जाने दशहरे पर कैसे करें शस्त्रों की पूजा; विधि-विधान और ध्यान रखने योग्य बातें

आयुध पूजा में पारंपरिक ढंग से अस्त्र और शस्त्र की पूजा की जाती है।

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। इस दिन विशेष तौर पर माँ  अपराजिता  की  पूजा की  जाती है। इस पूजा में मां रणचंडी के साथ रहने वाली योगनियों जया और विजया को पूजा जाता है।

 

पुराने समय से चली या रही है यह परंपरा

इस दिन अस्त्र शस्त्र  की  पूजा करने का प्रचलन पुराने समय से चला आ रहा है। रामायण  में भी इसका वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि श्री राम ने भी रावण से युद्ध शुरू करने से पहले ये पूजा की  थी। राजा महाराजा लोग किसी भी युद्ध में जाने से पहले यह पूजा अवश्य करते थे ताकि रण  में उन्हें जीत प्राप्त हो। इसी पूजा के दौरान वह अपने शत्रु से लड़ने के लिए शस्त्र का चुनाव भी करते थे।

 

भारतीय सेना भी करती है यह पूजा

साथ ही पहले के राज्य हमारी सेना भी यह पूजा पूरे विधि विधान से सम्पन्न करती है। पिछली साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ़्रांस से लड़ाकू विमान राफेल लाने से पहले वहीं यह पूजा कि और उसके बाद इस विमान में उड़ान भरी। इसके अलावा सेना अपने देश की सीमा की  सुरक्षा के लिए भी ये पूजा करती है।

 

क्या है इस पूजा की  विधि

यह पूजा बहुत ही विधि विधान से की जाती है और इसे शुरू करने से पहले सभी  हथियारों को साफ करते हुए एक जगह पर रख लिया जाता है और इसके बाद नीचे दिए गए चरण पूरे करते हुए पूजा

  • सबसे पहले सभी शस्त्र एक साथ रख लिए जाते हैं और उन्हें पर गंगा जल डाला जाता है।
  • इसके बाद शस्त्रों पर हल्दी और कुमकुम से तिलक किया जाता है।
  • तिलक करने के बाद शस्त्रों पर फूल अर्पित किए जाते हैं।
  • इस पूजा में शमी के पत्तों का खास महत्व है और शस्त्रों  पर  शमी के पत्ते चढ़ाए जाते हैं।

इस पूजा को हमेशा ही मुहूर्त देखते हुए किया जाना चाहिए और साथ ही इस पूजा के दौरान एक बात ध्यान में रखनी जरूरी है कि नाबालिक बच्चों को इस पूजा से दूर रखा जाता है ताकि उन्हें अस्त्र शस्त्रों के प्रति ज्यादा उत्साहित ना किया जाए। इस पूजा का उद्देश्य है कि बच्चों को किसी भी तरह की हिंसक गतिविधि से दूर रखने के लिए ही प्रोत्साहित किया जाए।

 

ध्यान में रखने योग्य बातें

यह पूजा करते समय आपको बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है नहीं तो यह पूजा अनहोनी को न्यौता दे सकती है।  बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप सभी हथियार बहुत ही सावधानी के साथ साफ करें और उसके बाद उनकी पूजा करें।  कुछ चीजें जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए वह इस प्रकार से हैं

  1. सभी हथियारों को पूरी सावधानी के साथ ही एक जगह पर रखें और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें।
  1. हथियारों को इस तरह से रखें कि यह छोटे और नाबालिग बच्चों की पहुंच से दूर रहें वरना यह है उनकी जान के लिए खतरा बन सकते हैं।
  1. ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं जिसमें लापरवाही के चलते लोग इस पूजा के दौरान घायल हो जाते हैं इसीलिए अगर आप पिस्टल आदि की पूजा कर रहे हैं तो यह ध्यान में रखें कि वह हर समय लॉक रहे।
  1. इस पूजा के दौरान बच्चों को पूरी तरह से अलग रखने की जरूरत है क्योंकि इस पूजा का उद्देश्य है कि नाबालिक बच्चों को कभी भी शस्त्र आदि का गलत इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित ना किया जाए।
  1. जब भी हथियार साफ कर रहे हैं तो घर के बड़े लोग भी यह कार्य सावधानी से करें जैसे पिस्टल आदि की सफाई करते समय पूरी सावधानी बरतें।
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