किराये पर दी गई कमर्शियल प्रॉपर्टी पर टैक्स
वास्तव में हासिल होने वाला ज्यादा किराया या वो किराया जो बाजार में इस तरह की संपत्ति से हासिल होने की उम्मीद है, किराये की आय पर टैक्स लगाने का आधार है. अगर प्रॉपर्टी आपके स्वामित्व में नहीं है और आपके द्वारा किराये पर दी गई है तो कमर्शियल प्रॉपर्टी को ऐसे किराये पर देने से होने वाली आय पर अन्य स्रोतों से हुई आय के तहत टैक्स लगाया जाता है.
अगर आप अपनी स्वामित्व वाली संपत्ति में अन्य सर्विसेज देते हुए कोई बिजनेस सेंटर चला रहे हैं तो उसे भी बिजनेस इनकम माना जाएगा बशर्ते जगह को किराये पर देने के अलावा अन्य सर्विसेज एक अहम भाग का गठन करते हैं. ऐसे मामलों के अलावा, आपके मालिकाना हक वाली संपत्ति के मामले में जो भी आय होती है, वह विशेष रूप से प्रॉपर्टी इनकम के लिए टैक्सेबल हो जाएगा चाहे इनकम को किसी भी नाम से पुकारा जाए.
चूंकि ऐसी प्रॉपर्टीज से होने वाली इनकम पर ‘हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय’ के तहत टैक्स लगाया जाएगा तो सिवाय वो छूट जो कानून में खास तौर पर दिए गए हैं, किराये से होने वाली आय के एवज में कोई कटौती का दावा नहीं किया जा सकता. यह सलाह दी जाती है कि अपने वास्तविक किराये की आय को ‘व्यवसाय के लाभ’ के तहत न दिखाएं.
किराये पर दी गई संपत्ति से मिले किराये में कटौती
ऊपर बताई गई बातों के अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन रिपेयर्स इत्यादि को भी कवर करता है. टैक्स से जुड़े कानून आपकी कमर्शियल प्रॉपर्टी की खरीद, निर्माण, मरम्मत या पुनर्निर्माण के मकसद के लिए उधार लिए गए किसी भी पैसे को लेकर भुगतान किए गए ब्याज के संबंध में कटौती की अनुमति देते हैं.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 (बी) के तहत ब्याज पर कटौती सभी तरह की प्रॉपर्टीज पर उपलब्ध है चाहे वो रिहायशी हो या फिर कमर्शियल. लोन लेने के लिए किसी भी वित्तीय संस्थान को भुगतान किए गए प्रोसेसिंग फीस या प्रीपेमेंट चार्जेज पर भी ब्याज के तहत दावा किया जा सकता है. न सिर्फ बैंक से उधार लिए गए पैसों पर आप ब्याज पर छूट का दावा कर सकते हैं बल्कि दोस्तों या रिश्तेदारों से उधार लिए गए पैसों पर भी आपको यह सुविधा मिलेगी.
किराये पर दी गई कमर्शियल प्रॉपर्टी के मामले में, हालांकि आप स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद किराये की आय के खिलाफ पूर्ण ब्याज का दावा कर सकते हैं लेकिन
एक साथ ली गई सभी संपत्तियों के लिए ‘रिहायशी संपत्ति से होने वाली आय’ के तहत कैलकुलेशन के मुताबिक नुकसान की राशि के लिए दो लाख रुपये का प्रतिबंध है, जो वर्ष के दौरान आपकी अन्य आय के एवज में बंद किया जा सकता है.
इस शासन के तहत कैलकुलेट किए गए किसी भी नुकसान को अगले 8 वर्षों के लिए उसी शासन के तहत आय के खिलाफ सेट ऑफ के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है.
अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए निर्माण की अवधि के दौरान चुकाए गए ब्याज पर कटौती तभी क्लेम की जा सकती है, जब पोजेशन मिल चुका हो और वो भी पांच बराबर सालाना किस्तों में. यह उस वर्ष से शुरू होता है, जिसमें आपको पोजेशन मिला था.
अपने बिजनेस या पेशे के लिए इस्तेमाल हुई कमर्शियल प्रॉपर्टी पर कैसे लगेगा टैक्स
इसलिए, आप अपनी बिजनेस इनकम के एवज में इस तरह की कमर्शियल प्रॉपर्टी के संबंध में किसी भी काल्पनिक किराए का दावा नहीं कर सकते.
हालांकि अपनी बिजनेस इनकम के एवज में आप ऐसी संपत्ति की मरम्मत और रखरखाव के लिए किए गए खर्च का दावा कर सकते हैं. बिना कोई सीमा के आप बिजनेस खर्च के रूप में पूर्ण ब्याज का दावा भी कर सकते हैं. ध्यान रहे कि प्रिंसिपल अमाउंट की रीपेमेंट के लिए ऐसी कमर्शियल संपत्ति के संबंध में लिए गए होम लोन के लिए धारा 80 सी के तहत कोई कटौती उपलब्ध नहीं है क्योंकि यह सिर्फ रिहायशी संपत्ति के लिए ही उपलब्ध है.
कमर्शियल प्रॉपर्टी की बिक्री से हुए प्रॉफिट पर कैसे लगेगा टैक्स
कमर्शियल प्रॉपर्टी को किराये पर दिए जाने के मामले में, ऐसी प्रॉपर्टी को बेचने पर जो फायदा होगा, वह कैपिटल गेन्स बन जाता है. अगर यह संपत्ति 24 महीने से अधिक समय के लिए रखी जाती है, तो यह लंबी अवधि के लिए होगी और इस पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाएगा, चाहे वह कितनी भी मात्रा में हो. जैसा कि ऊपर बताया गया आपके पास धारा 54 एफ के तहत आवासीय घर में निवेश या धारा 54ईसी के तहत कैपिटल गेन्स बॉन्ड्स में निवेश करके टैक्स बचाने का विकल्प है.
लेकिन अगर प्रॉपर्टी को 24 महीने से पहले ही बेच दिया जाता है तो वह टैक्सेबल बन जाएगा क्योंकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर नॉर्मल इनकम की तरह टैक्स लगाया जाता है.
पूछे जाने वाले सवाल
अगर मैं कमर्शियल प्रॉपर्टी से आवासीय संपत्ति में बिक्री आय का निवेश करता हूं तो क्या मैं टैक्स बचा सकता हूं?
कुछ न्यायिक फैसलों के मुताबिक उसी प्रॉपर्टी पर अगर 24 महीनों से ज्यादा समय से कब्जा है तो आप रिहायशी आवासीय संपत्ति में शुद्ध विचार का निवेश करके सेक्शन 54एफ के तहत छूट का वादा कर सकते हैं.
कमर्शियल प्रॉपर्टी से किराये की आय पर क्या टैक्स है?
आपके मालिकाना हक वाली किसी भी प्रॉपर्टी से मिले किराये पर आमतौर पर 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के तहत टैक्स लगाया जाता है. यह सभी तरह की प्रॉपर्टीज पर लागू होता है, चाहे वो कमर्शियल हो या फिर रेजिडेंशियल.
कमर्शियल प्रॉपर्टी की बिक्री पर कैपिटल गेन्स टैक्स कैसे बचाएं?
आप या तो आवासीय संपत्ति में या खास संस्थानो के कैपिटल गेन्स बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं और धारा 54EC के तहत छूट का दावा कर सकते हैं.