विक्टोरिया मेमोरियल के बारे में संपूर्ण जानकारी

विक्टोरिया मेमोरियल के बारे में जाने कुछ रोचक तथ्य

आप सभी ने विक्टोरिया मेमोरियल हॉल  का नाम जरूर सुना होगा. इस खूबसूरत इमारत को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन द्वारा महारानी विक्टोरिया की याद में बनवाया गया था. कहा जाता है कि इस स्मारक का निर्माण हमारे देश भारत पर पर रानी के 25 साल के शासनकाल का जश्न  पूरा होने की खुशी में करवाया गया था.

 

विक्टोरिया मेमोरियल कहां है?

यह स्मारक शहर में हरियाली के सबसे बड़े पैच पर  बना है.यह  कोलकाता के मैदान पर क्वींस वे में स्थित है. अगर पिनकोड की बात की जाए तो यह 700071 है. अगर इसको बनाने में लगे मूल्य की बात की जाए तो पश्चिम बंगाल के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलचिह्न के लिए एक सटीक मूल्य का अनुमान लगाना असंभव है.

 

विक्टोरिया मेमोरियल क्यों प्रसिद्ध है ( What Is Victoria Memorial Famous For)

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के प्रसिद्ध और खूबसूरत स्मारकों में से एक है और  इसका निर्माण 1906 और 1921 के बीच भारत में रानी विक्टोरिया के 25 साल के शासनकाल के उपलक्ष्य में किया गया था.

 

विक्टोरिया मेमोरियल का इतिहास – (History Of Victoria Memorial )

1857 की क्रांति के बाद से रानी विक्टोरिया भारत में काफी प्रसिद्ध हो गई थी. उन्होंने 1901 में अपनी मृत्यु होने तक देश पर सफलता से शासन किया. उनकी याद में है यह स्मारक बनवाया गया जो लॉर्ड कर्जन के दिमाग की उपज है.उनके शासनकाल के 25 वर्ष पूरे होने पर लॉर्ड कर्जन चाहते थे कि जो स्मारक उन्हें समर्पित किया जाएगा, वह विशाल होना चाहिए. आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इस  विक्टोरिया मेमोरियल को बनाने के लिए सारा का सारा धन भारतीय लोगों द्वारा ही इकट्ठा किया गया था. माना जाता है कि उस समय इसे पूरा करने के लिए लगभग 1 करोड़ 5 लाख रूपए का खर्च आया था. किंग जॉर्ज वी और प्रिंस ऑफ व्हेल्स ने 1906 में स्मारक के लिए आधारशिला रखी थी और स्मारक अंततः 1921 में आम जनता के लिए खोला गया था.

 

विक्टोरिया मेमोरियल की वास्तुकला और डिजाइन – (Architecture And Design Of Victoria Memorial)

 

रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स के अध्यक्ष विलियम एमर्सन विक्टोरिया मेमोरियल के मुख्य वास्तुकार हैं. उन्होंने एक ही समय में मिस्र के वेनिस, मुगल और अन्य इस्लामी शैलियों से प्रेरणा लेते हुए स्मारक को इंडो-सरैसेनिक शैली में प्रस्तुत किया.यह इमारत लगभग 184 फीट ऊंची है और इसे मकराना मार्बल से बनाया गया है. माना जाता है कि इस मार्बल को जोधपुर से लाया गया था. इसके भीतर लगभग 64 एकड़ में एक गार्डन बनाया गया है जिसका डिजाइन डेविड पेन और लॉर्ड रेडडेल ने किया था.

विलियम विक्टोरिया मेमोरियल के पीछे एमर्सन मुख्य वास्तुकार थे और डिजाइन इंडो-सरसेनिक रिवाइवलिस्ट टेम्पलेट को प्रदर्शित करता है.मिस्र और विनीशियन शैलियों के अलावा इसमें दक्कन डिजाइन भी इस्तेमाल किया गया है. 

 

विक्टोरिया मेमोरियल

द एंजल ऑफ विक्ट्री केंद्रीय विक्टोरिया मेमोरियल गुंबद के ऊपर की प्रतिष्ठित आकृति है, जो कुल मिलाकर 16 फीट है.यह स्मारक ताजमहल से मिलता-जुलता माना गया है.इसमें राष्ट्रीय नेताओं की गैलरी, शाही गैलरी, सेंट्रल हॉल, पोर्ट्रेट गैलरी, हथियार और शस्त्रागार गैलरी, मूर्तिकला गैलरी और कोलकाता गैलरी शामिल है. इस म्यूजियम में सबसे ज्यादा काम थॉमस डेनियल और उनके भतीजे विलियम डेनियल द्वारा किया गया है.

इसमें बहुत ही दुर्लभ किताबों का संग्रह भी रखा गया है जिनमें से कुछ है, अरेबियन नाइट्स, विलियम शेक्सपियर की सचित्र कृतियों, उमर खय्याम द्वारा रूबैयत और वाजिद अली शाह द्वारा ठुमरी संगीत और कथक की किताबें.इस गैलरी में प्रिंस अल्बर्ट और महारानी विक्टोरिया की भी कई तस्वीरें हैं जिन्हें जेनसन और विंटर हेल्टर ने बनवाया है. रूसी कलाकार वासिली वीरशैचिन की तैलचित्र दक्षिणी दीवार को सुशोभित करती है. कोलकाता गैलरी को 1970 के दशक के मध्य में जोड़ा गया था, जिसे शिक्षा मंत्री सैय्यद नूरुल हसन ने बढ़ावा दिया था.

 

विक्टोरिया मेमोरियल के गार्डन – (Gardens Of Victoria Memorial)

64 एकड़ के क्षेत्र में फैले स्मारक के आसपास के बागों को डेविड पेन और रेडडेल द्वारा डिजाइन किया गया है. बाघ का रखरखाव करने के लिए अभी भी भगवानों की 21 सदस्यों की एक टीम काम करती है. समाज के उत्तर में जो गेट है उसमें रानी विक्टोरिया की एक कांस्य से बनी हुई प्रतिमा लगी है और साथ ही सर जॉर्ज फ्रैम्पटन द्वारा बनाई गई रानी की एक तस्वीर भी बनी है जिसमें उन्हें सिंहासन पर बैठे हुए दिखाया गया है. 

 

समारोह के गार्डन में आपको एक एडवांस लोन भी देखने को मिलता है जिसमें मेहराब के नीचे के एडवर्ड की कांसे की एक मूर्ति बनाई गई है. इस मूर्ति को सर बर्ट्रम मैकनेल ने डिजाइन किया था. एक अन्य लॉन कर्ज़न लॉन में फ्रेडरिक विलियम पोमेरॉय द्वारा डिज़ाइन किए गए कर्ज़न की मूर्ति है. गार्डन में कॉर्नवॉलिस, हेस्टिंग्स, क्लाइव, डलहौजी, बेंटिनक, वेलेस्ली, रिपन, एंड्रयू एच.एल. फ्रेजर और राजेंद्रनाथ मुखर्जी सहित कई अन्य प्रतिमाएं हैं. गार्डन सभी दिनों में सुबह 5:30 बजे से शाम 6:15 बजे तक खुले रहते हैं.गार्डन में जाने के लिए एंट्री फीस सिर्फ ₹10 ही रखी गई है. 

 

विक्टोरिया मेमोरियल में गैलरी और प्रदर्शनी – (Gallery And Exhibitions In Victoria Memorial )

रॉयल गैलरी, नेशनल लीडर्स गैलरी, मूर्तिकला गैलरी, पोर्ट्रेट गैलरी, सेंट्रल हॉल और कलकत्ता गैलरी सहित 25 से अधिक दीर्घाओं के साथ, विक्टोरिया मेमोरियल में दुर्लभ और प्राचीन पुस्तकों का एक सराहनीय और योग्य संग्रह है. इनमें शेक्सपियर की सचित्र रचनाएं, अरेबियन नाइट्स और संगीत और नृत्य पर लिखी गई अन्य पुस्तकें शामिल हैं. स्मारक वास्तव में चित्रों, हथियारों, वस्त्रों, कलाकृतियों, टिकटों, आदि के उत्कृष्ट और उल्लेखनीय संग्रह का खजाना है. इसके अलावा यहां द नेशनल लीडर्स गैलरी, पोर्ट्रेट गैलरी, सेंट्रल हॉल, मूर्तिकला गैलरी, आर्म्स एंड आर्मरी गैलरी भी विजिट कर सकते हैं. 

 

विक्टोरिया मेमोरियल में कलकत्ता गैलरी – (Calcutta Gallery In Victoria Memorial)

विक्टोरिया मेमोरियल में कलकत्ता गैलरी भारत की पहली सिटी गैलरी है. गैलरी स्थापित करने की पहल भारत के तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो.एस. नुरुल हसन ने की थी, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के बुद्धिजीवियों को स्मारक की ओर आकर्षित करना था.

गैलरी में आर बी दत्ता द्वारा बिपिन बिहारी दत्ता, माइकल मधुसूदन दत्त, राम मोहन राय, कलकत्ता और हावड़ा के बीच पोंटून पुल (हावड़ा ब्रिज के रूप में लोकप्रिय), कार्ड प्लेयर भबानी चरण लाहा द्वारा देवेंद्रनाथ टैगोर, श्रीमती बेलनोस द्वारा पायकर या पैडलर्स, बेनी माधब भट्टाचार्जी द्वारा देवी काली की मशहूर पेंटिंग्स यहां देखी जा सकती हैं.

 

गैलरी में शामिल क़ीमती कलाकृतियां

इस गैलरी में पहले एक पियानो रखा गया था जिसे महारानी विक्टोरिया को तब उपहार में दिया गया था जब वह केवल 10 साल की थी. अभी इस  पियानो को सेंट्रल गैलरी में रख दिया गया है.

महारानी विक्टोरिया द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला राइटिंग डेस्क भी यहां पर पर्यटकों के बीच में काफी प्रसिद्ध है. इसका इस्तेमाल किन विक्टोरिया ने विंडसर कैसल में किया था.

 

गैलरी में दिखाए गए चित्र

गैलरी में अलग-अलग तरह के चित्र बने हुए हैं जो अपनी कहानी कहते हैं. यहां पर मिलने वाले अलग-अलग चित्र कुछ इस प्रकार से हैं;

  • विक्टोरिया को जून 1838 में वेस्टमिंस्टर एब्बे में उनके राज्याभिषेक का संस्कार मिला.
  • 1840 में सेंट जेम्स पैलेस में अल्बर्ट से विक्टोरिया की शादी का चित्र 
  • 1842 में सेंट जॉर्ज चैपल, विंडसर कैसल में प्रिंस ऑफ वेल्स ((एडवर्ड सप्तम) का नामकरण
  • 1863 में प्रिंस ऑफ वेल्स की राजकुमारी एलेक्जेंड्रा से शादी का चित्र
  • 1887 में वेस्टमिंस्टर एब्बे में पहली जुबली सेवा
  • 1897 में सेंट पॉल कैथेड्रल में दूसरी जुबली सेवा.

 

विक्टोरिया मेमोरियल लाइट एंड साउंड शो – (Light And Sound Show In Victoria Memorial )

अक्टूबर से जून के महीने में विक्टोरिया मेमोरियल में एक साउंड एंड लाइट शो होता है जिसका नाम सोन-एट-लुमियर है.यह शो सोमवार के दिन बंद रहता है और साथ ही सभी तरह के राष्ट्रीय अवकाश के समय भी यह नहीं करवाया जाता है. इसके अलावा जुलाई से सितंबर के महीने में भी यह शो बंद रहता है.

 इस शो के अलावा एक और जो भी यहां पर होता है जिसका नाम है प्राईड एंड ग्लोरी कोलकाता की कहानी.इस शो को बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ एक उद्यम के रूप में डिजाइन किया गया था, वर्तमान में यहां बंगाली और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में शो आयोजित किया जाता है. शो की टाइमिंग की बात की जाए तो;

 

अक्टूबर से फरवरी

  • बंगाली: 6:15 बजे से शाम 7:00 बजे तक
  • अंग्रेजी: शाम 7:15 से शाम 8:00 बजे तक

 

मार्च से जून

  • बंगाली: शाम 6:45 से 7:30 बजे तक
  • अंग्रेजी: शाम 7:45 से 8:30 बजे तक

 

विक्टोरिया मेमोरियल टाइमिंग्स और एंट्री टिकट – (Victoria Memorial Timings And Entry Tickets)

विक्टोरिया मेमोरियल गैलरी मंगलवार से रविवार तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुली रहती है. भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 20 रूपए है, जबकि विदेशियों के लिए यह 200 रूपए है. बारहवीं कक्षा तक के स्कूली बच्चों और सेना के जवानों को कोई प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ता है.

 

विक्टोरिया मेमोरियल तक कैसे पहुंचे – (How To Reach Victoria Memorial)

विक्टोरिया मेमोरियल परिवहन के सभी साधनों द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है. आप टैक्सी, बस या ऑटो रिक्शा से इस जगह की यात्रा कर सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से जा रहे हैं तो आपको कोलकाता के लिए कई फ्लाइट्स मिल जाएंगी. यहां के नेताजी सुभाष चंद बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट से विक्टोरिया मेमोरियल की दूरी 22 किमी है. अगर आप कार या टैक्सी की सुविधा ले रहे हैं तो विक्टोरिया मेमोरियल तक पहुंचने में 1 घंटा 2 मिनट का समय लगेगा. जबकि कोलकाता के लिए सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन उपलब्ध है. अगर आप ट्रेन से जाएं तो कोलकाता स्टेशन से मैदान मेट्रो और रबिन्द्र सदन मेट्रो स्टेशन पहुंचना होगा. ये दोनों मेट्रो स्टेशन विक्टोरिया मेमोरियल के नजदीक है.

 

विक्टोरिया मेमोरियल जाने का सही समय (Best Time To Visit Victoria Memorial )

अगर आप अच्छी तरह से विक्टोरिया मेमोरियल की सैर करना चाहते हैं तो सर्दियों के महीने में की यात्रा करना एकदम सही माना गया है. नवंबर से ही फरवरी के अंत तक भीड़ आना शुरू हो जाती है. सर्दियों में साउंड एंड लाइट शो भी होता है. यह एक ओपन-एयर शो है जो आपको कोलकाता के इतिहास की खूबसूरत झलक देता है. आमतौर पर जुलाई से सितंबर तक कोई शो नहीं होता है. अगर आप इतिहास की जानकारी रखते हैं तो आपको यहां होने वाला रंगीन फाउंटेन शो भी काफी पसंद आएगा.

 

विटोरिया मेमोरियल जाने से पहले कुछ ध्यान रखने वाली बात 

  • विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में फोटोग्राफी निषेध है.
  • अगर आपको म्यूजियम या फिर गैलरी आधी देखने का शौक नहीं है तो आप केवल गार्डन ऑनली टिकट भी ले सकते हैं. टिकट काउंटर पर आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है.
  • विक्टोरिया मेमोरियल को चारों ओर से देखने के लिए पर्यटकों के लिए एंट्री गेट पर गाडियां उपलब्ध हैं.

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

विक्टोरिया मेमोरियल के अंदर क्या है?

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता, भारत में एक बड़ी संगमरमर की इमारत है, जिसे 1906 और 1921 के बीच बनाया गया था. यह महारानी विक्टोरिया (1819-1901) की स्मृति को समर्पित है और अब यह एक संग्रहालय और पर्यटन स्थल के रूप में संस्कृति मंत्रालय के अधीन है.

रानी विक्टोरिया मेमोरियल किससे बना है?

रानी विक्टोरिया मेमोरियल मकराना मार्बल से बना है.

विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण किसने करवाया है?

विक्टोरिया मेमोरियल भारतीय वास्तुकला के इतिहास में एक ऐतिहासिक स्थल है और इसका श्रेय केवल लॉर्ड कर्ज़न को जाता है.

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