क्या है हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जानें इसके बारे में हर जानकारी

इस आर्टिकल में हम आपको हरियाणा हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी यानी एचएसवीपी के बारे में बताने जा रहे हैं.

वो क्या कारण है कि हरियाणा के एक छोटे से शहर गुरुग्राम में पिछले तीन दशकों में जबरदस्त बदलाव आया, जो उसके पड़ोसी हासिल नहीं कर सके. मिलेनियम सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम की इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ ने इसे वर्ल्ड क्लास सिटी की श्रेणी में शुमार कर दिया है. लेकिन इस जबरदस्त बदलाव के पीछे कौन सी एजेंसी है?

साल 1977 और यह काम किसी खास संस्था को सौंपे जाने से पहले, हरियाणा में शहरी विकास के कामकाज अर्बन एस्टेट डिपार्टमेंट करता था. एक शहरी विकास संस्था की स्थापना के साथ, जिसे पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के रूप में जाना जाता था, उस वर्ष राज्य में शहरीकरण की गति बढ़ गई.

अब इसे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के नाम से जाना जाता है. यह हरियाणा सरकार का सांविधिक निकाय है, जिसका गठन हरियाणा अर्बन डेवेलपमेंट एक्ट 1977 के तहत किया गया है ताकि ‘अविकसित भूमि का अधिग्रहण करके शहरी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा दिया जा सके और उसे सुरक्षित बनाया जा सके’. यह एजेंसी आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए भूमि का विकास और निपटान करती है.

HSVP: कुछ जरूरी बातें
कब हुई स्थापना साल 1977 में
क्या कहा जाता है हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA)
क्षेत्राधिकार पूरे हरियाणा में 30 शहरी टाउनशिप्स
क्या हैं जिम्मेदारियां शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रबंधन और विकास और समाज के सभी वर्गों को किफायती आवास मुहैया कराना

एचएसवीपी की मुख्य जिम्मेदारियां

एचएसवीपी के पास पूरे हरियाणा में 30 शहरी टाउनशिप्स की जिम्मेदारी है. इसकी अन्य मुख्य जिम्मेदारियों में समाज के सभी वर्गों को किफायती आवास मुहैया कराना और उच्च मानदंडों के शहरी इन्फ्रास्क्चर डिजाइन, डेवेलप और मैनेज करना.

इसकी अन्य जिम्मेदारियों में रिहायशी, औद्योगिक, मनोरंजन और वाणिज्यिक मकसद के लिए अधिग्रहित भूमि का उपयोग करना और हरियाणा हाउसिंग बोर्ड और अन्य निकायों को विकसित जमीन मुहैया कराना, ईडब्ल्यूएस  (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) को मकान उपलब्ध कराने के लिए योजनाबद्ध तरीके से शहरी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देना शामिल है.’ HUDA की अन्य जिम्मेदारियों में निर्माण कार्य भी शामिल है.

HUDA की शाखाएं

हुडा की 11 शाखाएं हैं, जो इसके विकास कार्यों में मदद करती हैं. इन शाखाओं में आर्किटेक्चर, अथॉरिटी, इंजीनियरिंग, एस्टेब्लिशमेंट, एन्फोर्समेंट, फाइनेंस, आईटी, मॉनिटरिंग, लीगल, प्लानिंग और पॉलिसी शामिल है.

एचएसवीपी हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियां

पूरे राज्य में एचएसवीपी ने कुल 50 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनियां बनाई हैं. सबसे ज्यादा 12-12 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनियां एचएसवीपी ने करनाल और रोहतक सर्किल में बनाई हैं.

गुड़गांव सर्किल में विकास संस्था ने धारूहेड़ा के सेक्टर 6, गुड़गांव के सेक्टर 39, 39 पॉकेट ए, 39 पॉकेट बी, 40, 51, 52, 55 और 56 और रेवाड़ी के सेक्टर 6 में हाउसिंग कॉलोनियां बनाई हैं.

एचएसवीपी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज

साल 1983 से HUDA बड़े शहरों में बहुमंजिला ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज डेवेलप कर रहा है. अब तक, HUDA पंजीकृत को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज, वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन, सरकारी डिपार्टमेंट को रेंटल हाउसिंग के लिए 800 एकड़ जमीन मुहैया करा चुका है.

एचएसवीपी रिहायशी प्लॉट स्कीम

वक्त-वक्त पर, हुडा शहर में खरीदारों को रिहायशी प्लॉट्स बेचता रहा है. साल 2019-2020 में उदाहरण के तौर पर एचएसवीपी ने नागरिकों को 3,07,529 प्लॉट्स के पोजेशन दिए हैं.

हुडा रिहायशी प्लॉट स्कीम के लिए योग्यता

हरियाणा में हुडा रिहायशी प्लॉट या ग्रुप हाउसिंग के लिए आवेदन करने के लिए, आवेदक को हरियाणा का नागरिक होना चाहिए और राज्य में उसके पति या पत्नी के नाम पर कोई अन्य घर या प्लॉट नहीं होना चाहिए.

हुडा के प्लॉट के लिए पेमेंट

ड्रॉ के जरिए हुडा रिहायशी प्लॉट्स का आवंटन करता है. विजेता को आवेदन जमा करते समय भूखंड की अस्थायी लागत का 10% बयाना के रूप में देना होता है. एक और 15% लागत का भुगतान आवंटन पत्र जारी करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर करना होता है. शेष 75% 60 दिनों के भीतर देना होता है. यह या तो एकमुश्त राशि, बिना ब्याज उस तारीख से जिस पर आवंटन पत्र जारी किया गया है या 9% ब्याज के साथ छह वार्षिक किस्तों में.

आवंटन पत्र जारी होने की तारीख से एक साल की समाप्ति के बाद पहली किस्त देनी होगी. बाकी राशि पर ब्याज उस तारीख से लगेगा, जिस दिन कब्जे की पेशकश की जाएगी. मौजूदा नीति के अनुसार विलंब की अवधि के लिए विलंबित भुगतानों पर 11% ब्याज प्रति वर्ष का प्रभार है.

HUDA की प्लॉट स्कीम के लिए जरूरी दस्तावेज

हुडा हरियाणा ग्रुप हाउसिंग स्कीम के तहत प्लॉट पाने के लिए आवेदकों को ये दस्तावेज जमा करने होंगे:
-आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी
-पैन कार्ड की कॉपी
-बर्थ सर्टिफिकेट की कॉपी
-वैध आय प्रमाणपत्र

इमारतों को लेकर हरियाणा में क्या हैं नियम

राज्य में सभी रिहायशी निर्माण  को लेकर HUDA रेग्युलेशन्स 1979 के प्रावधान (इमारतों का निर्माण) लागू होंगे. अगर किसी पहलू पर हुडा (इमारतों के प्रावधान) रेग्युलेशन्स एंड जोनिंग क्लॉज लागू नहीं होते हैं तो वहां बीआईएस (नेशनल बिल्डिंग कोड) लागू होगा.

आवासीय विकास के लिए स्वीकार्य अधिकतम कवरेज

साइट का एरिया जमीन पर अधिकतम कवरेज (आवासीय और सहायक क्षेत्रों सहित) पहली मंजिल पर स्वीकार्य अधिकतम कवरेज
साइट के कुल क्षेत्रफल के पहले 225 वर्ग मीटर के लिए साइट के ऐसे हिस्से का 60% 55%
क्षेत्र के अगले 225 वर्ग मीटर के हिस्से के लिए (225 और 450 वर्ग मीटर के बीच) साइट के ऐसे हिस्सा का 40 प्रतिशत 35%
साइट के बाकी हिस्से के लिए (450 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र का हिस्सा) साइट के ऐसे हिस्से का 35 प्रतिशत 25%

स्वीकार्य FAR और हुडा आवासीय क्षेत्रों में अधिकतम ऊंचाई

प्लॉट की श्रेणी अधिकतम स्वीकार्य FAR अधिकतम स्वीकार्य ऊंचाई
6 मरला 1.45 11 मीटर
10 मरला 1.45 11 मीटर
14 मरला 1.30 11 मीटर
1 कनाल 1.20 11 मीटर
2 कनाल 1.00 11 मीटर

हालांकि यहां ध्यान दें कि इमारतों की ऊंचाई की कोई सीमा नहीं है. हालांकि जो इमारतें 30 मीटर से ज्यादा ऊंची हैं, उन्हें नेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मंजूरी लेनी होगी. इसी तरह जो इमारतें 60 मीटर से ज्यादा ऊंची हैं, उन्हें मान्यता प्राप्त संस्थान जैसे आईटीटी, द पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज इत्यादि, इंस्टिट्यूट ऑफ फायर इंजीनियर, नागपुर से मंजूरी लेनी होगी. इसके अलावा जो इमारतें 15 मीटर से ज्यादा ऊंची हैं, उनमें बीआईएस बिल्डिंग कोड के मुताबिक सीढ़ियों के अलावा पर्याप्त एलिवेटर्स होने चाहिए.

ध्यान दें कि हाउसिंग सोसाइटीज के लिए, हरियाणा में मंजूर जनसंख्या घनत्व 100 से 300 व्यक्ति प्रति एकड़ या पांच व्यक्ति प्रति आवास इकाई है.

एचएसवीपी वेबसाइट पर उपलब्ध सुविधाएं

एचएसवीपी की आधिकारिक वेबसाइट पर नागरिकों को कई सुविधाएं दी जाती हैं, जिनमें ये शामिल हैं:

-ड्रॉ रिजल्ट
-कानूनी उत्तराधिकारी का आवेदन
-एनआरआई के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन
-बिल्डिंग प्लान की इजाजत
-प्लॉट पेमेंट्स
-ऑनलाइन पेमेंट का स्टेटस चेक करने का तरीका
-सार्वजनिक सुविधाओं की ऑनलाइन बुकिंग
-पानी के बिल की पेमेंट/नए पानी के कनेक्शन के लिए आवेदन
-अलॉटी के अकाउंट की जानकारी
-प्लॉट की स्थिति की जांच
-अकाउंट स्टेटमेंट प्रिंटिंग
-पेमेंट्स के लिए गाइडलाइंस
-जनरल पर्पज चालान
-पेमेंट चालान
-डुप्लीकेट स्कीम रसीद प्रिंटिंग
-टीडीएस डिटेल्स फाइलिंग
-असफल बैंक पेमेंट से जुड़े प्रश्नों के लिए कॉन्टैक्ट नंबर्स

हुडा से ऐसे करें संपर्क

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण
एचएसवीपी ऑफिस कॉम्प्लेक्स, सी-3, सेक्टर 6, पंचकूला, हरियाणा
फोन नंबर- 1800-180-3030
ई-मेल आईडी-[email protected]

खरीदार रहें सावधान

अतीत में कई धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं, जहां जालसाजों ने हरियाणा में भोले-भाले खरीदारों को यह कहकर प्लॉट बेचने की कोशिश की कि ये हुडा के हैं. नवंबर 2020 में, हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से हुडा प्लॉट्स की धोखाधड़ी में शामिल थे. इन प्लॉट्स को फरीदाबाद में झुग्गी-झोपड़ी वालों को आवंटित किया जाना था.

खरीदारों को आधिकारिक वेबसाइट पर ही ऑनलाइन आवेदन देना चाहिए और हुडा के प्लॉट्स या हाउसिंग स्कीम्स के लिए अप्लाई करने के लिए किसी थर्ड पार्टी से हाथ नहीं मिलाना चाहिए.

एचएसवीपी: ताजा अपडेट्स

HUDCO आम्रपाली को दे सकता है फंड

सुप्रीम कोर्ट ने हुडको से पूछा है कि क्या वह रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने का इच्छुक है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए हुडको फंड देने का इच्छुक है.

HUDA एक इकाई है, न कि एक संप्रभु संस्था: CCI

कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी सीसीआई ने कहा है कि एचएसवीपी के कामकाज कॉम्पिटिशन से संबंधित नियमों के दायरे से परे नहीं हैं. निगम के खिलाफ गुरुग्राम इंस्टीट्यूशनल वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए CCI ने यह बात कही. इससे पहले HUDA ने असोसिएशन द्वारा बिना इजाजत लिए प्रॉपर्टी और प्लॉट के अधिकार ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी थी. जवाब में हुडा ने दलील दी कि उसे कॉम्पिटिशन कमीशन एक्ट, 2002 के प्रावधानों के तहत एक ‘एंटरप्राइज’ के रूप में नहीं रखा जा सकता और सीसीआई द्वारा उसके अधिकार क्षेत्र पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. इस मामले में हुडा को दोषी नहीं ठहराते हुए सीसीआई ने कहा कि ‘बिना किसी शक के यह एक एंटरप्राइज था’.

पूछे जाने वाले सवाल

हुडा कब बना था?

हुडा साल 1977 में बना था.

क्या HUDA और HSVP एक ही संस्था है?

हरियाणा में शहरी विकास संस्था को पहले HUDA कहा जाता था और अब इसे HSVP कहा जाता है.

हुडा का हेड ऑफिस कहां स्थित है?

हुडा का हेड ऑफिस हरियाणा के पंचकूला में स्थित है.

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