देश का सबसे बड़ा ऋणदाता, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 1 सितंबर, 2018 को प्रभावी रूप से तीन साल तक सभी किरायेदारों में 20 आधार अंकों के आधार पर फंड-आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) की अपनी मामूली लागत में वृद्धि की है। एसबीआई की रात भर और एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, एक महीने के किरायेदारों का एमसीएलआर 7.9 फीसदी के मुकाबले 8.1 फीसदी है।
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एसी के लिए एमसीएलआरएक वर्ष का कार्यकाल 8.25 प्रतिशत से 8.45 प्रतिशत बढ़ गया। ज्यादातर खुदरा ऋण एक वर्षीय एमसीएलआर के खिलाफ बेंचमार्क किए जाते हैं।
आईसीआईसीआई बैंक के मामले में, एक साल का एमसीएलआर 0.15 फीसदी बढ़कर 8.55 फीसदी हो गया, बैंक के एक बयान में कहा गया।
एसबीआई के तीन साल के कार्यकाल के लिए एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत से 8.65 प्रतिशत हो गया। दोनों बैंकों ने जून में अंतिम बार अपनी एमसीएलआर संशोधित की थी , दूसरी द्वि-मासिक मौद्रिक से पहलेनीति समीक्षा।
बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी बेंचमार्क उधार दर को रेपो दर कहा, 25 आधार अंक से 6.5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। आरबीआई ने आखिरकार 6 जून, 2018 को रेपो दर 0.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दी थी। यह वृद्धि 28 जनवरी, 2014 से पहली बार थी, जब समान अनुपात में दरों में वृद्धि हुई थी, आठ प्रतिशत तक।