भारत सरकार प्रधान मंत्री आवास योजना के ग्रामीण कॉम्पोनेन्ट (PMAY-G) के अंतर्गत अगले 5 सालों में 2 करोड़ से भी ज़्यादा घरों का निर्माण करेगी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 1 के अपने अंतरिम बजट 2024-25 में कहा। वित्त मंत्री के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी की वजह से आई हुई अड़चनों के बावजूद सरकार में इस योजना के अंतर्गत लगभग 3 करोड़ घर बनाने के लक्ष्य में कामयाब रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मार्च 2024 तक बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ पक्के मकान बनाने के समग्र लक्ष्य के साथ “Housing for All” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए 1 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लागू कर रहा है। 2.95 करोड़ मकानों के अनिवार्य लक्ष्य के मुकाबले, विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा लाभार्थियों को 2.94 करोड़ से अधिक मकान पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं और 2.50 करोड़ मकानों का निर्माण भी 29.11.2023 को पूरा कर लिया गया था। यह योजना अपने प्रमुख मील के पत्थर हासिल करने में सक्षम रही है और मंत्रालय 31 मार्च 2024 की निर्धारित समय सीमा तक 2.95 करोड़ पक्के घरों के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
PMAY-G के तहत, लोगों को लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। पीएमएवाई-जी के तहत लाभार्थियों की पहचान सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) -2011 के तहत निर्धारित आवास अभाव मापदंडों और बहिष्करण मानदंडों के आधार पर की जाती है। उस आधार पर 2.95 करोड़ का कुल लक्ष्य निकाला गया। SECC 2011 डेटाबेस से घरों की स्वतः उत्पन्न प्राथमिकता सूची राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अपीलीय प्रक्रिया के बाद ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापन करने के लिए प्रदान की गई थी।