रक्त संबंध में उपहार विलेख पर स्टांप ड्यूटी, जानें हर महत्वपूर्ण जानकारी

कुछ राज्यों में, यदि उपहार खून के रिश्तेदारों के बीच दिया जा रहा हो, तो स्टांप ड्यूटी पर आंशिक या पूरी छूट मिल सकती है।

भारत में संपत्ति का स्वामित्व स्थानांतरित करते समय, खरीदार को नए स्वामी के नाम को आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना आवश्यक होता है। यहां तक कि जब संपत्ति उपहार में दी जाती है, तब भी स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान में कोई छूट नहीं होती। हालांकि, इस स्थिति में संपत्ति प्राप्तकर्ता के बजाय संपत्ति दानदाता को स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है।

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यहां अधिकांश राज्य गिफ्ट डीड के रजिस्ट्रेशन पर एक निश्चित राशि स्टाम्प ड्यूटी के रूप में लेते हैं, जबकि कुछ राज्य यदि गिफ्ट रक्त संबंधियों के बीच हो रहा हो तो इस ड्यूटी पर आंशिक या पूर्ण छूट प्रदान करते हैं। सरकार ने किसानों और मध्यम वर्ग की सहायता के लिए रक्त संबंधियों को दी गई गिफ्ट डीड में या तो स्टाम्प ड्यूटी पूरी तरह माफ कर दी है या उसे कम कर दिया है। यह आर्टिकल में रक्त संबंधों में गिफ्ट डीड पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई है।

गिफ्ट डीड क्या होती है?

गिफ्ट डीड एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसे संपत्ति के स्वामित्व को दाता (जिस व्यक्ति द्वारा उपहार दिया जा रहा है) से प्राप्तकर्ता (जिस व्यक्ति को उपहार मिल रहा है) को हस्तांतरित करते समय निष्पादित किया जाता है। इसे 1882 के संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा-122 के तहत किया जाता है। इस गिफ्ट डीड को दाता द्वारा आवश्यक स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करके निष्पादित किया जाता है। गौरतलब है कि जब प्राप्तकर्ता को दाता से उपहार प्राप्त होता है तो कोई मौद्रिक लेनदेन नहीं होता।

उपहार विलेख की विशेषताएं

  • कोई आर्थिक लेन-देन नहीं – बिक्री विलेख के विपरीत, उपहार विलेख में कोई धन संबंधी लेन-देन नहीं होता।
  • दाता और प्राप्तकर्ता की सहमति: दानदाता की सहमति से उपहार दिया जाना चाहिए और प्राप्तकर्ता को दानदाता के जीवनकाल में उपहार स्वीकार करना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं होता है तो उपहार शून्य और अमान्य हो जाएगा।
  • अचल संपत्ति का उपहार – केवल वही संपत्ति उपहार में दी जा सकती है, जो उपहार देते समय अस्तित्व में हो।
  • वापस लेना कठिन – एक बार उपहार स्वीकार कर लिया जाए, तो इसे वापस लेना आसान नहीं होता। हालांकि, यदि धोखाधड़ी या दबाव जैसी स्थितियां पैदा होती हैं तो संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा-126 के तहत दाता उपहार विलेख को रद्द कर सकता है।

रक्त संबंध में गिफ्ट डीड पर छूट

अधिकांश राज्य गिफ्ट डीड रजिस्ट्रेशन पर प्रॉपर्टी मूल्य के 2 से 7 प्रतिशत तक की निश्चित राशि ही स्टाम्प ड्यूटी के रूप में वसूलते हैं, कुछ राज्य रक्त संबंधियों के बीच उपहार के लेन-देन पर इस ड्यूटी में आंशिक या पूर्ण छूट देते हैं। सरकार ने किसानों और मध्यम वर्ग की सहायता के लिए रक्त संबंध में गिफ्ट डीड पर या तो स्टाम्प ड्यूटी समाप्त कर दी है या उसमें कटौती की है। इस आर्टिकल में रक्त सम्बन्ध में गिफ्ट डीड पर स्टाम्प ड्यूटी से सम्बन्धित विवरण प्रस्तुत करता है।

उपहार विलेख में रक्त संबंधियों की श्रेणी में कौन आता है?

कर बचत के उद्देश्यों के लिए, भारत के आयकर अधिनियम में उन संबंधियों को परिभाषित किया गया है जो ‘रक्त संबंधी’ की श्रेणी में आते हैं। इनमें शामिल हैं –

  1. पति या पत्नी
  2. भाई या बहन
  3. पति या पत्नी के भाई या बहन
  4. माता या पिता के भाई या बहन
  5. कोई भी सगे पूर्वज या वंशज
  6. पति या पत्नी के कोई भी सगे पूर्वज या वंशज
  7. उपरोक्त (b) से (f) में वर्णित व्यक्तियों के पति या पत्नी

उपहार विलेख प्रारूप के बारे में अधिक जानें

स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन चार्ज क्या हैं?

भारतीय पंजीकरण अधिनियम के अनुसार, यदि किसी अचल संपत्ति का मूल्य 100 रुपए से अधिक है और उसका स्वामित्व हस्तांतरित किया जाता है, तो उसे सरकारी अभिलेखों में कानूनी रूप से पंजीकृत कराना आवश्यक होता है। जब आप संपत्ति का स्वामित्व किसी रक्त संबंधी को हस्तांतरित करते हैं, तो उपहार विलेख (Gift Deed) बनवाना पहला कदम होता है।

इस उपहार विलेख को सरकारी अभिलेखों में कानूनी रूप से दर्ज कराने के लिए व्यक्ति को स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। ये शुल्क इस बात पर निर्भर करते हैं कि संपत्ति रक्त संबंधी को दी जा रही है या गैर रक्त संबंधी को।

जब रक्त संबंधियों के लिए उपहार विलेख के मामले में अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाती है तो गैर रक्त संबंधियों के लिए चुकाया जाने वाला स्टाम्प शुल्क उस क्षेत्र में प्रचलित सर्किल दर पर आधारित होता है।

रक्त संबंधियों के लिए उपहार विलेख पर स्टाम्प शुल्क: जानने योग्य बातें

  • स्थान: स्टाम्प ड्यूटी राज्य दर राज्य अलग-अलग होती है।
  • भुगतान: स्टाम्प ड्यूटी का पूरा भुगतान रजिस्ट्री के समय करना होता है।
  • संपत्ति का प्रकार: नई संपत्ति पर रक्त संबंधियों में गिफ्ट डीड के लिए स्टाम्प ड्यूटी पुरानी इमारतों की तुलना में अधिक होती है।
  • मालिक की आयु: वरिष्ठ नागरिक रक्त संबंधियों पर गिफ्ट डीड के लिए स्टाम्प ड्यूटी युवाओं की तुलना में कम होती है।
  • लिंग: कुछ राज्यों में महिलाओं के लिए रक्त संबंधियों में गिफ्ट डीड पर स्टाम्प ड्यूटी पुरुषों की तुलना में कम होती है।

गिफ्ट डीड पर राज्यवार स्टाम्प ड्यूटी लागू

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में यदि आवासीय या कृषि भूमि पति-पत्नी, बच्चों, पोते-पोतियों या पुत्र की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को उपहार में दी जाती है तो स्टांप शुल्क के रूप में केवल 200 रुपये देने होते हैं। यह नियम संपत्ति के मूल्य पर निर्भर नहीं करता। राज्य में यह नियम 2015 से लागू है।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में गिफ्ट डीड पर 5 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी लगती है। हालांकि, जब संपत्ति एक पारिवारिक सदस्य से दूसरे को गिफ्ट की जाती है, तो स्टाम्प ड्यूटी 400 बेसिस प्वाइंट कम हो जाती है। डोनर को केवल 1 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति के आदान-प्रदान पर 5,000 रुपए की स्टांप ड्यूटी देनी होती है। इसके अलावा 1000 रुपए की प्रोसेसिंग फीस भी देनी पड़ती है।

राजस्थान

राजस्थान में गिफ्ट डीड पर लागू स्टाम्प शुल्क 6 फीसदी है। हालांकि, यदि पति अपनी पत्नी को कोई अचल संपत्ति उपहार में देता है या यदि कोई अचल संपत्ति बहू या बेटी को उपहार में दी जाती है या फिर जब पिता या माता, जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक और 70 वर्ष या उससे अधिक है, को संपत्ति उपहार में दी जाती है, तो ऐसे मामलों में गिफ्ट डीड पर कोई स्टाम्प शुल्क नहीं लगता।

हालांकि, भाई, बहन या पति, पिता या माता (जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है) के पक्ष में दी गई संपत्ति पर संपत्ति मूल्य का 2.5 फीसदी स्टाम्प शुल्क देय होता है।

पंजाब

पंजाब रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति दान संबंधी कागजात पर कोई स्टांप ड्यूटी नहीं लेता। अन्यथा, राज्य में दान कागजात का पंजीकरण करने के लिए 6 फीसदी स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना आवश्यक होता है।

हरियाणा

हरियाणा ने रक्त संबंधियों के लिए गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क के भुगतान में पूरी छूट प्रदान की है।

उत्तराखंड

देश के इस पहाड़ी राज्य में भी परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति गिफ्ट करने पर रियायत मिलती है। आमतौर पर गिफ्ट डीड पर 5 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगती है, लेकिन उत्तराखंड में परिवार के सदस्यों के लिए यह केवल 1 फीसदी है।

गिफ्ट प्रॉपर्टी के ट्रांसफर के लिए रजिस्ट्रेशन चार्जेस क्या हैं?

बिक्री अनुबंधों के विपरीत, गिफ्ट डीड्स के रजिस्ट्रेशन पर दानी या दाता के लिंग के आधार पर कोई छूट नहीं दी जाती। गिफ्ट डीड्स पर रजिस्ट्रेशन शुल्क सभी लिंगों के लिए समान रहता है, चाहे वह रक्त संबंधियों के बीच हो या कोई और हो।

रक्त संबंधियों को उपहार विलेख पर स्टाम्प शुल्क में छूट देने वाले राज्य

वह राज्य, जहां उपहार विलेख पंजीकृत है संपत्ति मूल्य के प्रतिशत के रूप में स्टाम्प शुल्क संपत्ति मूल्य के प्रतिशत के रूप में पंजीकरण शुल्क
उत्तर प्रदेश रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति विनिमय के लिए 5,000 रुपये + 1,000 रुपये प्रसंस्करण शुल्क 1 फीसदी
हरियाणा 5 फीसदी 1 फीसदी
दिल्ली 4 फीसदी 1 फीसदी
महाराष्ट्र रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति विनिमय के लिए 200 रुपये 1 फीसदी
गुजरात 3.5 फीसदी 1 फीसदी
राजस्थान 6 फीसदी 1 फीसदी
मध्य प्रदेश 5 फीसदी 1 फीसदी
आंध्र प्रदेश 2 फीसदी 0.5 फीसदी
हिमाचल प्रदेश 6 फीसदी 1 फीसदी
तमिलनाडु 7 फीसदी 1 फीसदी
कर्नाटक 5 फीसदी 1 फीसदी
पंजाब 6 फीसदी 1 फीसदी
बिहार 5.7 फीसदी(महिलाओं के लिए) और 6 फीसदी(पुरुषों के लिए) 1 फीसदी
झारखंड 3 फीसदी 1 फीसदी
केरल 2 फीसदी 1 फीसदी
मध्य प्रदेश 2.5 फीसदी 1 फीसदी
छत्तीसगढ 5 फीसदी 1 फीसदी
उत्तराखंड 5 फीसदी 1 फीसदी
हिमाचल प्रदेश 5-6 फीसदी 1 फीसदी
ओडिशा 3 फीसदी 1 फीसदी
तेलंगाना 0.5 फीसदी (न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये के अधीन) 1 फीसदी
जम्मू और कश्मीर 3-7 फीसदी 1 फीसदी
असम 5.6 फीसदी 1 फीसदी
चंडीगढ़ 5 फीसदी 1 फीसदी
गोवा रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति विनिमय के लिए 5,000 रुपये 1 फीसदी
मणिपुर 7 फीसदी 1 फीसदी
सिक्किम 1 फीसदी 1 फीसदी
अरुणाचल प्रदेश 6 फीसदी 1 फीसदी

 

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा और पंजाब उपहार अभिलेख पर स्टांप शुल्क भुगतान पर पूर्ण या आंशिक छूट प्रदान करते हैं।

रक्त संबंध में संपत्ति उपहार देने के विचार

  • उपहार देने का उद्देश्य: संपत्ति उपहार देने के उद्देश्यों को जानें और प्राप्तकर्ता से बातचीत करें ताकि वह समझ सके कि संपत्ति क्यों दी जा रही है। यदि आपके पास एक से अधिक बच्चे हैं और आप संपत्ति समान रूप से देना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि परिवार के उचित चर्चा कर ली गई हो और संपत्ति उपहार में दिए जाने को लेकर परिवार के सभी पुत्र राजी हो।
  • उपहार में दी जाने वाली संपत्ति का मूल्यांकन: उपहार में दी जाने वाली संपत्ति का एक पेशेवर मूल्यांकन कराएं ताकि बाजार मूल्य का डाक्युमेंटन हो सके।
  • वित्तीय प्रभाव: अपनी संपत्ति उपहार देने से पहले, इसके भविष्य में आप पर होने वाले वित्तीय प्रभावों की गणना करें।
  • कानूनी सहायता: उपहार अभिलेख तैयार करने और सभी कानूनी औपचारिकताओं का पालन करने के लिए कानूनी सलाह लें।
  • कर योजना: कर सलाहकार से कर संबंधी प्रभावों पर चर्चा करना एक अच्छा विचार है, ताकि दाता और प्राप्तकर्ता दोनों के लिए कर दायित्व कम किए जा सकें।

उदाहरण के लिए, यदि एक माता-पिता अपनी संपत्ति अपने बच्चे को उपहार देना चाहते हैं, तो उन्हें पहले बच्चे से बात करनी चाहिए, घर का मूल्यांकन कराना चाहिए, वकील की मदद से उपहार अभिलेख तैयार करना चाहिए और इसे पंजीकरण कराना चाहिए। उन्हें कर सलाहकार से संपर्क कर यह भी जानना चाहिए कि इसके क्या कर प्रभाव हो सकते हैं।

रक्त संबंधियों को संपत्ति उपहार में कैसे दें?

यहां उन चरणों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें संपत्ति उपहार में देने के लिए पालन करना आवश्यक है।

  • पात्रता: इस बात की जांच करें कि क्या दाता (देने वाला) और प्राप्तकर्ता (लेने वाला) उपहार विलेख के अनुबंध में प्रवेश कर सकते हैं।
  • विलेख तैयार करें: इसमें दाता का नाम, प्राप्तकर्ता का नाम, संपत्ति का क्षेत्रफल आदि सभी विवरण शामिल करें।
  • पंजीकरण कराएं: दाता को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करके उप-पंजीयक कार्यालय (SRO) में विलेख का पंजीकरण कराना होगा। यह प्रक्रिया दो गवाहों की उपस्थिति में पूरी करनी होगी।
  • स्वीकृति: प्राप्तकर्ता को दाता के जीवनकाल में ही उपहार को स्वीकार करना होगा, अन्यथा यह अमान्य हो जाएगा।

आप रक्त संबंधियों के लिए गिफ्ट डीड स्टांप शुल्क ऑनलाइन कैसे चुका सकते हैं?

  • उस राज्य के IGRS पोर्टल पर लॉग-इन करें, जहां संपत्ति स्थित है और स्टांप शुल्क के ऑनलाइन भुगतान के लिए ऑप्शन चुनें।
  • उपहार संज्ञा पर स्टांप शुल्क चुकाने के लिए, उस लेख को चुनें, जिसके लिए भुगतान किया जाना है, जैसे ‘उपहार विलेख’ अचल संपत्ति।
  • रक्त संबंधियों के लिए उपहार विलेख स्टांप शुल्क ऑप्शन का चयन करें और आगे बढ़ें।

रक्त संबंधियों के लिए गिफ्ट डीड स्टांप ड्यूटी ऑफलाइन कैसे भरें?

गिफ्ट डीड स्टांप ड्यूटी 2025 ऑफलाइन चुकता करने के लिए आपको उस सब-रजिस्ट्रार ऑफिस (SRO) में जाना होगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में संपत्ति आती है। रक्त संबंधियों के लिए अचल संपत्तियों पर गिफ्ट डीड का आवेदन भरें और संबंधित दस्तावेज संलग्न करें। एक बार भुगतान SRO को कर दिया जाने के बाद, गिफ्ट डीड निष्पादित किया जाएगा।

गिफ्ट डीड रजिस्टर करते समय कौन सी चुनौतियां आती हैं?

  • जो संपत्ति दानकर्ता गिफ्ट कर रहे हैं, वह मुकदमेबाजी में हो सकती है और रजिस्ट्रेशन मुश्किल हो सकता है।
  • दानकर्ता ने गिफ्ट डीड रजिस्टर करते समय गलत या अधूरी जानकारी भरी हो सकती है।
  • राज्य विशेष नियमों का पालन न किया गया हो, जो संपत्ति की गिफ्टिंग से संबंधित हैं।

रक्त संबंधों में संपत्ति उपहार देने पर कर संबंधित प्रभाव

आयकर अधिनियम, 1961 के तहत संपत्ति उपहार में देने पर कर लगता है।

उपहारों पर आयकर

रक्त संबंधियों को विवाह उपहार या विरासत के रूप में दी गई संपत्ति कर-मुक्त होती है।

पति या पत्नी को संपत्ति उपहार में देना

पति या पत्नी को संपत्ति उपहार में देने पर कोई कर नहीं लगता। लेकिन, उस संपत्ति से किराए के रूप में होने वाली आय पर कर लगेगा।

कैपिटल गेन टैक्स

यदि संपत्ति दो साल से अधिक समय तक रखी जाए और 23 जुलाई 2024 से पहले रजिस्टर्ड हो तो दानकर्ता के पास 20 फीसदी की कैपिटल गेन टैक्स के साथ सूचकांकित लाभ या 12.5 फीसदी की कैपिटल गेन टैक्स बिना सूचकांकित लाभ के विकल्पों में से एक का चयन करने का विकल्प होगा। यदि संपत्ति 23 जुलाई 2024 के बाद रजिस्टर्ड हो तो उसके पास केवल एक ऑप्शन होगा और वह है 12.5 फीसदी बिना सूचकांकित लाभ के।

संपत्ति को पत्नी/पति को उपहार देना

पत्नी/पति को संपत्ति उपहार देने पर कोई टैक्स नहीं लगता,लेकिन उस संपत्ति से होने वाली आय जैसे कि किराया, पर टैक्स लगेगा।

उपहार में मिली संपत्ति पर संपत्ति कर

जब संपत्ति उपहार में दी जाती है, तो प्राप्तकर्ता (डोनी) उसका मालिक बन जाता है। संपत्ति कर संपत्ति के मालिक को चुकाना होता है, इसलिए जैसे ही प्राप्तकर्ता मालिक बनता है, उसे हर साल संपत्ति कर भरना अनिवार्य होता है। ध्यान दें कि यदि संपत्ति कर समय पर नहीं भरा गया तो बकाया अवधि के लिए लगभग 2 फीसदी जुर्माना लग सकता है।

Housing.com का पक्ष

उपहार देना परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति हस्तांतरित करने का एक कानूनी तरीका है। इस पर भी अन्य संपत्तियों की तरह स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क लगता है। फर्क यह है कि उपहार विलेख (गिफ्ट डीड) में स्टांप शुल्क दाता (देने वाला) देता है, न कि प्राप्तकर्ता। ध्यान दें कि गिफ्ट डीड पंजीकरण के तुरंत बाद प्रभाव में आ जाती है। इसलिए, संपत्ति देने का एक और तरीका वसीयत (Will) हो सकता है। गिफ्ट डीड के विपरीत, वसीयत संपत्ति मालिक की मृत्यु के बाद प्रभावी होती है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या पारिवारिक सदस्यों के बीच संपत्ति स्थानांतरण पर स्टांप ड्यूटी देनी होगी?

यह उस राज्य पर निर्भर करता है जहाँ गिफ्ट डीड रजिस्टर की जा रही है। भारत में कुछ ही राज्यों में, यदि संबंधित पक्ष रक्त संबंधी हैं, तो गिफ्ट डीड के पंजीकरण पर स्टांप ड्यूटी में पूरी छूट मिलती है।

क्या गिफ्ट डीड पर स्टांप ड्यूटी लागू होती है?

हाँ, गिफ्ट डीड पर स्टांप ड्यूटी लागू होती है।

गिफ्ट डीड के मामले में स्टांप ड्यूटी कौन चुकाता है?

गिफ्ट डीड के मामले में दाता (देने वाला) स्टांप ड्यूटी चुकाता है।

कौन सा कानून व्यक्ति से व्यक्ति को उपहार देने को नियंत्रित करता है?

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882, व्यक्ति से व्यक्ति को उपहार देने को नियंत्रित करता है।

गिफ्ट डीड को पंजीकृत करने की औपचारिकताएं क्या हैं?

ता को गिफ्ट डीड के लिए आवश्यक स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी। डीड को कम से कम दो गवाहों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राप्तकर्ता (डोनी) को उपहार स्वीकार करना होगा।

गिफ्ट डीड कब प्रभावी होती है?

गिफ्ट डीड रजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद प्रभावी हो जाती है।

हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें

 

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