आज कल घरों के बाहर नेमप्लेट लगवाने का चलन काफी बढ़ता जा रहा है। इससे ना केवल अनजान व्यक्ति को पता खोजने में आसानी होती है, बल्कि आने वाले व्यक्तियों पर आपका अच्छा इंप्रेशन भी पड़ता है। शायद यही कारण है कि आजकल मार्केट में वुडन से लेकर विभिन्न तरह की धातु की नेम प्लेट मिलती है। इतना ही नहीं, इसमें कई डिजाइन भी अवेलेबल हैं और हर व्यक्ति एक बेस्ट नेमप्लेट का चयन करना चाहता है, ताकि उसका एक स्टाइल स्टेटमेंट नेमप्लेट के जरिए झलके।
वस्तु में नेम प्लेट को बहुत ही अहम माना गया है। ये न सिर्फ आपके घर की पहचान होती हैं बल्कि ऐसा भी माना जाता है कि यह पॉजिटिव एनर्जी की अपनी ओर आकर्षित करती हैं। दरअसल, वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार ऊर्जा प्रवाह का एक मुख्य स्थान है। ऐसे में अगर आपके घर के मुख्य द्वार पर नेमप्लेट ही गलत लगी होगी तो इसका विपरीत असर आपके घर के भीतर भी देखने को मिलेगा। अक्सर लोग अपने घर का नामकरण करते हैं और उस नाम को नेमप्लेट पर लिखवाकर और साथ ही घर के मुखिया का नाम भी लिखवाकर नेमप्लेट को घर के मुख्य द्वार पर लगवा देते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं नेमप्लेट का महत्व और कुछ खास टिप्स ताकि यह नेमप्लेट आपके जीवन में यश, कीर्ति और समृद्धि भी लेकर आए।
घर का मस्तक है मुख्य द्वार
कहते हैं कि इंसान की किस्मत उसके माथे पर लिखी होती है। ठीक उसी तरह, किसी भी घर का मस्तक माना जाता है उसका मुख्य द्वार। इस प्रकार, यह घर में ऊर्जा और सकारात्मकता के संचार में अहम् भूमिका निभाता है। आप मुख्य द्वार की सजावट किस प्रकार करते हैं, वहां पर किन चीजों का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए किन कलर्स का प्रयोग करते हैं, यह सभी बिन्दु काफी अहम् है। इस लिहाज से आपको नेम प्लेट भी बेहद सोच–समझकर लगानी चाहिए।
हाइट हो अधिक
नेम प्लेट लगाते समय आपको हाइट का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आप यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में जिस भी सदस्य की हाइट सबसे अधिक है, आपके घर की नेम प्लेट उसके कद से अधिक उंची होनी चाहिए। आपके घर का नाम व नंबर हमेशा थोड़ा हाइट पर होना अच्छा माना जाता है।
प्लास्टिक की नेम प्लेट से बचें
जब आप अपने घर में नेम प्लेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसकी धातु पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। कभी भी घर के बाहर प्लास्टिक से बनी नेम प्लेट का इस्तेमाल ना करें। यह एक नेगेटिव नेमप्लेट होती है, जो आपके घर व जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। इसके स्थान पर आप ब्रास, धातु या मार्बल आदि की नेम प्लेट लगा सकते हैं। इसके अलावा, आप कीमती धातु से बनी नेम प्लेट को भी यूज ना करें।
नेमप्लेट का कलर
नेमप्लेट का कलर काफी मायने रखता है और नेमप्लेट का कलर घर की दिशा के अनुसार चुनना चाहिए। उत्तर मुखी घर में कभी भी रेड व ब्लू कलर की नेमप्लेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि इसके स्थान पर लाइट येलो व व्हाइट कलर को चुन सकते हैं। वहीं, अगर आपका घर पूर्व मुखी है तो भी आप येलो कलर को यूज कर सकते हैं। इसी तरह, दक्षिण मुखी घर के लिए रेड कलर की नेमप्लेट का इस्तेमाल करना अच्छा माना जाता है। वहीं, पश्चिम मुखी घर के लिए आप लाइट ग्रे, गोल्डन सिल्वर और ब्रॉन्ज में किसी भी कलर की नेमप्लेट को यूज कर सकते हैं।
अल्फाबेट का कलर
जब आप घर पर नेमप्लेट लगा रहे हैं तो कोशिश करें कि उस पर लिखा गया आपका या घर का नाम गोल्डन कलर से लिखा हो। यह सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, इसके अलावा आप अल्फाबेट के कलर के लिए सिल्वर कलर का चयन भी कर सकते हैं, लेकिन गोल्डन अधिक उपयुक्त माना गया है।