घर के फर्श से भी होता है वास्तु का संबंध; इन जरूरी बातों का रखें ध्यान

घर से जुड़ी हर चीज वास्तु पर आधारित हो तो शुभ मानी जाती है, ऐसे में आइये जानते हैं घर के फर्श के बारे में क्या कहता है वास्तु शास्त्र।

वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी हर एक चीज का अपना एक अलग महत्व बताया गया है। घर की दिशा से लेकर घर में मौजूद हर एक वस्तु अगर वास्तु के अनुसार हो तो शुभ परिणाम लाती है नहीं तो वास्तु दोष का भागी बनाती है।

वास्तु के अनुसार घर के फर्श का भी घर के मालिक और पूरे परिवार पर गहरा असर पड़ता है। फर्श से जुड़े कुछ वास्तु नियम होते हैं जिनके पालन से न सिर्फ घर में सकारात्मकता का संचार होता है बल्कि उस घर के सभी लोग जीवन में अपार सफलता भी पाते हैं।

 

 

हमारे पर्यावरण के प्रत्येक तत्व में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ब्रह्मांडीय ऊर्जा होती है। फर्श के बारे में भी यही कहा जा सकता है। हालांकि, घर बनाते समय, फर्श को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है और केवल सुंदरता की वस्तु के रूप में माना जाता है। आइए देखें कि फर्श के लिए वास्तु आपको अपने जीवन के सभी पहलुओं में सफलता प्राप्त करने में कैसे मदद कर सकता है।

 

वास्तु के अनुसार फ्लोरिंग के लिए टाइल्स सही विकल्प क्यों हैं?

 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, फर्श का सही रंग, पैटर्न, सामग्री और डिजाइन रहने वालों के जीवन में स्थिरता और सामंजस्य प्रदान करने में मदद कर सकता है।

आप किसी भी प्रकार की फ़र्श टाइलें चुनें, याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है स्वच्छता। फर्श को अव्यवस्थित और साफ करने से जहरीली धारणाओं का मन साफ ​​हो जाता है, जिससे हम सकारात्मक ऊर्जा के प्रति अधिक खुले रहते हैं।

संगमरमर के फर्श को विशेष रूप से सफेद रंगों में फर्श के लिए सबसे अच्छा कहा जाता है, क्योंकि यह पर्यावरण को प्रकाशित करता है। असली मार्बल की लागत और देखभाल की आवश्यकताओं को देखते हुए, ऐसी टाइल लेने की सिफारिश की जाती है जो असली मार्बल की तरह दिखती और महसूस होती हो लेकिन जिसे साफ करना आसान हो।

एक जगह को एक सौम्य वातावरण देने के लिए दृढ़ लकड़ी का फर्श चुनें। यह बहुत अधिक गर्मी लाते हुए भी क्षेत्र पर हावी नहीं होता है। हालांकि, लकड़ी के फर्श को बनाए रखना कठिन हो सकता है, इसलिए अपनी सजावट की सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए मिट्टी-आधारित लकड़ी की समान दिखने वाली टाइलों का उपयोग करें।

 

घर के फर्श से जुड़ी बातें

 

घर के फर्श के लिए कभी भी सिंथेटिक मार्बल का इस्तेमाल न करें। इसके बदले नेचुरल मार्बल का प्रयोग किया जा सकता है।

ऐसा इसलिए क्योंकि सिंथेटिक मार्बल नकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ खींचता है जिससे परिवार के लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और घर में कलह का माहौल बना रहता है।

अगर घर के दक्षिण दिशा के फर्श या दक्षिण दिशा में बने कमरे के फर्श पर लाल रंग का मार्बल लगाया जाए तो इससे घर के सभी सदस्यों के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

 

 

अगर आप घर में वुडेन टाइल्स लगवाना हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका रंग हल्का पीला हो। वास्तु के अनुसार, पीला रंग नजर दोष और ऊपरी बाधा जैसी समस्याओं से निपटने में माहिर होता है।

पीले रंग की वुडेन टाइल्स या मार्बल टाइल्स दोनों ही घर में पैसा बनाए रखती हैं और आर्थिक संकट से भी छुटकारा दिलाती हैं। यहां तक कि पीले रंग के फर्श से घर में आध्यात्म की भी वृद्धि होती है।

घर के फर्श में पत्थर कभी भी न लगवाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि पत्थर घर में कलेश को बढ़ावा देता है। इसी कारण से हिन्दू धर्म में मंदिर, मठ या धार्मिक स्थलों पर ही पत्थर लगाने की परंपरा है।

इस बात का ध्यान रखें कि नया घर बनवाते समय फर्श के लिए इस्तेमाल होने वाला लोहा, मिट्टी, या कोई भी सामान पुराना न हो, नहीं तो घर में गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है जिसके दुष्प्रभाव आपको कई रूप में देखने को मिल सकते हैं।

तो ये थे घर के फर्श से जुड़े कुछ जरूरी वास्तु नियम जिनपर आपको एक बार तो जरूर ध्यान देना चाहिए।

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