रेपो रेट और यह घर खरीदारों को कैसे प्रभावित करता है, के बारे में सब कुछ
7 June 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट को 6.5% स्थिर पर छोड़ दिया था। 40 बेसिस पॉइंट्स बढ़ा दिया। अब रेपो रेट पहले के 4% से बढ़कर 4.40% हो गई … READ FULL STORY
7 June 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट को 6.5% स्थिर पर छोड़ दिया था। 40 बेसिस पॉइंट्स बढ़ा दिया। अब रेपो रेट पहले के 4% से बढ़कर 4.40% हो गई … READ FULL STORY
एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (EC) एक ऐसा कानूनी दस्तावेज़ है जो घर या संपत्ति खरीदार के कई सवालों के जवाब एक साथ दे सकता है। EC खरीदारों के कई सवालों का जवाब होता है. इसमें ये शामिल होता है: –कैसे सुनिश्चित करें कि जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं उसे खरीदार ने बैंक को गिरवी नहीं रखा है? –जो शख्स आपको प्रॉपर्टी बेच रहा है क्या वो प्रॉपर्टी का असली मालिक है? –क्या आप जानते हैं कि जबसे प्रॉपर्टी बनी है, तब से लेकर अब तक वो कितने लोगों के पास रह चुकी है. एक खरीदार को इन सारे सवालों के जवाब एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट से मिलेंगे. यह उन दस्तावेजों में से एक है, जो खरीद को पूरा करने के लिए खरीदारों के लिए जरूरी हैं. या यूँ कह लीजिये की घर खरीदने से पहले प्रॉपर्टी का EC चेक कर लेना बेहद ज़रूरी है। एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट क्या है? ऑक्सफोर्ड लर्नर डिक्शनरी के मुताबिक एन्कम्ब्रन्स, एक संज्ञा, यानी एक व्यक्ति या वस्तु जो किसी को आसानी से या जो वो करना चाहते हैं, उससे … READ FULL STORY