शंख को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी लक्ष्मी शंख में ही निवास करती हैं, इसलिए भगवान विष्णु को भी शंख अति प्रिय है और वह इसे धारण करते हैं। यह बहुत ही पवित्र होता है इसलिए इसे कई लोग घर के मंदिर में भी रखते हैं। मगर क्या आपको पता है कि घर के मंदिर में शंख रखने के नियम क्या होते हैं?
पूजा–पाठ में शंख का विशेष महत्व माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा ही नहीं बल्कि सामान्य जीवन में भी शंख बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी ध्वनि से न केवल आस–पास का वातावरण पवित्र होता है। बल्कि इसे रखने मात्र से ही तमाम तरह की बीमारियां भी दूर होती हैं। वास्तु और फेंगशुई के अनुसार शंखनाद और शंख रखने के कई फायदे हैं। आइए जानते हैं कि शंख किन–किन बीमारियों से राहत दिलाता है और ये किस तरह के फायदे लेकर आता है?
अगर नहीं पता है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। कहते हैं, ‘शंख घर में मौजूद नकारात्मकता को नष्ट करता है, इसलिए यह वास्तु शास्त्र के लिहाज से विशेष है।‘
हृदय रोग में सहायक है शंख
वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख नियमित रूप से बजाना सेहत के लिए बेहतर होता है। फिर चाहे छोटा शंख हो या फिर बड़ा। मान्यता है कि शंख बजाने से हृदय संबंधी बीमारियां नहीं होती। लेकिन अगर किसी को हार्ट संबंधी कोई परेशानी हो तो उसे बिना चिकित्सक की राय लिए शंख नहीं बजाना चाहिए।
सुख–समृद्धि में है बेहद सहायक
फेंगशुई के मुताबिक शंख रखना बेहद शुभ होता है। यह कार्यक्षेत्र में सुख–समृद्धि लेकर आता है। इसे रखने मात्र से ही व्यवसाय–व्यापार में वृद्धि होती है। बता दें कि शंख भगवान बुद्ध के पैरों में बनें 8 शुभ चिन्हों में से एक है।
किस दिन मंदिर में रखें शंख?
शंख को घर में स्थापित करने का सबसे अच्छा दिन शिवरात्रि या फिर नवरात्रि के दिन होते हैं। आप इन दिनों में शंख खरीद कर घर के मंदिर में स्थापित कर सकते हैं। सावन की शिवरात्रि पर भी शंख खरीद कर घर में विधि विधान के साथ स्थापित किया जा सकता है। वसंत पंचमी के दिन भी आप शंख को स्थापित कर सकते हैं।
कैसे करें पूजाघर में शंख को स्थापित?
मंदिर में आपको दक्षिण–पश्चिम दिशा में ही शंख रखना चाहिए। शंख की स्थापना करने से पूर्व आपको उस स्थान को शुद्ध जल छिड़ककर पवित्र कर लेना चाहिए। शंख को हमेशा लाल रंग के कपड़े या फिर तांबे या पीतल की प्लेट पर ही रखें।
शंख की पूजा करने के नियम?
- जिस शंख की आप पूजा कर रहे हों, उसे कभी नहीं बजाना चाहिए।
- पूजा आरंभ करने से पूर्व शंख को बजाना चाहिए और पूजा के अंत में भी शंख को बजाना चाहिए।
- पूजा के स्थान पर रखे शंख में हमेशा जल भर कर ही रखें।
- मंदिर में दो से अधिक शंख न रखें और दोनों शंखों को अलग–अलग रखें।
- यदि आपका शंख टूट गया है या फिर खंडित हो गया है, तो उसे तुरंत ही मंदिर से हटा दें।
- शंख का इस्तेमाल करने के बाद हमेशा उसमें फूंक मार कर ही मंदिर में रखें।
मंदिर में कितने तरह के शंख मिलते हैं?
मंदिर में आप दक्षिणावर्ती शंख रख सकते हैं, यह शंख लक्ष्मी जी धारण करती हैं। यह घर में सौभाग्य और समृद्धि लेकर आता है।
गणेश शंख भी घर के मंदिर में रखा जा सकता है, यह बाधाओं को दूर करता है और जातक को सफलता दिलाता है।
गोमुखी शंख यदि आप अपने मंदिर में रखते हैं, तो यह गाय पालन के समान होता है और इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है।
यदि आप धन लक्ष्मी को आकर्षित करना चाहते हैं, तो घर में कौरी शंख जरूरी रखें। आप इसे मंदिर में भी रख सकते हैं और तिजोरी में भी रख सकते हैं।
अगर आपके घर में भी शंख है या आप घर के मंदिर में शंख रखना चाहते हैं, तो आपको भी इन टिप्स को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।