क्या होता है वास्तु चार्ट? इसकी सहायता से कैसे ठीक करें अपने घर के वास्तु दोष को?

आईये जानें घर के वास्तु दोष को कैसे ठीक करें?

हम देखतें हैं कई बार सब कुछ सही होने के बाद भी व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है या बहुत म्हणत करने पर  भी जीवन में  बार- बार असफलता मिलती हैं। यह परेशानियां वास्तु दोष के कारण उत्पन्न हो सकती हैं। जब घर वास्तु शास्त्र के अनुसार न बना हो, तब जीवन में कई कष्ट पैदा हो जाते हैं। यदि घर का मन्दिर, बाथरूम या कमरे, किचन, आदि, सही दिशा में ना बनाया जाए, तो  हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए हमें घर बनाते समय वास्तु शास्त्र  को ध्यान में रखकर ही  घर बनवाना चाहिए  क्योंकि यह हमारे घर में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

क्या होता है वास्तु चार्ट?

वास्तु चार्ट आपके घर की अच्छी ऊर्जाओं को बढ़ाने और किसी व्यक्ति या स्थान के आसपास और आसपास की नकारात्मक ऊर्जाओं से छुटकारा पाने के दिशा-निर्देशों को दर्शाता है। यह एक प्रकार की ग्रिड जैसी संरचना होती है जो हमारे घर के भूखंड को नौ भागों में विभाजित करती है। वास्तु चार्ट में दिशाओं को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है,इसमें मुख्यतः 4 दिशाएँ  तथा 4 उपदिशाएँ होती हैं। यानी कुल मिलाकर आठ दिशाएँ होती हैं तो आईये जानें वास्तु चार्ट में इन आठ दिशाओं के बारे में. 

1- दक्षिण- पूर्व: अग्नि स्वास्थ्य का स्त्रोत होता है इसीलिए यह दिशा अग्नि के स्वामी अग्नि के द्वारा शासित दिशा होती है। 

2- पूर्व: पूर्व दिशा भगवान इंद्र द्वारा शासित दिशा है। यह दिशा धन और जीवन के सभी सुख प्रदान करता है। 

3- दक्षिण: यह दिशा मृत्यु के देवता यम की दिशा होती है। यह दिशा आनंद और धन का स्त्रोत होता है। 

4- पश्चिम: यह दिशा वर्षा के स्वामी वरुण की दिशा होती है। तथा वरुण देव वर्षा जल के रूप में आशीर्वाद देते है साथ ही हमारे जीवन में सुख- समृद्धि लाते हैं। 

5-दक्षिण-पश्चिम: यह दिशा निरूति के द्वारा शासित दिशा है। यह दिशा हमें बुराई से बचाती है और यह  हमारे आचरण और दीर्घायु का स्रोत है। 

6- उत्तर: यह दिशा धन के देवता कुबेर की दिशा है।यह दिशा हमारे जीवन तथा घर में सुख और समृद्धि लाता है। 

7-उत्तर- पश्चिम: यह दिशा भगवान वायु के द्वारा शासित दिशा है।यह दिशा दोस्ती, दुश्मनी और व्यापार को बदलने का स्त्रोत है। 

8- ईशान कोण: यह दिशा धन के स्रोत के रूप जानी  जाती है। यह दिशा भगवान ईशान के द्वारा बनाई गयी है।

 

घर के लिये वास्तु चार्ट

घर के ऐसी जगह है जहां हम अपने परिवार के साथ हैं और हम चाहते हैं कि हमारे परिवार के सभी सदस्य नकारात्मक उर्जाओं से दूर सुख शांति से रहें। लेकिन अगर आपने अपने घर को वास्तु चार्ट के हिसाब से नहीं बनाया है तो आपको अपने घर में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए आप अपने घर को तथा घर के प्रत्येक कमरो को वास्तु चार्ट में दिये गये नियमों तथा दिशा निर्देशों के अनुसार ही बनवायें। 

1- मेन गेट

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वास्तु के अनुसार घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिये प्रवेश द्वार की दिशा सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए प्रवेश द्वार को आप इन दिशाओं की तरफ रखें तो घर में सद्भावना बनी रहती है। 

  • उत्तर दिशा- धन , सफ़लता और अवसर का प्रतिनिधित्व करती है।
  • पूर्व दिशा- आशावाद, आध्यात्मिक विकास व नई शुरुआत से जुड़ा होता है।
  • उत्तर – पूर्व दिशा- इस दिशा में बना प्रवेश द्वार सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देता है।

 

2- पूजा रूम 

घर के पूजा रूम को हमेशा उत्तर- पूर्व दिशा में बनवाना अच्छा माना जाता है। इस दिशा में बना पूजा रूम हमेशा सकारात्मक परिणाम देता है।

 

3- किचन

 वास्तु के अनुसार अपने घर के किचन को हमेशा उत्तर- पूर्व, या दक्षिण- पश्चिम या मध्य- पश्चिम, या मध्य- उत्तर में ही बनवाना चाहिए। इससे हमारे किचन में हमेशा अन्नपुर्णा का वास रहता है।

 

4- बाथरूम

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वास्तु के अनुसार बाथरूम को हमेशा पूर्व दिशा में ही बनवाना चाहिए। क्योंकि पूर्व दिशा में ही सूर्य देव निकलते हैं और सुबह के समय स्नान करते समय यदि सूर्य की किरणें हमारे उपर पड़ती हैं तो यह बहुत ही अच्छा माना जाता है।

  

घर के सभी कमरों का वास्तु शास्त्र तथा वास्तु चार्ट के हिसाब से  वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय 

घर की इस दिशा में रखें कलश 

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अगर आपको लगता है कि आपके घर के वास्तु दोष है, तो आप घर के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में एक कलश रख सकते हैं। हिन्दू धर्म में कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है। यही कारण है कि इसे रखने से आपके ऊपर भगवान  श्री गणेश का आशीर्वाद बना रहता है।

 

घर के गेट पर बनाएं स्वास्तिक

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घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाना चाहिए। स्वास्तिक बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि स्वास्तिक नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा हो। इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

 

घर के मन्दिर का वास्तु कैसे ठीक करें?

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अगर आप अपने घर में सुख शांति तथा संपन्नता को बनाये रखना चाहते हैं तो अपने घर की मन्दिर की दिशा तथा उसकी देख- रेख पर विशेष ध्यान दें। क्योंकि घर  का मन्दिर ही एक ऐसी जगह होता है जहां से पूरे घर में पॉजिटिव एनर्जी जाती है। इसलिए हमें अपना मन्दिर ईशान कोण में बनाना चाहिए। इसके साथ ही  हमें सूर्योदय से ठीक पहले सुबह 3 बजे से 6 बजे के बीच में उठ जाना चाहिए। क्योंकि सुबह के  इस समय  को ‘ब्रह्म मुहूर्त’ के रूप में जाना जाता है। इस समय सूर्य घर के उत्तर-पूर्वी भाग में उपस्थित होते हैं। पूर्व दिशा को सूर्य देव तथा इंद्र देव की दिशा माना जाता है।इसीलिए  इस समय  शांतिपूर्ण और शांत वातावरण के कारण यह समय  योग करने, ध्यान करने या प्रार्थना करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। और अगर आप ये सब करते हैं तो निश्चित ही आपके घर के मन्दिर का वास्तु दोष दूर होगा।

 

4-बाथरूम का वास्तु कैसे ठीक करें?

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घर बनवाते समय बाथरूम की दिशा अवश्य ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि यह वास्तु शास्त्र की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होता है। गलत दिशा में बाथरूम होने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। इसके कारण व्यक्ति को कई तरह की आर्थिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो आईये जाने की क्या – क्या बदलाव करके हम अपने बाथरूम के वास्तु को ठीक कर सकते हैं।

 

  • बाथरूम के वास्तु दोष के उपाय

 

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ज्योतिष शास्त्र में हर दोष के उपाय बताये गए हैं। बाथरूम में उत्पन्न वास्तु दोषों को दूर करने के लिए इन उपायों का पालन करना चाहिए।

 

पौधे और तस्वीर

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अगर बाथरूम की दीवार में किसी प्रकार की तस्वीर या पौधे लगे हो तो यह सही नहीं है। इससे बाथरूम में वास्तु दोष पैदा होता है।

 

बाल्टी और मग

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बाथरूम में मग और बाल्टी का रंग काला, बैंगनी, नीला या कत्थई नहीं होना चाहिए। गहरे रंगों को अशुभ माना जाता है. अतः इन रंगों की बाल्टी रखने से वास्तु दोष पैदा होता है।

 

दरवाजे

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बाथरूम के दरवाजे प्लास्टिक या लोहे के नहीं होनी चाहिए। साथ ही दरवाजा टूटा नहीं होना चाहिए। बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए।

 

बाथरूम और ट्वायलेट 

वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम चंद्र ग्रह का और ट्वायलेट राहु ग्रह का स्थान माना जाता है। इसलिए इन दोनों को एक साथ नहीं बनाना चाहिए।  ट्वायलेट का वास्तु दोष निवारण इस तरह किया जा सकता है।

 

पानी का बहाव

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बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए इससे भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

 

नमक का उपाय

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कांच के एक बर्तन में नमक डालकर बाथरूम में रख दें। इससे बाथरूम का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। परन्तु हर सप्ताह नमक को बदलते रहना है।

 

शीशा

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यदि बाथरूम में शीशा लगा है, तो उसका मुंह दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए। दरवाज़े की ओर शीशा लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा पैदा होती है।

 

टब और बाल्टी

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बाथरूम में रखे टब और बाल्टी को हमेशा भरा हुआ रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में खुशियां आती हैं।

 

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट

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बाथरूम में गीजर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना उपयुक्त होता है।

 

बेडरूम और बाथरूम

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घर के बेडरूम और बाथरूम को अलग-अलग दिशा में बनवाना चाहिए। इससे घर में स्थिरता और समृद्धि बनी रहती है।

 

ईशान कोण में ट्वायलेट के उपाय 

वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण में देवताओं का वास होता है। अतः बाथरूम और ट्वायलेट का निर्माण ईशान कोण में नहीं करना चाहिए। ईशान कोण में टॉयलेट बनाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है।

 

बाथरूम और किचन

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बाथरूम का निर्माण हमेशा किचन से दूर करवाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और रसोई घर पास होने से स्वास्थ सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

किचन से वास्तु दोष कैसे दूर करें? 

किचन हर घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इसमें मां अन्नपूर्णा का वास होता है। वास्तु शास्त्र में माना जाता है की जब भी घर में रसोई बनाये तो दिशा और दशा का बहुत ध्यान रखें। दरअसल रसोई में वास्तु दोष हो तो इससे घर की सुख शांति भंग हो जाती है। और घर में कलह क्लेश का माहौल बना रहता है। साथ ही घर की रसोई में काम करने वाली महिलाओं के स्वस्थ पर भी बुरा असर पड़ता है।

 

वास्तु के अनुसार किचन की सही दिशा

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वास्तु के अनुसार घर के किचन  की सही दिशा दक्षिण-पूर्व (आग्नेय-कोण)  में होना बहुत अच्छा माना जाता है।  आपको बता दें कि,आपके घर का किचन यदि पश्चिम दिशा में हो तो ये बहुत बड़ा वास्तु दोष का कारण बन  सकता है।इसलिए घर की महिलाओं को इस बात का  ख़ास ध्यान रखना चाहिए कि जब वो भोजन बनायें तो उनका मुख पूर्व दिशा की इससे उनकी सेहत ठीक रहती है। और मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।

 

क्या करें कि आपके किचन से वास्तु दोष दूर हो?

 किचन में किस दिशा में हो फ्रिज? 

जिन लोगों का फ्रिज किचन में रखा हुआ होता हैं। उन लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की उनका फ्रिज दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखा हो। इससे घर में सुख शांति बनी रहती है और वास्तु दोष भी दूर होता है।

 

किचन में बल्ब लगाएं 

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अगर आपका किचन वास्तु के अनुसार सही दिशा में नहीं है तो ऐसे में किचन की दक्षिण-पूर्व दिशा में एक लाल बल्ब लगा दें। 

साथ ही इसे हमेशा जलन दें। माना जाता है की इससे वास्तु दोष दूर हो जाता है।

 

किचन की दीवारों को करें पेंट 

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वास्तु के अनुसार किचन के वास्तु दोष दूर करने के लिए उसकी दीवारों पर हल्के नारंगी रंग का पेंट कर दें। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है।

 

किचन की फ्रंट दीवारों पर बनाएं ॐ का चिन्ह

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जिन लोगों के रसोई घर में वास्तु दोष होता है उन लोगों को अपने घर में स्वस्तिक और ॐ का चिन्ह बनवाना चाहिए। इससे वास्तु दोष दूर होता है और मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।

 

बेडरूम से वास्तु दोष कैसे दूर करें?

 वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि जीवन में खुश रहने के लिए अपने घर में दिशाओं का खास ध्यान रखना चाहिए। इसीलिए हमें अपने घर के मास्टर बेडरूम को घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना चाहिए। क्योंकि यह अच्छे स्वास्थ्य, लंबे जीवन और धन से जुड़ा होता है। साथ ही इस तरफ सर करके सोने से अच्छी नींद आती है।अगर आपने अपने बेडरूम में रखे सामान को सही वास्तु दिशा में रखा है, तो जीवन में कोई परेशानियां नहीं आएगी। लेकिन अगर  आपने अपने बेडरूम में सभी सामानों को बिखेरकर रखा है या  कोई भी ऐसा सामान रखा है जिसे बेडरूम में नहीं रखना चाहिए तो यह आपके रिश्ते के बीच बिना बात  के मनमुटाव  या लडा़ई – झगड़े का कारण बनता है। इसलिए हमें ऐसी वस्तुओं को बेडरूम से हटा देना चाहिए या इसके कोई उपाय करने चाहिये।

 

बेडरूम से वास्तु दोष सही करने के उपाय

 बेडरूम से हटाएं आईना

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में मिरर यानी आईना लगाना वास्तु दोष का कारण माना जाता है। बेडरूम में आईना लगाने से  पति-पत्नी के बीच में अक्सर अनबन होती रहती है। इसलिए बेडरूम  से आईना हटा देना चाहिए।लेकिन आप अगर इसे बेडरूम  में रखना ही चाहते हैं, तो रात में सोते समय आईने को किसी कपड़े से ढक दें।  क्योंकि आइने में प्रतिबिंब देखने पर दपंती के बीच एक दूसरे के प्रति सम्मान की कमी आती है।

 

बेडरूम से हटाएं भगवान की तस्वीर

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम की वॉल पर देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाएं। अक्सर लोग अपने बेडरूम में भगवान की तस्वीरों को लगाना पसंद करते हैं। ऐसे में आप केवल भगवान कृष्ण और राधा रानी की फोटो को लगाएं

 

आग्नेय कोण से हटाएं भारी सामान 

दक्षिण-पूर्व दिशा में रखी भारी-भरकम, नुकीली चीजें हटाएं। इस दिशा में कोई भी पौधा लगाएं। ऐसे करने से दपंती के बीच होने वाले झगड़े बंद हो जाते हैं।

 

बेड की दिशा करें चेंज

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गलत दिशा में रखे हुए बेड की वजह से घर में तेजी से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। ऐसे में जीवन को सुख-समृद्धि से भरने के लिए बेड को दक्षिण या फिर पश्चिम दिशा में रखें।

 

जूठे बर्तन रखने की आदत छोड़े

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अक्सर लोग खाना खाने के बाद खाने के बर्तन बेड या बिस्तर के पास रख देते हैं। ऐसे करने की आदत मां लक्ष्मी को घर से दूर रखती है और व्यक्ति को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ती है।

 

बेडरूम में रखें ताजे फूल

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बहुत से लोगों को अपने बेडरूम में फूल रखना पसंद होता है। लेकिन वे उन्हें बदलना भूल जाते हैं। अगर आप भी इस ऐसा करते हैं,तो इसे तुरंत बदले। बेडरूम में ताजे फूल रखें। वास्तु के मुताबिक, इससे रिश्ता मजबूत होता है।

  

कैसे ठीक करें बच्चों के स्टडी रूम का वास्तु दोष?

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अक्सर हमने बहुत सारे लोगों को कहते सुना है कि हमारे बच्चे का मन पढाई में नहीं लगता है या फिर हमारे बच्चा बहुत चिड़चिड़ा रहता है , तो ये जान लिये की ये सब लक्षण बताते हैं कि आपके बच्चे के कमरें में वास्तु दोष जरूर है जिसे ठीक करने की आवश्यकता है। इसलिए हमें ये ध्यान रखना चाहिए की बच्चों के कमरों की दिशा हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में दिशा होनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा बुद्धि और शक्ति से जुड़ी होती है।  इसलिए इस दिशा में बच्चों के कमरे बनाने से बच्चे अपनी पढ़ाई में लगे रहते हैं और उन्हें अच्छी ऊर्जा मिलती है।

 

बच्चों का रूम बनवाते समय क्या- क्या ध्यान रखे?

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  • बच्चों का स्टडी रूम हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में ही बनवाना चाहिए, क्योंकि दिशा में बैठकर पढाई करने से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है।
  • बच्चों का स्टडी रूम बनवाते समय यह ध्यान रखें कि उनके रूम की खिड़किया हमेशा पूर्व दिशा की ओर हों,  क्योंकि पूर्व दिशा में ही सूर्य देव निकलते हैं ताकि उन्हें सुबह उठते ही सूर्य भगवान के दर्शन हों।
  • बच्चों का स्टडी रूम कभी भी सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाना चाहिए और न ही किसी बीम से सटा कर या बीम के नीचे क्योंकि इस जगह पर स्टडी रूम बनवाने से बच्चों  में नकारात्मक ऊर्जा आती है और उनका मन पढाई में  भी नहीं लगता है।
  • वास्तु के अनुसार दिन का प्रकाश पूर्व दिशा से आरंभ होता है । ऐसे में स्टडी रूम की खिड़की पूर्व दिशा की आेर बनवाने से उस रूम में तथा आपके बच्चों में सकरात्मकता का संचार होता है।
  • वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में या बच्चों के रूम में खाना नही खाना चाहिए। खासतौर पर तो पढ़ने वाली टेबल पर तो बिल्कुल भी नहीं , और यह बात आपको अपने बच्चों को भी बतानी चाहिए की जिस रूम में वे पढ़ाई करते हैं या सोते हैं उसमें भोजन बिल्कुल न करें।
  • वास्तु के अनुसार अपने बच्चों के कमरे से हिंसक जानवरों की तस्वीरों को नहीं लगाना चाहिए । अगर आपको कोई तस्वीर लगानी ही है तो आप माता सरस्वती या किसी प्रेरणादायक महापुरुष की तस्वीर लगाएं। इससे भी बच्चों के कमरे के वास्तु दोष दूर होते हैं।
  • यदि आप अपने बच्चे के रूम से वास्तु दोष दूर करना चाहते हैं तो वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण में बिजली वाली वस्तुओं को रखना शुभ माना जाता है। स्टडी रूम में आप लैपटॉप, कंप्युटर, स्टडी लैम्प आदि वस्तुओं को आग्नेय कोण में रखें । ऐसा करना आपके बच्चे की पढ़ाई पर अच्छा असर डालता है।

 

लिविंग रूम से वास्तु दोष  कैसे दूर करें?

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लिविंग रूम हमारे घर का एक ऐसा हिस्सा होता है । जहां हम अपने पूरे दिन की थकान के बाद घर के सभी सदस्य लिविंग रूम में आराम करना पसंद करते हैं। लेकिन अगर हमारा घर या लिविंग रूम वास्तु के अनुसार न बना हो तो यह घर के सदस्यों के उपर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे घर के सभी सदस्य बात- बात पर विवाद करने लगते हैं तथा घर का कोई भी सदस्य एकसाथ नहीं बैठना चाहता है। घर में हर वक़्त परेशानी बनी रहती है। तथा लिविंग रूम में नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसीलिए अगर हमारे घर का लिविंग एरिया वास्तु के हिसाब से नहीं बना है तो उसके कुछ उपाय करके उन्हें दूर कर सकते हैं। 

  • वास्तु के अनुसार अगर आप अपने लिविंग रूम के वास्तु दोष को दूर करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने लिविंग रूम के रंगो पर ध्यान दें, क्योंकि रंग किसी भी स्थान की ऊर्जा और माहौल पर विशेष प्रभाव डालता है।
  • लिविंग रूम से वास्तु दोष दूर करने के लिये सबसे पहले हमें लिविंग रूम की दीवारों को सफेद, क्रीम, हल्का हरा, हल्का नीला इन सभी रंगो से रंगवाना चाहिए। लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखें की छत और दीवारों के रंगों को एक जैसा न करवाएं।
  • लिविंग रूम से वास्तु दोष दूर करने के लिये फूलों को जरूर लगाएं। लेकिन नकली फूलों को नहीं हमेशा असली फूलों को ही लगाएं।
  • लिविंग रूम से वास्तु दोष दूर करने के लिये उस रूम में रोज शाम को धूप या कपूर अवश्य जलाएं। इससे भी उस रूम की नकारात्मकता दूर होती है।
  • वास्तु के अनुसार लिविंग रूम को हमेशा और कमरों की अपेक्षा थोड़ा बड़ा रखना चाहिए। तथा उस रूम कोई ऐसी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए जिससे दुख प्रकट हो रहा हो। क्योंकि ऐसी तस्वीरें घर में नकारात्मकता फैलाने का कारण बनती हैं।
  • लिविंग रूम में वास्तु ठीक करने के लिये लिविंग रूम की सभी वस्तुओं तथा उसमें रखे फर्निचर को व्यवस्थित करके रखना चाहिए । जिससे वो आपसे या घरके किसी भी सदस्य के पैरों से न टकराएँ।
  • लिविंग रूम को अपने घर में हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में ही बनाना चाहिये।

 

वास्तु के सिंद्धांतों के अनुरूप  बनाये गये घरों के लाभ

 जी हाँ! वास्तु के सिंद्धांतों के अनुरूप बने घर बेहद शुभ फलदायक होते हैं। तथा यह घर ऊर्जा को संतुलित करते हुए उस घर पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव डालते हैं तथा मानसिक तनाव को दूर करते हैं एवं मानसिक शांति प्रदान करते हैं तथा वास्तु के अनुरूप बने घर में सुख – समृद्धि का वास होता है। 

वास्तु के अनुरूप बने घरों  के वेंटिलेशन

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वास्तु के अनुरूप घरों में उचित वेंटिलेशन होता है। ये हर वक्त ताजी अच्छी हवा तथा प्राकृतिक प्रकाश से घर को ऊर्जावान बनाये रखते हैं।

 

वास्तु के द्वारा बने घर हमारे जीवन को हमेशा एक्टिव रखते हैं 

वास्तु शास्त्र के अनुसार बने घर का माहौल हमेशा सकारात्मक रहता है।तथा  यह हमारे जीवन को अच्छे कामों के लिये प्रेरित करती है साथ ही घर के सदस्यों के रहन- सहन में अपना बहुत अधिक प्रभाव रखती है।हम जैसी ऊर्जा या environment में रहते हैं हम वैसा ही कार्य भी करते हैं।इसीलिए हमें अपनी घर की ऊर्जा और वास्तु का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

 

घर से वास्तु दोष दूर करने के लिये अपनाएं कुछ नियम 

  • नया मकान बनवाते या नया फ्लैट खरीदते समय गृह प्रवेश के दौरान वास्तु के देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए।
  • घर से वास्तु दोष को दूर करने के लिए मुख्य प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह जरूर लगाएं। यहीं से सबसे पहले नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं।
  • घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ अशोक के पेड़ लगाने से सुख-शान्ति आती है। इसके अलावा ऐसा करने से वंश की वृद्धि होती है।
  • घर के प्रवेश द्वार पर घोड़े की नाल (लोहे की) लगाने से भी वास्तु दोष दूर हो जाती है।
  • जिस घरों पर गेंदे का पौधा या तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां कभी भी किसी तरह का वास्तुदोष उत्पन्न नहीं होता।
  • घर पर बने मंदिर में नियमित रूप से घी का दीपक जलाने से कभी भी नकारात्मक ऊर्जाएं घर के अंदर प्रवेश नहीं करती।
  • सुबह पूजा के दौरान शंख बजान से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जाती है।
  • घर पर झाडू को हमेशा उचित स्थान पर ही रखें और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कभी भी झाडू को पैर से स्पर्श ना करें।
  • ईशान कोण में कोई भी भारी वस्तु और कचरा न रखें ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है।
  • घर पर उत्तर दिशा में कभी भी स्टोर रूम ना बनाएं है।
  • अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो मुख्य द्धार पर श्वेतार्क गणपति की प्रतिमा लगानी चाहिए।
  • घर के मंदिर में देवताओं की मूर्तिया या तस्वीरों को आमने-सामने नहीं रखना चाहिए।
  • कमरे में सूखे हुए फूल नहीं रखना चाहिए। सूखे फूल रखने से आपकी किस्मत भी सूखने लगती है।
  • घर में वास्तु दोष निवारण यंत्र की स्थापना जरूर करनी चाहिए।
  • घर पर तिजोरी इस स्थान पर रखे की खोलते समय तिजोरी का द्वार पूर्व दिशा की ओर खुले।
  • इस बात का जरूर ध्यान रखें कि खाने की टेबल चौकोर होना चाहिए न की गोल या ओवल।
  • घर पर पूर्वजो की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए भूलकर भी पूर्व दिशा या मंदिर में न लगाए।
  • घर के मुखिया का शयन कक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
  • घर में आइना पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए।
  • घर पर मोरपंख और गंगाजल जरूर होना चाहिए।
  • साथ ही दरवाजे दो पट का होना चाहिए या बीच में से अंदर खुलने वाला दरवाजा होना चाहिए।
  • आपको घर में बहुत सारे देवी-देवताओं की फोटो या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
  • वहीं घर के ऊपर केसरिया झंडा नहीं लगाना चाहिए।
  • इसी के साथ सीढ़ियां विषम संख्या 5,7,9 में होनी चाहिए
  • किसी भी तरह के नकारात्मक पौधे घर में नहीं लगाने चाहिए।
  • साथ ही घर में टूटे बर्तन और कबाड़ को जमा करने से धन में वृद्धि में बाधा आती है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

वास्तु के अनुसार पूजा रूम किस दिशा में होना चाहिए?

वास्तु चार्ट के अनुसार पूजा रूम उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।

वास्तु के अनुसार घर के लिये कौन से रंग सबसे अच्छे होते हैं?

वास्तु चार्ट के अनुसार घर के लिये सफेद, पीला, हल्का हरा, नारंगी, आदि, रंग सबसे अच्छे माने जाते हैं।

बाथरूम का वास्तु शास्त्र क्या होता है ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम बनवाते समय दिशा, दीवारों का रंग, दरवाज़े और अन्य चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। यदि ऐसा न किया जाये तो कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन न करते हुए बाथरूम बनवाने से बाथरूम में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है।

क्या ईशान कोण में ट्वायलेट बनवाना चाहिए या नहीं हैं ?

मान्यता है कि ईशान कोण में देवताओं का वास होता है। इसलिए ईशान कोण में बाथरूम और ट्वायलेट का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे सेहत खराब होती है और आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।

बाथरूम वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय क्या हैं ?

बाथरूम के वास्तु दोष के उपाय इस प्रकार हैं – कांच के एक बर्तन में नमक डालकर बाथरूम में रख दें। हर सप्ताह नमक को बदलते रहें। यदि बाथरूम में शीशा लगा है, तो उसका मुंह दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए। बाथरूम टब और बाल्टी को हमेशा भरा हुआ रखना चाहिए। इन आसान उपायों से बाथरूम का वास्तु दोष समाप्त किया जा सकता है।

ट्वायलेट के वास्तु दोष का निवारण कैसे करें ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार ट्वायलेट में राहु ग्रह का वास होता है और बाथरूम में चन्द्रमा ग्रह का। ज्योतिष शास्त्र के नियमों के अनुसार राहु और चंद्रमा एक गृह में साथ नहीं रह सकते। अतः बाथरूम और ट्वायलेट को हमेशा अलग अलग बनाना चाहिए।

घर के लिये वास्तु चार्ट क्या है?

वास्तु चार्ट घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है तथा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। साथ ही आपके घर में सुख शांति को भी बढ़ाता है।

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