भारतीय परंपरा में जपाकुसुम या हिबिस्कस (गुड़हल) को दूसरे फूलों से कहीं ज्यादा अहमियत दी गई है। अपने अनगिनत खूबियों की वजह से ही गुड़हल के फूल का उपयोग संस्कृत के एक मंत्र में भगवान सूर्य की स्तुति के लिए विशेषण की तरह किया गया है─ जपाकुसुमसंकाशं:, जिसका तात्पर्य है कि भगवान सूर्य गुड़हल के फूल की तरह दिव्य और तेजस्वी हैं।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बहुत-सी खूबियों वाला यह पौधा आमतौर पर भारतीय घरों और बगीचों में जरूर दिखाई देता है, जिसे हिंदी में गुड़हल के नाम से भी जाना जाता है। 200 से ज्यादा प्रजातियों वाले हिबिस्कस को दुनिया भर में काफी पसंद किया जाता है। हिबिस्कस हवाई का राजकीय पुष्प तथा मलेशिया का राष्ट्रीय फूल है। ताहिती और हवाई की परंपरा के अनुसार, हिबिस्कस का फूल दाहिने कान के पीछे लगाने का मतलब है के फूल लगाने वाला शादी के लिए साथी की तलाश में है।
गुड़हल क्या है?
गुड़हल औषधीय गुणों वाला एक पौधा है, जिसे जड़ी-बूटियों, झाड़ियों और पेड़ों के रूप में उगाया जाता है। इसकी लंबाई 3 से 10 फीट तथा चौड़ाई 2 से 8 फीट तक हो सकती है। अलग-अलग तरह के रंगों वाले गुड़हल के फूल का आकार घंटी की तरह होता है, जो गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ सजावट के लिहाज से भी बेहद खूबसूरत है। झुके हुए फूलों में 4-5 पंखुड़ियाँ होती हैं जिसकी चौड़ाई 4 से 18 सेमी तक हो सकती है। इसकी ज्यादातर किस्मों में फूलों की ताजगी सिर्फ एक दिन तक ही बरकरार रहती है। इसके पौधे में दांतेदार-किनारे वाले गहरे हरे रंग की पत्तियां होती हैं, जो बारी-बारी से तनों पर व्यवस्थित होती हैं। उनकी सतह चिकनी हो सकती है या वे पौधों के रोएँ से ढके हो सकते हैं।
गुड़हल का पौधा कितने समय तक जिंदा रहता है?
गुड़हल का फूल मधुमक्खियों और तितलियों को बेहद पसंद है, और अनुकूल परिस्थितियों वाले बगीचे में इसका पौधा 50 सालों तक जीवित रह सकता है।
हिबिस्कस: महत्वपूर्ण जानकारी
वानस्पतिक नाम: हिबिस्कस
प्रचलित नाम: रोज़ ऑफ़ चाइना, रोज़ मैलो, हार्डी हिबिस्कस, रोज़ ऑफ़ शेरोन, ट्रॉपिकल हिबिस्कस, रोज़ेले, सोरेल, जावा कुसुम, गुड़हल, शू फ्लावर कुल: मालवेसी प्रकार: वार्षिक/बारहमासी औषधीय पौधा मूल स्थान: भारत, मलेशिया पानी: मध्यम सूरज की रोशनी: सीधी धूप/आंशिक धूप मिट्टी: नम, पानी के रिसाव के लिए उपयुक्त मिट्टी फूलों का रंग: पीला, लाल, गुलाबी, बैंगनी, नारंगी विषैलापन: कुत्तों, बिल्लियों, घोड़ों के लिए विषैला नहीं है |
यह भी देखें: गार्डन रोज: गुलाब के पौधे उगाने के बारे में जानने योग्य सारी बातें
गुड़हल के अलग–अलग रंग
लाल गुड़हल
बैंगनी गुड़हल
पीला गुड़हल
पाउडर गुलाबी गुड़हल
गुलाबी गुड़हल
सफ़ेद गुड़हल
नारंगी गुड़हल
नीला गुड़हल
पराग से ढके हिबिस्कस सिरिएकस के फूल से उड़ रही एक मधुमक्खी की तस्वीर, ‘ओइसेउ ब्लेयू’
हिबिस्कस या गुड़हल का पौधा कैसे लगाएँ?
आमतौर पर गुड़हल के पौधे को घर के बाहर बगीचों में लगाया जाता है, लेकिन इनडोर सेटिंग्स में भी इसका पौधा उतना ही लोकप्रिय है जहाँ इसे छोटे-छोटे कंटेनरों और लटकते हुए गमलों में लगाया जाता है। इसके पौधे से चार से छह इंच लंबे तने को काटने के बाद आप उसे अपने घर या बगीचे में लगा सकते हैं। पौधे की अच्छी तरह से वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए, अंतिम सिरे को रूटिंग हार्मोन में डुबोएँ और इसे पानी के रिसाव के लिए उपयुक्त एवं नमी वाली मिट्टी में लगाएँ। कुछ ही महीनों के भीतर इसकी जड़ें पूरी तरह से विकसित हो जाएँगी।
कलम से हिबिस्कस का पौधा लगाते हुए एक माली की तस्वीर
हिबिस्कस या गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करें?
सूरज की रोशनी
हिबिस्कस या गुड़हल के पौधे को धूप बेहद पसंद है। घर के भीतर इस पौधे को उस स्थान पर लगाएँ, जहाँ अच्छी धूप आती हो।
यूरोप के एक ग्रामीण घर की खिड़की पर बेहद खूबसूरत चित्तीदार लाल हिबिस्कस का फूल।
पानी
घर में लगाए जाने वाले दूसरे पौधों के विपरीत, हिबिस्कस के पौधे को नियमित रूप से पानी देने की जरूरत होती है। पौधों के बढ़ने के मौसम के लिए यह बात खासतौर पर सही है। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि हर बार पानी देने से पहले पोटिंग मिक्स की ऊपरी परत सूख जाए।
मिट्टी
हिबिस्कस या गुड़हल के पौधे के लिए पानी के रिसाव हेतु उपयुक्त, अच्छी नमी वाली तथा चिकनी बलुई (दोमट) मिट्टी सबसे बेहतर होती है, जिसका पीएच थोड़ा अम्लीय हो।
उर्वरक या खाद
इस पौधे के लिए पोटेशियम व नाइट्रोजन से भरपूर उर्वरक का प्रयोग करें।
हिबिस्कस के पौधे में उर्वरक के तौर पर कॉफ़ी की तलछट का उपयोग किया जा सकता है।
नुकसान पहुँचाने वाले कीट
पौधे की नियमित तौर पर साफ-सफाई से रेड स्पाइडर माइट्स और एफिड्स को दूर रखने में मदद मिलती है।
गुड़हल का उपयोग कैसे करें?
पारंपरिक तौर पर हिबिस्कस या गुड़हल का उपयोग बदहजमी और उच्च रक्तचाप सहित कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। जड़ी-बूटी के रूप में हिबिस्कस पौधे के अलग-अलग हिस्सों का उपयोग करने की परंपरा सदियों पुरानी है, और नए जमाने के शोध भी इस बात का समर्थन करते हैं। इस पौधे के हर हिस्से – फूल, बीज, पत्ते और तने का उपयोग विशेष पकवान, कॉस्मेटिक और औषधि बनाने के लिए किया जाता है। अगर आप सोचते हैं कि गुड़हल की चाय एक नई बात है, तो पश्चिमी अफ्रीका, मध्य एवं दक्षिण अमेरिका तथा कैरेबियाई क्षेत्र में जैम, जेली, सिरप एवं सॉस में इसके बढ़ते उपयोग पर एक नजर डालें।
फूल: चाय, गर्म एवं ठंडे पेय-पदार्थ, सिरप, स्वीटनर, जैम, जेली, आइसक्रीम, टार्ट, चॉकलेट, पुडिंग एवं केक, चटनी, मुरब्बा, मक्खन, सॉस और अचार बनाने के लिए इसके ताजे और सूखे फूलों का उपयोग किया जाता है।
बीज: इसके बीजों को भूनकर खाया जाता है, पीसने के बाद सूप या सॉस में मिलाया जाता है और तेल निकालने के लिए उपयोग किया जाता है।
पत्तियाँ: चीन में, इसकी नई पत्तियों को पालक की तरह पकाकर खाया जाता है। कच्चे सलाद में इसकी कोमल पत्तियों को मिलाकर सेवन किया जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग कामोत्तेजक औषधि, एंटीसेप्टिक और त्वचा में कसाव लाने वाली औषधि के तौर पर किया जाता है। इसकी पत्तियाँ मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने के साथ-साथ साँस से संबंधित समस्याओं और त्वचा पर होने वाले चकत्ते का इलाज करने में सक्षम हैं।
रेड हिबिस्कस हर्बल आइस टी
कुदरती बैकग्राउंड में ताजा और सूखा गुड़हल का फूल तथा सूखी पंखुडियों का पानी।
गुड़हल: फायदे
कच्चे गुड़हल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम तथा विटामिन बी और सी मौजूद होता है। यह कई तरीकों से उपयोगी है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
- लो-ब्लड प्रेशर के लिए बेहद असरदार
- मूत्रवर्धक प्रभाव को उत्तेजित करता है
- हाई-कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
- कैंसर के खिलाफ असरदार है
- डायबिटीज के खिलाफ असरदार है
- लिवर की हिफाजत करता है
- बालों को लंबा बनाता है
- वजन घटाने में मददगार है
- मेटाबोलिक सिंड्रोम के खिलाफ असरदार है
गुड़हल के साइड इफेक्ट
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
गुड़हल का फूल किस काम आता है?
गुड़हल का फूल लो ब्लड प्रेशर, कैंसर, और लिवर को होने वाले नुकसान को ठीक करने के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम आता है।
क्या गुड़हल के फूल को इंसान खा सकते हैं?
जी हाँ। आप इस फूल को कच्चा खा सकते हैं। सही मायने में कच्चा फूल ही सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है।
क्या गुड़हल से आपको चैन की नींद सोने में मदद मिल सकती है?
गुड़हल की चाय में चिंता से राहत दिलाने वाली और मन को शांत करने वाली खूबियां होती हैं, जिससे नींद की समस्या से पीड़ित लोगों को काफी मदद मिलती है।
क्या हिबिस्कस टी (गुड़हल की चाय) में कैफीन होता है?
नहीं, हिबिस्कस टी (गुड़हल की चाय) में कैफीन नहीं होता है।
गुड़हल के फूलों की ताजगी कितने समय तक बरकरार रहती है?
इसकी ज्यादातर किस्मों के फूल रात भर में ही मुरझा जाते हैं।
क्या गुड़हल के पौधे को आसानी से उगाया जा सकता है?
जी हाँ।, गर्म जलवायु में गुड़हल के पौधे को आसानी से उगाया जा सकता है।
हिबिस्कस या गुड़हल का पौधा कितने समय तक जीवित रह सकता है?
घर के भीतर किसी बड़े गमले में हिबिस्कस का पौधा लगाने पर वह एक दशक तक जीवित रह सकता है। बगीचे में लगाई जाने वाली किस्में 50 साल तक जीवित रह सकती हैं।
किस रंग का हिबिस्कस या गुड़हल सबसे नायाब होता है?
नीले रंग का हिबिस्कस या गुड़हल सबसे नायाब होता है।