वैसे तो पूर्णिमा हर महिने के आखिरी दिन आती है, लेकिन अभी सावन चल रहा है तो जो पूर्णिमा सावन माह के अन्तिम दिनो में आती है, उसका अपना अलग ही महत्व होता है. हिन्दू धर्म में सावन पूर्णिमा को एक पर्व की तरह मनाया जाता है. पूर्णिमा के दिन व्रत भी रखा जाता है।
सावन पूर्णिमा महत्व
धार्मिक ग्रन्थो के अनुसार, इस साल सावन मास की पूर्णिमा का बहुत खास महत्व है. ऐसा इसलिए क्योकि इस साल 19 सालों के बाद सावन में अधिक मास भी लगा था. वैसे सावन भगवान शिव को समर्पित है लेकिन इस बार सावन में अधिक मास लगने की वजह से हमे भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा का विशेष अवसर मिला. इसके साथ ही सावन पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा भी अपने 16 कलाओ से साथ आकाश में दिखाई देता हैं. इस बार सावन माह की पूर्णिमा को राखी का त्यौहार भी है. तो इसलिए सावन की पूर्णिमा को भगवान शिव तथा अन्य भी देवताओ को भी राखी बाधकर उस सभी से पुण्य फल की प्राप्ति करें।
सावन पूर्णिमा डेट 2023
इस बार सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 30 अगस्त को है. यह सावन पूर्णिमा बहुत खास है क्योकि क्योंकि इसी दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जायेंगा। पूर्णिमा के दिन हम सभी को अपने आस-पास किसी भी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए. स्नान के बाद दान भी करना चाहिए. इस दिन भगवान नारायण शिव जी तथा चन्द्रमा की भी पूजा करनी चाहिए. इससे हमें बहुत ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।
सावन पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त
सावन शुक्ल पूर्णिमा तिथि की शुरूआत: 30 अगस्त 2023 दिन बुद्धवार को हो रही है जो 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा. इसके साथ ही सावन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त 2023 दिन गुरूवार को होगा जिसका समय होगा सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन शुक्ल पूर्णिमा 31 अगस्त को मनाई जाएगी
सावन पूर्णिमा 2023 स्नान–दान शुभ मुहूर्त
सावन पूर्णिमा में सबसे खास होता है स्नान-दान का मुहूर्त जिसका समय शुरू है 31 अगस्त को सुबह 4 बजकर 28 मिनट से 5 बजकर 13 मिनट तक! आप कोशिश करें कि इसी समय में स्नान दान कर ले बाकि की पूजा आप बाद में भी कर सकती है।
सावन पूर्णिमा 2023 भगवान सत्यनाराण की कथा सुनने का मुहूर्त
माना जाता है कि सावन मास की पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनाराण की कथा अवश्य सुननी चाहिए. इससे बहुत ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। आप सत्यनाराण भगवान की पूजा और कथा 31 अगस्त 2023 को सुबह 4 बजकर 34 मिनट से सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बीच शुरू कर सकते हैं.
सावन पूर्णिमा 2023 चन्द्रमा पूजा का मुहूर्त
माना जाता है कि इस दिन चन्द्रमा की पूजा भी की जाती है. इस चन्द्रमा की पूजा करने से आपकी कुडंली में जो भी चन्द्र दोष होता है, उसकी समाप्ति होती है तथा आपकी कुंडली मे चन्द्रमा मजबूत होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि चन्द्रमा इस दिन अपनी पूर्ण रौशनी के साथ आकाश मण्डल में मौजूद होता है। इस दिन चन्द्रमा उदय का समय शाम 6 बजकर 35 मिनट से है
सावन पूर्णिमा 2023 लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
इस दिन आप लक्ष्मी जी की भी पूजा कर सकते हैं। लक्ष्मी पूजा का समय 31 अगस्त 2023 दिन गुरूवार सुबह 04 बजकर 39 मिनट से सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
सावन पूर्णिमा पूजा विधि
Step 1: सावन पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर आप घर पर स्नान करे या किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान कर लें.
Step 2: स्नान के बाद वापस घर के मन्दिर को साथ साफ़ करें!
Step 3: मन्दिर की सफाई के बाद मन्दिर में दीप प्रज्वलित करें!
Step 4: फिर सभी देवी-देवताओ का गंगाजल से अभिषेक करें.
Step 5: इस दिन आप व्रत भी रख सकते हैं. इस दिन व्रत रखने का बहुत ही शुभ फल होता है.
Step 6: पूर्णिमा के दिन विषेशकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विषेश महत्व होता है. साथ ही भगवान शिव की भी पूजा करें.
Step 7: पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करनी चाहिए!
Step 8: इसके बाद किसी ब्राह्मण को बुलाकर भगवान सत्यनारायण की कथा अवश्य सुननी चाहिए!
Step 9: ऐसा माना जाता है कि सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।