गुड़गांव: हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी का सर्किल रेट बढ़ा दिया है। सरकार के इस कदम का प्रीमियम प्रॉपट्री पर भले ही कोई असर पड़े लेकिन यह तो तय है कि रजिस्ट्री करवाने के लिए जो अब तक खरीदारों को रकम चुकानी पड़ती थी, उसके लिए जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। गुड़गांव की बात करें तो सदर्न पेरिफेरल रोड (SPR), गॉल्फ कोर्स, और द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टर जिनमें रियल एस्टेट की भारी मांग है। वहां सर्किल रेट 30 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। साथ ही कमर्शियल हब में भी रेट 10 प्रतिशत बढ़ाया गया है। सर्किल रेट जिसे आम भाषा में कलेक्टर रेट भी कहते हैं। यह एक मिनिमम रकम है जिस पर किसी प्लॉट, बने घर, अपार्टमेंट या कमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ट्रांसफर की जाती है। बिल्डर इस रेट के नीचे अपने फ्लैट या मकान का सौदा नहीं कर सकते। वैसे सर्किल रेट बढने का असर, बहरहाल, प्रीमियम प्रॉपर्टी के रेट पर नहीं पड़ेगा। क्योंकि उनका मार्केट रेट पहले से ही बहुत ज्यादा है।
उदाहरण के तौर पर DLF प्रोजेक्ट, कमेलिया और मैगनोलिया के अपार्टमेंट का मार्केट रेट पहले से ही क्रमशः 55,000 रुपये और 45,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फुट है। जो बढ़ाए गए सर्किल रेट 27,500 से कहीं ज्यादा है। इसी तरह क्रेस्ट, द आइकॉन की मार्केट प्राइस 30,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फुट है जो उसके रिवाइज़ किए गए सर्किल रेट 13,200 से बहुत ज्यादा है। पार्क प्लेस, बेलेयर और उसी की तरह इलाके की अन्य प्रॉपर्टी का मार्केट दाम 25,000 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट है जबकि यहां सर्किल रेट 9,900 का है। वैसे प्लॉट वाले इलाकों में घर खरीदने वालों को इस रिवीज़न का डायरेक्ट असर झेलना पड़ेगा। कहने का मतलब कि अगर प्रॉपर्टी का दाम 1 करोड़ रुपये है, तो घर खरीदने वाले को स्टांप ड्यूटी के रूप में 7 प्रतिशत के रेट से 7 लाख रुपये चुकाने होंगे। सर्किल रेट के 10 प्रतिशत होने पर, खरीदार को 1 लाख रुपये और चुकाने होंगे।
प्रॉपर्टी डीलर्स ने सर्किल रेट के बढ़ाये जाने पर नाखुशी जाहिर की है। एक ब्रोकर ने कहा कि कुछ सेक्टर में फ्लोर के सर्किल रेट 5,500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट से बढ़ाकर 6,500 रुपये कर दिए गए हैं। महामारी के दौरान जब से प्रॉपर्टी के रेट बाजार में गिरे हैं उसके बाद से स्टांप ड्यूटी बहुत बढ़ा दी गई हैं। पिछले साल भी SPR, गॉल्फ कोर्स और द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टर्स के सर्किल रेट 25 फीसदी बढ़ा दिए गए थे। वैसे कमर्शियल सेक्टर में रेट इस दौरान नहीं बढ़ाए गए थे।
अधिकारियों का कहना है कि ये रेट ज़िले की ज़मीनों के स्पेशल रिव्यू के बाद ही बढ़ाया गया है। मास्टर प्लान में जिस इलाके को जिस कैटेगरी में रखा गया है उसी हिसाब से रेट तय किए गए हैं। रेट 10 से 30 फीसदी तक बढ़ाए गए हैं। डिप्टी कमिश्नर निशांत यादव ने कहा कि नए सर्किल रेट पोर्टल में अपलोड कर दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “रजिस्ट्री अब नए रेट के आधार पर होंगी।”
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