के भी नियम बताये गए हैं।
वास्तु शास्त्र हमे घर की हर एक चीज़, चाहे वो छोटी हो या बड़ी, की संभाल और देख-रेख के अनूठे टिप्स देता है।  इन सभी टिप्स का उद्देश्य एक ही है: आपके घर में सकारात्मक एनर्जी का फ्लो बना रहे और सुख-शांति बरक़रार रहे।  वस्तु टिप्स की इसी श्रृंखला में आज हम ये भी जानेंगे की घर के अंदर जूते चप्पल लाना और रखना कहाँ तक सही है।

इन पांच जगहों पर कभी न ले जायें फुटवियर

शास्त्रों में भी ऐसा कहा गया है की ऐसी पांच जगह है जहां पर जूते-चप्पल पहन कर जाना वर्जित है, जिनमें पहला नदी, दूसरा भंडार घर, तीसरा तिजोरी, चौथ पूजा घर और पांचवा रसोई घर. इन सभी जगह हमारे घर में साक्षात देवी-देवता निवास करते हैं। और जूते-चप्पल पहन कर जाने से उनका अपमान होता है. घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर जाती है।
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घर के बाहरी हिस्से में ही रखें अपने फुटविय

वास्तु शास्त्र के अनुसार साफ-सफाई के दृष्टिकोण से, घर में कभी भी जूते-चप्पल पहनकर अंदर नहीं आना चाहिए। जूते-चप्पलों को हमेशा बाहर उतार कर तभी घर में प्रवेश करना चाहिए, क्योंकि घर के अंदर हमारे रसोई और पूजा घर ऐसे कई स्थान होते हैं, जहां चप्पल पहनकर या जूते पहनकर नहीं जाते हैं. कहा जाता है जूते-चप्पल घर में पहन कर आने से हमारे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है जिसका हमारे स्वास्थ्य पर भी बहुत ही बुरा असर पड़ता है। घर के बाहर जूते चप्पलों को हमेशा सुबह व्यवस्थित किसी रेक में रखना चाहिए।
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घर से निकलते समय साफ़ जूते-चप्पल ही पहन कर निकलें

वास्तु शास्त्र में ऐसा भी कहा गया है कि घर से बाहर जब भी निकलें, तो अपने जूते-चप्पलों को साफ करके ही पहन कर बाहर जाएं अन्यथा आपकी दिनभर दौड़ भाग लगी रहती है. आपका काम पूरा होने में भी अड़चनें आ सकती हैं।   कुल मिला कर जूते चप्पलों को हमेशा साफ-सुथरा ही पहने.
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इन-इन दिनों को जूते-चप्पल न खरीदें

हर व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार अपने लिए फुटवियर खरीदता है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार अमावस्या, मंगलवार, शनिवार या ग्रहण के दिन जूते चप्पलों को खरीदना नहीं चाहिए. कहा जाता है इससे उस व्यक्ति की मुश्किल में बढ़ जाती हैं। वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि शनिवार के दिन जूते-चप्पल खरीदने से उस व्यक्ति पर शनि दोष पड़ता है.
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सलीकेवार रखें हों आपके फुटवियर

घर के बाहर जूते-चप्पलों को हमेशा व्यवस्थित करके ही रखें. वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि इन्हे कभी भी बाहर फैला कर न रखें. यह आपके घर के लिए शुभ नहीं होता है.
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शनिवार के दिन पुराने जूते-चप्पलों को फेकें

अपने पुराने जूते-चप्पलों को हमेशा शनिवार के दिन ही किसी मंदिर के बाहर रख देना चाहिए या उसे फेंक देना चाहिए।
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जूते-चप्पलों को कभी उल्टा न रखें

घर के बाहर भी जूते चप्पलों को कभी उल्टा नहीं रखना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और घर की सुख शांति को बाहर चली जाती हैं।
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जूते-चप्पल इस दिशा में रखें

जूते-चप्पलों को हमेशा घर के बाहर पश्चिम दिशा या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर व्यवस्थित ढंग से रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं।
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बेड के आस-पास न रखें जूता-चप्पल

वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि जहां आप सोते हैं, उस कमरे या बैड के पास भी जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैं।
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न खरीदें पीले रंग का जूता

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि कभी भी पीले रंग की जूते या चप्पल ना खरीदें. इससे भगवान विष्णु का अनादर होता है, हमारा गुरु ग्रह कमजोर हो जाता है और हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए पीले रंग छोड़ बाकी किसी भी रंग के जूते-चप्पलों का आप चयन कर उसे खरीद सकते हैं।
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जूते-चप्पलों को कभी भी भेंट स्वरुप न दें

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि कभी भी किसी को जूते-चप्पल भेंट स्वरूप नहीं देना चाहिए और ना ही लेना चाहिए। कहा जाता है कि हमारे पैरों का संबंध मीन राशि और शनि-राहु से होता है। हमारे जूते-चप्पल पहनते ही वह सक्रिय हो जाते हैं. गलत तरीकों से इस्तेमाल करने से यह हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालते हैं।
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सीढ़ियों के नीचे कभी न रखें जूते-चप्पल

वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी जीने के नीचे जूते रखने का स्थान ना बनाएं. इससे वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं।
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