घर मालिक अक्सर संयुक्त नामों के बजाय सिंगल नाम में घर संपत्ति खरीदने की उलझनों के बारे में अनजान होते हैं। मेरे एक साथी ने शादी से पहले अपने नाम पर एक फ्लैट खरीदा। शादी के बाद ईएमआई समान हिस्सों में कपल चुका रहा था। हालांकि वह उस वक्त हैरान रह गया, जब उसे मालूम चला कि उसकी पत्नी होम लोन पर इनकम टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकती।
कौन हो सकता है जॉइंट ओनर?
एेसा कोई कानून नहीं है कि जॉइंट ओनर कौन हो सकता है। वह कोई करीबी रिश्तेदार (पत्नी, माता-पिता, बच्चे, भाई या बहन), आपके बिजनेस पार्टनर या दोस्त भी हो सकते हैं। अगर आप शादीशुदा हैं और प्रॉपर्टी को अकेले ही फाइनेंस कर रहे हैं तो किसी करीबी रिश्तेदार जैसे पत्नी, बच्चे को जोड़ना समझदारी है और बैचलर हैं तो माता-पिता को। अग्रीमेंट में जिस शख्स को जॉइंट ओनर के तौर पर जोड़ा जाता है, उसे प्रॉपर्टी की खरीद में कोई योगदान नहीं देना होता।
होम लोन लेना:
होम लोन देते वक्त कर्जदार इस बात पर जोर देते हैं कि सह-खरीददार के रूप में जॉइंट ओनर को शामिल किया जाए। कर्जदाता उन होम लोन एप्लिकेशंस पर विचार करते हैं, जहां सह-खरीददार पत्नी, माता-पिता या बच्चे होते हैं। काफी कर्जदाता उन आवेदनों पर विचार नहीं करते, जिनमें करीबी रिश्तेदार शामिल नहीं होते। चूंकि जॉइंट ओनर आवेदक के साथ सह-खरीददार के तौर पर शामिल होता है, एेसे में अगर जॉइंट ओनर दोस्त, पार्टनर, भाई या बहन है तो आपको शायद होम लोन न मिले।
प्रॉपर्टी का सही उत्तराधिकार:
इन दिनों ज्यादातर रिहायशी संपत्तियां सोसाइटीज में अपार्टमेंट्स के तौर पर खरीदी जा रही हैं। अगर होल्डर को कुछ हो जाता है तो सोसाइटी अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों से प्रोबेट या नॉन अॉब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए जोर दिए बिना अन्य जॉइंट होल्डर्स के नाम फ्लैट ट्रांसफर कर देगी।
इनकम टैक्स फायदे:
धारा 80 सी के तहत होम लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट या धारा 24 बी के तहत होम लोन पर ब्याज के लिए आयकर फायदे, केवल मालिक या घर के संयुक्त मालिक द्वारा क्लेम किए जा सकते हैं। अगर होम लोन आप भर रहे हैं, लेकिन प्रॉपर्टी के मालिक नहीं है तो आप होम लोन के फायदे क्लेम नहीं कर पाएंगे।
आज की तारीख में घर खरीदने के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन चाहिए। इस लोन का ब्याज 9.50 प्रतिशत की दर से 4.75 लाख सालाना बैठता है। अगर घर खुद के रहने और आपके मालिकाना हक वाला है तो आप सिर्फ 2 लाख रुपये ही क्लेम कर पाएंगे और बाकी 2.75 लाख का टैक्स फायदा खो जाएगा। लेकिन अगर यही संपत्ति जॉइंट ओनर्स के तौर पर खरीदी जाती है और दोनों ही लोन की भरपाई कर रहे हैं तो दोनों ब्याज भुगतान पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसी तरह सेक्शन 80सी के तहत प्रिंसिपल होम लोन राशि के पुनर्भुगतान के लिए अगर प्रॉपर्टी संयुक्त नाम पर है और लोन की भरपाई कर रहे हैं तो दोनों 1.5 लाख रुपये की छूट क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए मान लें कि आपके पास धारा 80 सी के योग्य होने के लिए कोई अन्य निवेश या व्यय नहीं है।