रिहायशी इलाके में मोबाइल टावर लगाने के नियम

आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावर के हानिकारक प्रभावों और फायदों को जाने

हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए न सही, तो दिसंबर 2019 से शुरू हुई कोरोनावायरस महामारी के बाद, दुनिया निश्चित रूप से एक ठहराव पर आ गई है। इस वायरस के चलते आवाजाही पर रोक लगने से, कंपनियों ने पहले की तरह व्यवसाय जारी रखने के प्रयास में दूरस्थ कार्य नीतियों को अपनाया। शुक्र है मोबाइल टावर के बुनियादी ढांचों का जिसकी वजह से इस नयी स्तिथि में खुद को ढालने में हमे ज़्यादा वक़्त नहीं लगा। इस बुनियादी ढांचे के स्पष्ट लाभों के बावजूद, आवासीय क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति चिंता का कारण बनी हुई है। इसी संदर्भ में हम मोबाइल टावरों के निकट रहने के गुण-दोषों पर चर्चा करते हैं।

 

All you need to know about installing mobile towers on your property

 

मोबाइल टावर: स्वास्थ्य के लिए खतरा ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के अनुसार, सेल फोन, हैंडसेट और टावरों से निकलने वाला विकिरण ‘संभवतः मनुष्यों के लिए कार्सिनोजेनिक’ है और इससे ग्लियोमा, एक प्रकार का मस्तिष्क कैंसर हो सकता है। अधिक तीव्रता और लगातार विकिरण के साथ, मोबाइल टावर मोबाइल फोन से अधिक खतरनाक हो सकते हैं।

2008 से लेकर 2018 के बीच किए गए अध्ययनों के परिणामों के आधार पर, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक तकनीकी रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया था कि रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन (RFR) एक्सपोज़र से ट्यूमर के गठन होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले ।

गैर-आयनीकरण विकिरण पर UK के सलाहकार समूह के अनुसार, मोबाइल फोन बेस स्टेशनों के पास रहने से जोखिम का स्तर बेहद कम है और सभी सबूतों के अनुसार ये स्वास्थ्य जोखिम पैदा करने की संभावना नहीं रखते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कोई ठोस निष्कर्ष निकालने के लिए नियंत्रित अध्ययन की अभी कमी हैं।

इंडस्ट्री के हिसाब से अब तक मोबाइल टावरों से होने वाले उत्सर्जन से कैंसर होने के को कोई वैज्ञानिक डेटा नहीं है, जबकि कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि इससे मस्तिष्क और सिर में सूजन, सिरदर्द, सुनने की हानि और एंग्जायटी न्युरोसिस हो सकता है।  इनका प्रभाव बच्चों और मरीजों पर बहुत अधिक हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का रुख है कि मोबाइल टावरों के पास रहना लेड, डीडीटी, क्लोरोफॉर्म और पेट्रोल के निकास से घिरे होने से अलग नहीं है। इसलिए, भारतीय शहरों में, कभी-कभी आवासीय क्षेत्रों में और शैक्षिक और स्वास्थ्य संस्थानों के करीब, मोबाइल टावरों की स्थापनाएं बढ़ती जा रही हैं।

2009 में, भारत ने विकिरण के संपर्क पर गैर-आयनीकरण विकिरण संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय आयोग ICNIRP के दिशानिर्देशों को अपनाया और अभी भी उसका पालन करता है। हालांकि, इन दिशानिर्देशों ने मोबाइल टावर विकिरणों के जैविक प्रभाव की बात नही है और केवल शॉर्ट टर्म ग्रॉस हीटिंग के खिलाफ सुरक्षा की बात की गयी है।

जून 2021 में, दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ उप निदेशक, हरवेश भाटिया ने कहा कि इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक क्षेत्र संकेतों पर व्यापक शोध ने स्थापित किया है कि सेल फोन टावरों से विकिरण मानव स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डालती है।

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मोबाइल टावर लगाने के फायदे (मौद्रिक लाभ)

कहने की जरूरत नहीं है, कि उपयोगकर्ताओं की संख्या में एकाएक वृद्धि के कारण मोबाइल कंपनिया अपनी सेवाओं को विस्तार करने के लिए मजबूर होगयी है और बेहतर सेवाओं की पेशकश करने और टावरों को स्थापित करने के लिए आवासीय क्षेत्रों का उपयोग करना चाहती हैं।

अधिकांश समय, उन्हें दो कारणों से आवासीय क्षेत्रों में अपने पदचिह्न बढ़ाने के विरोध का सामना नहीं करना पड़ता है। पहला, मोबाइल कंपनियों को उनके द्वारा दिए जाने वाले मौद्रिक प्रोत्साहन के कारण, टावरों को स्थापित करने के लिए निवासियों से निरंतर समर्थन मिलता है। दूसरा, लाखों रुपये तक के मासिक किराये के अलावा, हाउसिंग सोसाइटी जो मोबाइल टावर लगाने की अनुमति देती हैं, उन्हें भी सेवा प्रदाताओं द्वारा मुफ्त इंटरनेट और कॉल की सुविधा जैसे प्रोत्साहन की पेशकश की जाती है। अगर मौद्रिक दृष्टिकोण से देखा जाये, तो यह एक मकान मालिक या हाउसिंग सोसाइटी के प्रबंधकों के लिए अपने परिसर में मोबाइल टावर की स्थापना करना लाभदायक है। ऐसा करते समय, संभावित स्वास्थ्य खतरों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, जो की बेस स्टेशन एंटेना के कारण हो सकते हैं।।

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क्या रिहायशी इलाकों में मोबाइल टावर लगाना कानूनी तौर पर सही है?

जहाँ सरकार देश में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की संख्या में अचानक से वृद्धि  के कारण आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना की अनुमति देने वाली नीतियों पर जोर दे रही है, वहीँ भारत में न्यायिक प्रणाली इस विषय पर अपने दृष्टिकोण में अधिक सावधानी बरत रही है।

मार्च 2021 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य में आवासीय भवनों के ऊपर मोबाइल फोन टावरों की स्थापना पर रोक लगाने का आदेश पारित किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि मोबाइल टावर लगाने से लोगों की जान-माल को खतरा हो सकता है।

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मोबाइल टावर लगाने के नियम और कानून 2021

जब तक कंपनियों के पास एक नामित संस्थान से एक संरचनात्मक सुरक्षा प्रमाण पत्र, नगरपालिका प्राधिकरण की मंजूरी और एक क्षतिपूर्ति बांड पर हस्ताक्षर है जिसमे लिखा हो कि वे टावर से होने वाले सभी नुकसान या चोट के लिए जिम्मेदार होंगे, कंपनियां आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावर को स्थापित कर सकती हैं, यदि उनके पास निवासियों का समर्थन है तो। ऐसा इसलिए है क्योंकि कानून आवासीय क्षेत्रों को अपने दायरे से बाहर नहीं करना चाहता। कंपनियों को बस यह सुनिश्चित करना होता है कि टावर अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में स्थापित नहीं होगा। हालांकि दिशानिर्देशों में लिखा गया है कि कंपनियों को मोबाइल टावर लगाने के लिए वन क्षेत्रों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन वे कहीं भी सेवा ऑपरेटरों को अत्यधिक आबादी वाले क्षेत्रों में नेटवर्क फैलाने से प्रतिबंधित नहीं करती।

 

आप रिहायशी इलाके में मोबाइल टावर लगाने को कैसे रोक सकते हैं?

यदि कोई टावर बनाया गया है और बिना मंज़ूरी के कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है, तो निवासियों को जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, जैसे जनवरी 2021 में, गुरुग्राम में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने सेक्टर 82 में मैप्सको कासा बेला सोसाइटी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चार अवैध मोबाइल टावरों को सील कर दिया। उन टावरों को समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए बनायीं गयी सोसाइटी में विभाग की अनुमति के बिना स्थापित किया गया और संचालित किया जा रहा था।

मार्च 2021 में, पुणे में फरसखाना पुलिस ने एक छापे के दौरान कुल 26 मोबाइल नेटवर्क बूस्टर जब्त किए और अन्य 27 को निष्क्रिय कर दिया। पुलिस ने छापेमारी के दौरान घरों, दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लगे अवैध मोबाइल सिग्नल रिपीटर्स को भी निकल दिया।

यदि आपके रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने मोबाइल ऑपरेटर को मोबाइल टावर स्थापित करने की अनुमति दी है, तो आप किराए लेने के लिए स्थानीय प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं – उप जिला मजिस्ट्रेट या अपने जिले में संयुक्त आयुक्त – को मानसिक और शारीरिक प्रभावों का हवाला देते हुए इसकी स्थापना पर रोक भी लगवा सकते हैं। यह केवल तभी मुमकिन है जब आपके पास हाउसिंग सोसाइटी के अन्य सदस्यों का समर्थन हो तो आप एक संयुक्त शिकायत के माध्यम से प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं ।

2020 में, चंडीगढ़ नगर निगम ने सेक्टर 26 के फ्रैग्रेंस गार्डन में एक मोबाइल टॉवर को, निवासियों के एक साल से अधिक समय तक के विरोध के बाद गिरा दिया। कंपनी ने मोबाइल टावर का निर्माण एस्टेट कार्यालय की अनुमति के बिना किया था। हालांकि, मोबाइल टावर के लिए चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसके दो महीने बाद यूटी एस्टेट कार्यालय ने अतिरिक्त आयुक्त को पत्र लिखकर ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

आप मोबाइल टावरों की स्थापना को रोकने के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल से भी संपर्क कर सकते हैं। दिसंबर 2020 में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने वसुंधरा एन्क्लेव में स्थित एक अपार्टमेंट की बिल्डिंग के निवासियों द्वारा मोबाइल टावर की स्थापना के खिलाफ याचिका दायर कराने के बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को इस मुद्दे को देखने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सितंबर 2020 में, NGT ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मोबाइल टावरों की स्थापना और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में दिशानिर्देश तैयार करने का भी निर्देश दिया। बिहार कम्युनिकेशन टावर एंड रिलेटेड स्ट्रक्चर रूल्स, 2012 के तहत कम्युनिकेशन टावर सिर्फ कमर्शियल बिल्डिंग या खाली जमीन पर ही लगाए जा सकते हैं।  इन टावरों को स्कूल, कॉलेज या अस्पताल से 100 मीटर के दायरे में नहीं लगाया जा सकता है।

ध्यान रहे, कि इस स्थिति के बने रहने के बावजूद यह साबित करने के लिए कोई पर्याप्त सबूत नहीं है कि मोबाइल टावरों से निकली इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक विकिरण से प्रदूषण होता है या स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो सकता है, दूरसंचार कंपनियों ने पहले भी ऐसी शिकायतों पर निर्णय लेने के लिए NGT के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाये है।

“कृपया सूचित करें कि ट्राई मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए एनओसी जारी नहीं करता है यदि कोई धोखेबाज आपके पास इस तरह के पत्र के साथ संपर्क करता है तो मामले की सूचना संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाता को दी जा सकती है।”

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मानव स्वास्थ्य पर मोबाइल टावरों के संभावित प्रभाव

  • मस्तिष्क में सूजन
  • नींद से जुड़ी समस्याएं
  • बहरापन
  • चिंता
  • सुस्ती
  • हृदय विकार
  • मानसिक विकार
  • सिर दर्द
  • चक्कर आना
  • थकान
  • अल्टेरेद रेफ्लेक्सेस
  • डिप्रेशन
  • जोड़ों का दर्द
  • कैंसर

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या मोबाइल टावर सेहत के लिए हानिकारक है?

हालांकि यह साबित करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले विकिरण से कैंसर हो सकता है, विशेषज्ञों का मानना है कि ये आसपास रहने वाले लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।

आवासीय क्षेत्र से मोबाइल टावर की दूरी कितनी होनी चाहिए?

भारत में अपनाए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों से 100 मीटर के दायरे में कोई भी मोबाइल टावर नहीं लगाया जाना चाहिए। अत: ऐसे टावरों को न्यूनतम सीमा को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया जाना चाहिए।

 

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