आजकल घर खरीदने वालों और किरायेदारों, दोनों के लिए घर का वास्तु शास्त्र के अनुसार होना एक महत्त्वपूर्ण पहलू बन गया है। चूंकि किराये के घरों में रहने वाले लोग अगर जरूरत पड़े तो भी कोई निर्माण कार्य नहीं कर सकते, इसलिए अक्सर उन्हें वास्तु दोषों से बचने के लिये ऐसे घरों को बार-बार खाली करना पड़ता है। इस लेख में हम किराये के घरों के लिए वास्तु पर चर्चा करेंगे, साथ ही वास्तु दोष सुधारने के उपाय और अपने किराये के घर को शांतिपूर्ण बनाने के सुझाव भी देंगे, ताकि आपके परिवार को इसकी सकारात्मकता का लाभ मिल सके।
किराए के घरों के लिए वास्तु
ब्लू आर्क में इंटीरियर डिजाइन और प्रिंसिपल आर्किटेक्ट अतीत वेंगुरलेकर ने कहा, “किराये के फ्लैट या अपार्टमेंट में रहने में सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि आप उसमें मालिक की इजाजत लिए बिना काफी ज्यादा बदलाव नहीं कर सकते. अगर घर वास्तु के सिद्धांतों के तहत बनाया गया है तो उस फ्लैट में रहने वालों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.”
किरायेदारों के लिए वास्तु टिप्स
A2ZVastu.com के सीईओ और फाउंडर विकाश सेठी कहते हैं, “हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो किराये का घर लेते समय आपको ध्यान में रखना चाहिए.
- किराए के घर में वास्तु, उस स्थान के लिए काम करता है जो किरायेदार ने लिया है.
- घर से बाहर निकलते हुए मकान की दिशा या घर के मुख की दिशा वही है जो आपके चेहरे की है.
- वास्तु के अनुसार मेन एंट्रेंस की दिशा, किराये का घर लेते समय सबसे अहम पहलू है. सबसे अच्छी एंट्री उत्तर-पूर्व है. इसके बाद उत्तर-पश्चिम व पूर्व है. उत्तर और पश्चिम की ओर मुंह वाले घर भी अच्छे माने जाते हैं.
- दक्षिण, दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम एंट्री वाले घरों से बचें.
- किचन साउथ ईस्ट या नॉर्थ वेस्ट में होनी चाहिए.
- मास्टर बेडरूम साउथ वेस्ट में होना चाहिए.
- नॉर्थ ईस्ट में किचन, शू रैक या टॉयलेट नहीं होना चाहिए.
- घर का आकार स्क्वेयर या रैक्टैंगुलर होना चाहिए और किसी भी दिशा में कट या एक्सटेंशन नहीं होना चाहिए.
- जिस घर में साउथ वेस्ट दिशा में बालकनी हो, उससे दूर ही रहें.
- अगर ड्यूप्लेक्स होम है तो नॉर्थ ईस्ट की दिशा में सीढ़ियां न हों.”
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कौन-सी मंजिल वास्तु के अनुसार रहने के लिए सबसे अच्छी होती है?
ऊंची बिल्डिंग्स में आप जिस मंजिल रहते हैं, वह आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली ऊर्जा की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। वास्तु के अनुसार, निचली मंजिलें यानी पहली से तीसरी मंजिल तक आमतौर पर अधिक स्थिर और जमीन से जुड़ी हुई मानी जाती हैं, विशेष रूप से परिवारों और बुज़ुर्ग निवासियों के लिए। ऊपरी मंजिलों पर तेज धूप और बेहतर हवा मिलती है, जो सकारात्मक होता है, लेकिन अगर घर अशुभ दिशा में हो तो ऊर्जा असंतुलन ज्यादा बढ़ सकता है। पूर्व या उत्तरमुखी फ्लैट जो मध्य मंजिलों (चौथी से छठी) पर हों, उन्हें संतुलित ऊर्जा और आराम के लिए आदर्श माना गया है। अगर आपके फ्लैट के ठीक ऊपर एक बड़ा ओवरहेड वाटर टैंक है तो ऊपरी मंजिलों से बचना चाहिए क्योंकि वास्तु नियमों के अनुसार यह तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
किराये के घर में इन वास्तु टिप्स को करें चेक
प्रॉपर्टी का इतिहास
कई लोग ऐसा मानते हैं कि अगर अच्छा मानसिक स्वास्थ्य चाहते हैं तो प्रॉपर्टी की हिस्ट्री जरूर चेक कर लें. किसी भी अप्राकृतिक दुर्भाग्य या घटनाओं के मोड़ को संभावित किरायेदारों के लिए बुरा माना जाता है.
वेंटिलेशन
साथ सुथरी और हवादार संपत्ति हमेशा अच्छी होती है. ये आपके घर में ऊर्जा के समुचित प्रवाह को सुनिश्चित करती है.
प्रॉपर्टी की वाइब्स
प्रॉपर्टी की बाइब्स तो चेक करें. वाइब्रेशन एनालिसिस कहते हैं कि घर में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों वाइब्स होती हैं और छोटे से बदलाव से घर में पॉजिटिविटी को बहाल किया जा सकता है. परिसर में रहने पर निवासियों को कैसा लगता है. संपत्ति की वाइब का पता इससे लगाया जा सकता है. कई बार आपको किसी संपत्ति में रहते हुए नकारात्मक महसूस होता है.
पसंदीदा जगह
ज्यादा ट्रैफिक, श्मशान घाट, पावर प्लांट या बिजली के खंभे के पास वाले घर अच्छे नहीं होते. शहरी इलाके अकसर नम होते हैं और आपको शांत रिहायशी इलाके में रहने का मौका नहीं मिलता. किराये के घर के लिए आसपास सकारात्मक, शांत स्थान खोजें.
एनर्जी फ्लो
ऐसे घर को किराए पर न लें, जिसके आस-पास कोई मोबाइल या बिजली का खंभा हो. यह ऊर्जा के फ्री फ्लो में रुकावट पैदा करता है. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए, यज्ञ, गणेश पूजा, नवग्रह पूजा आदि करें. किसी जानकार वास्तु विशेषज्ञ की ओर से सुझाए गए विंड चाइम्स, क्रिस्टल, यंत्र आदि जैसी सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाले वॉल हैंगिंग का इस्तेमाल करें.
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मेन डोर
किराये के घर का मुख्य दरवाजा कभी भी पेड़, बिजले के खंभे या किसी भारी सामान से ब्लॉक नहीं होना चाहिए. इसके अलावा दरवाजा वास्तु के मुताबिक सकारात्मक पोजिशन में होना चाहिए.
चीजों में मामूली बदलाव
सुनिश्चित करें कि वास्तु के दिशाओं के नियमों का पालन हो, भले ही घर किराये का ही क्यों न हो. आप सोने की जगह, फर्नीचर में मामूली बदलाव कर ऐसा कर सकते हैं. इसके लिए आपको ढांचे में बदलाव करने की भी जरूरत नहीं है.
दरवाजों की प्लेसमेंट
सारे घर के दरवाजे अंदर की ओर खुलने चाहिए क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा आती है. इसके अलावा, प्रॉपर्टी की निरीक्षण करते वक्त जांच लें कि दरवाजे सही दिशा में खुलते हों. घर में रहने आने से पहले दरवाजों के कब्जे में तेल डाल दें ताकि वे चरचर ना करें. साथ ही अगर टूट-फूट हुई है तो आने से पहले ही उसको ठीक करा लें.
खराब वास्तु आपकी मानसिक शांति को कैसे प्रभावित कर सकता है?
वास्तु केवल वास्तुकला तक सीमित नहीं है, यह इस बात को भी प्रभावित करता है कि हम किसी स्थान में कैसा महसूस करते हैं। जिन घरों में बड़े वास्तु दोष होते हैं, उनमें रहने वाले किरायेदार अक्सर नींद में बाधा, बार-बार झगड़े, मूड में उतार-चढ़ाव या एक सामान्य बेचैनी जैसी समस्याओं की शिकायत करते हैं। ये प्रभाव सूक्ष्म हो सकते हैं, जो लगातार बने रहते हैं, जिससे मानसिक थकान या उत्साह की कमी हो सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि आप सिर उत्तर दिशा में रखकर सोते हैं या जिस घर का उत्तर-पूर्व कोना बंद होता है, तो वास्तु एक्सपर्ट के अनुसार, यह मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। इसी तरह, ऐसे घर, जिनमें रोशनी कम हो, कोने टूटे हुए हों या बीम खुली दिखाई देती हो, वहां भी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है, जिससे मानसिक संतुलन और भावनात्मक सौहार्द प्रभावित हो सकता है।
ऐसे में यदि आप किराए के घर में रहते हैं तो उसमें किसी भी तरह की तोड़फोन करके उसमें सुधार कर पाना बेहद मुश्किल होता है, इस परिस्थिति में आप अपने सोने की दिशा बदलकर या नमक मिले पानी की कटोरी रखकर या श्री यंत्र और गणेश प्रतिमा जैसे शांतिदायक प्रतीकों का प्रयोग करके वास्तु दोषों को कम कर सकते हैं। इन साधारण उपायों से भी काफी सकारात्मक महसूस कर सकते हैं।
2025 में किराये के मकान में प्रवेश का मुहूर्त
जनवरी
तिथि | मुहूर्त |
जनवरी 3, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र, 08:32 PM से 06:46 AM, जनवरी 4 |
जनवरी 13, 2025 | रोहिणी नक्षत्र, 05:07 PM से 07:33 PM |
जनवरी 14, 2025 | मृगशीर्ष नक्षत्र, 10:19 PM से 06:49 AM जनवरी 15 |
फरवरी
तिथि | मुहूर्त |
फरवरी 5, 2025 | पंचमी तिथि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र, 07:06 AM से 03:46 AM, फरवरी 6 |
फरवरी 10, 2025 | दशमी तिथि, मृगशीर्ष नक्षत्र, 11:08 AM से 07:02 AM, फरवरी 11 |
फरवरी 11, 2025 | दशमी और एकादशी तिथि, 07:02 AM से 06:38 AM, फरवरी 12 |
फरवरी 18, 2025 | द्वितीया तिथि, उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र, 04:42 PM से 06:55 AM, फरवरी 19
|
फरवरी 19, 2025 | तृतीया तिथि, उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र, 06:55 AM से 04:51 PM |
मार्च
तिथि | मुहूर्त |
मार्च 4, 2025 | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र, 01:56 AM से 01:51 AM, मार्च 5 |
मार्च 9, 2025 | रोहिणी नक्षत्र, 08:31 AM से 02:57 AM, मार्च 10 |
मार्च 18, 2025 | उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र, 12:34 AM से 12:47 PM |
अप्रैल
तिथि | मुहूर्त |
अप्रैल 6, 2025 | रोहिणी नक्षत्र, 06:16 AM से 06:01 PM |
अप्रैल 7, 2025 | मृगशीर्ष नक्षत्र, 08:33 PM से 10:41 PM |
अप्रैल 14, 2025 | उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र, 09:56 AM से 03:56 AM, अप्रैल 15 |
मई
तिथि | मुहूर्त |
मई 2, 2025 | रोहिणी नक्षत्र, 12:34 AM से 05:38 AM, मई 03 |
मई 11, 2025 | एकादशी तिथि, 07:28 PM से 05:31 AM, मई 12 |
मई 12, 2025 | एकादशी तिथि, 05:31 AM से 06:51 PM |
मई 13, 2025 | त्रयोदशी तिथि, 06:48 PM से 05:30 AM, मई 14 |
मई 16, 2025 | अनुराधा नक्षत्र, 01:18 PM से 05:28 AM, मई 17 |
मई 20, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र, पंचमी तिथि, 05:27 AM से 05:28 PM |
मई 25, 2025 | रेवती नक्षत्र, 05:25 AM से 05:24 AM |
मई 26, 2025 | रेवती नक्षत्र, 05:24 AM से 10:54 AM |
जून
तिथि | मुहूर्त |
जून 1, 2025 | मृगशीर्ष नक्षत्र, 05:23 AM से 01:01 PM |
जून 10, 2025 | चित्रा नक्षत्र, 05:22 AM से 03:37 AM, जून 11 |
जून 16, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र:, 12:37 PM से 05:22 AM, जून 17 |
जुलाई
तिथि | मुहूर्त |
जुलाई 6, 2025 | उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र, 06:02 AM से 11:44 AM |
जुलाई 13, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र, 11:18 PM से 12:07 AM, जुलाई 14 |
अगस्त
तिथि | मुहूर्त |
अगस्त 2, 2025 | उत्तर फाल्गुनी, नक्षत्र, 05:13 AM से 06:09 AM |
अगस्त 4, 2025 | चित्रा नक्षत्र, 05:41 AM से 06:47 PM |
अगस्त 10, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र, 09:40 AM से 02:16 PM |
अगस्त 29, 2025 | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, 06:11 AM से 11:04 PM |
अगस्त 31, 2025 | चित्रा नक्षत्र, 03:23 PM से 12:12 AM, सितंबर 1 |
सितंबर
तिथि | मुहूर्त |
सितंबर 2, 2025 | अनुराधा नक्षत्र, 11:47 PM से 06:12 AM, सितंबर 3 |
सितंबर 28, 2025 | चित्रा नक्षत्र, 06:12 AM से 06:14 AM |
सितंबर 30, 2025 | अनुराधा, 05:13 AM से 10:35 PM |
अक्टूबर
तिथि | मुहूर्त |
अक्टूबर 27, 2025 | अनुराधा नक्षत्र, 12:11 PM to 10:34 AM, अक्टूबर 28 |
अक्टूबर 31, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र, 06:16 AM से 01:11 AM, नवंबर 1 |
नवंबर
तिथि | मुहूर्त |
नवंबर 28, 2025 | उत्तर आषाढ़ नक्षत्र, 06:27 AM से 10:29 AM |
दिसंबर
तिथि | मुहूर्त |
दिसंबर 2, 2025 | उत्तर भाद्रपद नक्षत्र, 06:56 AM से 06:57 AM, दिसंबर 03 |
दिसंबर 3, 2025 | रेवती नक्षत्र, 06:57 AM से 05:34 AM, दिसंबर 04 |
दिसंबर 8, 2025 | रोहिणी, मृगशीर्ष नक्षत्र, 09:37 AM से 07:01 AM, दिसंबर 09 |
दिसंबर 9, 2025 | मृगशीर्ष नक्षत्र, 07:01 AM से 02:59 PM |
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ के अनुसार, हिंदू कैलेंडर के आधार पर किराये के मकान में प्रवेश का मुहूर्त चुनना चाहिए। 2025 में किराए के मकान में किस दिन जाना चाहिए, इसके लिए शुभ दिनों का उल्लेख ऊपर किया गया है।
किराए के घर का वास्तु: कमरे और विभिन्न सामान रखने के टिप्स
आइटम | कहां रखना है | वास्तु अनुपालन का प्रभाव |
भारी सामान | पश्चिम या उत्तर | वित्तीय मजबूती को बरकरार रखता है |
पूजा घर | नॉर्थ ईस्ट | चिंता मुक्त जीवन |
मास्टर बेडरूम | साउथ या वेस्ट | अच्छा स्वास्थ्य, स्वयं और परिवार के लिए सुखी जीवन |
ड्रेसिंग टेबल | ईस्ट या नॉर्थ | वास्तु दोष से बचाता है |
दक्षिण पश्चिम दिशा में खिड़कियां | उन्हें बंद रखें | मानसिक शांति, अच्छा स्वास्थ्य और वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करता है |
कुकटॉप (सिंगल रूम के मामले में) | साउथ-ईस्ट | स्टेटस और वेल्थ |
आभूषण, एटीएम कार्ड, पासपोर्ट सहित मूल्यवान वस्तुएं | साउथ वेस्ट | समृद्धि |
क्या हो अगर आप शेयर फ्लैट में केवल एक ही कमरा किराए पर लें? पीजी और को-लिविंग सेटअप्स के लिए कुछ वास्तु टिप्स
शहरों में कई किरायेदार पीजी या शेयरिंग फ्लैट में रहते हैं, जहां उनके हिस्से में फ्लैट का सिर्फ एक ही कमरा आता है या उनका नियंत्रण सिर्फ एक कमरे तक सीमित होता है। पूरा घर उनके अधीन नहीं होता। ऐसे मामलों में भी वास्तुशास्त्र के कुछ नियमों को केवल अपने कमरे पर ध्यान देकर आंशिक रूप से अपनाया जा सकता है और अपने कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकते हैं। यहां कुछ ऐसे ही व्यावहारिक उपाय दिए गए हैं –
सोने की दिशा सबसे महत्वपूर्ण है: बेहतर आराम और मानसिक शांति के लिए सिर को दक्षिण या पूर्व की ओर रखें।
स्टडी टेबल की दिशा: पढ़ाई या काम की मेज को उत्तर या पूर्व की ओर रखें ताकि ध्यान और एकाग्रता बनी रहे।
वास्तु-अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करें: अपने कमरे में विंड चाइम्स लटकाएं, एक छोटा श्री यंत्र रखें या नकारात्मक ऊर्जा को सोखने के लिए समुद्री नमक से भरा कटोरा भी रख सकते हैं।
अव्यवस्था और अंधेरे से बचें: कमरे को साफ-सुथरा, रोशन से भरपूर रखें। कमरे में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न रखें। यह कुछ वास्तु के मूल सिद्धांतों हैं, जिन्हें आप अपने कमरे में आजमा सकते हैं।
कपड़ों और रंगों का समझदारी से उपयोग करें: इसके अलावा आप बेडशीट और परदों के लिए हल्का हरा या हल्का पीला जैसा शांत रंग चुन सकते हैं ताकि सामंजस्य बना रहे।
दर्पण को लेकर सावधानी रखें: कमरे में दर्पण इस तरह न लगाएं कि वह सीधे आपके बिस्तर को दिखाए, चाहे कमरा छोटा ही क्यों न हो।
भले ही पूरे फ्लैट में वास्तु दोष हों, आपके कमरे में स्थान में भी आप संतुलन और ऊर्जा का प्रवाह सकारात्मक बनाकर शांति और स्थिरता ला सकते हैं।
किस दिशा की ओर मुख वाला घर मेरे नाम के लिए शुभ है?
जिस घर में व्यक्ति जन्म लेता है, वह घर व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हालाँकि ऐसी परिस्थितियाँ हो सकती हैं जब किसी को दूसरे घर में जाने या नया घर बनाने की जरूरत पड़ जाए। ऐसा होने पर यह पता लगाना जरूरी है कि प्रॉपर्टी अच्छी है या नहीं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह जानने की प्रक्रिया कि कोई घर हमारे लिए अच्छा है या बुरा, अरवाना या निर्माण की योजना के रूप में जाना जाता है। यह किसी के जन्म के तारे या नाम के तारे के आधार पर निर्धारित किया जा सकता है, जो कि किसी के पहले नाम का शुरुआती अक्षर होता है। आमतौर पर घर के मुख्य द्वार का निर्धारण करना अच्छा होता है, जिसे नाम के तारे के अनुसार ‘सिंह द्वार’ भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय राज्यों में कुछ लोग अपने जन्म के तारे या सूर्य राशि के आधार पर घर के प्रवेश द्वार का चयन करना पसंद करते हैं।
अधिकांश भाषाओं के अक्षरों को आठ वर्गों या अष्ट वर्ग में वर्गीकृत किया जा सकता है। निम्न तालिका विभिन्न वर्गों के लिए घर की दिशा को निर्धारित करने में मदद करती है।
प्रारंभिक अक्षरों या ध्वनियों के साथ वर्ग | दिशा |
अ वर्ग (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः) | पूरब |
क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ) | दक्षिण पूरब |
च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) | दक्षिण |
ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण ) | दक्षिण पश्चिम |
त वर्ग (त, थ, द, ध, न) | पश्चिम |
प वर्ग (प, फ, ब, भ, म) | पूरब पश्चिम |
य वर्ग (य, र, ल, व) | उत्तर पश्चिम |
स वर्ग (श, ष, स, ह, क्ष) | पूर्वोत्तर |
सामान्य तौर पर उत्तर और पूर्व को घर के लिए आदर्श दिशा माना जाता है। उत्तरमुखी घर धन और समृद्धि को आकर्षित करता है जबकि पूर्वमुखी घर शौहरत लाती है। उत्तरमुखी प्लॉट या प्रॉपर्टी कर्क, वृश्चिका और मीन राशि के लोगों के लिए अच्छी होती है। धनु राशि वाले लोगों के लिए दक्षिणमुखी प्रॉपर्टी अनुकूल हो सकती है। हालांकि, आमतौर पर लोग दक्षिणमुखी प्लॉट से बचते हैं।
किराए के घर में मेन गेट के लिए वास्तु टिप्स
आम तौर पर माना जाता है कि वास्तु के अनुसार, ऐसे किराए के घर को शुभ नहीं माना जाता है, जिसका मेन गेट दक्षिण-पूर्व दिशा में हो। ऐसे घरों को शुरू से ही न लेने की सलाह दी जाती है।
जिस किराए के घर का द्वार उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होता है, वह शुभ होता है। यदि आप इस घर में लंबे समय तक रहने की योजना बना रहे हैं, तो पूर्व दिशा में ऊंचाई या नीचाई पर ध्यान दें। यदि पूर्व दिशा अधिक ऊंची है, तो यह परिवार के मुखिया के लिए अच्छा नहीं माना जाता।
गलत दिशा में अटैच बाथरूम हो तो क्या करें?
किराए के घरों में अक्सर अटैच बाथरूम फिक्स रहते हैं और उन्हें वास्तु के अनुसार बदलना संभव नहीं होता। खासकर अगर बाथरूम उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो तो यह बेहद अशुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो सकती है और आर्थिक हानि हो सकती है या स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी आ सकती हैं। ऐसे में वास्तु उपाय के रूप में बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें और एक कोने में समुद्री नमक से भरा कटोरा रखें ताकि वह नकारात्मक ऊर्जा सोख सके। हर हफ्ते आप नमक के पानी को बदलना न भूलें। आप बाथरूम के दरवाजे के पास एरेका पाम या बांस जैसा छोटा इनडोर पौधा भी रख सकते हैं, जिससे वहां की ऊर्जा बेहतर हो जाती है। साथ ही, पीले या ऑफ-व्हाइट रंग के शावर कर्टन का उपयोग करने से भारी ऊर्जा प्रवाह को संतुलित किया जा सकता है।
अगर ये वास्तु दोष देखें तो तुरंत घर से शिफ्ट करें
अगर आप किसी नए किराए के घर में जाने के लिए तैयार बैठे हैं, तो आपको विशेष रूप से इस पर ध्यान देना चाहिए और इसके तुरंत बाद शिफ्ट होने से बचना चाहिए. हम आपको कुछ मामलों के बारे में बता रहे हैं, जहां आप बतौर किरायेदार वास्तु दोषों को सुधार नहीं पाएंगे इसलिए वहां से निकलने में ही भलाई है.
- अगर आप देखें कि उत्तर और पूर्व दिशा बंद है या फिर काफी भरा-भरा है. ऐसे में बाहर निकलने में ही भलाई है.
- यदि आप नोटिस करते हैं कि संपत्ति का उत्तर-पूर्व हिस्सा भी ऊंचाई का नहीं है.
- अगर पश्चिमी हिस्सा काफी खुला हो तो घर बदल लें.
- अगर पश्चिम क्षेत्र में एक पानी की टंकी, एक छेद, एक तहखाने या एक कुआं भी है.
- अगर उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम भाग क्षतिग्रस्त और टूटा हुआ है.
किराये के घर के लिए आसान वास्तु टिप्स
कुछ किफायती टिप्स अपनाकर आप किराये के घर को और आरामदायक और शांतिपूर्ण बना सकते हैं.
- नमक के पानी से घर में नियमित तौर पर पोछा लगाएं.
- सुनिश्चित करें कि कमरों में दुर्गंध न हो. इसके लिए अगरबत्ती, सुगंधित तेल या फिर धूप जलाएं.
- आरामदायक माहौल बनाने के लिए अच्छा म्यूजिक चलाएं.
- घर में पौधे उगाएं और फूल भी रखें.
- घर में खूबसूरत पेंटिंग्स लगाएं और ऐसी पेंटिंग्स से बचें, जिनसे भ्रम पैदा हो.
- साफ-सुथरा होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी. यह भी लगातार देखते रहें कि घर में मकड़ी के जाले न लगें.
- यह भी ध्यान रखें कि घर की सारी घड़ियां चालू हों.
- सुनिश्चित करें कि घर में नल, पाइप और नल से कोई रिसाव न हो। किराए के मकान में भी पानी टपकना शुभ नहीं माना जाता है।
- अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए घर के कोनों को साफ और अच्छे से रोशन रखें।
- नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए इस्तेमाल न होने पर बाथरूम के दरवाजे बंद रखें।
- किचन में दवाइयां न रखें।
- जूते को मुख्य द्वार के सामने न रखें क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, अच्छी ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए खाने की मेज पर हमेशा एक कटोरी फल, ताजे फूल, सूखे मेवे या एक जग पानी रखें, ताकि खाने की मेज कभी खाली न रहे।
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किराएदारों के लिए कौन से वास्तु उपाय सस्ते और आसान होते हैं?
अगर आप किराए के मकान में रह रहे हैं और ज्यादा खर्च किए बगैर या दीवारों में किसी भी प्रकार की तोड़ फोड़ किए बगैर वास्तु दोष ठीक करना चाहते हैं तो आप प्रतीकात्मक और कम खर्च वाले उपायों भी आजमा सकते हैं। घर के कोनों में समुद्री नमक के कटोरे रखने से नकारात्मकता सोखने में मदद मिलती है और यह बेहद सस्ता होता है। इसके अलावा घर के विभिन्न कमरों में कपूर के टुकड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो ऊर्जा को शुद्ध करते है। महीने में एक बार कपूर के टुकड़ों को हटाकर उसके स्थान पर नए कपूर के टुकड़े रखना न भूलें। रोजाना के आसान उपाय के तौर पर आप दरवाजे के पास दीया जलाना या धीमी भक्ति धुन बजाकर भी घर में सकारात्मक ऊर्जा का स्तर बढ़ा सकते हैं। हल्के रंग के परदे लगाना, पलंग के सामने आईना न रखना, घर के पूर्व या उत्तर दिशा में पौधे लगाना और प्रवेश द्वारों पर स्वस्तिक चिन्ह बनाना – ये सभी कम खर्च वाले लेकिन प्रभावशाली वास्तु उपाय हैं। इन उपायों के लिए मकान मालिक की अनुमति नहीं चाहिए और जब मकान बदलें तब इन्हें आसानी से हटाया जा सकता है।
बिना किसी ढांचागत बदलाव के वास्तु दोष को कैसे ठीक करें?
इसके लिए आप इन वैदिक उपायों पर विचार कर सकते हैं.
- घर में गणेश पूजा, नवग्रह पूजा और वास्तु पुरुष पूजा कराएं.
- घर में वास्तु पुरुष की मूर्ति, चांदी से बना सांप, तांबे के तार, मोती और पावला रखें. ये सारी चीजें लाल कपड़े में डालकर पूर्व दिशा में रखें.
- घर के एंट्रेंस की हर रोज पूजा करने की आदत डालें. वहां कुमकुम और चावल के साथ स्वास्तिक और शुभ लाभ के चिह्न बनाएं.
- नवचंदी, यज्ञ, शांतिपथ और अग्निहोत्र यज्ञ आपके किराये के घर में शांति लेकर आएगा.
- घर में गणेश जी की फोटो भी रखें.
- अगर साउथ-वेस्ट कटा हुआ है, वहां नकारात्मक ऊर्जा है या परिवार में कलह है तो पितृशांति, पिंडदान, नागबलि, नारायण बलि की भी सलाह दी जाती है.
- मेन गेट से घर में एंट्री करते वक्त सबसे पहली चीज जो आप देखते हैं वह खाली दीवार नहीं होनी चाहिए. इसे ठीक करने के लिए गणेश जी की पेंटिंग या श्री यंत्र का चिह्न लगाएं. इससे एंट्रेंस कॉरिडोर में एनर्जी फ्लो सही होगा.
- घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी फर्नीचर, जैसे बिस्तर और बड़ी अलमारी रखें. बिस्तर को बीम के नीचे न रखें। साथ ही डाइनिंग टेबल का मुख आपके घर के मुख्य दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए।
वास्तु से कौन प्रभावित होगा: किरायेदार या मकानमालिक?
एक सवाल यह भी रहता है कि वास्तु दोषों से कौन प्रभावित होगा- मालिक या किरायेदार. विशेषज्ञों की इस विषय पर राय अलग है. वास्तु के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तु का पालन न करने के कारण वास्तविक उपयोगकर्ता ज्यादा प्रभावित होता है, हालांकि मालिक भी कुछ हद तक पीड़ित होता है. अन्य मानते हैं कि वास्तु के अच्छे और बुरे प्रभाव केवल उसी शख्स पर असर डालते हैं, जो उस घर में रहता है, भले ही घर किराये पर हो, मालिक खुद रहता हो या किसी और के नाम पर हो. अगर घर का मालिक अपना घर छोड़कर किसी और घर में शिफ्ट होता है तो उसके घर का वास्तु उस पर असर नहीं डालेगा. किसी भी तरह से, एक किरायेदार के रूप में, विशेषज्ञों का कहना है कि घर में शिफ्ट होने से पहले वास्तु मानदंडों का पालन करना बेहतर है, क्योंकि यह आपके अनुसार असर करेगा.
ये भी देखें: घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए वास्तु टिप्स
किराये के घर से नकारात्मक ऊर्जा को कैसे दूर करें?
लगातार हो रहे झगड़े, अवसरों का खोना, बार-बार मिल रही हार, मृत्यु और स्वास्थ्य को लेकर लंबे समय से चली आ रही बीमारियों को घर में नकारात्मक ऊर्जा का संकेत माना जाता है. डॉक्टरी चिकित्सा तो अपना काम करेगी ही लेकिन आपके घर को भी वास्तु दोषों से छुटकारा मिलना जरूरी है. ऐसा करने के बाद, सुनिश्चित करें कि आपका घर साफ और अव्यवस्थित है. इसके अतिरिक्त, सभी इस्तेमाल न होने वाली, क्षतिग्रस्त, टूटी-फूटी वस्तुओं को हटा दें जो आपके घर में नकारात्मक और स्थिर ऊर्जा पैदा कर रही हैं.
क्या वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिममुखी घर सही है?
यद्यपि उत्तरमुखी घर और पूर्वमुखी घर घर खरीदारों के लिए पसंदीदा विकल्प हैं, पश्चिममुखी घर भी उतना ही शुभ हो सकता है। जिस घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर हो उसे पश्चिममुखी घर कहते हैं। घर किसी व्यक्ति या परिवार के लिए उपयुक्त है या नहीं, यह मुख्य प्रवेश द्वार के स्थान और विभिन्न कमरों के स्थान पर निर्भर करेगा।
- ऐसे घरों में, मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए और बिल्डिंग की सबसे ऊपरी मंजिल पर होना चाहिए।
- पश्चिम मुखी घर में सीढ़ी दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। इसे दक्षिणावर्त दिशा में डिजाइन किया जाना चाहिए।
- लिविंग रूम के लिए पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा चुनें।
- लिविंग रूम में फर्नीचर पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखें।
- बच्चों के बेडरूम के लिए दक्षिण या पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि अगर आप उत्तर-पश्चिम का कमरा चुन रहे हैं तो दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में हो।
- उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम रसोई के लिए आदर्श दिशा हो सकती है। कुकटॉप को इस तरह से रखना सुनिश्चित करें कि खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
किराये के घर के लिए वास्तु: सकारात्मकता को कैसे आकर्षित करें
- घर की उत्तर-पूर्व दिशा में आंगन में एक मिनी-फव्वारा लगाएं क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि के प्रवाह का प्रतीक है.
- हर शाम तुलसी के पौधे या साफ पानी के बर्तन के पास एक दीया जलाएं. इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने में मदद मिलेगी.
- जैसे ही आप अपने नए घर में जाते हैं, सुनिश्चित करें कि आप पहले पूजा का कोना सेट करें और फिर बाकी सेटिंग्स करें. पूजा का यह कोना एक छोटा शेल्फ या एक बिल्ड-इन कैबिनेट भी हो सकता है.
- किराए के घर के मुख्य द्वार पर सूंड ऊपर उठाए हाथियों की जोड़ी की एक मूर्ती रखें। यह खुशी और अच्छी किस्मत लाने में मदद करेगा।
- ऐसा कहा जाता है कि मोर पंख घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष को दूर करता है। अपने घर के प्रवेश द्वार पर कुछ मोर पंख रखें।
- किचन में झाड़ू को नजर से दूर रखें।
- घर के प्रवेश द्वार पर छह या आठ छड़ों के साथ एक विंड चाइम लटकाएं। इससे किराए के घर में भी वास्तु दोष दूर होता है और सौभाग्य और शांति प्राप्त होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
किराये के घर में वास्तु दोषों का असर किस पर पड़ेगा- मालिक या किरायेदार?
कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वास्तु दोषों का ज्यादा असर असली उपयोगकर्ता पर पड़ेगा. हालांकि कुछ हद तक मकानमालिक भी चपेट में आएगा.
किराये के घर में मेन डोर किस दिशा में होना चाहिए?
किराये का घर लेते वक्त मेन एंट्रेंस सबसे अहम पहलू है. सर्वश्रेष्ठ एंट्री है नॉर्थ ईस्ट, फिर नॉर्थ वेस्ट, ईस्ट, नॉर्थ और वेस्ट.
क्या किराये के घर में मेन डोर साउथ-ईस्ट में हो सकता है?
हो सके तो साउथ, साउथ ईस्ट और साउथ वेस्ट में मेन डोर वाले घरों को नजरअंदाज करें.
क्या गृह प्रवेश किराए के घर के लिए जरूरी है?
किराए के घर के लिए गृह प्रवेश पूजा करना अच्छा है क्योंकि यह शुभ होता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने और घर में सकारात्मकता और शांति लाने में मदद करता है।
यदि किराए के घर में मुख्य द्वार लिफ्ट की ओर है तो किराएदार को क्या करना चाहिए?
मुख्य द्वार पर बीच में स्वास्तिक लगाएं, या ॐ लिखें (या ॐ स्टिकर का इस्तेमाल करें)। यह मुख्य द्वार के सामने लिफ्ट के नकारात्मक प्रभाव को खत्म कर देगा।
वास्तु के अनुसार किराए के घर में वर्क स्टेशन कहां होना चाहिए?
अपने डेस्क (या होम ऑफिस) को इस तरह से रखें कि काम करते समय आपका मुख पूरब या उत्तर की ओर हो। साथ ही दरवाजे को ओर पीठ करके बैठने से बचें।
मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल टांगने से क्या लाभ होता है?
घोड़े की नाल अच्छी किस्मत और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। सुनिश्चित करें कि घोड़े की नाल को उल्टी दिशा में न लटकाएं।
(स्नेहा शेरोन मैमन और पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा के इनपुट्स के साथ)