20 दिसंबर, 2023: वर्तमान में, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MN-NREGA) के तहत महिला लाभार्थियों द्वारा 59.28% व्यक्ति दिवस सृजित किए गए हैं, संसद को सूचित किया गया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने 19 दिसंबर को एक लिखित उत्तर में लोकसभा को सूचित किया कि महात्मा गांधी नरेगा एक जेंडर न्यूट्रल योजना है और नरेगा अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, राज्य सरकार बिना किसी लैंगिक भेदभाव के मजदूरी को काम की मात्रा से जोड़ती है।
नरेगा एक मांग आधारित मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है, जो देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक परिवार को कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करता है, जिनके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से काम करते हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की अनुसूची- II के पैरा 15 के अनुसार: “महिलाओं को प्राथमिकता इस तरह दी जाएगी कि कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिलाएं होंगी, जिन्होंने पंजीकरण कराया है और काम के लिए अनुरोध किया है। एकल महिलाओं एवं दिव्यांगों की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे।”
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