घर में सजावट के लिए इन वास्तु शास्त्र टिप्स का करें इस्तेमाल, चमक जाएगी किस्मत

वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का इस्तेमाल सिर्फ घर के निर्माण या कमरों की दिशा तय करने के लिए ही नहीं होता. घर बनने के बाद उसकी अंदरूनी सजावट में भी इसका अहम रोल होता है. आज हम आपको बताएंगे कि इंटीरियर डिजाइनिंग के वक्त किन बातों का ध्यान रखें और किन चीजों से बचें.

कई लोग मानते हैं कि वास्तु शास्त्र सिर्फ घर के डिजाइन और कंस्ट्रक्शन तक ही सीमित होता है. लेकिन सच तो ये है कि घर की अंदरूनी सजावट में भी यह लागू होता है. अगर घर वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के मुताबिक बनाया गया है लेकिन आपने इंटीरियर में वास्तु का पालन नहीं किया तो पूरे घर का संतुलन बिगड़ सकता है. 

 

नोह इंटीरियर्स के फाउंडर और सीईओ संदेश धनराज ने कहा, ”घर के इंटीरियर में वास्तु शास्त्र का बड़ा योगदान होता है. माना जाता है कि इंटीरियर्स के अरेंजमेंट का घर में रह रहे लोगों की जिंदगी पर प्रभाव पड़ता है. अरेंजमेंट्स के आधार पर ही सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती हैं, जो घर के निवासियों पर असर डालती हैं. लेकिन आजकल की भागती शहरी जिंदगी में घर के इंटीरियर को वास्तु के मुताबिक सजा पाना मुमकिन नहीं हो पाता. लिहाजा सही वास्तु के लिए चीजों, रंग और फर्नीचर के साथ मामूली बदलाव किया जा सकता है.” इसलिए प्लानिंग करते वक्त वास्तु एक्सपर्ट से राय लेनी चाहिए, जो विभिन्न चीजों की पोजिशन के बारे में बता सके, जिससे घर में समृद्धि और शांति आए.
 

वास्तु पर अंदरूनी व्यवस्था का प्रभाव:

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंदरूनी सजावट के सामान जैसे- दीवारों के रंग, घर की एंट्री, फर्नीचर के रखने की जगह, मंदिर की प्लेसमेंट कुछ अहम चीजें हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है. ए2जेडवास्तु.कॉम के प्रोमोटर और सीईओ विकास सेठी ने कहा, ”घर का इंटीरियर अरेंजमेंट प्रॉपर्टी के वास्तु पर इस तरह से प्रभाव डालता है”: 
 
  • किचन की पोजिशन परिवार के स्वास्थ्य और वैभव से जुड़े होते हैं.
  • बेडरूम का इंटीरियर स्वास्थ्य, करियर, हेल्थ और पर्सनल लाइफ पर प्रभाव डालते हैं.
  • घर का पूजास्थल घर की समृद्धि और शांति पर असर डालता है.
  • घर में लगे शीशे स्वास्थ्य और खुशी को प्रभावित करते हैं.
  • घर का फर्नीचर ऊर्जा के संतुलन पर असर डालता है, जिससे मानसिक शांति और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.
  • पानी की प्लेसमेंट भी सही जगह होनी जरूरी है, जिससे सफाई और अच्छा स्वास्थ्य बरकरार रहे.
  • घर के विभिन्न हिस्सों के रंग भी खास असर डालते हैं.
 

इंटीरियर्स की सेटिंग करते वक्त वास्तु शास्त्र के सिद्धातों का पालन कैसे करें:

घर के इंटीरियर डिजाइन में सब आता है जैसे- खिड़कियां, एंट्रेंस, दीवारें और रंग. वास्तु शास्त्र शांति स्थापित करने के लिए पंच मूलभूत तत्वों- पानी, धरती, वायु, आग और आकाश का उपयोग करता है. माना जाता है कि अगर फर्नीचर, एक्सेसरीज और इंटीरियर वास्तु शास्त्र के मुताबिक हो तो समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली की बरसात होती है. हर कमरे में आठ दिशाएं होती हैं. लिहाजा इंटीरियर डिजाइन करते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि वास्तु के नियमों का पालन हो ताकि इन तत्वों के साथ सामंजस्य बिठाया जा सके. ऐसा ही एक सिद्धांत है कि घर का एंट्रेंस पूर्व की ओर होना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि सूरज पूर्व से उगता है और इससे घर में रोशनी और सकारात्मकता आती है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक हर रंग का नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
 

कुछ जरूरी इंटीरियर वास्तु टिप्स:

  • किचन में कभी काले रंग का फर्नीचर या टाइल्स नहीं होनी चाहिए.
  • रीडिंग या स्टडी रूम पूर्व की ओर होना चाहिए.
  • किसी भी दिशा में सो सकते हैं, सिवाय उत्तर दिशा के.
  • घर में कम रोशनी नहीं होनी चाहिए.
  • बैठते या सोते वक्त शीशे की ओर मुंह नहीं होना चाहिए.

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