स्वास्थ्य लाभ के लिए घर पर लगाये कुछ खास औषधीय पौधे और फूल, जानें इनका महत्व

हम आपको जानकारी देंगे कि घर में ऐसे कौन से औषधीय पौधे और फूल लगाए जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं।

भारतीय आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधो और फूलों का इस्तेमाल पहले से ही होता आ रहा है। कहा जाता है कि कुछ खास प्रकार के औषधीय पौधे और फूल बीमारियों को ठीक करने में सक्षम होते हैं। इन पौधों और फूलों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता हैं। यह पौधे और फूल हमारे जीवन का विभिन्न अंग है। यह पौधे और फूल लाभकारी होने के साथ-साथ हमारे घर के और हमारे घर के आसपास की सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। यह पोषण और औषधीय उपयोग के लिए इस्तेमाल होते हैं। सुंदर से दिखने वाले इन कई तरह के पौधे और फूलों में त्वचा की समस्याओं से लेकर कई तरह के संक्रमण तक को ठीक करने की शक्ति होती है।

साथ ही हमारे स्वास्थ्य पर इन नेचुरल एजेंट्स का किसी तरह का हानिकारक प्रभाव नहीं होता और इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। ऐसे कुछ औषधि पौधों और फूलों को हम अपने घर में बड़ी आसानी से लगा सकते हैं। इनको लगाने से हमारे स्वास्थ्य पर तो अच्छा प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही साथ यह पौधे और फूल हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष को भी दूर कर देते हैं। इन पौधों और फूलों को लगाने से हमारे घर में नयी ऊर्जा का संचार होता रहता है और घर का वातावरण खुशनुमा बना रहता है। इसलिए चलिए आज हम जानते हैं कि अपने घर में ऐसे कौन से औषधि पौधे और फूल लगाए जिनका उपयोग औषधि रूप में भी किया जा सके और यह हमारे घर  की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हो।

 

तुलसी (Basil)  

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तुलसी को हिंदुओं धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है। इसलिए इस पौधे को ज्यादातर लोग अपने घर में लगाते हैं। इसे पवित्र तुलसी के रूप में भी जाना जाता है। यह अपने हीलिंग प्रॉपर्टीज के कारण जड़ी बूटियां के रूप में मूल्यवान औषधि है। तुलसी का सेवन कच्चे रूप में किया जा सकता है या हर्बल चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है। तुलसी में बहुत सारे मौजूद कीटनाशक, फफूंद नाशक ,जीवाणुरोधी और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो बुखार ,आम सर्दी और स्वसन संबंधी बीमारी को ठीक करने के लिए अच्छे होते हैं।मलेरिया को ठीक करने में भी तुलसी बहुत कारगर पौधा है। यह अपच, सरदर्द, हिस्टीरिया, अनिद्रा और हैजा को भी ठीक करने के लिए काफी असरदार है। तुलसी की ताजी पत्तियों का सेवन हर दिन लाखों लोग करते हैं क्योंकि इन पत्तियों का सेवन करने से बहुत सारी बीमारियां हमसे दूर रहती हैं और हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए सुबह खाली पेट तुलसी की कुछ पत्तियों का सेवन अवश्य करें।

तुलसी की चार किस्में है जिन्हें राम तुलसी, वाना तुलसी, कृष्ण तुलसी और कर्पूर तुलसी कहा जाता है। कर्पूर तुलसी का उपयोग ज्यादातर बाहरी उद्देश्यों के लिए किया जाता है। कर्पूर तुलसी के तेल का उपयोग कान के इंफेक्शन को दूर करने के लिए किया जाता है। राम तुलसी के पत्ते तीव्र स्वसन सिंड्रोम के लिए एक असरदार उपयोग के रूप में काम करते हैं। इसके पत्तों के रस सर्दी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी से राहत देते हैं।

 

लेमन ग्रास  (Leman Grass)

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लेमनग्रास एक औषधीय पौधा है, जिसे आप बड़ी आसानी से अपने घर के  गार्डन में उगा  सकते हैं। यदि आप चाहे तो इसे छोटे गमले में भी ऊगा सकते हैं। रिपोर्टों से साबित हुआ है कि लेमनग्रास के असंख्य चिकित्सीय और अन्य स्वास्थ्य लाभ है। यह चाय, सलाद ,सूप और नींबू के साथ लगभग सभी व्यंजनों में बहुत अच्छा लगता है।

लेमनग्रास नर्वस तनाव संबंधी स्थितियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटी-पाइरेक्टिक गुण तेज बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। यह कुछ श्वसन स्थितियों और गले के खराश के संक्रमण से भी सहायक है। यह पेट दर्द ,सिर दर्द ,जोड़ों के दर्द ,मांसपेशियों के दर्द, पाचन तंत्र की ऐंठन, मांसपेशियों में ऐंठन और पेट में दर्द सहित सभी प्रकार के दर्द के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा आप  इसे  चाय या काढ़े में इसका उपयोग दैनिक रूप से कर सकते हैं। यह बेहद फायदेमंद पौधा है। 

 

एलोवेरा (Aloe Vera)

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एलोवेरा  एक अद्भुत पौधा है।  यह कहीं भी बड़ी आसानी से उग जाता है।  इसे बढ़ाने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है। आप इसे अपने घर के गार्डन या गमले में बड़ी आसानी से उगा सकते हैं। अपने घर में इस पौधे को उगाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस पौधे को घर पर रखने से आपको मच्छरों से छुटकारा मिल सकता है। एलोवेरा का उपयोग बाहरी इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है और साथ ही आंतरिक रूप से भी इसका सेवन किया जा सकता है।  यह एक बहुत बढ़िया हाइड्रेटिंग एजेंट है।

एलोवेरा एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है, जो प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर है, जो शरीर में मुक्त कणों को निपटने में मदद करते हैं। अगर आपके पास कमजोर इम्यून सिस्टम है, तो आप रोजाना एलोवेरा का रस पी सकते हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली फिट रहेगी। यह कटे ,घाव और जलने के कारण संक्रमण के खतरे को भी ठीक कर सकता है ,यह आसानी से सूजन को कम कर सकता है ।यह आपकी त्वचा और बालों के लिए भी बहुत अच्छा होता है। एलोवेरा जूस पीने से आप पाचन समस्याओं, भूख न लगना, पुरानी कब्ज और अल्सरेटिव कोलाइटिस से भी छुटकारा पा सकते हैं।

इसलिए अपने घर में एलोवेरा का पौधा जरूर लगाना चाहिए। यदि आपकी ड्राई स्किन है, तो इसकी पत्तियों को रोजाना सुबह या शाम अपने चेहरे पर एलोवेरा जैल जरूर लगाए। आप एलोवेरा जैल को अपने हाथ, पैरों ,कोहनी, बालों इन सभी जगह पर इस्तेमाल कर सकते हैं इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है यह आपको किसी प्रकार का  नुकसान  नहीं पहुंचते और आपकी स्किन को भी सॉफ्ट करती है।

  

पुदीना (Mint)

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पुदीना को दुनिया की सबसे पुरानी दावाओं में से एक माना जाता है। इस पौधे को अधिकतर लोग अपने घर में लगाते हैं और यह आसानी से सभी पर्यावरणीय परिस्थितियों में छोटे गमले में भी उग जाता है। पुदीना प्राकृतिक रूप से मैंगनीज, विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होता है । पुदीने  की पत्तियों को मांसपेशियों को आराम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह एक अद्भुत माउथ फ्रेशनर है। इसमें पेट फूलना, पेट खराब होना, बुखार, स्पास्टिक, कोलोन और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम का इलाज करने की क्षमता है।  यह बैक्टीरिया को बढ़ने से भी रोकता है। इसलिए पुदीने के पौधे को घर पर लगायें। आप इसकी पत्तियों का उपयोग आप चाय और काढ़ें मे रोजाना कर सकते हैं ।

 

नीम (Neem) 

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नीम के पौधे को लोग पुराने समय से ही औषधीय पौधों के रूप में जानते हैं। इस औषधिय पौधे का उपयोग युगों से किया जा रहा है।  यह वास्तव में एक पेड़ के रूप में बढ़ता है ;  लेकिन घर पर रखा जाने वाला एक बहुत ही आवश्यक पौधा है।  अगर आपके पास नीम के पेड़ को उगाने के लिए जगह नहीं है तो आप इसे गमले में भी उग सकते हैं और इसे छोटा रख सकते हैं । नीम में उत्कृष्ट एंटीसेप्टिक गुण है और इसका उपयोग बाहरी इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है।  नीम के पिसे पत्ते आंतरिक रूप से एक अद्भुत डी- वर्मिंग एजेंट के रूप में कार्य करते हैं और यह उपाय बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए बहुत सुरक्षित है।

  

गोटू कोला या ब्राह्मी (Gotu Kola or Bramhi)

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गोटू कोला या ब्राह्मी घर पर आसानी से बढ़ने वाला पौधा है। यह मस्तिष्क के विकास और स्मृति के लिए एक उत्कृष्ट पौधा है। यह छोटा सा औषधीय पौधा अल्सर, त्वचा की चोटों और केशिका के नाजुकता को कम कर के चमत्कार साबित हो सकता है।  अगर आप अपनी युवावस्था को बनाए रखना चाहते हैं तो यह वह पौधा है जिसे आपको नियमित रूप से उगाना और इस्तेमाल करना चाहिए । इन पत्तियों को भी पीसकर खुले घावों के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है। ब्राह्मी मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करती है जिससे ध्यान अवधि और एक एकाग्रता बढ़ती है।

 

मेथी

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मेथी के बीज और पत्ते दोनों ही अत्यधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।  इसे एक बेहतरीन बॉडी कूलेंट माना जाता है। इन्हें किसी भी पर्यावरणीय परिस्थितियों में गमले या गार्डन में उगाया जा सकता है। कई लोग बॉडी बिल्डिंग और वजन बढ़ाने के लिए भी इसका सेवन करते हैं। मेथी में लिवर कैंसर को दूर करने की क्षमता  होती हैं।  यह पाचन में सहायक होता है।  स्तनपान कराने के लिए नई माताओं द्वारा इसका सेवन किया जा सकता है । यह दर्दनाक माहवारी और प्रसव पीड़ा के दौरान भी बहुत मददगार है।  मेथी पेट और आंतों की सूजन और अल्सर का इलाज कर सकती है और रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी काम कर सकती है। सांसों की बदबू को दूर करने के लिए भी यह एक बेहतरीन उपाय है ।यहां घर पर उगाया जाने वाला एक आवश्यक औषधीय पौधा है। जिसके अनेकों को लाभ होते हैं।

 

अश्वगंधा

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अश्वगंधा एक बहुत ही प्राचीन औषधि है जिसका व्यापक रूप से आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है और इसे घर पर भी उगाया जा सकता है। यह तनाव में कमी और तंत्रिका सुरक्षा के लिए सबसे अच्छी औषधि है।  यह प्राचीन जड़ी-बूटी प्रजनन क्षमता, घाव की देखभाल में सहायता को बढ़ावा देती है और इम्यूनिटी को बढ़ाती है। यह एक बहुत अच्छा हार्ड टॉनिक है।   यह आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है । यह तनाव का मुकाबला करता है , जिससे डिप्रेशन और चिंता भी कम होती है। यह एक उत्कृष्ट जड़ी-बूटी है जो आसानी से कोलेस्ट्रॉल कम करती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है। इसलिए अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेद की सभी दावाओ में किया जाता है। यह बेहद ही लाभकारी और गुणकारी औषधीय पौधा है। जिस कारण अश्वगंधा को औषधीय जड़ी बूटियों का राजा  माना जाता है।

 

गुलाब के फूल

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गुलाब के फूलों में टैनिन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी होते हैं। गुलाब के फूलों के रस का उपयोग शरीर की गर्मी और सिर दर्द को कम करने के लिए किया जाता हैं।  सूखे फूल गर्भवती महिलाओं को मूत्रवर्धन के रूप में दिए दिए जाते हैं और पंखुड़ियां का उपयोग पेट की सफाई के लिए किया जाता है। गुलाब की पंखुड़ियां का इस्तेमाल कई मिठाइयां बनाने के लिए भी किया जाता है और जो डाइजेशन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। गुलाब की पंखुड़ियां से खांसी,अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी फेफड़ों की समस्याएं और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे अपच और पेट फूलना को भी ठीक किया जा सकता है। गुलाब जल से आंखों की जलन दूर की जा सकती है कब्ज को कम करने के लिए गुलाब की चाय का सेवन भी आप कर सकते हैं। गुलाब का यह  पौधा लगभग सभी घरों में लगाया जाता  है। गुलाब के फूल का यह पौधा देखने में जितना ही खूबसूरत होता है उतना ही यह घर की सुंदरता को भी बढ़ता है और हमारी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद पौधो में से एक है।

 

गुलदाउदी के फूल

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गुलदाउदी सजावटी पीले फूल होते हैं । इस फूल का रस या आसव चक्कर आना, हाई ब्लड प्रेशर, फुरूनकुलोसिस को ठीक करने में मदद करता है। इसकी पंखुड़ियां से बनी गरमा गरम चाय शरीर दर्द और बुखार को कम करने में मदद करती है। सूजी हुई आंखों को शांत करने के लिए ठंडा होने के बाद इसमें एक कॉटन पैड डुबोए और उसे आंखों पर लगा ले ।इसका उपयोग पाचन विकारों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

  

जैस्मिन के फूल 

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जैस्मिन के फूल देखने में जितने ही सुंदर होते हैं, उतने ही खुशबूदार होते हैं।  यह फूल घर की सुंदरता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सुगंधित सफेद फूलों से बनी चमेली की चाय लंबे समय से चिंता अनिद्रा और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है ।यह डाइजेशन संबंधी समस्याओं, पीरियड के दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होती है।

 

गुड़हल के फूल  

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गुड़हल के फूल की पंखुड़ियां और पत्तियां लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और नारंगी रंग में पाई जाती है । गुड़हल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चाय बनाने में किया जाता है, जो ब्लड प्रेशर के लेवल को कम करने में मदद करता है । यह लूज मोशन, पाइल्स ,ब्लीडिंग , तेजी से झड़ रहे बालों की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, खांसी में भी मदद करता है।

 

चंपा के फूल 

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चंपा के सुगंधित फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दावाओं में त्वचा रोगों, घावों और अल्सर जैसी विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है। चंपा के फूल का काढ़ा मचली, बुखार, चक्कर आना,खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

अमलतास के फूल  

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अमलतास, जिसे गोल्डन शावर ट्री के नाम से भी जाना जाता है, के पीले फूल होते हैं , जो इसके पेड़ से लंबी लटकती जंजीरों में दिखाई देते हैं। यह पेड़ न केवल आपके घर के लुक को बदल देगा बल्कि बहुत तरीकों से आपकी खुद की सेहत को अच्छा रखने में भी मदद करेगा।  अमलतास के पेड़ के भाग त्वचा रोगों, हार्ट संबंधी बीमारियों, पीलिया, कब्ज, अपच और यहां तक के कान के दर्द के खिलाफ कारगर माने गयें हैं।

 

गेंदे के फूल  

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हमारे भारत में पूजा और सजावट के समय जिस फूल का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है वह गेंदे का फूल ही है।  औषधीय गुणों से भरे हुए हैं गेंदे के इन फूलों में विटामिन ए, विटामिन बी, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के रोगों से लड़ने के लिए कारगर होता है। इसका उपयोग प्रमुख रूप से बाल का झड़ना, डैंड्रफ, स्कैल्प में फंगस, दाद, खाज, खुजली आदि दूर भागने के लिए किया जाता है। इसके लिए, गेंदे के फूल को अच्छी तरह से पीसकर दाद, खाज, खुजली वाली जगह पर लेप लगा लगाया जाता है। अगर कहीं चोट लग गई है तो रक्त को रोकने के लिए इसके पत्तों के रस का उपयोग भी किया जाता है। इसलिए अपने घर में गेंदे के फूल का पौधा अवश्य लगाएं।

 

औषधीय पेड़पौधों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQS)

औषधीय पौधा क्या होते हैं?

औषधीय पौधा वह पौधा है जिसके एक या अधिक अंगों में ऐसे पदार्थ होते हैं जिनका उपयोग चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

मेडिसिनल प्लांट्स का क्या महत्त्व है?

Non-commercialised societies में औषधीय पौधों का व्यापक रूप से चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जाता है, मुख्यतः क्योंकि वे आसानी से उपलब्ध हैं और आधुनिक दवाओं की तुलना में सस्ते हैं। दुनिया की लगभग 80% आबादी अभी भी बीमारियों के इलाज के लिए पूरी तरह से पारंपरिक या हर्बल चिकित्सा पर निर्भर है, ज्यादातर अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों में।

कौन से पेड़-पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं?

कई पेड़-पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, जिन्हें प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है। इनमे प्रमुख हैं:

नीम (Neem): नीम पेड़ के पत्ते, बीज, तने, और छाला में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीइन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं।

तुलसी (Holy Basil): तुलसी के पत्ते और बीज में औषधीय गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, जैसे कि इम्यूनिटी बढ़ाना, सांत्वना प्रदान करना, और स्ट्रेस को कम करना।

अलोवेरा (Aloe Vera): अलोवेरा के पत्ते में गुणों की अच्छी मात्रा होती है, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, और मोची-गुची को ठीक करने के गुण होते हैं।

अमला (Indian Gooseberry): अमला में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, एंटीऑक्सीडेंट प्रोटेक्शन प्रदान करने, और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो तनाव कम करने, शारीरिक क्षमता बढ़ाने, और दिमाग को शांति प्रदान करने में मदद करता है।

क्या कैमोमाइल एक औषधीय पौधा है?

अमेरिका में कैमोमाइल का उपयोग अक्सर स्ट्रेस में मदद के लिए किया जाता है। यूरोप में, इसका उपयोग घावों को भरने और जलन और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।

क्या मेडिसिनल प्लांट्स के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

जी हाँ। वैसे तो अधिकांश शक्तिशाली औषधीय पौधों का मनुष्यों द्वारा उपयोग किए जाने पर अपेक्षाकृत कोई जहरीला या प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है लेकिन इनमे से कुछ में शरीर के कुछ अंगों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होतो है। ये मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए बहुत जहरीले होते हैं।

क्या औषधीय पेड़-पौधों को घर में कैसे उगाया जा सकता है?

औषधीय पेड़-पौधों को आसानी से घर में उगाए जा सकता है। यहाँ कुछ आसान उपाय हैं जिनकी मदद से आप अपने घर में औषधीय पेड़-पौधों को उगा सकते हैं:

छोटे गमलों में उगाना: यदि आपके पास छोटे गमले हैं, तो आप उनमें अपने पसंदीदा औषधीय पौधों को उगा सकते हैं। इसके लिए अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी का उपयोग करें और पानी की उचित मात्रा में प्रदान करें।

बर्तनों में उगाना: कुछ औषधीय पौधे छोटे बर्तनों में भी उगाए जा सकते हैं, जैसे कि मिट्टी के पॉट्स, प्लास्टिक कंटेनर्स या प्लास्टिक बोतलें।

बालकनी या टेरेस पर: यदि आपके पास बालकनी या टेरेस है, तो आप वहां भी अपने पौधों को उगा सकते हैं। यह सूरज की रोशनी और ताजगी को बढ़ा सकता है।

आधुनिक खेतों या हाइड्रोपोनिक सिस्टम में: यदि आपके पास अधिक स्थान है और आप और प्रौद्योगिकी में रुचि रखते हैं, तो आप आधुनिक खेतों या हाइड्रोपोनिक सिस्टम का उपयोग करके भी औषधीय पौधे उगा सकते हैं।

घर के अंदर: कुछ औषधीय पौधे आप अपने घर के अंदर भी उगा सकते हैं, जैसे कि ब्राह्मी या अलोवेरा।

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