घर किराया भत्ता (HRA) आमतौर पर कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा होता है। यह वेतन का वह हिस्सा होता है, जिस पर भारत के आयकर कानूनों के तहत टैक्स लगाया जाता है, हालांकि एक निश्चित सीमा तक टैक्स में छूट भी दी जाती है। अपने वेतन के HRA हिस्से पर टैक्स बचाने के लिए, आपको हर साल अपने नियोक्ता को किराए की हालिया रसीद दिखानी होती हैं। यदि कोई किराएदार प्रतिमाह 3,000 रुपए से अधिक किराया देता है, तो यह नियम लागू होता है। इसलिए आपका नियोक्ता हर तिमाही किराया भुगतान का प्रमाण मांगता है, अन्यथा आपकी सैलरी से ज्यादा टैक्स काट लिया जाता है।
किराए की रसीद क्या होती है?
किराए की रसीद एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जिसे मकान मालिक किराएदार को किराया भुगतान का प्रमाण देने के लिए देता है। इसमें आमतौर पर भुगतान की गई राशि, भुगतान की तारीख, किराए की अवधि, किराएदार का नाम और संपत्ति का पता शामिल होता है। यह रसीद दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण होती है। किराएदार इसे रिकॉर्ड रखने या कर संबंधी कामों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि मकान मालिक इसे विवादों के समाधान या कर में छूट के लिए उपयोग कर सकते हैं।
किराए की रसीद के फायदे
- भुगतान का प्रमाण: किराए की रसीद किराया चुकाने का आधिकारिक सबूत होती है, जिससे किराएदार और मकान मालिक के बीच गैर-भुगतान को लेकर विवाद नहीं होता।
- टैक्स में लाभ: किराएदार इनकम टैक्स एक्ट की धारा-80GG के तहत किराए की रसीद दिखाकर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
- कानूनी सुरक्षा: किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति में, किराए की रसीद नियमित भुगतान का प्रमाण होती है, जिससे जबरन बेदखली से सुरक्षा मिलती है।
- पारदर्शिता: यह किराए की राशि, भुगतान की तारीख और किसी भी बदलाव को स्पष्ट करता है, जिससे मकान मालिक और किराएदार के बीच भरोसा कायम रहता है।
- वित्तीय रिकॉर्ड: यह दोनों पक्षों को व्यवस्थित वित्तीय रिकॉर्ड रखने में मदद करता है, जो भविष्य में लोन आवेदन या संपत्ति से जुड़े लेन-देन में काम आ सकता है।
क्या HRA छूट का दावा करने के लिए किराया रसीद देना अनिवार्य है?
हां, सरकार नियमों के अनुसार, “हालांकि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के भुगतान के लिए किराए की रसीद की आवश्यकता नहीं हो सकती है, लेकिन धारा 10(13A) के तहत छूट देने के लिए यह आवश्यक है कि कर्मचारी ने वास्तव में किराए पर खर्च किया हो।”
आयकर विभाग ने एक सर्कुलर के माध्यम से यह जानकारी दी है कि “कर कटौती के लिए, भुगतान करने वाले अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्मचारी ने सचमुच किराए पर खर्च किया हो। सभी कर्मचारियों के मामले में किराए का भुगतान रेंट रिसिप्ट के माध्यम से सत्यापित किया जाना चाहिए।”
आपके HRA का कितना हिस्सा टैक्स से मुक्त है?
आप आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) के तहत अपने HRA (हाउस रेंट अलाउंस) का कुछ हिस्सा टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। टैक्स से छूट मिलने वाली राशि इनमें से सबसे कम होगी:
- आपको मिला वास्तविक HRA
- यदि आप मेट्रो शहर में रहते हैं, तो वेतन का 50 फीसदी
- यदि आप नॉन-मेट्रो शहर में रहते हैं, तो वेतन का 40 फीसदी
दिया गया वास्तविक किराया माइनस वार्षिक वेतन का 10 फीसदी
किराए की रसीद का प्रारूप (Rent receipt format)
किराए की रसीद का प्रारूप (Rent receipt format) सरल है। किराए की रसीद का प्रारूप (Rent receipt format) मकान मालिक और किराएदार के पहचान विवरण, मासिक किराए की राशि और किराए की संपत्ति के पते पर आधारित होता है।
किराए की रसीद का प्रारूप (Rent receipt format)
(आयकर अधिनियम की धारा 1 (13-ए) के तहत)
रुपये की राशि प्राप्त की। (शब्दों में)___________________________________________ (रुपये_________(अंकों में)____________________________
____________ पर स्थित हाउस नंबर _______________________ ________________________________________________ के संबंध में __________________ से ________________ तक प्रति माह @_________________________ किराए के लिए _____ ______________________________________________________________
(रुपये 1/- का राजस्व स्टाम्प लगाएं)
तारीख: मकान मालिक के हस्ताक्षर
नाम:
पता: _____________________
______________________________
______________________________
किराए की रसीद का सैंपल
यहां किराए की रसीद का मूल टेम्प्लेट है।
किराए की रसीद का हिंदी सैंपल
हिंदी में किराए की रसीद का मूल टेम्पलेट यहां दिया गया है:
भरा हुआ किराए की रसीद का फॉर्मैट
किराए की रसीद में इन बातों का उल्लेख होना चाहिए
किराए की रसीद में निम्नलिखित विवरण स्पष्ट रूप से दर्ज होने चाहिए:
- रसीद संख्या: किराए की रसीद के लिए एक विशिष्ट संदर्भ संख्या होना चाहिए, जिससे ट्रैकिंग आसान हो।
- जारी करने की तारीख: रसीद जारी करने की तारीख।
- मकान मालिक की जानकारी: मकान मालिक या संपत्ति प्रबंधक का नाम, पता और कॉन्टेक्ट नंबर की जानकारी होना चाहिए।
- किराएदार की जानकारी: किराएदार का नाम, पता और संपर्क विवरण होना चाहिए।
- किराए की संपत्ति की जानकारी: किराए की संपत्ति का पता, जिसमें फ्लैट नंबर या कोई अन्य विशिष्ट विवरण हो सकता है।
- भुगतान की जानकारी: भुगतान की गई किराए की राशि, भुगतान का तरीका (जैसे नकद, चेक या ऑनलाइन ट्रांसफर) और भुगतान की अवधि (मासिक, साप्ताहिक आदि)।
- देरी शुल्क: यदि कोई विलंब शुल्क या जुर्माना लागू हो, तो उसका उल्लेख करें।
- हस्ताक्षर: भुगतान की पुष्टि के लिए मकान मालिक और किराएदार के हस्ताक्षर की जगह।
किराए की रसीद की आवश्यकता कब होती है?
मकान किराया भत्ता या HRA का क्लेम केवल तभी किया जा सकता है जब आप किराए के भुगतान के बदले किराये की रसीद देते हैं। यदि आप 3,000 रुपये से अधिक के मासिक किराए के भुगतान के लिए किराये के आवास के लिए HRA का क्लेम करना चाहते हैं, तो अपने नियोक्ता को किराए की रसीद देना अनिवार्य है। अपने माता-पिता को किराया देने वालों को HRA कटौती का क्लेम करने के लिए भुगतान के प्रमाण के रूप में किराए की रसीद भी देनी होगी।
किराए की रसीद पर लगने वाले राजस्व स्टाम्प का मूल्य क्या है?
प्रत्येक किराए की रसीद पर 1 रुपये का राजस्व स्टाम्प लगाया जाता है।
किराए की रसीद के लिए 1 रुपये का राजस्व टिकट
क्या मकान मालिक का PAN देना जरूरी है?
सिर्फ उन्हीं किराएदारों को मकान मालिक का PAN देना होगा जो 8,333 रुपए मासिक किराया या सालाना 1 लाख रुपए चुका रहे हैं।
क्या PAN कार्ड की फोटोकॉपी देना जरूरी है?
हां, मकान मालिक के PAN का नंबर देने के अलावा, आपको किराए की रसीद के साथ उसके PAN की एक सेल्फ-अटेस्टेड कॉपी भी देनी होगी।
मुझे किराए की रसीद कब जमा करनी होगी?
आपका नियोक्ता आपको वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले, आमतौर पर जनवरी और मार्च के बीच, किराए की रसीदें जमा करने के लिए कहेगा। भले ही आप अपने किराए का भुगतान क्रेडिट कार्ड या अन्य ऑनलाइन मनी ट्रांसफर चैनलों के माध्यम से कर रहे हों, आपको अपने मकान मालिक से किराए की रसीद प्राप्त करनी होगी और HRA कटौती का क्लेम करने के लिए अपने नियोक्ता को जमा करनी होगी।
क्या मासिक रेंट रसीदों की आवश्यकता है?
नहीं, किराए की रसीद पूरी तिमाही के लिए जमा की जा सकती है, यानी 3 महीने की अवधि के लिए, छमाही अवधि के लिए या वित्तीय वर्ष के अनुसार वार्षिक अवधि के लिए। याद रखें कि आयकर उद्देश्यों के लिए, खर्चों को वित्तीय वर्ष के आधार पर माना जाता है न कि कैलेंडर वर्ष के आधार पर।
क्या होगा अगर मैं अपने नियोक्ता को किराए की रसीद जमा नहीं कर पाता हूं?
यदि आप समय पर किराए की रसीद जमा नहीं कर पाते हैं, तो आपका नियोक्ता आपके टैक्स स्लैब के अनुसार पूरी टैक्स योग्य राशि को TDS के रूप में काट लेगा। हालांकि, आप अपने ITR में HRA छूट का क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आपको मैन्युअल रूप से छूट प्राप्त HRA राशि की गणना करनी होगी।
डिजिटल किराया रसीदों के रिकॉर्ड रखने का आसान तरीका
किराएदारों को अब पारंपरिक तरीके से दुकानों से किराया रसीद खरीदने की जरूरत नहीं है। आजकल ऑनलाइन सेवाएं डिजिटल किराया रसीद बनाने की सुविधा देती हैं। उदाहरण के लिए, Housing Edge ऐप की मदद से मकान मालिक और किराएदार आसानी से मुफ्त में किराया रसीद जनरेट कर सकते हैं।
किराया रसीद बनाने के महत्वपूर्ण बिंदु
टैक्स उद्देश्यों के लिए किराया रसीद बनाते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- किराये का समझौता: किराया रसीद की वैधता सुनिश्चित करने के लिए एक औपचारिक किराया समझौता होना जरूरी है। इसमें मासिक किराया, लीज की अवधि और संपत्ति से जुड़े किसी भी उपयोगिता बिल का जिक्र होना चाहिए।
- साझा आवास की स्थिति: यदि आप साझा आवास में रहते हैं तो समझौते में किरायेदारों की संख्या और किराए व उपयोगिता खर्च के विभाजन का स्पष्ट विवरण होना चाहिए।
- ऑनलाइन किराया भुगतान: किराया ऑनलाइन भुगतान करना बेहतर होता है, क्योंकि इससे भुगतान का स्पष्ट रिकॉर्ड रहता है।
- रेवेन्यू स्टांप वाली रसीद: किराया रसीद पर रेवेन्यू स्टांप होना जरूरी है, खासकर यदि आप एचआरए (HRA) जैसी कर छूट का दावा करना चाहते हैं। यदि आपका मासिक किराया 3,000 रुपए से अधिक है, तो एचआरए छूट के लिए किराया रसीद आवश्यक है।
- 1 लाख रुपए से अधिक वार्षिक किराया: यदि आपका वार्षिक किराया 1 रुपए लाख से अधिक है, तो आपको अपने नियोक्ता को मकान मालिक का पैन (PAN) नंबर देना होगा। यदि पैन उपलब्ध नहीं है, तो मकान मालिक को एक घोषणा पत्र देना होगा और आपको ‘फॉर्म 60’ भरकर नियोक्ता को जमा करना होगा।
- समझौते से अधिक किराया भुगतान: कुछ मामलों में, कर्मचारी समझौते में बताए गए किराए से अधिक भुगतान कर सकते हैं। ऐसे में, टैक्स छूट उस किराया रसीद के आधार पर मिलेगी जो कर्मचारी द्वारा दी गई है, न कि मूल समझौते पर।
फर्जी किराया रसीद क्या होती हैं?
फर्जी किराया रसीद वे नकली दस्तावेज होते हैं, जो झूठा दिखाते हैं कि किराए का भुगतान किया गया है। इन्हें आमतौर पर धोखाधड़ी के उद्देश्यों से इस्तेमाल किया जाता है, जैसे –
- कर बचाने के लिए धोखाधड़ी: कुछ लोग किराए की फर्जी रसीद दिखाकर टैक्स में कटौती का दावा करते हैं, जबकि उन्होंने असल में किराया नहीं दिया होता। इससे उनकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।
- कृत्रिम आय दिखाने के लिए: कुछ लोग ऋण या अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने के लिए अपनी आय को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए नकली किराया रसीद पेश कर देते हैं।
- मकान मालिक की धोखाधड़ी: कुछ मामलों में मकान मालिक भी किराएदारों को फर्जी रसीद जारी कर सकते हैं, ताकि वे टैक्स लाभ या सब्सिडी का दावा कर सकें या असली किराए की आय को छिपा सकें।
फर्जी किराया रसीदों पर पेनाल्टी
फर्जी किराया रसीद जमा करने पर विभिन्न नियमों और अपराध की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग दंड हो सकते हैं:
- सिविल पेनाल्टी: मकान मालिक या प्रॉपर्टी प्रबंधन कंपनी आप पर मुकदमा कर सकती है। इसमें बकाया किराया या धोखाधड़ी से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई शामिल हो सकती है।
- कर दंड: अगर फर्जी रसीदों से कर में छूट ली जाती है, तो कर विभाग जुर्माना और बकाया कर पर ब्याज वसूल सकता है।
- आपराधिक आरोप: फर्जी दस्तावेज बनाना कानूनी अपराध हो सकता है। यदि दोषी साबित हुए, तो जुर्माना, सामुदायिक सेवा या जेल की सजा भी हो सकती है।
- प्रतिष्ठा को क्षति: फर्जी रसीद पकड़े जाने पर आपकी साख खराब हो सकती है। इससे भविष्य में किराए पर घर लेना, नौकरी पाना या बैंक से वित्तीय सहयोग लेना मुश्किल हो सकता है।
एचआरए क्लेम अस्वीकृत होने से कैसे बचें?
एचआरए क्लेम को अस्वीकृत होने से बचाने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें और सही दस्तावेज जमा करें –
अपने HRA क्लेम को अस्वीकार होने से कैसे बचाएं?
अपने HRA (हाउस रेंट अलाउंस) क्लेम को अस्वीकार होने से बचाने के लिए इन उपायों को अपनाएं और आवश्यक दस्तावेज प्रदान करें:
- वास्तविक किराया भुगतान: सुनिश्चित करें कि आप मकान मालिक को किराया दे रहे हैं, न कि किसी करीबी रिश्तेदार को, जिससे HRA क्लेम कर रहे हैं।
- किराए का समझौता: किराए के समझौते की एक प्रति रखें, जो आपके किराए पर रहने का प्रमाण हो।
- किराया रसीद: मकान मालिक से मूल किराया रसीद प्राप्त करें और सुरक्षित रखें। रसीद में मकान मालिक का नाम, पता, किराया राशि, किराए की अवधि होनी चाहिए और मकान मालिक के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं।
- मकान मालिक का पैन कार्ड: यदि वार्षिक किराया 1,00,000 रुपए से अधिक है, तो अपने नियोक्ता को मकान मालिक का पैन नंबर (PAN) प्रदान करें। ऐसा न करने पर आपका HRA क्लेम अस्वीकार किया जा सकता है।
- HRA का वेतन संरचना में उल्लेख: अपने वेतन पर्चे में देखें कि HRA का उल्लेख स्पष्ट रूप से हो।
- वास्तविक निवास: सुनिश्चित करें कि आप वास्तव में उस किराए के मकान में रह रहे हैं, न कि केवल टैक्स बचाने के लिए किराया रसीद प्राप्त कर रहे हैं।
- फॉर्म 12BB जमा करें: अपने नियोक्ता को फॉर्म 12BB के माध्यम से किराए की जानकारी दें, क्योंकि यह आमतौर पर आयकर दाखिल करने के लिए आवश्यक होता है।
- सही विवरण के साथ ITR दाखिल करें: अपनी आयकर रिटर्न (ITR) में सही HRA विवरण दें और उसे सही सेक्शन में भरें।
- भुगतान का प्रमाण: यदि आप नकद किराया देते हैं तो बैंक स्टेटमेंट या निकासी पर्ची जैसी प्रमाणिक जानकारी रखें।
- समय पर फाइलिंग: आयकर अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना आयकर रिटर्न दाखिल करें।
- सभी जानकारी में समानता: यह सुनिश्चित करें कि आपके टैक्स रिटर्न की जानकारी आपके सभी दस्तावेजों से मेल खाती हो, जिससे असमानता से बचा जा सके।
Housing.com का पक्ष
किराया रसीद HRA कर छूट का दावा करने, कर कानूनों का पालन सुनिश्चित करने और किरायेदार व मकान मालिक के बीच पारदर्शिता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। सही और समय पर दी गई किराया रसीद, जिसमें भुगतान राशि, किराया अवधि और मकान मालिक का पैन कार्ड नंबर शामिल हो, विवादों से बचने और एचआरए दावों को सुचारु बनाने के लिए जरूरी है। चाहे डिजिटल हो या मैन्युअल, किराया रसीदें भुगतान का विश्वसनीय प्रमाण होती हैं और किरायेदारों के अधिकारों की सुरक्षा के साथ कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। सही दिशा-निर्देशों का पालन कर किराएदार अधिकतम कर लाभ उठा सकते हैं और मकान मालिक के साथ अच्छे संबंध बनाए रख सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या किराए की रसीद ऑनलाइन जनरेट की जा सकती है?
हां, किरायेदार विभिन्न प्लेटफार्मों पर ऑनलाइन किराया रसीद जेनरेटर का उपयोग करके मुफ्त में ऑनलाइन रसीदें बना सकते हैं.
क्या किराया रसीद की ऑनलाइन कॉपी वैध हैं?
हां, अगर किराए की रसीद में मकान मालिक की सारी जानकारी और हस्ताक्षर हैं, तो इसे सॉफ्ट कॉपी के रूप में इम्प्लॉयर को जमा किया जा सकता है.
किराए की रसीद में क्या शामिल होना चाहिए?
किराएदार के किराए रसीद तैयार करते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। किराए की राशि: दी गई अवधि के लिए भुगतान की गई सटीक राशि। किराए की अवधि: जिस महीने और वर्ष के लिए किराया दिया गया है। भुगतान की तारीख: जिस दिन किराए का भुगतान किया गया। किराएदार का नाम: भुगतान करने वाले किराएदार का पूरा नाम। मकान मालिक या प्रबंधक का नाम: किराया प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम। भुगतान का तरीका: भुगतान कैसे किया गया (जैसे नकद, चेक, बैंक ट्रांसफर)। संपत्ति का पता: जिस प्रॉपर्टी के लिए किराया दिया गया, उसका पूरा पता। रसीद संख्या: रसीद की एक अनूठी पहचान संख्या, रिकॉर्ड रखने के लिए उपयोगी। प्राप्तकर्ता का हस्ताक्षर: मकान मालिक या किराया प्राप्त करने वाले व्यक्ति का हस्ताक्षर।
अगर मकान मालिक किराए की रसीद देने से इनकार करे तो क्या करें?
यह किराएदार के अधिकारों का उल्लंघन होगा। पहले मकान मालिक से लिखित रूप में रसीद देने का अनुरोध करें और जरूरत पड़ने पर स्थानीय कानूनों का उल्लेख करें। यदि फिर भी समस्या बनी रहती है, तो कानूनी सलाह लेना उचित होगा।
क्या किराए की रसीद का नोटरीकृत होना जरूरी है?
नहीं, किराए की रसीद को नोटरीकृत करवाने की जरूरत नहीं होती।
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