आमतौर पर भारतीय घरों में शुभ मुहूर्त को विशेष महत्व दिया जाता है, विशेषकर जब बात नई संपत्ति खरीदने या नए घर में शिफ्ट होने की होती है। ऐसा माना जाता है कि गृह प्रवेश यानी नए घर में प्रवेश के अवसर पर किया जाने वाला पूजा अनुष्ठान शुभ मुहूर्त में किया जाए तो इससे घर में सौभाग्य आता है। गृह प्रवेश एक हिंदू परंपरा है, जिसमें नए घर में पहली बार प्रवेश करने पर शुभ मुहूर्त पर पूजा आयोजित की जाती है। इसे भारत की विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, जैसे तेलुगु में “गृह प्रवेशम” या “गृहप्रवेशम” और बंगाली में “गृहप्रवेश।”
गृह प्रवेश पूजा या घर के स्वागत समारोह की शुभ तारीखें आमतौर पर ज्योतिषीय चार्ट के आधार पर पुजारी द्वारा तय की जाती हैं। इसके अलावा गृह प्रवेश पूजा विधि में कई नियम और निर्देश होते हैं, जिन्हें पालन करना जरूरी होता है ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और परिवार में समृद्धि आए।
इससे भी महत्वपूर्ण चीज यह है कि नए घर में प्रवेश करने से पहले हिंदू कैलेंडर के अनुसार या किसी ज्योतिष और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ से परामर्श करके शुभ तिथि, दिन और नक्षत्र देखनी चाहिए। घर के प्रवेश द्वार को सजाना और मंत्रों का जाप गृह प्रवेश पूजा विधि का एक अनिवार्य हिस्सा है।
कई लोग के मन में इस बात को लेकर उलझन रहती है कि क्या उन्हें किराए के घर में गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए, लेकिन वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि किराए के घर में भी गृह प्रवेश पूजा करना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता ऊर्जा आती है। गृह प्रवेश पूजा करने से घर में शांति और समृद्धि का वातावरण बनता है। गृह प्रवेश पूजा को आप अपनी सुविधा के अनुसार साधारण या विशाल स्तर पर आयोजित कर सकते हैं। इसमें आमतौर पर हवन, गणेश पूजा, नवग्रह शांति पूजा और वास्तु शांति पूजा की जाती है।
गृह प्रवेश पूजा: त्वरित जानकारी
गृह प्रवेश पूजा का अर्थ | एक हिंदू पूजा समारोह, जो किसी नए घर में पहली बार प्रवेश करने पर किया जाता है |
गृह प्रवेश पूजा का महत्व | वातावरण को शुद्ध करने, वास्तु दोषों को दूर करने और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने से घर में रहने वालों की समृद्धि आती है |
गृह प्रवेश पूजा के दौरान किन देवताओं की पूजा की गई जाती है? | कलश पूजा, गाय (गौ) पूजा, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी पूजा, वास्तु शांति और नवग्रह शांति पूज। |
गृह प्रवेश पूजा कब की जाती है? | हिंदू पंचांग (चंद्र कैलेंडर) के आधार पर शुभ तिथि और मुहूर्त में की जाती है। |
गृह प्रवेश पूजा किसे करनी चाहिए? | पुजारी की उपस्थिति में परिवार का मुखिया गृह प्रवेश पूजा करता है। |
गृह प्रवेश पूजा क्यों करनी चाहिए? | ● घर को शुद्ध और आध्यात्मिक बनाता है, सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
● घर को बुरी शक्तियों से बचाता है। ● समृद्धि, सौभाग्य और अच्छा स्वास्थ्य लाता है। ● जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है। |
गृह प्रवेश पूजा के प्रकार | ● अपूर्व: किसी नवनिर्मित घर में प्रथम प्रवेश के दौरान किया जाने वाला अनुष्ठान।
● संपुर्वा: यह अनुष्ठान विदेशी भूमि से आने के बाद घर में प्रवेश करते समय किया जाता है। ● द्वंद्व: यह तब किया जाता है जब कोई पुनर्निर्माण या पुनरुद्धार के बाद अपने घर में प्रवेश करता है। |
गृह प्रवेश पूजा: गृह प्रवेश क्या है?
गृह प्रवेश पूजा समारोह, जिसे गृहप्रवेश या गृह प्रवेश के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू पूजा है जो नए घर में पहली बार प्रवेश करने पर की जाती है। इसका उद्देश्य घर के वातावरण को शुद्ध करना और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव करना होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पांच तत्वों से निर्मित होता है – सूर्य, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु। इन पांच तत्वों का सही संतुलन ही घर में खुशहाली, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर आता है। गृह प्रवेश को भारत की विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे तेलुगु में “गृहप्रवेशम” या “गृहप्रवेशम्” और बंगाली में “गृहप्रवेश” कहा जाता है।
मुंबई की वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ जयश्री धामानी का कहना है कि “यह मान्यता है कि शुभ समय के दौरान नए घर में प्रवेश करने से जीवन आसान हो जाता है और परिवार के लोगों को कम संघर्षों का सामना करना पड़ता है। बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, गुड़ी पड़वा, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा (जिसे विजयादशमी भी कहते हैं) जैसे दिन इन मुहूर्तों के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तरायण, होली, अधिक मास और श्राद्ध पक्ष जैसे दिनों में गृह प्रवेश से बचने की सलाह दी जाती है,”
गृह प्रवेश कब करें?
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश का समारोह शुभ तिथि और समय (मुहूर्त) पर करना चाहिए। आमतौर पर मुहूर्त का चयन कई कारकों के आधार पर होता है, जैसे शुभ नक्षत्र, स्थान और व्यक्ति की कुंडली। गृह प्रवेश शुक्ल पक्ष (अमावस्या से पूर्णिमा के बीच) में करना उचित होता है और इसका समय शुभ लग्न के आधार पर तय किया जाता है। शुभ तिथि और समय जानने के लिए वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
परंपराओं के अनुसार, नए घर में पूजा के विभिन्न चरण होते हैं, जिसमें भूमि पूजन और गृह प्रवेश पूजा शामिल हैं। 2025 के शुभ गृह प्रवेश मुहूर्त जानने के लिए क्लिक करें।
गृह प्रवेश पूजा क्यों करनी चाहिए?
- गृह प्रवेश पूजा कराने से घर का वातावरण शुद्ध होता है और नए घर से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियाँ और वास्तु दोष दूर होते हैं।
- यह घर के निवासियों को सभी प्रकार की परेशानियों और बाधाओं से बचाता है।
- इस पूजा के करने से घर में सौभाग्य, समृद्धि और खुशियाँ आती हैं।
- गृह प्रवेश पूजा बुरी शक्तियों और बुरी नजर के प्रभाव को दूर कर सकारात्मकता बढ़ाती है।
- यह नए घर से वास्तु दोष हटाने में सहायक होती है।
- गृह प्रवेश पूजा से देवी-देवताओं और नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर अशुभ घटनाओं से सुरक्षित रहता है।
वास्तु शांति पूजा और गृह प्रवेश पूजा में अंतर
वास्तु शांति पूजा और गृह प्रवेश पूजा शब्दों का अक्सर एक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता है। हालांकि, इन दोनों पूजाओं में अंतर होता है। आमतौर पर, गृह प्रवेश पूजा से पहले वास्तु शांति पूजा की जाती है।
वास्तु शांति पूजा का मुख्य उद्देश्य घर में मौजूद किसी भी वास्तु दोष को दूर करना होता है, जबकि गृह प्रवेश पूजा देवताओं का आशीर्वाद पाने, सकारात्मक ऊर्जा लाने और नए घर में समृद्धि के लिए की जाती है।
गृह प्रवेश पूजा तब की जाती है जब कोई पहली बार नए घर में प्रवेश करता है, जबकि वास्तु शांति पूजा लगभग एक दशक तक घर में रहने के बाद भी करवाई जा सकती है, क्योंकि इसका उद्देश्य घर के वातावरण को शुद्ध करना होता है।
गृह प्रवेश पूजा कैसे करें?
शुभ मुहूर्त चुनें
गृह प्रवेश पूजा नए घर में प्रवेश से पहले की जाती है ताकि सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और समृद्धि का स्वागत किया जा सके। इसके लिए आप एक पुजारी को आमंत्रित कर सकते हैं, जो श्लोक और मंत्रों का पाठ कर पूजा को संपन्न कराएंगे।
गृह प्रवेश हमेशा शुभ दिन पर ही करें। त्योहारी सीजन में कई शुभ तिथियां होती हैं, जो गृह प्रवेश के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। आप 2024-25 में गृह प्रवेश के लिए सर्वोत्तम तिथियों की जांच कर सकते हैं।
माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ माह गृह प्रवेश पूजा और नए घर में प्रवेश के लिए अधिक शुभ माने जाते हैं।
फिनिशिंग और कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम पूरे कर लें
- गृह प्रवेश पूजा ही संपन्न करानी चाहिए, जब निर्माण कार्य पूरी तरह समाप्त हो जाए। नए घर में प्रवेश करने और गृह प्रवेश समारोह करने से पहले यह सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है।
अगर घर का निर्माण कार्य चल रहा हो तो उसमें प्रवेश करने से बचें। नए घर में तभी जाएं जब घर पूरी तरह तैयार हो। गृह प्रवेश का मतलब है जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करना, एक नए घर में जो हर तरह से पूरा हो। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि लकड़ी का काम, फिटिंग्स, पेंटिंग आदि पूरी हो चुकी हो। घर में खिड़कियां, दरवाजे और सभी फिक्स्चर सही तरीके से लगे हों और पेंटिंग का काम भी पूरा हो चुका हो, तभी प्रवेश करें।
घर के प्रवेश द्वार को सजाएं
- मुख्य द्वार को सजाया जाना चाहिए, क्योंकि इसे ‘सिंह द्वार’ कहा जाता है और यह ‘वास्तु पुरुष’ का चेहरा है। गृह प्रवेश पूजा के दिन सुनिश्चित करें कि सामने के प्रवेश द्वार को फूलों और गेंदे के फूल और आम के ताजे पत्तों के तोरण से सजाया गया हो।
- प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों और नींबू से बनी डोरी लगाएं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
- आप मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह या देवी लक्ष्मी के चरण भी लगा सकते हैं, क्योंकि ये समृद्धि और अच्छी किस्मत के प्रतीक हैं।
- आप दोनों सिरों पर गो-पद्म, कमल या कोई अन्य आध्यात्मिक चिन्ह भी लगा सकते हैं।
मुख्य द्वार के एंट्रेंस के लिए वास्तु शास्त्र दिशा निर्देश
- सुनिश्चित करें कि घर ग्राउंड लेवल पर नहीं है। घर के प्रवेश द्वार पर कुछ सीढ़ियां बनाएं।
- मुख्य द्वार अच्छी क्वालिटी वाली सामग्री से बनाएं। काले रंग के इस्तेमाल से बचें।
- प्रवेश द्वार पर नेम प्लेट लगाएं।
- सामने के दरवाजे पर पत्थर या लकड़ी की दहलीज डिजाइन करें। यह पैसे के नुकसान से बचाएगा।
- प्रवेश द्वार को साफ सुथरा रखें। डस्टबिन या शू रैक से बचें।
रंगोली बनाएं
- रंगोली त्योहारों के मौसम का पर्याय है और माना जाता है कि यह धन और समृद्धि को आकर्षित करती है। फर्श को चावल के आटे या चमकीले रंगों से बनी रंगोली से सजाएं।
- माना जाता है कि फर्श पर रंगोली देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करती है। बाजार में उपलब्ध चावल के आटे और रंगोली के रंगों का इस्तेमाल करके गृह प्रवेश पूजा आयोजित करने से पहले प्रवेश द्वार के पास रंगोली बनाएं।
- सुनिश्चित करें कि रंगोली लोगों के घर में प्रवेश करने के रास्ते में नहीं हो।
वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर के हर छोटे या बड़े पूजा में रंगोली का बहुत महत्व है। रंगोली के हम अलग- अलग डिजाइन या अलग पैटर्न में त्योहारों के मौसम में रंगों और फूलों का उपयोग करके फर्श पर बनाते हैं। रंगोली को मुख्यतः हम मुख्य प्रवेश द्वार के पास और पूजा कक्षों में बनाते हैं।वास्तु के अनुसार माना जाता है कि रंगोली हमारे घर की बाइब्रेसन को बदलने में हमारे घर में सकारात्मक चीजों को बढ़ाने में हमारी मदद करती है।
पूरे घर को साफ करें
- गृह प्रवेश पूजा करने से पहले सुनिश्चित करें कि पूरे घर को अच्छी तरह से साफ किया गया है ताकि यह स्वागत करने योग्य लगे। यह आपके नए घर में सकारात्मकता और पॉजिटिव एनर्जी को आमंत्रित करेगा।
- घर के लिए पहली चीज जो आपको खरीदनी चाहिए, वह है झाड़ू, ताकि समारोह से पहले सारी गन्दगी से छुटकारा मिल सके और नई शुरुआत हो सके। पूजा शुरू करने से पहले अपने घर के हर कोने में पोछा लगाएं। जगह को साफ़ और शुद्ध करने के लिए फर्श को नमक के पानी से पोछें।
- आप इसे नमक, नींबू के रस और सफेद सिरके के मिश्रण से भी धो सकते हैं। हवन (जड़ी बूटियों और लकड़ी को आग में डाल दिया जाता है) स्थान को शुद्ध करने और आसपास के वातावरण को साफ़ करने के लिए जाना जाता है।
घर को शुद्ध करें
पूरे घर में गंगाजल छिड़कें. अपने घर के अनुपयोगी कोने में एक अलग कलश में गंगाजल रखें, इसके ऊपर कच्चे आम के पत्ते रखें. हर जगह गंगाजल छिड़कने के लिए इन पत्तियों का उपयोग करें. माना जाता है कि गंगाजल में एक शुद्ध ऊर्जा होती है जो घर से नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करती है।
गृह प्रवेश पूजा के लिए घर को रोशन करें
- गृह प्रवेश के दिन पूरे घर, खासकर मुख्य द्वार को अच्छी तरह रोशन करना जरूरी है।
- घर का कोई भी हिस्सा अंधेरे में नहीं होना चाहिए।
- घर को रोशन करने के लिए दीपक, एलईडी लाइट्स या फेयरी लाइट्स का उपयोग करें।
- मिट्टी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है और यह सकारात्मक ऊर्जा व सौभाग्य को आमंत्रित करता है।
नारियल फोड़ने की परंपरा
गृहलक्ष्मी को नारियल फोड़ना चाहिए। इसे फिर घर की देहरी पर रखना चाहिए, क्योंकि यह बाधाओं को दूर करने का प्रतीक है। घर में प्रवेश करने से पहले दरवाजे पर नारियल फोड़ें। नारियल फोड़ने की यह प्रक्रिया घर को शुद्ध करने और जीवन की सभी रुकावटों को समाप्त करने के लिए मानी जाती है।
नए घर में दाहिने पैर से करें प्रवेश
गृह प्रवेश के शुभ अवसर पर पति और पत्नी को एक साथ घर में प्रवेश करना चाहिए, साथ में मंगल कलश लेकर चलना चाहिए। जब आप अपने नए घर में प्रवेश करें तो ध्यान रखें कि दाहिना पैर पहले रखें। रिवाजों के अनुसार, घर के मालिक (पुरुष) को दाहिना पैर पहले रखना चाहिए और महिला को बाएं पैर से प्रवेश करना चाहिए। घर में प्रवेश करते समय पांच शुभ वस्तुएं – नारियल, हल्दी, गुड़, चावल और दूध साथ लेकर चलना चाहिए। कलश को उत्तर-पूर्व कोने या मंदिर में स्थापित करना चाहिए और साथ ही भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करना चाहिए। नया घर में प्रवेश करते समय भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर हाथ में लेनी चाहिए।
गृह प्रवेश पूजा के लिए एक मंडल बनाएं
गृह प्रवेश पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले मंडला चित्र बनाना चाहिए, जो आध्यात्मिक प्रतीकों का एक ज्यामितीय विन्यास (जियोमेट्रिक कॉन्फिगरेशन) है। यह देवताओं और ग्रहों का आह्वान करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मूर्तियों को घर की पूर्व दिशा में रखना चाहिए।देवता को पूर्वोत्तर क्षेत्र में रखें। गृह प्रवेश में आध्यात्मिक ऊर्जा को आकर्षित करने और दिव्य सुरक्षा के लिए मूर्ति के सामने दो दीपक जलाएं। तथा भगवान को भोग प्रसाद के लिये जैसे मिठाई, फूल और फल चढ़ाएं।
कलश लगाएं
गृह प्रवेश की पूजा में तांबे के बर्तन में गंगाजल या किसी नदी के पानी से कलश भरकर मूर्ति के पास रखें। कलश पूजा करें। कलश में नौ प्रकार के अनाज और एक सिक्का डालें। तथा एक नारियल के चारों ओर कलावा तथा लाल कपड़ा बांधें और इसे कलश पर रखें ,और इसके किनारों पर चार आम के पत्ते रखें। उसके बाद कलश को हवन के पास रखा जाना चाहिए।
मेहमानों के बैठने की उचित व्यवस्था करें
गृह प्रवेश समारोह में आमतौर पर लोगों को पूजा के लिए फर्श पर बैठने की आवश्यकता होती है। फर्श पर दरी या गद्दे रखें या उन मेहमानों के लिए कुर्सियों की व्यवस्था करें जो फर्श पर बैठने में असमर्थ हैं।
वास्तु पूजा
- गृह प्रवेश पूजा तब तक पूरी नहीं होती जब तक वास्तु पूजा नहीं होती, घर की छत को न ढका जाए और दरवाजों को शटर से सुसज्जित न किया जाए। साथ ही, पुजारियों को भोग लगाना चाहिए।
- अगर आप किराए के घर में जा रहे हैं, तो नए किराए के घर के लिए आदर्श गृह प्रवेश पूजा तिथियों को जरूर देखें और ऊपर बताए गए गृह प्रवेश पूजा विधि का पालन करें।
- शांति और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए नए घर में हवन करना चाहिए। नए घर में नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए गणेश पूजा, वास्तु दोष पूजा और नवग्रह शांति पूजा के साथ हवन होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश समारोह के दौरान हवन किया जाता है ताकि तीन पापों को नष्ट किया जा सके। ये तीन पाप हैं – पृथ्वी की खुदाई, पेड़ों की कटाई और पत्थरों का तोड़ना। पूजा में उपयोग किए गए सुगंधित और औषधीय जड़ी-बूटियां और कपूर घर को शुद्ध करते हैं और ये अच्छी शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक होते हैं। यह बुरे प्रभावों को नष्ट करने में सहायक भी होते हैं। गृह प्रवेश पूजा के दौरान परिवार के सभी सदस्य हवन कुंड के चारों ओर बैठकर इसमें भाग लें, जब पुजारी पवित्र मंत्रों का जाप करें।
गृह प्रवेश के दिन गणपति पूजा या सत्यनारायण पूजा भी की जा सकती है। ये पूजा वास्तु शांति हवन के बाद की जा सकती हैं। भगवान गणेश सभी विघ्नों को नष्ट करने वाले होते हैं, इसलिए गृह प्रवेश के दिन उनकी आशीर्वाद प्राप्त की जाती है। सत्यनारायण (भगवान विष्णु का रूप) पूजा एक आसान विधि मानी जाती है और इसे शुभता, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
शंख बजाएं
गृह प्रवेश पूजा अनुष्ठानों में से एक जिसका पालन किया जा सकता है वह है शंख को बजाना, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए माना जाता है।इसलिए गृह प्रवेश पूजा के दौरान घर में शंख जरूर बजायें।
मंगल आरती
गृह प्रवेश की पूजा में मंगल आरती के लिए कपूर का एक दीपक जलाएं और अपने नए घर तथा उस घर में रहने वाले लोगों के सुख समृद्धि की कामना करते हुए मंगल आरती करें।तथा इसके साथ ही आप घंटी बजा सकते हैं या शंख बजा सकते हैं। तथा गृह प्रवेश पूजा में चढ़े हुए नारियल को तोड़कर प्रसाद के रूप में सभी मेहमानों में वितरित करें। तथा प्रसाद लेने के बाद सभी मेहमान आम के पत्तों का उपयोग करके कलश से पानी छिड़कें।
आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूध उबालें
नए बर्तन में दूध उबालना गृह प्रवेश अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। ऐसा माना जाता है कि गृह प्रवेश के दौरान दूध उबालने की रस्म से घर में समृद्धि आती है। घर की महिला को रसोई में दूध उबालना चाहिए। आमतौर पर, इसमें चावल और चीनी मिलाकर मीठा प्रसाद तैयार किया जाता है। आप दूध को मिट्टी के बर्तन, तांबे के बर्तन या किसी भी साफ पात्र में उबाल सकते हैं।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दूध किस दिशा में बह रहा है, क्योंकि इसका गृह प्रवेश अनुष्ठान में विशेष महत्व होता है। वास्तु के अनुसार, उबला हुआ दूध पूर्व या उत्तर दिशा में बहना चाहिए, इसे शुभ माना जाता है और यह नए घर में समृद्धि और संपन्नता लाता है।
सफेद कद्दू रखना
दक्षिण भारतीय परंपराओं के अनुसार, घर में सफेद कद्दू रखने से घर और उसके निवासियों को नकारात्मक ऊर्जा या दृष्टि (बुरी नजर) से सुरक्षा मिलती है।
पुजारियों और मेहमानों के लिए भोजन तैयार करें
परंपरा के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा के बाद परिवार और दोस्तों के लिए दोपहर का भोजन या रात का भोजन आयोजित किया जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद पुजारियों को भोजन कराना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, जिससे नए स्थान में शांति और समृद्धि बनी रहे।
सबसे पहले भोजन पुजारियों को अर्पित करें, फिर मेहमानों को परोसें। गृह प्रवेश के दिन हलवा या खीर जैसे प्रसाद बनाए जाते हैं।
यह भी देखें: गृह प्रवेश समारोह के लिए गिफ्ट
गृह प्रवेश पूजा के लिए क्या करें और क्या न करें
गृह प्रवेश समारोह के लिए क्या करें | गृह प्रवेश समारोह में क्या न करें |
मेन गेट को फूलों से सजाएं और फर्श को रंगोली से सजाएं। मुख्य द्वार को सजाने के लिए ओम और स्वास्तिक जैसे शुभ प्रतीकों का उपयोग करें। | गृह प्रवेश पूजा से पहले अपने नए घर में रसोई के गैस चूल्हे को छोड़कर किसी भी फर्नीचर को स्थानांतरित करने से बचें। |
घर में कदम रखने से पहले नारियल तोड़ें। | गृह प्रवेश में काले रंग के कपड़े न पहनें। |
अपना पहला कदम दाहिने पैर से उठाएं। | यदि परिवार में कोई गर्भवती महिला हो या किसी की मृत्यु हो गई हो तो नए घर में न जाएं। |
नमक का पानी छिड़क कर घर को शुद्ध करें। | यदि घर के दरवाजे, खिड़कियां, छत या निर्माण का कोई भी हिस्सा अधूरा है तो उसमें जाने से बचें। |
आप अपने मेहमानों को घर से जाते समय मिठाई, मूर्तियां या सिक्के उपहार में दे सकते हैं। पूजा करने वाले पुजारी को खाद्य पदार्थ और उपहार भेंट करें। | गृह प्रवेश पूजा के बाद अपने मेहमानों को खाली हाथ न जाने दें। आप उन्हें चांदी का सिक्का, देवी-देवताओं की मूर्ति, मिठाई का डिब्बा या ताजे पौधे जैसी चीजें उपहार में दे सकते हैं। |
गृह प्रवेश पूजा समारोह के बाद कम से कम तीन दिनों तक नए घर में रहें। | गृह प्रवेश पूजा के बाद नए घर को खाली न रखें। पूजा के बाद अगले 40 दिनों तक घर से बाहर न निकलें। |
पुजारी के बिना गृह प्रवेश पूजा कैसे करें?
जैसा कि नए घर के लिए हिंदू अनुष्ठानों में उल्लेखित है, वैदिक शास्त्रों के अनुसार गृह प्रवेश पूजा समारोह व्यापक ढंग से किया जाता है। इसलिए, किसी ऐसे पुजारी से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जिसे रीति रिवाजों के बारे में अच्छी जानकारी है।
हालांकि, ऐसी स्थिति भी हो सकती है जब पुजारी को ढूंढना संभव न हो। आपके नए घर के लिए हिंदू रीति रिवाजों से पूजा स्वयं की जा सकती है।
यह भी देखें: घर में मंदिर की दिशा के लिए वास्तु टिप्स
क्या बिना मुहूर्त के गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं?
वास्तु के अनुसार, शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश करने से घर में समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। इसके अलावा विशेषज्ञों का सुझाव है कि गृह प्रवेश के लिए कम से कम एक शुभ नक्षत्र का ध्यान रखा जाना चाहिए, क्योंकि हर नक्षत्र की अपनी विशेष ऊर्जा होती है।
हालांकि अधिकांश लोग आमतौर पर गृह प्रवेश केवल शुभ मुहूर्त में करना पसंद करते हैं, यदि आप इस तरह की मान्यताओं में विश्वास नहीं करते हैं, तो आप अपनी सुविधानुसार और समय अनुसार बिना मुहूर्त के साधारण गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं। हालांकि आप गृह शांति पाठ भी करें, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने और आसपास की नकारात्मकता और बुरी शक्तियों को समाप्त करने के लिए होता है। आप पूजा के बाद दान भी कर सकते हैं और गरीबों को पैसे और खाने का दान कर सकते हैं। फिर आप इस खुशी के मौके को अपने प्रियजनों के साथ जश्न मना सकते हैं।
गृह प्रवेश के लिए पूजा सामग्री सूची
नारियल – 2 मात्रा (40 रुपये) | देसी घी (500 रुपये) | अगरबत्ती (हवन सामग्री) (200 रुपये) | आम की सूखी लकड़ियां (6 रुपये प्रति किलोग्राम) |
सुपारी – 10 मात्रा (50 रुपये ) | शहद – 50 ग्राम (60 रुपये) | जौ (अनाज) (130 रुपये) | हल्दी (50 ग्राम) (20 रुपये) |
लौंग 10 ग्राम (15 रुपये) | गुड़, मिश्री 50 ग्राम (10 रुपये) | काले तिल (200 रुपये) | गंगा जल (एक बोतल) (200 रुपये) |
हरी इलायची 10 ग्राम (25 रुपये) | साबुत चावल (500 ग्राम) (40 रुपये) | बड़ा मिट्टी का दीया (100 रुपये) | लकड़ी की कम ऊंचाई वाली मेज (चौकी) (500 रुपये) |
पान के पत्ते (10), तुलसी के पत्ते (20 रुपये) | पंचमेवा (5 प्रकार के सूखे मेवों का मिश्रण) (1000 रुपये) | पीतल का कलश (400 रु.) | आटा (80 रुपये) |
रोली या कुमकुम (एक पैकेट) (200 रुपये) | पांच प्रकार की मिठाइयां | कपास (100 रु.) | आम या अशोक वृक्ष के पत्ते (70 रुपये) |
मौली – 2 रोल (50 रुपये) | 5 प्रकार के मौसमी फल (500 रुपये) | पीला कपड़ा (30 रु.) | अगरबत्ती – एक पैकेट (50 रुपये) |
उपनयन या जनेऊ | फूल और फूलों की माला (300 रु.) | लाल कपड़ा (30 रु.) | दही (70 रुपये) |
दूध (उबला हुआ नहीं) – 1/4 लीटर (15 रुपये) | धूपबत्ती (120 रुपये) | कपूर – एक पैकेट (400 रुपये) | हवन कुंड (1500 रु.) |
*उल्लेखित कीमत अनुमानित मूल्य हैं
गृहप्रवेश पूजा से पहले ऊपर बताई गई सामग्री की सूची तैयार कर लें और पूजा की सभी सामग्रियां तैयार रखें।
गृह प्रवेश पूजा सामग्री की लागत कितनी होती है?
भारत में गृह प्रवेश पूजा की लागत कई कारकों पर निर्भर कर सकती है, जैसे सामग्री की लागत, पूजा शुल्क (पुजारियों को दी जाने वाली फीस) आदि। गृह प्रवेश पूजा सामग्री की लागत लगभग 6,500 से 7,000 रुपए तक हो सकती है। कुल मिलाकर लागत 10,000 रुपये से 50,000 रुपये या उससे अधिक हो सकती है।
यह पूजा के इच्छित परिणाम लाने में सहायक होती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
यह भी देखें: 2024 में घर निर्माण शुरू करने के लिए शुभ दिन
गृह प्रवेश पूजा मंत्र
ध्यान और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान संस्कृत में श्लोक, शब्द या वाक्यांश के जाप को मंत्र कहते हैं। मंत्र को पवित्र माना जाता है और उसका शांत प्रभाव पड़ता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। प्रत्येक मंत्र का एक विशिष्ट अर्थ होता है, और इसे निर्धारित नियमों के अनुसार बोलना चाहिए।
गृह प्रवेश पूजा के दौरान भगवान गणेश की पूजा की जाती है। फूल और चावल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप किया जाता है:
- ॐ गणेशाय नमः आवाहयामि
इन मंत्रों का जाप करते हुए मूर्ति पर फूल चढ़ाए जाते हैं और चंदन लगाया जाता है:
- ॐ गणेशाय नमः गंधम समर्पयामि
- ॐ गणेशाय नमः पुष्पम समर्पयामि
इसके बाद गणेश जी को दीया और अगरबत्ती दिखाया जाता है और इस मंत्र का जाप किया जाता है:
- ॐ गणेशाय नमः दीपम दरसयामी
इस मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश को भोग लगाया जाता है:
- ॐ गणेशाय नमहमृत–महा–नैवेद्यम इवेदयामि
- ॐ गणेशाय नमः सर्वोपचारं समर्पयम
फूल और प्रसाद चढ़ाते समय भगवान गणेश के निम्नलिखित नामों का जाप किया जाता है:
- ॐ एकदन्ताय नमः
- ॐ कपिलाय नमः
- ॐ गजकर्णकाय नमः
- ॐ लम्बोराराय नमः
- ॐ विकटाय नमः
- ॐ विघ्नराजाय नमः
- ॐ विनायकहा नमः
- ॐ धूमकेतवे नमः
- ॐ गणाध्यक्षाय नमः
- ॐ भालचंद्राय नमः
- ॐ गजाननय नमः वक्रतुण्डता नमः
- ॐ सुर्पकर्णाय नमः
- ॐ हेराम्बया नमः
- ॐ स्कंदपुर्वजय नमः
- ॐ श्री सिद्धिविनायकाय नमः
- ॐ सुमुखाय नमः
कलश पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप किया जाता है:
- ॐ वर्धिनी–वरुण्ड्यवाहित देवताभ्यो नमः अवाहायामि
- ॐ वर्धिनी–वरुण्ड्यवाहित देवताभ्यो नमः गंधम समर्पयामि
- ॐ वर्धिनी–वरुण्ड्यवाहित देवताभ्यो नमः पुष्पं समर्पयामि
- ॐ वर्धिनी–वरुण्ड्यवाहित देवताभ्यो नमः धूपम अघ्रपयामि
- ॐ वर्धिनी–वरुण्ड्यवाहित देवताभ्यो नमः दीपं दरसयामी
- ॐ वर्धिनी–वरुण्यवाहित देवताभ्यो नमःमृत– महा–नैवेद्यम निवेदयामि
- ॐ वर्धिनी–वरुण्ड्यवाहित देवताभ्यो नमः सर्वोपचारं समर्पयामि
गृह प्रवेश ड्रेस थीम आइडिया
गृह प्रवेश पूजा के लिए कपड़े अन्य इनडोर पार्टियों से अलग हो सकते हैं। जब आप गृह प्रवेश पूजा में भाग लें तो पारंपरिक और एथनिक पोशाक का चयन कर सकते हैं। आप बंगाली ड्रेस, दक्षिण भारतीय ड्रेस, इंडो-वेस्टर्न कपड़े आदि पहन सकते हैं।
महिलाओं के लिए: साड़ी, सूट या लंबी ड्रेस
पुरुषों के लिए: इंडो-वेस्टर्न आउटफिट या कुर्ता-पजामा
गृह प्रवेश पूजा के लिए कौन से रंग के कपड़े पहनें?
कुछ शुभ रंग जिनका चयन किया जा सकता है, वे हैं लाल, पीला और हल्के रंग (पैस्टल शेड्स)।
गृह प्रवेश समारोह के लिए सजावट आइडिया
फूलों की सजावट
किसी भी पूजा के लिए घर को सजाने का सबसे आसान और खूबसूरत तरीका, खास तौर से गृह प्रवेश पूजा, फूलों के माध्यम से होता है। फूलों की सजावट आपकी गृह प्रवेश पूजा के लिए एकदम सही सेटिंग बनाने में मदद करेगी।
Source: Pinterest
सीढ़ियों की सजावट
सीढ़ियों पर फूलों की रचनात्मक सजावट भारतीय गृह प्रवेश समारोह के लिए एक दिलचस्प और पारंपरिक सजावट आइडिया है।
Source: Pinterest
लाइट्स
फेयरी लाइट्स गृह प्रवेश समारोह के लिए आपके घर के अंदरूनी हिस्से को रोशन करने के लिए एक उत्कृष्ट डेकोर (सजावट) विकल्प हो सकता है।
रंगीन लाइटिंग लगाकर घर को और आकर्षक बनाएं। आप गृह प्रवेश समारोह के लिए घर को लैंप, दीये और मोमबत्तियों से सजा सकते हैं। एंट्रेंस हॉल के लिए एक सुंदर झूमर लगाने पर विचार करें।
रंगीन एक्सेसरीज
एंट्रेंस एरिया में फूलों की रंगोली बनाएं और रोशनी और राजस्थानी छातों जैसी सजावटी चीजों से इस जगह को सजाएं। सुगंधित मोमबत्तियां, अगरबत्ती, और आकर्षक लैंप स्टैंड शामिल करके इसे एक आकर्षक अपील दें। लालटेन किसी भी भारतीय त्योहार या उत्सव के लिए बिल्कुल सटीक है। इसके अलावा, गृह प्रवेश पूजा पर लालटेन जलाना शुभ माना जाता है।
पौधे
इस अवसर पर एंट्रेंस एरिया और घर के अन्य क्षेत्रों को सजावटी प्लांटर्स से सजाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में थोड़ी हरियाली करने से भी सकारात्मक ऊर्जा आएगी। आप शुभ इंडोर पौधे जैसे पीस लिली, एलोवेरा, बांस आदि लगा सकते हैं।
गृह- प्रवेश पूजा और वास्तु पूजा में क्या अंतर है?
वास्तु शांति पूजा हमेशा गृह प्रवेश पूजा से पहले की जाती है, जिसका मेन उद्देश्य होता है किसी भी वास्तु दोष और भूमि में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को ठीक करना है। इन दोषों को अक्सर वास्तु दोष के रूप में जाना जाता है, जो ठीक ना होने पर वहां रहने वाले लोगों की भलाई पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। वहीं गृह – प्रवेश पूजा वास्तु पूजा के बाद किया जाता है। गृह- प्रवेश की पूजा हम अपने नये घर में शुभारंभ के साथ घर में सुख – समृद्धि को बनाए रखने के लिये करते हैं, जिससे हमारे नये घर में हमेशा सकारात्मकता का प्रवाह बना रहे। गृह- प्रवेश की पूजा में हम अपने इष्ट देव की पूजा करते हैं।
गृह प्रवेश समारोह के बाद पूजा के प्रसाद का निपटान कैसे करें?
पहले लोग पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले फूल और पत्ते समुद्र या नदी में फेंक देते थे, लेकिन बढ़ते जल प्रदूषण के कारण इसे जलाशयों में नहीं फेंकना चाहिए। गृह प्रवेश पूजा के लिए इस्तेमाल किए गए फूलों को दालचीनी या सूखे खट्टे (साइट्रस) छिलके के साथ सुखाकर सूखे फूलों की पोटपोरी बना लें। घर पर जैविक खाद बनाने के लिए गृह प्रवेश पूजा के फूल, केले के पत्ते, पान आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। कई शहरों में स्थानीय नगर निगमों द्वारा समुद्र तटों और नदियों के पास विशेष कूड़ेदान बनाए गए हैं जो केवल पूजा के प्रसाद के लिए हैं। हवन के बचे हुए लकड़ी के टुकड़े, जड़ी-बूटी, राख आदि को बगीचे में दफना सकते हैं।
गृह प्रवेश समारोह के लिए कौन सी पूजा अच्छी है?
हिंदू रीति रिवाज में गृह प्रवेश एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो तब आयोजित किया जाता है जब लोग अपने नए घरों में जाते हैं। वास्तु शास्त्र विशेषज्ञों के अनुसार, नए घर में जाने से पहले वास्तु पूजा और वास्तु शांति आयोजित की जाती है।
यह आम धारणा है कि घर के मालिक को उन देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने चाहिए जो घर में सौभाग्य और समृद्धि लाते हैं। गृह प्रवेश, या नए घर में पहला प्रवेश, हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुभ दिन पर आयोजित किया जाता है, और परिवार नए घर में शुभ समय या मुहूर्त में प्रवेश करता है। उसके बाद पूजा होती है। गृह प्रवेश नकारात्मक शक्तियों से घर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
गृह प्रवेश को तेलुगु में गृह प्रवेश या गृह प्रवेशम और तमिल में पुगु विझा कहते हैं। इस समारोह में वास्तु शांति अनुष्ठान भी शामिल हैं।
गृह प्रवेश के लिए किए जाने वाले कुछ पूजा अनुष्ठानों नीचे दिए गए हैं:
कलश पूजा
नए घर के लिए कलश पूजा गृह प्रवेश से पहले की जाती है। यह घर में रहने वाले लोगों के समृद्धि के प्रतीक के रूप में की जाती है।
गौ पूजन
हिंदू धर्म में गाय को एक पवित्र जानवर के तौर पर माना जाता है। गाय की पूजा गृह प्रवेश अनुष्ठान का अभिन्न हिस्सा है। गाय को मालाओं से सजाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है। इसका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इसे घर के अंदर भी ले जाया जाता है।
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा
घर की दहलीज के पास भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह गृह प्रवेश पूजा के दौरान किया जाता है, जिसे गृहप्रवेशम पूजा के रूप में भी जाना जाता है, ताकि बुरी ताकतों को खत्म किया जा सके और उन्हें घर में प्रवेश करने से रोका जा सके।
हवन
भगवान गणेश को शुभ शुरुआत और विघ्नों को दूर करने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है। इनकी पूजा की जाती है और गृह प्रवेश के दिन गणपति हवन भी किया जाता है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी हवन भी किया जाता है और लोग नए घर में अच्छे स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
नए घर में सकारात्मकता और भाग्य को आकर्षित करने के लिए हिंदू इन अनुष्ठानों का पालन करते हैं। गृह प्रवेश पूजा केवल एक उपयुक्त दिन को आयोजित की जाती है, जिसे हिंदू कैलेंडर पंचांग के आधार पर चुना जाता है। परंपरा के अनुसार, दरवाजे और खिड़कियां खुली रखी जाती हैं और घर में लाइट ऑफ कर दी जाती है। परिवार के मुखिया द्वारा पुजारी की उपस्थिति में शुभ पूजा की जाती है।
Housing.com का पक्ष
वास्तु शास्त्र में गृह प्रवेश पूजा करने के लिए कुछ विशेष बातों का पालन करने की सलाह दी जाती है। यह सकारात्मक परिणाम लाती है और घर में देवी-देवताओं का आशीर्वाद और समृद्धि का वातावरण बनाती है। इसके अलावा गृह प्रवेश पूजा को शुभ मुहूर्त में करना महत्वपूर्ण होता है, जो ग्रहों की स्थिति और शुभ नक्षत्रों को ध्यान में रखकर चुना जाता है। यह पूजा के इच्छित परिणामों को प्राप्त करने में सहायक होता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है। इसलिए एक हिन्दू पंचांग को जानने वाले वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या गृह प्रवेश पूजा शाम के समय कराई जा सकती है?
यह मुहूर्त पर निर्भर करता है। यदि आप चाहें तो गृह प्रवेश पूजा शाम को भी कर सकते हैं।
नए घर में कलश कहां रखना चाहिए?
कलश किसी घर में किसी अनुपयोगी जगह पर रखना चाहिए, जिसमें गंगाजल और आम की पत्तियां रखी होना चाहिए।
क्या गर्भवती महिलाएं गृह पूजा कर सकती हैं?
हां, गर्भवती महिलाएं गृह प्रवेश पूजा कर सकती हैं, बशर्ते उपवास और अन्य नियम उसके लिए थोड़े तनाव मुक्त हो।
गृह प्रवेश पूजा के दौरान घंटी बजाने का क्या महत्व है?
घंटी की आवाज नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और जगह को शुद्ध करने में मदद करती है।
गृह प्रवेश पूजा के दौरान प्रसाद के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग क्यों किया जाता है?
भगवान को नैवेद्यम (प्रसाद) चढ़ाते समय तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में सभी देवता निवास करते हैं। पूजा अनुष्ठानों में तुलसी (देवी लक्ष्मी का अवतार) का उपयोग करने से परिवार में सुख, सफलता और समृद्धि आती है।
गृह प्रवेश समारोह के अन्य नाम क्या हैं?
गृह प्रवेश समारोह, जो कि एक नए घर में आयोजित एक हाउस पार्टी है, को गृह प्रवेश समारोह या गृहप्रवेशम पूजा भी कहा जाता है।
गृह प्रवेश पूजा के लिए आवश्यक सामग्रियों की सूची क्या है?
गृह प्रवेश पूजा करने के लिए सामग्री के अलावा, कुछ आवश्यक वस्तुओं में भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, भगवान सत्यनारायण और नवग्रह जैसे देवताओं की मूर्तियाँ शामिल हैं; परंपरा के अनुसार जल या दूध से भरा तांबे या कांसे का कलश, बर्तन और वस्त्र जैसे धोती, साड़ी, ब्लाउज, शर्ट, आदि।
गृह प्रवेश पूजा के आयोजन की लागत क्या है?
गृह प्रवेश पूजा के आयोजन की लागत क्या है?गृह प्रवेश पूजा की लागत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें सामग्री की लागत भी शामिल है। यह 10,000 से 50,000 या उससे अधिक तक हो सकती है।
नए घर की हिंदू परम्परा क्या है?
हिंदू परंपराओं के अनुसार, नए चूल्हे पर दूध उबालने की रस्म का व्यापक रूप से पालन किया जाता है। दूध को तब तक उबाला जाता है जब तक कि वह किनारों पर न बहने लगे। यह नए घर में प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है। ज्यादातर लोग नए घर में जाने पर गृह प्रवेश समारोह और गृह प्रवेश पूजा का आयोजन भी करते हैं।
नए घर के लिए किस भगवान की पूजा करें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा के दौरान भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
घर में सुबह पूजा करने का सही समय क्या है?
दैनिक पूजा सुबह जल्दी करनी चाहिए। हिंदू परंपराओं के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:30 से 5 बजे के बीच होता है, जो प्रार्थना और देवताओं की पूजा करने के लिए आदर्श समय है। दोपहर में पूजा करने से बचें।
क्या हम शिफ्ट होने के बाद गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं?
नकारात्मक ऊर्जाओं से स्थान को शुद्ध करने के लिए नए घर में शिफ्ट होने से पहले गृह प्रवेश पूजा या वास्तु पूजा की जानी चाहिए।
क्या हम गृह प्रवेश समारोह से पहले नए घर में सो सकते हैं?
हां, गृहस्वामी आधिकारिक पूजा से पहले नए घर में सो सकते हैं।
क्या मैं गृह प्रवेश से पहले अपना फर्नीचर स्थानांतरित कर सकता हूं?
आदर्श रूप से किसी भी वस्तु को अपने नए घर में ले जाने से पहले वास्तु पूजा जरूर करानी चाहिए।
क्या हम गृह प्रवेश पूजा से पहले घरेलू सामान स्थानांतरित कर सकते हैं?
जब तक वास्तु पूजा पूरी न हो जाए, तब तक रसोई गैस और चूल्हे के अलावा किसी भी चीज को शिफ्ट करने से बचना चाहिए।
क्या हम शुक्रवार को नए घर में शिफ्ट हो सकते हैं?
गृह प्रवेश मुहूर्त के आधार पर, आप शिफ्ट करने के लिए एक शुभ दिन चुन सकते हैं।
गृह प्रवेश में कौन सी पूजाएं की जानी चाहिए?
गृह प्रवेश के दिन गणेश पूजा, नवग्रह शांति और वास्तु शांति पूजा करने से वातावरण शुद्ध होता है और ऊर्जा का सकारात्मक प्रवाह पैदा होता है।
कौन सा महीना घर बदलने के लिए अच्छा नहीं है?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, नए घर में शिफ्ट होने के लिए भाद्रपद, पौष, आषाढ़, श्रावण और अश्विन महीनों से बचना चाहिए।
ग्रह प्रवेशम क्या है?
गृहप्रवेश या गृहप्रवेशम एक हिंदू समारोह है, जो किसी व्यक्ति के नए घर में प्रवेश करने पर किया जाता है और इसमें आसपास के वातावरण को शुद्ध करने और संपत्ति को बुरी ऊर्जा से बचाने के लिए पूजा की जाती है।
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश के लिए सबसे अच्छा उपहार क्या है?
आप गृह प्रवेश के लिए उपहार के रूप में लकी बांस, जेड पौधे और पीस लिली जैसे शुभ पौधों का चयन कर सकते हैं।
गृह प्रवेश के लिए मुझे क्या पहनना चाहिए?
गृह प्रवेश पूजा के लिए आप पारंपरिक कपड़े पहन सकते हैं। उदाहरण के लिए, महिलाएं साड़ी और सूट पहन सकती हैं, जबकि पुरुष कुर्ता-पायजामा पहन सकते हैं।
क्या गुड़ी पड़वा गृह प्रवेश के लिए अच्छा है?
गुड़ी पड़वा गृह प्रवेश पूजा करने के लिए एक शुभ दिन है।
क्या हम पुरानी झाड़ू नए घर में ले जा सकते हैं?
झाड़ू नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने में मदद करती है। वास्तु के अनुसार, नए घर में पुरानी झाड़ू लाने से बचना चाहिए।
गृह प्रवेश के लिए कौन सा तारा शुभ है?
उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, मृगशिरा, रोहिणी, चित्रा, रेवती, धनिष्ठा, शतभिषा, पुष्य, अश्विनी और हस्त शुभ नक्षत्र माने जाते हैं।
गृह प्रवेश पूजा कौन कर सकता है?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा कोई भी कर सकता है, चाहे वह जोड़ा हो या कोई अकेला व्यक्ति। हालांकि, पूजा परिवार के मुखिया को ही करनी चाहिए। व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए और मनचाही पूजा करने के लिए सही भावना के साथ पूजा करनी चाहिए।
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