कब है 2024 में रक्षाबंधन? जानें सही डेट, रक्षाबंधन बांधने का शुभ समय?

आईये जानें कब है 2024 में रक्षाबंधन? सही डेट, शुभ मुहूर्त, रक्षाबंधन बांधने का शुभ समय

हमारे देश में रक्षाबंधन का त्यौहार हर वर्ष श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन भाई- बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य , लम्बी उम्र और उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं। इसके साथ ही भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और हर परिस्थिति में सदैव उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

 

रक्षाबंधन वर्ष 2024 में कब है?

रक्षाबंधन का पर्व इस वर्ष 2024 में 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को पड़ रहा है।

 

रक्षाबंधन वर्ष 2024 में कब से है भद्रा काल की शुरुआत

वैसे तो साल 2024  में श्रावण पूर्णिमा 19 अगस्त को पड़ रही है लेकिन, हिंदू पंचांग के हिसाब से इस तिथि को भद्राकाल भी शुरू हो जायेगा जो की सुबह 5 बजकर , 53 मिनट से लेकर दोपहर1 बजकर 32मिनट तक रहेगा।
चूंकि शास्त्रों के हिसाब से भद्राकाल के समय राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता, इस साल राखी बांधने की रस्म 19 अगस्त , 2024 को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट के बाद की की जा सकती है।
19 अगस्त 2024 को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 20 मिनट के बीच श्रावण पूर्णिमा की भद्राकाल-रहित तिथि होगी।

 

राखी बांधने का सही समय

वैसे तो राखी बांधने के लिए श्रावण पूर्णिमा के दिन दोपहर का समय सबसे शुभ माना गया है ।इसलिए 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से लेकर 4 बजकर 20 मिनट तक राखी बांध सकते हैं और शाम के समय 6 बजकर 56 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 08 मिनट तक भी अच्छा सही समय है राखी बांधने का।

 

राखी बांधने की सही तिथि

श्रावण पूर्णिमा माह की तिथि  19 अगस्त को देर रात 3 बजकर 44 मिनट से प्रारम्भ हो रही है और इसका समापन 19 अगस्त को देर रात 11 बजकर 55  मिनट पर होगा।ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त दिन सोमवार 2024 को मनाया जायेगा।
राखी बांधने का सर्वोत्तम मुहूर्त
19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर 19 अगस्त को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक राखी बांधने का सबसे सर्वोत्तम समय है।

 

भद्रा काल में राखी क्यों नही बांधनी चाहिए?

शास्त्रो के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भ्रदाकाल में राखी बाध दी थी. जिस वजह से रावण के कुल का सर्वनाश हो गया। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भ्रदाकाल में राखी नही बांधनी चाहिए। ना ही कोई शुभ कार्य करना चाहिए।

 

रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले अपने इष्ट देव को राखी बांधें

गणेश जी

गणेश जी हिन्दू धर्म मे पूजे जाने वाले पहले देवता है। गणेश जी को लाल रंग बहुत प्रिय है इसलिए ऐसा माना जाता है कि गणेश जी को लाल रंग की राखी बांधने से आप की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। और इससे घर मे सुख समृद्धी आती है ।

शंकर जी

रक्षाबंधन का पर्व सावन के आखिरी दिन आता है. इसलिए भगवान शिव को राखी बांधने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। श्रावण का महिना भगवान शिव का अति प्रिय रंग हरा जो की भगवान शिव और माता पार्वती जी दोनों को पसंद है, इसलिए भगवान शंकर को हरे रंग की राखी बांधनी चाहिए।

श्रीकृष्ण

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इस दिन भगवान कृष्ण को राखी बांधने से वे हर स्थिति में आपकी रक्षा करते है। क्योंकि कृष्ण जी को नारंगी रंग अति प्रिय है इसलिए श्री कृष्ण जी को नारंगी रंग की राखी बांधनी चाहिए।

हनुमान जी

रक्षाबंधन के दिन हनुमान जी को राखी अवश्य बांधनी चाहिए क्योंकि हनुमान जी को पृथ्वी पर आज भी मौजूद देवताओं में सबसे पहले माना जाता है ,और वे पृथ्वी पर रहकर हम सब की रक्षा करते रहते हैं। हनुमान जी को केसरिया रंग अति प्रिय है इसलिए रक्षाबंधन के दिन हनुमान जी को  केसरिया रंग राखी बांधे और उनसे हम सब की रक्षा की कामना करें।

रक्षाबंधन पूजन में प्रयोग की जाने वाली सामाग्री

नये कपड़े
थाली

 

 

 

 

 

 

रक्षाबंधन दीपक

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रोली

मिठाई

अक्षत

फूल

हल्दी

 

रक्षाबंधन पूजन विधि

राखी बांधने से पहले स्नान करके साफ कपड़े धारण करे।
और जब तक राखी न बांध ले तब तक भोजन ना करे.  आप चाहें तो फलाहार ले सकते हैं।
भाई को राखी बांधते समय थाली में राखी, रोली, मिठाई और आरती के लिए दीपक भी रखें।
सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि अपने भाई को पूर्व दिशा की तरफ बैठाकर  ही राखी बांधें.
और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो।
सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगायें फिर दाहिने हाथ में रक्षासूत्र बांधें.
रक्षासूत्र बांधते समय नीचे दिये गये मंत्रों का उच्चारण करते रहें।
राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारे.
आरती उतारने के बाद भाई का मुँह मीठा करवाएं.
भाई को भी इस बात का ध्यान रखना होगा की कभी भी खाली और खुले हाथों से राखी नहीं बधवाए.
हमेशा हाथ मे कुछ फूल और अक्षत जरूर रख ले.
उसके बाद भाई अपनी बहन का पैर छूकर आशीर्वाद लें।

राखी मंत्र

राखी बांधते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए
येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल ।।

सर्वोत्तम राखी कौन सी होती है?

राखी के लिए कच्चे सूती धागे या रेशम के धागे का उपयोग करना सबसे सर्वोत्तम माना गया है इसके बाद सोने व चांदी से बनी राखियों को भी अच्छा माना जाता है। आप अपने बजट के अनुसार इन तीनों राखियों में से कोई भी लेकर अपने भाई की कलाई पर बांध सकती हैं।

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक महत्व

सत्रहवी शताब्दी के मध्य के राजस्थानी वृत्तांत के अनुसार जब सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया था तब चितौड़गढ़ की महारानी कर्णावती ने हुमायूँ को राखी भेजकर मदद की गुहार लगाई. तब हुमायूँ ने राखी की लाज रखी और वीरतापूर्वक जवाब दिया और महारानी कर्णावती      मदद की।

रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व

धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन इन्द्र देवता और उनकी पत्नी इद्राणी की प्रार्थना पर गुरू बृहस्पति ने भगवान इन्द्र को रक्षा सूत्र बाधा था. वही मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बाँध कर अपना भाई बनाया था. एक और मान्यता के अनुसार बताया जाता है कि महाभारत काल के दौरान द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर श्रीकृष्ण के हाथ पर लगी चोट पर पट्टी बांध दी थी. और इसके बाद श्री कृष्ण को द्रौपदी ने अपना भाई मान लिया था।

•रक्षा बन्धन पर कौन-कौन से कार्य न करें?
•इस दिन क्रोध, अहंकार, लड़ाई-झगडो की स्थिति से दूर रहे। •कोई भी कार्य ऐसा ना करे जिससे लोगो को तकलीफ हो।
•अपने भाई से भी लड़ाई झगड़े नहीं करें।
•इस दिन पेड़ काटें नहीं बल्कि पेड़ लगाएं।
• इस दिन जानवरों को भी नुकसान न पहुचाएं।
•इस पर्व को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाये।
• रक्षा बन्धन पर घर आये किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ न लौटायें।

 

हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें
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